पिछला भाग पढ़े:- जैसा बाप वैसा बेटा-2
हैलो दोस्तों, मैं आसिफ आपका स्वागत करता हूं सेक्स कहानी के अगले भाग में। इससे पहले पार्ट्स जरूर पढ़ें।
मैंने जैसे ही दरवाजा खोला, सामने हामिद अंकल थे। हामिद की उम्र 40 थी, और मेरे पापा के साथ ही ऑफिस में काम करते थे। पर कुछ महीनों पहले उन दोनों की लड़ाई हो गई थी, और संगीता अब उसके पति के दुश्मन के साथ ही चुदाई करेगी।
हामिद: अरे रॉनित बेटा, कैसे हो?
रॉनित: मैं ठीक हूं, आप कैसे हो?
हामिद: मैं भी ठीक हूं। मुझे लगा तुम घर पर नहीं होंगे, और संगीता जी कहा है?
मैं कुछ बोलता उससे पहले संगीता कमरे से बहार आती है। वो थोड़ी तैयार हो गई थी, साड़ी-ब्लाउस बदल कर बाहर आती है।
संगीता: अरे हामिद जी, अंदर आओ ना।
हामिद: हां संगीता जी।
हामिद अंदर आता है, और हाल में सोफ़े पर बैठ जाता है। संगीता मुझे पानी लाने को बोलती है। मैं पानी ले कर आता हूं, और इतने में संगीता हामिद की गोद में बैठी थी। हामिद मुझे देख के घबरा जाता है।
संगीता: अरे हामिद जी, इस चूतिये से डरने की कोई जरूरत नहीं है। अब यह भी इसके बाप की तरह गांडू ही है।
हामिद: मैं कुछ समझा नहीं संगीता, क्या बोल रही हो?
संगीता: कुछ समझने की जरूरत नहीं है।
संगीता बड़े आराम से हामिद की गोद में बैठी थी, और हामिद का हाथ संगीता की कमर पर था। मैं बस खड़ा-खड़ा देख रहा था। हामिद भी खुल गया था। वो संगीता का पेट मसलने लगा था। संगीता को भी मजा आ रहा था। वो पीछे से पीठ और गले पर किस करने लगा था।मैं बस देख रहा था दोनों को।
संगीता: साले गांडू, आज देखना कैसे चोदते है एक औरत को, और तेरे बाप को भी सिखा देना।
मैं कुछ नहीं बोलता हूं। हामिद संगीता का पल्लू हटा देता है, और मुंह घुमा कर दोनों किस्स करने लगते है। हामिद का हाथ संगीता की गांड पर जाता है, और वो गांड पर हाथ फेरने लगता है। वो एक दूसरे में खो गए थे। मैं बस शर्म से दोनों को देख रहा था।
हामिद बूब्स दबाने लगता है, और संगीता हामिद को गोद में बैठी अपनी गांड उसके मूसल पर मसलने लगती है। उसका खड़ा लंड संगीता की गांड में चुभता है। वो फिर संगीता को सोफ़े पर फेंक देता है, और उसके ऊपर चढ़ जाता है। वो उसको जानवर की तरफ चूमने लगता है। हामिद बहुत जोश में था। संगीता भी उसका साथ देती है।
अपने पति के दुश्मन के साथ संगीता पूरे मजे लूट रही थी। संगीता की साड़ी-ब्लाउस शरीर से अलग हो गया था। संगीता ने ब्रा नहीं पहनी थी। हामिद भी ऊपर से नंगा हो गया। उसके सीने पर बाल थे। संगीता हामिद के ऊपर आ जाती है, और उसके बालों वाले सीने से उसके नंगे बूब्स उससे टकरा रहे थे। हामिद पूरे मज़े ले रहा था।
हामिद: भड़वी मस्त माल है तू, मजा आ जाता है।
संगीता: अहह हामिद जी, आपका यह मर्दाना बदन!
