चूत की आग बेटे से बुझवाई (Chut Ki Aag Bete Se Bujhwayi)

मेरा नाम सीमा है, और मैं अपनी चुदाई कहानी आप सब को बताने जा रही हूं। मेरी उमर 44 साल है, और मेरे घर में मेरे अलावा मेरे पति और बेटा रहते है। मेरे पति 48 साल के है, और उनका बिजनेस है। मेरा बेटा 20 साल‌ का है, और कॉलेज में पढ़ता है। देश की बहुत सारी औरतों की तरह मैं भी असंतुष्ट औरत हूं, क्योंकि एक वक्त के बाद मेरे पति ने मेरी चुदाई करनी बिल्कुल बंद कर दी थी। उसके बाद तो अपना उंगली का ही सहारा रह गया था, और बाहर मुंह मारने की हिम्मत नहीं थी।

वैसे में आपको बता दूं, कि मैं दिखने में हरे-भरे शरीर की मालकिन हूं। रंग मेरा औसत गोरा है, और फिगर मेरा 36-34-38 है। अब आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि मेरे जिस्म में चूसने और चाटने के लिए कितना सामान होगा। लेकिन फिर भी हरामखोर पतियों को अपनी बीवीयों के माल में इंटरेस्ट नहीं रहता।

ये बात 2 महीने पुरानी है। मेरे पति 7 दिन के लिए शहर से बाहर जाने वाले थे। ये खबर सुन कर मैं खुश थी, क्योंकि अब मैं रात को अपने कमरे में अकेले अपनी चूत में फिंगरिंग कर सकती थी। इन 7 दिनों में मैं अपनी चूत का सारा पानी निकाल देने वाली थी, ताकि काफी दिन तक मेरी चूत दोबारा ना तंग करे मुझे।

फिर पति चले गए, और आज रात मजे की रात थी। रात को डिनर करने के बाद बेटा अपने कमरे में चला गया। फिर मैंने सारा काम निपटाया, और अपने कमरे में चली गई। आज मैंने नीले रंग की नाइटी पहन रखी थी। कमरे में जा कर मैंने मोबाइल पर पोर्न वीडियो लगाई, और नाइटी ऊपर उठा कर अपना पैंटी में हाथ डाल लिया। आह, बहुत दिनों बाद मैं अपनी चूत से वो काम लेने वाली थी, जिसके लिए ये बनी है।

फिर मैंने वीडियो देखते हुए धीरे-धीरे अपनी चूत सहलानी शुरू कर दी। मुझे उत्तेजना चढ़ने लगी, और मेरे मुंह से आह आह की हल्की आवाजें निकलने लगी। धीरे-धीरे मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, और उंगली चूत में डाल कर अंदर-बाहर करने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं गांड उठा-उठा कर उंगली का मजा ले रही थी।

तभी मेरी नज़र थोड़े खुले दरवाजे से आती रोशनी पर गई। उस रोशनी में एक परछाई थी। मैं समझ गई कि मेरा बेटा मेरे रूम के बाहर खड़ा मुझे देख रहा था। इससे पहले भी मैंने उसको कई बार मुझे गंदी नज़र से देखते हुए देखा था। लेकिन कभी कुछ कहा नहीं। मैंने सोचा जवानी में लड़के ऐसा करते ही हैं।

आज मेरे दिमाग में अचानक से आया कि बेटा जवान हो गया था, और 7 दिन भी थे, तो क्यों ना अपनी चूत की प्यास बेटे के लंड से बुझा ली जाए। फिर मैंने सोचा कि नहीं, इतनी भी क्या आग लगी हुई है जो अपने बेटे से चुदवाऊंगी। ऐसे ही कई तर्क मेरे दिमाग में आने लगे। हां-ना करते-करते आखिरकार मेरी चूत की आग जीत गई, और मैंने अपने बेटे से चुदवाने का फैसला किया। फिर मैंने अपने बेटे को आवाज लगाई-

