ककोल्ड दोस्त की मां को दोस्त की मदद से चोदा-5 (Cuckold Dost Ki Maa Ko Dost Ki Madad Se Choda-5)

पिछला भाग पढ़े:- ककोल्ड दोस्त की मां को दोस्त की मदद से चोदा-4

हैलो दोस्तों, मैं आसिफ आपका स्वागत करता हूं अगली चुदाई की कहानी में। यह कहानी मेरे दोस्त की मां और मेरी चुदाई की है,‌ मेरे दोस्त की मदद से। मेरे दोस्त का नाम बंटी है। वो मेरी उम्र का है, और उसकी मां सुनीता सुंदर सेक्सी माल है, और फिगर भी कमाल का है। आपने पिछली कहानी जरूर पढ़ी होगी। यह अगला भाग है।

दोनों पार्टी करके खाना खा लेते है।‌ हम दोनों छत पर खुली हवा में बेठे है।‌ फिर हम दोनों नीचे सीढ़ियों पर आते है। आंटी अपना कम करके अपने रूम में चली गई थी। मैं आंटी को आवाज लगाता हूं। आंटी बाहर आती है रूम से।

आंटी: क्या हुआ? और यह बंटी को क्या हुआ?

मैं: ज्यादा पी ली है, तो चढ़ गई, और सो गया।

आंटी: ज्यादा पी ली है, या तूने पीला दी ज्यादा?

मैं: अब कुछ भी सोचो।

मैं: इसको रूम में ले जाने में हेल्प करो अब पहले।

आंटी: हां ठीक है।

बंटी को रूम में ले जा कर पहले सोफ़े पर सुला देते है, और दोनों भी सोफ़े पर बैठ जाते है।

आंटी: चल ठीक है अब इसको बिस्तर पर सुला देना, और खुद भी सो जाना।

आंटी जाने लगती है। मैं उठ कर उनका हाथ पकड़ के अपनी तरफ खीच लेता हूं, और अपने से चिपका लेता हूं।

मैं: तुम कहा चली आंटी?

आंटी: छोड़ आसिफ, बंटी जाग जाएगा!

मैं: सुबह तक हिलेगा भी नहीं इतनी पिला दी है।

आंटी: आज दिन में कसर पूरी नहीं हुई क्या तेरी?

मैं: नहीं अभी बाकी है।

आंटी बंटी की तरफ देखती है, और वो भी गरम होने लगती है। वो नाइटी पहनी हुई थी, और अंदर कुछ नहीं। मैं आंटी को किस करने लगता हूं, और वो भी मेरा साथ देती है।

आंटी भी जोश में आ जाती है, और मेरे होंठ चूसने लगती है। दोनों एक-दूसरे को चूमने लगते है। बंटी सोने का नाटक करता है। मैं आंटी को बिस्तर पर फैंक देता हूं।

बिस्तर पर फैंक कर उनके ऊपर चढ़ जाता हूं। गले, गाल, हर जगह चूमने लगता हूं। आंटी भूल जाती है उनका बेटा यहीं सामने सो रहा था, उनकी नाइटी निकाल कर फैंक देता हूं। बूब्स चूसने लगता हूं। दोनों बूब्स को मुंह में डाल कर चूसता हूं।‌

आंटी का बदन दिन की चुदाई की वजह से अभी भी लाल था। आंटी मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगती है। आंटी मेरे ऊपर चढ़ जाती है। मुझे नंगा करके मेरे सीने को चूमने लगती है। वो नजारा देखने लायक था। उनके झूलते हुए बड़े गोल बूब्स, दोनों बूब्स के बीच उनका मंगलसूत्र लटक रहा था। बंटी भी अब देखने लगा था।

आंटी मेरा सीना, गाल, होंठ चूमने लगी। उनके बूब्स मेरे सीने में दब गए। दोनों चुदाई में मदहोश हो गए थे। उनको अपने जवान बेटे का भी ख्याल नहीं था, अब जब वो मेरी बाहों में थी।

मुझे पूरा नंगा करके वो मेरे लंड को चूसने लगी। अब वो एक रंडी की तरह लंड को चूस रही थी। पूरा लंड मुह के अंदर डाल दिया। मैं बिस्तर पर लेटा हुआ मजे ले रहा था। आंटी की नागी गांड बंटी की तरफ थी। उन्होंने लंड चूस कर पूरा गीला कर दिया।

आंटी: अहह आसिफ, तेरा लंड चूसने में मजा आ जाता है।

मैं: तो चूसो ना, किसने रोका है आंटी?