हामिद (मेरी तरफ देखते हुए) देख ऐसे मजे करते है औरत के साथ, गांडू की औलाद।
संगीता मेरी तरफ देख कर हस्ती है। मेरा लंड भी खड़ा होने लगता है। ऐसे ही एक-दूसरे के शरीर से साथ खेलते-खेलते दोनों नंगे हो जाते है। हामिद का लंड बड़ा मोटा काला था, तभी अपने पति के दुश्मन के लंड पर मरती थी संगीता। हामिद ने संगीता को सोफ़े के नीचे बिठा दिया, और अपना लंड संगीता के मुंह में देने लगा। लंड इतना बड़ा था कि उसके मुंह में जा भी नहीं रहा था, पर हामिद फार भी उसके मुंह में फौलादी लंड डाल रहा था।
हामिद ने उसका पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था। वो उसके मुंह में लंड घुसा कर उसका मुंह चोदने लगा। संगीता की आवाज़ भी बाहर नहीं निकलने दे रहा था वो। वो उसके मुंह से लंड बाहर निकलता है, तो संगीता थोड़ी हांफ़ती है, और जोर-जोर से सांसे लेने लगती है। हामिद उसका उठा कर बेडरूम में ले जाता है। संगीता मुझे आने का इशारा करती है। मैं उनके पीछे चला जाता हूं।
वो संगीता को बिस्तर के किनारे पर फेंक देता है। उसका मूसल लंड पूरे जोश में संगीता की चूत फाड़ने के लिए तैयार था। संगीता की चूत पहले ही गीली हो चुकी थी। संगीता की टांगे वो फैला देता है, और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करता है। फिर धीरे-धीरे चूत के अंदर लंड डालने लगता है। संगीता की चूत बहुत बार फट चुकी थी। फिर भी हामिद के सामने ऐसा लग रहा था कि पहली बार उसकी चूत में इतना बड़ा लंड जा रहा था।
संगीता की चीखें निकलने लगती है। उसकी चुदाई देख कर मेरा माल पेंट में निकल जाता है। हामिद संगीता की कमर पकड़ता है, और उसको चोदने लगता है। उसकी चीखें पूरे रूम घर में गूंज रही थी।
संगीता: हामिद जी, धीरे करो। इतने दिन बाद मिले हो, मेरी चूत फिर फाड़ डालोगे क्या?
हामिद उसकी चीखें सुन कर और जोश में आता है। वो अपनी स्पीड तेज करने लगता है। उसके बूब्स और मंगलसूत्र सब उछलने लगते है। वो संगीता की कमर और जोर से पकड़ के धक्के की स्पीड बढ़ा देता है। मैं देखता हूं कोई इंसान इतनी देर कैसे चोद सकता है, पर वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
संगीता: अहह मादरचोद, इसे बोलते है चुदाई। तेरी तरह नहीं, 2 मिनट में काम खत्म।
संगीता मुझे गाली देती है। मुझे देख उसमे और जोश आता है। उसकी चूत पानी छोड़ चुकी थी। हामिद लंड बाहर निकालता है। उसका लंड पूरा गीला था चूत के पानी से, और अभी भी सख्त खड़ा हुआ था। वो संगीता को घुमा कर उसको घोड़ी बना देता है। फिर उसकी गांड पर जोर डर थप्पड़ मारता है। संगीता की चीखे निकलती है, पर उसको इसमें मजा आता है।
फिर वो अपने लंड पर थूक लगा कर संगीता की गांड में लंड डालने लगता है। संगीता गांड भी मरवा चुकी थी पहले। लंड पहले से ही गीला और चिकना था जो गांड के अंदर जाने लगता है। हामिद धीरे-धीरे धक्कों में एक जोरदार धक्का देता है, और पूरा लंड गांड के अंदर घुस जाता है।
