Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 54

कमसिन कातिल कामिनियाँ भी होती कुर्बां कुर्बानी पर। न्यौछावर कर देती वह सब कुछ ऐसी वीरल जवानी पर। पढ़िए और एक नए एपिसोड मजा लीजिए।

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 50

गर्मी और पसीने के मारे जस्सूजी, सुनीलजी और सुनीता की हालत खराब थी। ऊबड़खाबड़ रास्ते पर इतना लंबा सफर वह भी घोड़े पर हाथ पाँव बंधे हुए करना थकावट देने वाला था।