थोड़ी देर ऐसे ही लंड चूसने के बाद वो मेरे ऊपर चढ़ी, और अपनी चूत पर लंड सेट कर लिया। लंड उनकी थूक से गीला था। लंड आराम से सेट करके मेरे लंड पर बैठ गई। वो अब लंड पर कूद रही थी। दिन भर की चुदाई से उनकी चूत अब ढीली होने लगी थी। लंड आराम से उनकी चूत चीरता हुआ अंदर जा रहा था, पर आंटी को दर्द अभी भी हो रहा था।

उनकी चीखें सुन कर मुझमें और जोश आ रहा था। वो लंड पर बड़े मजे से कूद रही थी। उनके बूब्स हवा में उछल रहे थे। ये देख और मजा आ रहा था “अहह आंटी और जोर से, और जोर से, ऐसे ही कूदती रहो।”

मैं उनके बूब्स मसलने लगा। आंटी पूरे जोश में चुद रही थी। मैंने उनकी कमर पकड़ी, और उनको उछालने लगा। बंटी सब देख रहा था, और आंटी को मादक सिसकियां सुन कर मजे ले रहा था। मैं आंटी के ऊपर चढ़ गया। उनकी चूत में लंड डाल कर धक्का पेल चुदाई करने लगा। अब उनको मजा आ रहा था। उनकी चूत का भोंसड़ा बना दिया था चोद-चोद कर।

आंटी का पानी निकल गया था। उनके पानी से चूत और चिकनी हो गई। आंटी थक गई थी पर फिर भी चुदवा रही थी। मैं चोदते-चोदते उनके बूब्स पीने लगा। उनके बूब्स पूरे लाल हो गए थे। मैं दोनों हाथ को जकड़ कर और तेजी चोदने लगा था। मैं भी थक गया था, और अपने चरम पर था।

मैं: आंटी किधर निकालूं अमृत?

आंटी: अहह आसिफ, अंदर ही निकाल, ज्यादा मजा आएगा।

कुछ जबरदस्त झटकों के बाद आंटी की चूत के अंदर सारा माल खाली कर दिया, और हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए।

आंटी: आसिफ दिन में इतना चोदा तूने, फिर भी इतना जोश में चोद रहा था? थका दिया तूने तो।

मैं: आंटी अभी तो पूरी रात बाकी है। और दोनों बिस्तर पर है। पूरी रात चोदूंगा तुमको तो आज।

आंटी: आज रात भर सोने नहीं देगा तू मुझे?

मैं: हां आंटी।

हम दोनों थक गए और लेट कर बाते कर रहे थे, और एक-दूसरे को फिर से गरम करने में लग गए थे। बंटी हमारी बाते सुन रहा था, और चुदाई भी देख रहा था। आंटी प्यार से लंड को सहलाने लगी। मैं बस लेटा हुआ था।

मैं: आंटी अब बंटी का ख्याल नहीं आ रहा आपको?

आंटी: अरे देख कितने प्यार से सो रहा है। सोने दे, और मुझे तेरी बाहों में मजे करने दे। वो उठेगा उससे पहले में चली जाऊंगी अपने रूम में।

दोनों फिर एक-दूसरे के बदन के साथ खेलने लगे, और दोनों ने पूरी रात चुदाई की। रात भर आंटी की चूत-गांड को चोदा और भोंसड़ा बना दिया। दोनों बंटी के बिस्तर पर सो गए थकान से। आंटी रूम में भी नहीं गई, और हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में सो गए। बंटी भी सोफ़े पर से चुदाई देख कर सो गया। आंटी और मैं इतना थक गए थे, कि पता ही नहीं चला कब सुबह हो गई।

आंटी और मैं दोनों एक कंबल में थे, और पूरे नंगे सो रहे थे। आंटी की नींद खुलती है, और हमसे पहले बंटी उठ जाता है। आंटी की गांड फट जाती है उसको देख कर।

बंटी: मम्मी यह सब क्या है, और आसिफ के साथ?

आंटी: बेटा जो तू‌ सोच रहा है वैसा कुछ नहीं है।

बंटी: मम्मी सब साफ-साफ दिख रहा है।‌ दोनों साथ में नंगे हो बिस्तर में।

मैं दोनों की बातें सुन कर उठ जाता हूं।

मैं: अरे क्या बंटी!

बंटी: तू तो चुप रह आसिफ। अपने दोस्त की मां के साथ!

आंटी: बंटी आसिफ ने किया था मेरे साथ, और मैं उसकी बातों में आ गई।

मैं: अच्छा पहले बातों में आई, और उसके बाद बिस्तर में आई।

बंटी: मैं सब बता दूंगा पापा को।

आंटी: नहीं बेटा, ऐसा मत करना।

मैं: अबे तेरी मां को सुख दिया है, जिसकी उसे बहुत जरूरत है, और क्या बताएगा तेरे पापा को, कि उसने अपने बेटे की उम्र वाले के साथ बिस्तर पर मजे किए?

आंटी: आसिफ तू चुप रह। हम दोनों बात कर रहे है।

मैं: चल ठीक है बता दे फिर, सब को पता चल जाएगा, और तेरे परिवार की कोई इज्जत नहीं रहेगी।

बंटी मेरी बात सुन कर चुप-चाप हो जाता है। अब आंटी और मैं खुल कर मजे करने लगे। बंटी के सामने आंटी और मजे से चुदने लगी। धन्यवाद आप सब का मेरी सेक्स कहानी पर अपना अनुभव जरूर साझा करे मेरे साथ। मेरी ईमेल आइडी है- [email protected]