Sanjha Bistar, Sanjhi Biwiyan – Episode 20
कुमुद की चूत में हो रहे कम्पन का राज भी अनुभव कर रहा था, क्यूंकि राज के लण्ड को कुमुद की चूत ने इतना सख्ती से जकड रखा था की कुमुद की चूत में होती थोड़ी सी कम्पन भी राज के लण्ड को महसूस होती थी।
कुमुद की चूत में हो रहे कम्पन का राज भी अनुभव कर रहा था, क्यूंकि राज के लण्ड को कुमुद की चूत ने इतना सख्ती से जकड रखा था की कुमुद की चूत में होती थोड़ी सी कम्पन भी राज के लण्ड को महसूस होती थी।
राज चोद तो रानी को रहा था पर मजे कमल की बीबी कुमुद के स्तनों का ले रहा था। जब की कमल अपनी बीबी की चूत में अपने लण्ड को घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था और साथ साथ में राज की पत्नी रानी के मस्त खरबूजों को अपने हाथों में मसल रहा था।
कमल ने थोड़ी देर बाद अपना मुंह हटाया और कुमुद की चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दी और कुमुद को उँगलियों से चोदना शुरू किया। अक्सर औरतें लण्ड से ज्यादा उँगलियों की चुदाई से उत्तेजित हो जाती हैं।
राज ने बरबस अपना लण्ड अपनी बीबी रानी की जाँघों से सटा दिया, रानी ने आँखें खोली तो पति राज को कमल की पत्नी कुमुद की नंगी चूँचियों के दर्शन करते हुए पाया।
राज और रानी को चुम्बन करते हुए देख कर कमल से रहा नहीं गया। उसने अपनी बीबी को करीब खींचा तो कुमुद भी खिसक कर कमल की बाँहों में आ गयी।
शायद राज ने भी रानी को अन्तर्वस्त्र (यानी पेंटी और ब्रा) पहनने से रोका था जिसके कारण हवा का एक झोंका और पीछे से आती प्रकाश की किरणें रानी के गाउन में से उसके कमसिन नंगे बदन की आकृति की साफ़ साफ़ झांकी दे रही थीं।
कुमुद को आती हुई देख कर कमल थोड़ा सा अचम्भित हुआ। कुमुद ने अपने पति कमल के पास जाकर उसे वहाँ से हटने का इशारा किया और खुद कमल की जगह बैठ गयी।
रानी सिर्फ पेंटी पहने हुए अपने स्तनों को अपने हाथों से छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए खड़ी शर्म के मारे मरी जा रही थी। छोटी पेंटी में से रानी के झांटों के बाल भी दिख रहे थे। रानी की समझ में नहीं आ रहा था की वह हाथों से अपने स्तनों को छुपाये या अपनी चूत को।
कुमुद की सांस थम गयी। जब वह थोड़ी देर तक सांस न ले पायी तो थोड़ा सा अलग होकर उसने गहरी साँसे ली और फिर राज और कुमुद दुबारा बाहु पाश में बंध गए और फिर एक गहरे चुम्बन में उलझ गए।
कुमुद कुछ पलों तक राज से नजर से नजर मिलाकर देखती रही। फिर कुमुद धीरे से खिसक कर राज के पास आयी तो राज ने अपनी लम्बी बाहों में कुमुद को लपेट लिया।
राज भी कुमुद को देखता ही रहा। कुमुद का सारा बदन एक सूरज की पहली किरण की तरह चमक रहा था। मुश्किल से कुमुद के स्तनों पर से अपनी नजर हटा कर कमल के पैर छुए।
कमल की बात सुनकर राज की बीबी रानी के पॉंव के निचे से तो जैसे जमीन ही खिसक गयी। कमल अपनी बीबी कुमुद को रानी समझ कर चोद रहा था, यह सुनकर रानी एकदम गरम भी हो गयी।
राज का माथा ठनक गया। किसी गैरमर्द के सामने नंगी ना होने वाली उसकी बीबी को क्या कमल के सामने नंगी होने में कोई एतराज नहीं था?
दूसरे दिन राज ने सारी बातें विस्तार से कमल को सुनाई। कमल ने राज की कही सारी बातें सुनी। उसे सुनकर कमल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ।
राज का अपने प्रति इतना बदलाव और राज का रानी को इतनी छूट देना रानी को बहुत अच्छा तो लगा, पर रानी के मन में उत्सुकता हुई की आखिर कुछ न कुछ बात है जिससे की उसका पति रानी की और इतना ध्यान देने लगा है। आखिर बात क्या है?
करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा।
मेरा दोस्त राज तुझ पर फ़िदा है, ऐसा लगता है। उसे तेरी पतली कमर, सुआकार गाँड़ और करारी चूँचियाँ बहुत पसंद है। मैंने देखा है की जब तू चलती है तो वह तुझे पीछे से ताकता ही रहता है और तेरी गाँड़ हिलाती हुई चाल पर वह फ़िदा लगता है। बेचारा दूसरे कमरे में सोते हुए भी शायद तुम्हारे ही सपने देख रहा होगा।
राज रानी के भरे हुए स्तनों के बिच कैसे अपना सर सटा कर कई बार रानी की गोद में लेट जाता था, यह बताते राज और कमल दोनों अपने हाथों से हस्तमैथुन कर अपना माल निकालते थे।
यह हिन्दी सेक्स कहानी वैसे तो साधारणसी है पर इसमें वही भाव आपको दिखेंगे। अगर आपमें धैर्य एवं भाव को परखने की शूक्ष्मता के लिए जो समय और सोच चाहिए उसका अभाव है तो आपको मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी नहीं भाएगी।