मैं: बेटा।

उसने कोई जवाब नहीं दिया।

मैंने फिर से कहा: बेटा, मैं जानती हूं तू बाहर खड़ा है। चुप-चाप अंदर आज, नहीं तो तेरे लिए अच्छा नहीं होगा।

ये सुन कर बेटे ने धीरे से दरवाजा खोला, तो अंदर आ गया। उसने कुर्ता पजामा पहना हुआ था, और उसका लंड पजामे में तना हुआ साफ नज़र आ रहा था। मैं उसके सामने वैसे ही नाइटी उठा कर लेटी हुई थी, और मुझे कोई शर्म नहीं थी। वो मेरे सामने आके खड़ा हो गया। फिर मैं बोली-

मैं: ये तू जब देखो मुझे देखता रहता है। तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

वो धीमी आवाज में बोला: नहीं।

मैं: क्यों नल्ला है क्या तू? खड़ा नहीं होता क्या तेरा?

बेटा: ऐसा कुछ नहीं है मम्मी।

मैं: चल आज साबित कर।

ये सुन कर वो मेरे तरफ देखने लगा।

मैं: अरे घूर क्या रहा है। आज मेरी चूत चाट आज। देखती हूं कि कुछ करने लायक है भी या नहीं तू।

ये बोल कर मैंने अपनी पैंटी नीचे कर दी। मेरी चूत देख कर वो जल्दी से बिस्तर पर आया, और चूत चाटने लगा। वो अच्छे से चूत चाट रहा था, और मुझे मजा आ रहा था। मैं आह आह करने लगी। कुछ देर उससे चूत चटवाने के बाद मैंने उसको अपने ऊपर से हटाया, और सीधा लिया लिया।

फिर मैं उसके ऊपर आ गई, और उसका पजामा और अंडरवियर निकाल दिया। उसका लंड काफी तगड़ा था, जिसको देख कर मैं खुश हो गई। फिर मैंने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। वो मेरी तरफ ही देख रहा था, और मैं उससे नजरें मिलाते हुए लंड चूस रही थी।

कुछ देर लंड चूसने के बाद मैं उसके ऊपर आई, और लंड चूत पर रख कर अंदर ले लिया। उसके मुंह से आह निकल गई, और मेरे बदन में भी करेंट दौड़ गया। फिर मैंने नाइटी और ब्रा उतार दी और नंगी हो गई। मैंने उसके हाथ अपने चूचों पर रखे, और उसके लंड पर उछलने लगी। मेरे मुंह से आह आह आह की सिसकारियां निकल रही थी।

मेरा बेटा मेरी चूचियों को मसलते हुए नीचे से धक्के मारने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। इतना मजा तो कभी उसके बाप के साथ भी नहीं आया था। फिर बेटे ने मुझे अपने तरफ खींचा, और मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिए। अब वो मेरे होंठ चूसते हुए नीचे से मुझे चोद रहा था। मैं तो मानो स्वर्ग में पहुंच गई था।

कुछ देर उसी पोजीशन में चुदाई के बाद उसने मुझे अपने ऊपर से नीचे उतारा। फिर उसने मुझे घोड़ी बना लिया, और मेरी गांड पर किस्स करने लगा। उसके बाद उसने मेरी गांड पर 2-3 थप्पड़ लगाए, और फिर पीछे से लंड मेरी चूत में पेल दिया। इस पोजीशन में लंड और अंदर तक जा रहा था। अब वो मुझे गपागप चोदने लगा। उसका लंड मेरी चूत की दीवार के साथ टकरा रहा था, जिसमें बहुत मजा आ रहा था। वो फूल स्पीड पर मेरी चुदाई कर रहा था।

फिर उसने मुझे मिशनरी पोजीशन में किया, और मेरे ऊपर चढ़ कर चोदने लगा। साथ में वो मेरे होंठ और चूचे चूस रहा था। आखिरकार उसने लंड चूत से निकाला, और माल की पिचकारी मेरे पेट पर निकाल दी। फिर उन 7 दिनों में उसने मेरी जम कर चुदाई की, और आज भी कर रहा है। मुझे अपने बेटे पर फक्र है।

कहानी की फीडबैक [email protected] पर दे।

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