मै, मम्मी और सर-7 (Main mummy aur sir-7)

This story is part of the मै, मम्मी और सर series

    दोस्तों, पिछले पार्ट मैं अपने पढ़ा था कि कैसे मैंने मम्मी की जोरदार चुदाई की थी।

    इस पार्ट में पढ़ेंगे कैसे मैंने मम्मी की कुंवारी गांड की सील तोड़ी।

    मैं: मम्मी मैं पानी पी के आता हूं।

    मम्मी: ठीक हैं बेटा, मेरे लिए भी ले आना।

    मैं रसोइ में गया, और वियाग्रा की एक टेबलेट लेली। क्योंकि मेरा दो बार निकल चुका था, और इस बार मम्मी की गांड की सील तोड़ने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।

    मैंने एक गिलास पानी मम्मी को पिलाया और दोनों एक दूसरे को बाहों में भर कर लेटे-लेटे बात करने लगे।

    मम्मी: बेटा, मैंने आज तक किसी से गांड नहीं मरवाई। यहां तक कि तेरे पापा और सर ने भी बहुत रिक्वेस्ट की, लेकिन फिर भी मैंने उनको माना कर दिया। मैं आज पहली बार गांड में लंड लूंगी। इसलिए ध्यान से करना।

    मै: फिकर मत करो मम्मी, मैं आराम से और धीरे-धीरे करूंगा, मेरा भी ये पहली बार है।

    फिर मैं और मम्मी एक-दूसरे को किस करने लग जाते है। मैं मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स भी दबाता तो कभी चूत में उंगली करता। मेरी इस अदा से मम्मी गरम हो जाती, और मेरा लंड भी खड़ा हो जाता है।

    मै: मम्मी शुरू करें?

    मम्मी: क्या बात है, दो बार निकलने के बाद भी तेरा इतनी जल्दी खड़ा हो गया? चल आजा।

    मैं मम्मी के पीछे जाता हूं, और मम्मी घोड़ी बन जाती है।

    मम्मी: बेटा थोड़ा थूक लगा ले ताकि दर्द नहीं हो।

    मैं लंड पर और मम्मी की गांड पर थूक मलता हूं, और लंड को मम्मी की गांड के छेद पर जैसे ही हल्का सा धक्का लगाता हूं, तो लंड का मुंह मम्मी की गांड में घुसता है। तभी मम्मी आगे हो जाती है, जिससे लंड घुसने से पहले ही निकल जाता है।

    मै: क्या हुआ मम्मी?

    मम्मी: बेटा, तेरा लंड बहुत मोटा है। ऐसे नहीं जायेगा। तू मेरे ड्रॉवर से नारियल का तेल ले आ।

    मुझे थोड़ा सा गुस्सा आता है, क्योंकि वियाग्रा से लंड बहुत टाईट हो गया था, और मम्मी आगे नहीं होती तो लंड घुस जाता। मैं बट-प्लग मम्मी की गांड में डाल कर तेल लेने चला जाता हूं। मेरे चहरे को देख कर मम्मी समझ जाती हैं कि मैं नाराज़ हो गया था।

    दोस्तों मैं नारियल का तेल लेकर आता हूं, तो देखता हूं मम्मी बूब्स के नीचे तकिया लगा कर कोहनी के बल डॉगी बनी हुई होती‌ है, और इस पोजीशन में मम्मी की गांड का छेद जिसमें बट प्लग लगा होता है, ऊपर की तरफ होता है। गोरी चिकनी गांड और बड़े-बड़े मटके जैसे कूल्हे विशालकाय लगने लगते है। जिसे देख कर मेरे लंड में और जोश आ जाता हैं।

    फिर मैं तेल लेकर बेड पर घुटनों के बल खड़ा हो जाता हूं। और मम्मी की गांड से एक ही झटके में गप्प की आवाज के साथ बट प्लग निकाल देता हूं, जिससे मम्मी की आह निकल जाती है। बट प्लग 2 इंच लंबा, 1 इंच मोटा, लगभग 200 ग्राम वजन का, आगे से नुकीला, बीच में से मोटा, और पीछे पकड़ने के लिए हैंडल लगा होता है।

    फिर खूब सारा तेल मम्मी की गांड में और अपने लंड पर लगाता हूं, और लंड के मुंह को मम्मी की गांड के छेद पर रख कर जैसे ही धक्का लगाता हूं, तो लंड साइड में फिसल जाता हैं

    मम्मी: बेटा, तेरा मोटा लंड है ऐसे नहीं जायेगा, रुक।

    और फिर मम्मी ने अपने दोनों हाथ पीछे ला कर अपने कूल्हों पर रखे, और गांड के छेद को चौड़ा करके बोली-

