पड़ोसन बनी दुल्हन-40
पढ़िए जब मेरा पडोसी मेरी बीवी को चोद रहा था तो दूसरी और उसकी बीवी मेरे और मेरे साले के सामने नंगी नाच रही थी और एक कामुकता भरा माहौल बना रही थी।
पढ़िए जब मेरा पडोसी मेरी बीवी को चोद रहा था तो दूसरी और उसकी बीवी मेरे और मेरे साले के सामने नंगी नाच रही थी और एक कामुकता भरा माहौल बना रही थी।
वहाँ सेठी साहब अगर टीना और अंजू की चुदाई कर रहे थे तो उनके ही घरमें उनकी बीबी उनके ही दोस्त से चुद रही थी। उतना ही नहीं वह दो दो मर्दों से चुदवाना चाह रही थी।
चुदाई और प्यार में काफी फरक होता है, अगर पत्नी किसी और मर्द के निचे सोती है इसका मतलब यह नहीं की वह अपने पति के प्यार नहीं करती, ऐसे ही कुछ रिश्तो के बारे में पढ़े।
वहाँ सेठी साहब अगर टीना और अंजू की चुदाई कर रहे थे तो उनके ही घरमें उनकी बीबी उनके ही दोस्त से चुद रही थी। उतना ही नहीं वह दो दो मर्दों से चुदवाना चाह रही थी।
सुषमा जी और मेरे साले के बिच भी कोई झिझक नहीं थी और कुछ ही देर में मेरे साले का लन्ड सुषमा जी के सामने था जिसे उन्होंने ने तुरंत हाथो में ले लिया।
कुछ ऐसे राज़ जिसके बारे में न तो मुझे पता था न मेरी बीवी को की जो ये सब नए रिश्ते बने उसके पीछा और कोई नहीं बल्कि मेरा साला था।
मुझे नहीं पता था की मेरा साला सुषमा जी और सेठी साब को पहले से जानता है इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा जब अचानक मेरा साला घर आया।
मेरी बीवी सेठी साब से चुद रही थी तो यहाँ सेठी साब की बीवी मेरी निचे लेती थी और मैं उसकी चूत जम कर मार रहा था।
सुषमा की बातो का असर मुझ पर काफी हो रहा था क्युकी वो जो बाते बता रही थी वैसा मैंने कभी नहीं सोचा था और नए मोड़ आये पढ़िए कहानी में।
उस तरफ जब टीना और भाभी की सेठी साहब तगड़ी चुदाई कर रहे थे तो इधर सुषमा की चुदाई मैं कर रहा था। पर इस बिच यह मोड़ और घुमाव कैसा?
पढ़िए कैसे सेठी साब ने अपने मोठे तगड़े लन्ड से पहले मेरी भाभी और फिर मुझे रगड़ रगड़ कर सारी रात चुदाई का मजा लिया।
कुछ रिश्ते ऐसे मजबूत बन जाते है की आप उनके लिए किसी भी हद तक जा सकते हो, ऐसे ही रिश्ते अब बन चुके थे कुछ लोगो के जिनके बारे में पढ़िए।
सेठी साहब और सुषमा की कहानी में कैसे और किरदार भी जुड़ गए और सारा ही मामला कैसे अधिकाधिक रोमांचक बनता गया।
अब मेरी भाभी सेठी साहब के निचे पूरी नंगी लेटी हुई थी उनके लन्ड को अपनी छोटी सी चूत में लेने के लिए जो उनके लिए मुश्किल तो होना ही था।
भाभी सेठी साहब का लन्ड देख के हैरान रह गयी लेकिन उन्हें ये लुंड अपने मुँह में लेना था ही और उन्होंने मेरी तरफ देखा लन्ड हाथ में पकडे हुए।
मेरी और भाभी की नज़दकीया तो बढ़ ही रही थी और भाभी को सेठी साब काफी पसंद आने लगे थे जिससे और नए रिश्ते बनते चले गए।
औरत को समझना मुश्किल तोह होता है लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं, अब मेरी भाभी भी सेठी साहब के प्रति उत्तेजना दिखा रही थी जो मुझे समझ आ रहा था।
मेरी भाभी को मेरे और सेठी साहब के बारे में पता चल गया था और सेठी साहब तो रात भर मेरी चुदाई करने ही वाले थे, अब मुझे डर भी लग रहा था की क्या करू।
अंजू ने फ़ोन उठाते ही हँसी मजाक के लहजे में पूछा, “जीजू सा, प्रणाम! ननद सा से बात किये बगैर चैन नहीं पड़ता क्या आपको? ननदसा अभी बाथरूम में है।
राज और सुषमा की चुदाई जोरशोर से चल रही थी और अब सुषमा को भी पता चल गया की राज को इसकी गांड मारनी है, लेकिन क्या वो अपनी गांड मरवा लेगी पढ़िए कहानी में।