Drishyam, ek chudai ki kahani-50

जब हवस दिमाग पे हावी हो तो तरिका तौर नहीं होता, बस लण्ड और चूत ही होती है, बाकी कुछ और नहीं होता। पढ़िए हिन्दी चुदाई स्टोरी।

Drishyam, ek chudai ki kahani-49

जिंदगी प्यार की दो चार घडी होती है चाहे छोटी भी हो यह उमर बड़ी होती है। कड़ी चुदाई हो तेरी अगर मोहब्बत से आखिरी लम्हें तक वह याद खड़ी होती है।

मेरी बीवी ने बाॅस को रंडी बनके खुश किया

मेरी बीवी का जन्मदिन था और मुझे बाॅस को भी बुलाना पड़ा। बाॅस की नज़र मेरी बीवी पर पड़ी और प्रोमोशन के बदले में मुझे उनसे अपनी बीवी चुदवानी पड़ी।