संगीता इस बार बहुत जोर से चिल्लाती है। इतना कि पूरा मोहल्ला सुन ले और पता चल जाए कोई असली मर्द ठुकाई कर रहा था संगीता की। वो पीछे से बाल पकड़ के उसको चोदने लगता है। संगीता के कूल्हों से हामिद की जांघे टकराती है। वो हर झकटे में संगीता की गांड फाड़ता है। संगीता भी भी पक्की रंडी है, हर झटका झेलती है। उसकी गांड खुल चुकी थी। हामिद पूरे जोश से संगीता की गांड चोद रहा था।
मन मेरा भी था उसको घोड़ी बनाने का, पर संगीता ने पहली बार में ही मेरी औकात मुझे बता दी थी। हामिद और सलीम के आगे में कुछ नहीं था। हामिद ने संगीता को अपनी रंडी बना लिया था, और उसको रंडी जैसा ही चोद रहा था। हामिद का शरीर थकने लगा था। वो और तेजी से चोदने लगा-
हामिद: कुतिया मेरा होने वाला है।
संगीता जल्दी घुटनों पर बैठ गई, और हामिद का लंड को चूसने लगी। हामिद ने उसके बाल पकड़े, और पूरा लंड उसके मुंह में उतार दिया। हामिद की आँखें बंद हो गई थी। वो अपने चरम पर था। उसने तेजी से झटके मारे, और संगीता के मुंह में झड़ गया। संगीता भी पूरा माल पी गई। फिर हामिद ने संगीता को धक्का दिया, और बिस्तर पर सो गया। दोनों बहुत थक गए थे।
संगीता: गांडू अपने बाप के लिए पानी लेकर आ।
रॉनित: जी ठीक है।
मैं दोनों के लिए पानी लेकर आया। हामिद का लंड अभी भी दिखने में कड़क था, और चुदाई के बाद भी उसका मेरे से बड़ा दिख रहा था। वो दुश्मनी का गुस्सा संगीता को चोद कर निकाल रहा था, और संगीता भी उसको पूरे मजे देती थी। जिसको मैं संसकारी और घरेलू औरत समझता था, वो एक रंडी थी।
संगीता: सलीम और हामिद जी भी तेरे पापा ही है। काव्य (मेरी बहन) इन दोनों में से किसी एक औलाद है।
हामिद: पर यह तो उस गांडू की औलाद है, और उसके जेसी ही है।
मैं सुन कर शॉक हो जाता हूं कि यह दोनों कब से संगीता को चोद रहे थे, और उनसे एक बेटी भी थी। उसके बाद शाम तक दोनों ने बहुत चुदाई की, और फिर हामिद चला गया।
संगीता अभी मेरे सामने नंगी सोई थी। उसको देख कर मेरा खड़ा था। उसको यह दिख रहा था, पर उन दोनों के सामने मेरा बहुत छोटा था, यह मैं समझ गया था।
संगीता: भड़वे मुझे देख कर खड़ी हो गयी क्या तेरी छोटा सी लुल्ली? चल अपने कपड़े उतार, और मेरे सामने हिला कर दिखा।
मैं वेसा ही करता हूं, अपनी पेंट निकाल कर उसके सामने हिलाने लगता हूं। संगीता मुझे देख रही थी, और मेरा फिर से 3-4 मिनट में निकल गया। वो मुझ पर हंसी।
मैं शर्म से मुंडी नीचे करके खड़ा था, और उसकी गाली सुन रहा था। अब वो जब मन करे तब मेरे सामने चुद लेती थी। कभी भी घर पर हामिद और सलीम आते रहते थे। मेरी बेईज्जती करती सलीम और हामिद के सामने।
रोज हामिद या सलीम संगीता की चुदाई करने आते रहते थे। इन सब की अब आदत हो गई थी, और हम दोनों के लिए नॉर्मल हो गया था। दिन भर संगीता घर पर अकेली रहती थी, और मजे करती थी।
मुझे भी चस्का लग गया था अब उसकी चुदाई देखने का, और मजे भी आते थे देख कर, कि वो लोग कैसे उसे रंडी बना कर चोदते थे हर दिन।
धन्यवाद आप सब का कहानी पढ़ने के लिए। अपना अनुभव मेरे साथ जरूर सांझा करे। मेरी ईमेल आइ डी khanabdulasif01@gmail.com
है।
प्यासी भाभी और आंटी मुझे जरूर मैसेज करे रियल मीट के लिए, और अपनी सेक्स कहानी शेयर करने के लिए।
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