Sasur Ji Ka Dukh Halka Kiya – Part 2
बाबु जी शायद भांप गए थे के मेरा मन उनका मूसल लण्ड देखकर बहक गया है। उन्होंने मुझे अपने आगोश में लिया और मेरी पीठ सहलाने लगे।
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बाबु जी शायद भांप गए थे के मेरा मन उनका मूसल लण्ड देखकर बहक गया है। उन्होंने मुझे अपने आगोश में लिया और मेरी पीठ सहलाने लगे।
क्या हाल हुआ क्या बात हुई? अच्छी अच्छी मानिनीयाँ भी चुदवाने को बेताब हुई? पहले तो पति से ही चुदती थी, गैरों पर क्यों मोहताज हुई?
पति ने पत्नी के सामने मांग रखी कि वो उसकी सहेली को चोदना चाहता हैं जो कि उसके खुद के दोस्त की भी बीवी हैं। पति को ये नहीं पता था कि उसकी बीवी पहले ही उसके दोस्त के साथ चुदवा चुकी हैं। अब क्या रायता फैलेगा यह इस आखिरी सफर में पढ़िए।
राज ने पूजा से और मुझ से इजाजत ली और बाहर निकल गया। पूजा ने असहायता दिखाते हुए अपने कंधे हिलाये और राज वहाँ से बाहर निकल लिया।
क्या सुन्दर उभरे दिखते हैं दूध भरे यह वक्ष तुम्हारे जो, जब हाथ हमारे मसलेँगे तब हाल तुम्हारा क्या होगा? यह बॉल बड़े चिकने कोमल कैसी होंगी उनपर निप्पल?
Sab biwiyo ko chudai ke liye naye partner mil chuke the. Kuchh khush thi to kuch dukhi, par pehli group chudai ke maje sabhi ne jam kar liye.
Amit aur Vineet ke bache hue aakhiri kaam ab mujhe karne the aur mujhe wo mushkil me daalne wale the. Janiye maine wo kaise pure kiye.
सुनीता ने जस्सूजी की और देखा और अपना पेंडू से ऊपर धक्का मारकर जस्सूजी का लण्ड थोड़ा और अंदर घुसड़ने की कोशिश की। जिसका अंजाम क्या हुआ जानिए!
यह प्यार दीवाना पागल है। ना जाने क्या करवाता है। कभी प्यारी को खुद ही चोदे, तो कभी प्यारी को चुदवाता है। आगे आगे पढ़िए की कहानी में क्या क्या होता है।
कुछ ही देर में गद्दा और रजाई चटाई बगैरह लेकर डॉ. खान हाजिर हुए। डॉ. खान ने जस्सूजी से सुनीलजी की कहानी सुनी। कैसे आतंकवादियों से उनका पाला पड़ा था, बगैरा।
जिसका डर था वही हुआ, एक बार राहुल ने मेरी गांड क्या मारी वो मेरे साथ कुछ ज्यादा ही खुल गया और छेड़खानी करने लगा, जिसका अंजाम क्या हुआ जानिए!
राहुल गुस्से में फुफकार रहा था और उसके कोप का भागी बनी सैंड्रा। राहुल ने सैंड्रा की चोद कर क्या हालत बनायीं वो इस भाग में जानिए और मजे करिए।
एक औरत अपने जवान बेटे और ऑफिस के कर्मचारी के साथ एक ही कमरे में सोई थी। इसके पीछे का राज क्या था ये मुझे जानना था। तब मुझे ये पता नहीं था कि ये तीनो मेरे इस सफर के हमसफ़र बनने वाले थे।
सुनीता ज़िंदा बचती है या नहीं, जस्सूजी सुनीता को बचा पाते हैं या नहीं और क्या जस्सूजी खुद बच पाते हौं या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।
सुनीलजी ने आगे पोजीशन ले ली, करीब ५० कदम पीछे सुनीता और सबसे पीछे जस्सूजी गन को हाथ में लेकर चल दिए। बारिश काफी तेज होने लगी थी।
नीतू और कुमार की मैथुन लीला देखने के बाद सुनीता को जस्सूजी का रवैया काफी बदला हुआ नजर आया। अब वह उनकी कामनाओं और भावनाओं की कदर करते हुए नजर आये।
सुनीलजी की बात से सेहमी हुई सुनीता बिना कुछ बोले सुनीलजी के एक के बाद एक धक्के झेलती रही। सुनीलजी ने सुनीता की टांगें अपने कंधे पर रखी हुई थी।
अपने आपको सम्हालते हुए ज्योति ने इधर उधर देखा। वह दोनों वाटर फॉल के दूसरी और जा चुके थे। वहाँ एक छोटा सा ताल था और चारों और पहाड़ ही पहाड़ थे।
नीतू की चूत यह सोच कर इतनी गीली हो रही थी की उसके लिए अब और इंतजार करना नामुमकिन सा लग रहा था। तभी उसे अचानक कुछ हलचल महसूस हुई।
सुनील की पत्नी सुनीता की बात सुनकर जस्सूजी की पत्नी ज्योतिजी का मुंह छोटा हो गया। उनके मुंह पर लिखे निराशा और कुंठा के भाव सुनीता को साफ़ नजर आ रहे थे।