Mere Pati Ko Meri Khuli Chunoti – Episode 22
मेरे पति ने मुझे एक सबक सिखाया, तो मैंने भी अपने पति को उसका जवाब देते हुए हुए खुली चुनोती दे दी. उनको बता दिया की नारी भी किसी मर्द से कम नहीं.
मेरे पति ने मुझे एक सबक सिखाया, तो मैंने भी अपने पति को उसका जवाब देते हुए हुए खुली चुनोती दे दी. उनको बता दिया की नारी भी किसी मर्द से कम नहीं.
पिछले कुछ महीनों से मेरी चुदाई हुई ही नहीं थी। मेरे पति विदेश गए हुए थे। अजित से ब्रेक अप हो गया था। शायद इसलिए मेरा छिद्र और भी छोटा दिख रहा था।
योग के हाथ मेरी पतलून पर चले गए और अगले ही पल वो उसे निचे की तरफ खिसकाने लगे. मैंने झुक कर अपने हाथ एवं पॉंव से मेरी पतलून को निकाल दिया!
योग की कहानी और उनकी मेरे काम के प्रति तारीफ सुन कर मैं फूली नहीं समां रही थी, इस चक्कर में मैंने शम्पेन के 3-4 गिलास एक साथ गटक लिए!
योग सर की जीवन कहानी सुन कर ये तो पता चल गया की वो औरतों के प्रति ऐसे क्यों है. पर न जाने क्यों अब मैं उनके प्रति क्यों बदलना चाह रही थी!
योग के घर पड़ी उस तस्वीर के सच ने शायद उनके प्रति मेरी सोच और भावनाओ को एक दम से बदल दिया था, अब जैसे वो मुझे अच्छे से लगने लगे थे.
योग आखिर अपनी कारतूस में कामयाब हो ही गए थे, उन्होंने मुझे अपने बिस्तर पर नंगी सुला ही लिया. पर तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे मैं हेरान रह गयी!
मैं पलंग पर नंगी लेटी हुई थी और घबरा रही थी और उन का अगला कदम क्या होगा उसका इंतजार कर रही थी। योग ने मुझे नंगी लेटी देख मुस्कुराने लगे!
केले को मेरी चूत में डाल ने वाली बात याद आते ही मेरी भूख मर गयी और घूमते फिरते मैं वापस कंप्यूटर वाले कमरे में आयी। पर वह सब कुछ बदल गया!
योग और मैंने तय किया की हम शुक्रवार शाम से काम शुरू करेंगे। पहले वह ऑफिस में अपना काम ख़तम करके मुझे अपनी कार में उनके घर ले जाएंगे।
कॉफी आर्डर करने के बाद मैं योग से मेरे तीखे रवैय्ये के बारे में माफ़ी मांगने लगी. योग ने मेरी बात मणि या नहीं अब ये तो आप इस एपिसोड में जानिए!
वाशरूम में मैंने कुछ मेकअप सा किया और अपने आपको सम्हालने की कोशिश की। पर जब मैं बाहर निकली तो योग को वहीँ खड़े हुए पाकर मैं कुछ लड़खड़ा सी गयी।
मुझे पता चला योगराज औरतो के प्रति बहुत ही गलत भाव रखते है, पर इसपर मुझे यकीन तब हुआ जब तक उन्होंने मेरे खुद के साथ सबके सामने बदसलूकी करी.
अजित के जाते ही एक और मर्द ने मेरे जीवन में दस्तक दे दी थी. वो मेरे ऑफिस में काम करता था और एक दिन मैं उनके साथ अकेली लिफ्ट में फस गयी.
अजित सच में मुझे कोई बाजार की सस्ती रांड समझने लग गया था, उसने मेरे साथ एक दो बार बहुत बदसलूकी करी. फिर उसके बाद मैंने उसे न मिलने का फेसला किया.
अजित के सामने मैं नंगी हो चुकी थी, पहली बार किसी के साथ गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके चुदाई केने में मुझे बहुत मजा आया. पर इस एक गलत असर भी हुआ.
अजित को मैंने अपनी आप बीती सुना दी थी, उसके बाद वही हुआ जो मेरे मन कह रहा था. अंजित ने मुझे पकड़ लिया और ऐसा लग रहा था की अब वो मुझे जरुर चोदेगा.
अजित मेरे घर आने वाला था पर मेरे काफी इन्तेजार करने पर भी वो नहीं आया. लेकिन जब मैं सोने लगी तो वो मेरे घर के बहार आ खड़ा हुआ जिससे मैं घबरा गयी.
पति बात करते हुए मुझे पता चला की उनका किसी दूसरी औरत के साथ चक्कर चल रहा है. पर मेरे पति ने मेरे ऊपर ही लांछन लगते हुए कहा की तुम भी किसी गेर से चुदवाती हो.
जैसे ही मेट्रो ट्रैन रुकी, की अजित ने लगभग मुझे अपनी बाँहों में उठा लिया और दौड़ कर दरवाजा खुलते ही अंदर घुस गया। आगे क्या हुआ अब यह तो आप कहानी में जानिए!