पड़ोसन बनी दुल्हन-46

जब माया कमरे में दाखिल हुई तो जेठजी बिकुल नंगे पलंग पर बैठे हुए थे। उनके पलंग पर उनके बाजू में एक किताब पड़ी थी। ऊपर पंखे के चलते हुए किताब के पन्ने फरफरा रहे थे।