    मम्मी: बेटे अब घुसाओ।

    मैं दुबारा लंड मम्मी के गांड के छेद पर रखता हूं, और मम्मी की कमर को कस कर पकड़ लेता हूं, ताकि मम्मी आगे ना खिसके, और फिर एक जोरदार शॉट मरता हूं,‌जिससे लंड मम्मी की गांड को चीरता हुआ पूरा घुस जाता।

    मम्मी अब दोनों हाथों से बेडशीट को पकड़ कर ’उई मां मर गई ’ चिल्लाते हुए हुए आगे की तरफ होने लगती है। लेकिन मैं मम्मी की कमर को जोर से पकड़े रखता हूं, तांकि मम्मी आगे ना खिसके। नहीं तो लंड एक बार गांड से निकल गया, तो मम्मी शायद दुबारा घुसाने नहीं देगी।

    दोस्तों मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा था। मेरी भी चीख निकल गई, लेकिन मैंने फिर भी लंड बिना हिलाए अन्दर डाले रखा।

    मम्मी (रुआसी आवाज़ में): आह, उई, ओह, प्लीज बेटा इसको निकाल, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।

    मैं: मम्मी प्लीज, हिलो मत, दर्द हो रहा है।

    5 मिनट तक मम्मी की गांड में लंड डाले रखा, बिना हिले-डुले, तांकि दर्द कुछ कम हो जाए। मम्मी भी दोनों हाथों से बेडशीट को पकड़े मेंडक की तरह पड़ी रही।

    मैं: मम्मी, अगर दर्द कम हुआ तो धक्के लगाना स्टार्ट करूं?

    मम्मी: नहीं बेटा, प्लीज निकाल ले। मैं नहीं सहन कर पाऊंगी।

    मैं: प्लीज मम्मी मान जाओ। मैं बहुत धीरे-धीरे करूंगा। प्लीज मेरी खुशी के लिए थोड़ा सहन कर लो।

    मम्मी: ठीक है, लेकिन बहुत धीरे-धीरे।

    मैं समझ गया था यहां जोश दिखाना ठीक नहीं होगा, नहीं तो मम्मी दुबारा गांड नहीं मारने देगी। क्योंकि दर्द मुझे भी बहुत हो रहा था्। अगर टेबलेट नहीं लेता तो कुछ नहीं कर पाता, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मम्मी की गांड इतनी टाइट होगी।

    मैंने हल्का सा लंड निकाला, और प्यार से दुबारा डाला।

    जैसे लंड अंदर गया, मम्मी की आह की चीख निकल गई, और मेरे मुंह से भी सिसकारी फूटने लगी।

    फिर मैं धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर बाद मम्मी ने बेडशीट छोड़ दी। मैं समझ गया मम्मी को अब आराम था।‌ तो मैंने धक्का की स्पीड बड़ा दी।

    मम्मी: हाय उई ओह आए सीसी की आवाज़ निकालने लगी।

    मेरा निकलने वाला था। मन कर रहा था तेज-तेज धक्के मारू, लेकिन ऐसा किया तो मम्मी को दर्द होगा, और दुबारा दे या ना दे। इसलिए मैं 5 मिनट तक प्यार से धक्के मारता रहा, और अपने रस से मम्मी की गांड भर दी।

    जैसे ही लंड ढीला हुआ, निकाल कर मम्मी की साइड में लेट गया। मम्मी ने भी पैर सीधे कर लिए और उल्टी ही लेटी रही।

    आधे घण्टे बाद मैं बाथरूम गया, तो देखा लंड पर हल्का सा ब्लड लगा था। मैं समझ गया आखिर मम्मी की गांड की सील टूट गई। मैंने लंड को साफ़ किया और वापस आकर मम्मी के पास लेट गया।

    फिर मम्मी उठी और बाथरूम में जाने लगी। तो मैंने देखा उनसे चला नहीं जा रहा था। तो मैं सहारा देकर बाथरूम में ले गया। मैंने देखा मम्मी की गांड पर भी ब्लड लगा था। मम्मी सीट पर बैठ कर

    चूर-चूर की आवाज के साथ मूतने लगी। फिर मम्मी ने अपनी चूत और गांड साफ की, और वापस आकर हम दोनों चुप-चाप से सो गए।

    इस तरह मैंने मम्मी की गांड का उदघाटन कर दिया था। अब मैं और मम्मी खुल कर सेक्स करने लगे बाथरूम में, तो कभी रसोई में, तो कभी अंधेरी रात में खुली छत पर।

    अब तो मम्मी घर पर बहुत शॉर्ट कपड़े पहनती थी। कभी-कभी तो मेरी रिक्वेस्ट पर सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही रहती थी।

    बीच-बीच में कुछ घटनाएं घटी, वो सब एक नई कहानी में।

    कहानी जारी रहेगी, और कहानी अच्छी लगी तो प्लीज [email protected] पर मेल जरूर करे़।