Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 18

सुनीता फिर अपनी मूल पोजीशन में वापस आ गयी। ज्योतिजी सुनीता की टाँगों के बिच स्थित सुनीता की चूत पर हाथ फेर कर उसे सहलाने और दबाने लगीं।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 17

जब मानिनियोँ का मन लाखों, मिन्नत मन्नत नहीं मानता है। तब कभी कभी कोई बिरला, रख जान हथेली ठानता है।। कहानी के 17वे एपिसोड का लुफ्त उठाइए!

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 16

ज्योति जी की बेबाक बातें सुनकर सुनीता की तो बोलती ही बंद हो गयी थी। सुनीता बेचारी चौड़ी, फूली हुई आँखों से ज्योति जी बातें सुन रही थी।