पड़ोसन बनी दुल्हन-47

माया ने जेठजी का सर अपने स्तनोँ पर टिकाया और बोली, ” जी, आप मेरे स्वामी हो और सदा रहोगे। आप की इच्छा मेरे लिए आज्ञा है।

स्नेहा की अजीबो गरीब हरकतें-2

मैं अपने ऑफिस की कामवाली के जिस्म का मज़ा ले रहा था और उसका दूध पी रहा था। मैं ये सब उसके घर में करता था और अब बस चुदाई बाकी थी।