ये सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब मैं कॉलेज के सेकंड ईयर में पढ़ता था। मैं दिल्ली में कॉलेज हॉस्टल में ही रह कर पढ़ाई करता था।
हमारे कॉलेज में लास्ट तीन महीने से इंग्लिश टीचर नहीं था। तो उसी टाइम कॉलेज में एक नई इंग्लिश टीचर अप्वाइंट हुई। वो एक जवान, शादी-शुदा, बहुत ही खूबसूरत टीचर थी। उनकी उम्र लगभग 26 साल होगी। उसने एम.ए. इंग्लिश में किया था, और बी.एड. भी किया हुआ था।
मुझे इंग्लिश काफी अच्छे से आती थी, तो मुझे सभी कॉलेज में इंग्लिश मैन भी बुलाते थे। उनमें से कुछ टीचर भी थे। इंग्लिश टीचर का नाम रश्मि था, और वो भी हॉस्टल में ही रहती थी। वो मुंबई की रहने वाली थी। हमारे कॉलेज में टीचर के लिए भी हॉस्टल में रहने की सुविधा थी। रात में सभी बच्चे जब मस्ती करते थे, तो कुछ टीचर भी हमे ज्वाइन कर लेते थे। अब जब रश्मि मैडम भी आ गई थी, तो वो मस्ती के पल और भी मजेदार होने लगे थे।
रश्मि मैडम मुंबई की रहने वाली थी, तो वो काफी स्टाइलिश और बिंदास किस्म की लड़की थी। वो सभी से जल्दी से घुल-मिल जाती थी। जब मैडम क्लास में पढ़ाती थी, तो मेरी आँखें उनके पूरे बदन को ही निहारती रहती थी। कॉलेज में ड्रेस कोड था, तो वो क्लास में सिर्फ ब्लर साड़ी ही पहन कर आती थी, और वो हमेशा साड़ी नाभि के नीचे पहनती थी।
इससे वो गजब की सेक्सी लगती थी। मैं उनका पीरियड तो सिर्फ उन्हें निहारने के लिए ही अटेंड करता था। बाकी इंग्लिश तो मुझे आती ही थी। वैसे तो संडे को मैं अपने गांव में जाता था, लेकिन उनके आने के बाद कभी-कभी हॉस्टल में ही रुक जाता था, ताकि संडे को भी मैं मैडम से मिल सकूं, और उन्हें निहार सकूं। वो मुझे इतनी अच्छी लगती थी कि आपको मैं अपनी फिलिंग क्या ही बताऊं।
एक संडे को मैं अपने रूम में लेटा हुआ था। तभी मेरे एक दोस्त ने बताया कि रश्मि मैडम तुझे ढूंढ रही है। मैं तुरंत ही मैडम से मिलने निकल पड़ा, और उनके रूम पर पहुंच गया। वो सर पर हाथ रख कर अपनी चेयर पर बैठी थी।
मैं वहां पहुंच कर बोला: मैडम आपने मुझे बुलाया क्या?
वो बोली: हां अरुण, मुझे कुछ इश्यू है। वो हल नहीं हो रही है, तुम कुछ हेल्प कर सकते हो क्या?
मैं बोला: अरे मैडम मैं आपकी क्या हेल्प कर सकता हूं! फिर भी मैं ट्राई करता हूं, आप बता दीजिए।
फिर उसने एक बुक मेरे सामने रख दी। दरअसल मैडम पी.एच.डी. की तैयारी कर रही थी। उस दिन उन्होंने एक कैप्री और टीशर्ट डाल रखी थी, जिसमें वो गजब की सुंदर लग रही थी। उनको देख कर मेरा मन मचल गया, और मैं मजाक के मूड में आ गया।
मैं बोला: मैडम आप हो गजब की चीज, कॉलेज में आग लगा दोगी क्या?
वो बोली: क्या अरुण, मुझ पर लाइन मार रहे हो क्या? ये सब ठीक नहीं है। मैं तुम्हारी टीचर हूं।
मैं बोला: क्या मैडम, कौन बोलता है कि स्टूडेंट का दिल टीचर पर नहीं आ सकता। अब दिल ही तो है।
वो बोली: चुप कर बेशर्म।
मैं बोला: अच्छा आप बताइए, आप मुझे पसंद नहीं करती क्या? पूरी क्लास में आपका ध्यान भी तो मुझ पर ही रहता है।
वो बोली: अरुण वास्तव में तुम्हारी पर्सनेलिटी ही ऐसी है कोई भी लड़की तुम पर मर मिटेगी। और कॉलेज की बहुत सारी लड़कियां तुम पर फिदा है, जैसा मैंने सुना है।
मैं बोला: सभी को छोड़िए, अपनी बताओ। आप भी मुझ पर फिदा हो क्या?
वो बोली: बिल्कुल क्यों नहीं। पर टीचर की एक लिमिट भी होती है।
मैं बोला: क्या आज हम मूवी देखने चले?
वो बोली: पागल हो क्या?
