पिछला भाग पढ़े:- बाप का कर्ज चुकाया-1
नमस्कार दोस्तों, मैं Thor अपनी बाप बेटी सेक्स कहानी का अगला पार्ट लेके आया हूं। उम्मीद है आपने पिछला पार्ट पढ़ ही लिया होगा। अगर आपने अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, तो पहले उसको जरूर पढ़ें।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि राशि गुप्ता नाम की शादी शुदा लड़की एक दिन किटी पार्टी में 50000 रूपये हार गई। फिर उसने अपने सौतेले पापा से पैसे मांगे, और उसको मिल भी गए। लेकिन उसके पापा ने उसको एक महीने में पैसे वापस देने को कहा था, जिसमें उसने हामी भी भर दी। लेकिन टाइम पूरा होने पर जब वो पैसे नहीं दे पाई, तो उसके पापा ने कहा कि वो उसके पति को फोन करके उनसे पैसे ले लेंगे। इस वजह से राशि ने अपने पापा से मिन्नत की, कि वो कोई भी काम करने को तैयार थी, बस वो उसके पति को इस बारे में ना बताएं। इस पर उसके पापा ने उससे चुदाई के लिए कहा। अब आगे की कहानी राशि की जुबानी-
पापा के मुंह से चुदाई की बात सुन कर मैं हैरान हो गई। फिर मैंने उनसे पूछा-
मैं: पापा आप ये क्या बोल रहे हो? मैं आपकी बेटी हूं।
पापा: तू मेरी पत्नी की बेटी है। मेरी कभी नहीं थी। मैंने तेरी मां के साथ रिश्ता जोड़ा था, तेरे साथ तो बिना वजह जुड़ गया। फिर भी मैंने तेरी जिम्मेदारी उठाई।
मैं घुटनों पर पापा के सामने बैठी थी। अपनी बात कहते हुए पापा आगे की तरफ झुके, और बोले-
पापा: तुझे चोदने के ख्वाब मैं पता नहीं कब से देख रहा हूं। लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला।
ये बोलते हुए पापा ने मेरे कंधे पर हाथ रखा, और फेरते हुए मेरे चूचे पर ला कर चूचा दबा दिया।
फिर वो बोले: आज बिल्कुल सही मौका है। आज या तो तू मेरे पैसे वापस कर। या मैं तेरे पति को फोन करके पैसे मांगता हूं। और अगर तुम चाहती हो कि तुम पैसे ना दो, और मैं तुम्हारे पति को भी ना बताऊं, तो जो मैंने कहा मेरे साथ करो, और फिर तुम कर्जे से मुक्त हो जाओगी।
उनकी ये बात सुन कर मैं सोच में पड़ गई। मेरे पास पापा से चुदने के अलावा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था। 2-3 मिनट जब मैं कुछ नहीं बोली, तो पापा ने मेरी चुप्पी को मेरी हां समझ लिया। फिर पापा ने मेरे बालों में हाथ डाल कर मेरे चेहरे को ऊपर उठाया, और अपने मुंह को आगे करके अपने होंठों को मेरे होंठों के साथ चिपका दिया।
आज मेरा बाप मेरे होंठों को चूस रहा था, और ये बाप बेटी का रिश्ता हमेशा के लिए बदल चुका था। पापा बड़े जोर-जोर से मेरे होंठ चूस रहे थे। लेकिन अभी तक मैं उनका साथ नहीं दे रही थी। फिर पापा खुद खड़े हो गए, और मेरे बाल पकड़ कर मुझे भी खड़ा कर लिया। उसके बाद उन्होंने दोबारा अपने होंठ मेरे होंठों पर लगा दिए। किस्स के दौरान वो अपने हाथ मेरी गांड पर ले गए, और उसको दबाने लगे।
तकरीबन 10 मिनट लगातार किस्स करके, और गांड दबा कर उन्होंने मुझे गरम कर दिया। अब मैं भी अपने आप ही उनका साथ देने लगी। फिर 15 मिनट और उन्होंने मेरे होंठ चूसे। ऐसा लग रहा था आज मेरी सारी थूक पी जाएंगे।
फिर पापा मुझसे अलग हुए, और मुझे घुमा लिया। फिर पीछे से उन्होंने अपने हाथ मेरे चूचों पर रखे, और उनको जोर से कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगे। मेरे मुंह से आहें निकालने लगी। मैं उनके खड़े लंड को अपनी गांड पे महसूस कर सकती थी। फिर पापा ने मेरी कुर्ती उतारी, और ब्रा भी खोल कर निकाल दी। अब मैं ऊपर से पूरी नंगी थी।
फिर पापा खुद भी ऊपर से नंगे हो कर फिर से मुझसे चिपक गए। उनके नंगे बदन का एहसास मुझे आहे उत्तेजित करने लगा। अब वो मेरे कंधों और पीठ पर किस्स करते हुए मेरे निप्पल खींच रहे थे। कुछ देर ऐसा करने के बाद पापा नीचे बैठे, और मेरी लेगिंग्स नीचे खींच कर निकाल दी। अब मैं सिर्फ पैंटी में थी। पैंटी में मेरी सेक्सी गांड देख कर वो बोले-
पापा: इस गांड को नंगा देखने की मेरी तमन्ना आज पूरी हुई है। आज तो जी भर कर चोदूंगा तुझे।
ये बोलते ही पापा ने मेरी पैंटी उतारी, और मेरे चूतड़ खोल कर अपना मुंह अंदर डाल लिया। मैं आह आह करने लगी, और पापा मेरी चूत और गांड का छेद चाटने लगे। मेरे पति ने भी कभी ऐसा नहीं किया था, और ये मेरा पहला एहसास था। मुझे बहुत मजा आ रहा था, और मैं आह आह की सिसकियां ले रही थी। पापा मेरे दोनों छेदों को ऐसे चाट रहे थे, जैसे आइस-क्रीम चाट रहे हो।
अच्छे से चटाई करके के बाद पापा ने मुझे बिस्तर पर लिटाया, और मेरे ऊपर आ गए। फिर वो बोले-
पापा: मजा आ रहा है ना रंडी?
मुझे मजा तो आ रहा था, लेकिन मैं कुछ बोली नहीं। फिर पापा ने अपने बाकी कपड़े उतार कर अपना लंड बाहर निकाल लिया। उनका लंड पति के लंड से बड़ा और मोटा था। फिर वो लंड चूत के मुंह पर रगड़ने लगे। मेरी चूत पानी निकलने से पूरी तरह गीली और चिकनी हो रही थी। उनकी हर रगड़ से मेरे जिस्म में कंपन सा उठता।
फिर उन्होंने लंड चूत के मुंह पर सेट किया, और धक्का मार कर पूरा अंदर तक ले गए। मेरी जोर की आह निकल गई, और उन्होंने अपने मुंह से मेरे मुंह को बंद कर लिया। अब वो लंड पेलते गए, और मेरी चूत चोदते गए। मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मुंह बंद होने की वजह से मैं चीख नहीं पा रही थी।
कुछ देर बाद जब दर्द कम हुआ, तो पापा ने मेरा मुंह छोड़ दिया, और चुदाई की गति तेज कर दी। अब मैं आह पापा ओह पापा चोदो कह कर मजे ले रही थी।
तभी पापा बोले: मुझे पता था कि तू कभी ना कभी मेरे लंड पर जरूर चढ़ेगी। तेरे लिए यहीं अच्छा रहेगा कि तू मेरी रंडी बन जा। जितने पैसे चाहिए हो ले जाया कर, लेकिन अपना जिस्म मुझे सौंप दे। मैं तुझे बहुत प्यार करना चाहता हूं।
ये बोल कर उन्होंने लंड बाहर निकाला, और मेरे चूचों पर बैठ कर मेरे मुंह में डाल दिया। कुछ ही सेकंड्स में उनके माल की पिचकारी मेरे मुंह में निकली, जो मैं सारा पी गई।
कुछ देर बाद मैं उठी, और कपड़े पहन कर वापस आने लगी। मैंने सोचा कि उस घर में दोबारा नहीं जाऊंगी। लेकिन पैसों के लिए मैंने उस का दरवाजा बार-बार खटखटाया, और बार-बार पापा के लंड पर चढ़ी।
कहानी कैसी लगी [email protected] पर बताएं।