मैं बोला: चलो मैडम, बाकी आपकी सभी प्रॉब्लम जो पढ़ाई में आपको हो रही है, मैं तुरंत हल कर दूंगा।
वो बोली: ठीक है, शाम के शो में चलते है।
शाम को हम दोनों ऑटो से सिनेमा हॉल गए और पिक्चर देखने लगे। सिनेमा हॉल में मैंने मैडम के कंधों पर और उनकी जांघों पर हाथ फिराया। वो कुछ नहीं बोली। मैं काफी देर तक उनके कंधों पर भी सर रखता रहा। लेकिन वो भी मेरी इन सभी हरकतों को नजरअंदाज करके एंजॉय कर रही थी।
फिल्म खत्म होने पर हम दोनों गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड के जैसे हाथ में हाथ रख कर बाहर आए, और फिर वहीं से डिनर करने एक रेस्टोरेंट में चले गए। हमने एक दूसरे को बोला, कि आज से हम ऐसे ही रहेंगे। वहीं से हम दोनों का चक्कर शुरू हो गया।
एक संडे को हॉस्टल में ज्यादातर लोग पिकनिक पर गए थे। मेरी कुछ तबियत ठीक नहीं थी, तो मैं पिकनिक नहीं गया था। मेरी वजह से रश्मि मैडम भी नहीं गई। मैंने रात में दवा खाई थी, तो मैं सुबह देर से उठा। तभी रश्मि मैडम मेरे रूम पर आ गई।
वो बोली: अरे अरुण, अब तुम कैसे हो?
मैं चौंक कर बोला: क्या मैडम, आप पिकनिक नहीं गई?
वो बोली: नहीं, किसी ने बताया तुम नहीं जा रहे हो, इसीलिए मैं भी नहीं गई।
मैं बोला: आप मुझसे इतना प्यार करती हो?
वो बोली: हां अरुण, तुम हो ही इतने अच्छे।
वो मेरे बेड पर बैठ कर सर में हाथ फिराने लगी। उस टाइम उन्होंने एक नाइट सूट बिना ब्रा के पहन रखा था। जिसमें उनके बूब्स साफ नज़र आ रहे थे। मेरा मन मचल गया, और मैं उन्हें हवस भरी नज़रों से देखता रहा। उनकी आंखों में भी मुझे हवस दिखने लगी।
वो मेरे सर पर हाथ फेरते हुए अपने हाथ को मेरी छाती पर ले आई, जिससे मेरे तन-बदन में आग लग गई। मैं बनियान और शॉर्ट्स पहन कर सो रहा था। मेरा आधा शरीर चादर से ढका था। लेकिन मेरा लंड खड़ा हो गया था, जो चादर के ऊपर से साफ नज़र आ रहा था।
मैडम की निगाहे लंड को भी खड़े हुए देख रही थी। मैं उनसे नज़रें नहीं मिला रहा था। अचानक से मैम ने मेरे लंड को छेड़ दिया, और चादर को ऊपर से हटा दिया। अब उन्हें मेरी शॉर्ट्स में खड़ा लंड साफ दिख रहा था।
मैडम ने मेरे लंड को शॉर्ट्स में हाथ डाल कर पकड़ लिया, और हिलाने लगी। मैं तो जन्नत में पहुंच गया, और एक-दो मिनट में डिस्चार्ज हो गया। मैडम का पूरा हाथ मेरे वीर्य से भर गया। उन्होंने जल्दी से हाथ बाहर निकाला और बोली-
मैडम: क्या अरुण, आज पहली बार किसी लड़की ने इसे छुआ है क्या?
मैं जल्दी से उठा और बाथरूम में चला गया, और लंड को धोकर और एक दूसरी शॉर्ट्स पहन कर बाहर आ गया। फिर मैडम के बगल में बैठ कर उनकी जांघों और चूचियों पर हाथ फिराने लगा।
मैं बोला: क्या मैडम, अचानक से ऐसा करोगी तो हालत तो खराब होगी ही।
वो बोली: अरुण आज सेक्स का बहुत मन कर रहा है। मैंने तो इसका प्लान कल रात में ही, जब तुम पिकनिक नहीं जा रहे हो पता चला, तभी बना लिया था, कि आज तुम्हारे साथ सेक्स करूंगी।
मैं बोला: मैडम मुझे भी तो इस बारे में बता देते कि आप ऐसा करोगी।
दोस्तों उस दिन मैंने मेरी मैडम को जी भर कर चोदा, और वो तो शादी-शुदा थी, तो उन्होंने मुझे निचोड़ कर रख दिया। लेकिन कुंवारे लड़के के लिए तो ये एक गजब का एहसास था, जो काम आज तक सिर्फ ब्ल्यू फिल्म में देखा था, और चुदाई का एहसास सिर्फ हाथों से ही लंड हिला कर लिया था, उसे किसी जवान शादी-शुदा लड़की को चोदने को मिल जाए।
मैंने मैडम को पूरे दिन कैसे चोदा, ये मैं कहानी के अगले पार्ट में बताऊंगा।