Bhoot To Chala Gaya – Part 12
मैं स्वयं अपने इस उच्चारण से आश्चर्य चकित हो रही थी। मैंने इस तरह इतनी गन्दी बातें मेरे पति राज से भी नहीं की थी। और मैं थी की उस वक्त एक गैर मर्द से एक
मैं स्वयं अपने इस उच्चारण से आश्चर्य चकित हो रही थी। मैंने इस तरह इतनी गन्दी बातें मेरे पति राज से भी नहीं की थी। और मैं थी की उस वक्त एक गैर मर्द से एक
हम इतने करीबी से एक दूसरे के बाहु पाश में जकड़े हुए थे की जब मैंने समीर के लम्बे और मोटे लण्ड को अपनी हथली में लेने की कोशिश की तो बड़ी मुश्किल से हमारे दो
इंडियन हिन्दी सेक्स स्टोरी हिंदी चुदाई कहानी जब हम गाढ़ चुम्बन में लिपटे हुए थे की समीर का एक हाथ मेरी पीठ पर ऊपर निचे घूम रहा था। साथ साथ में मेरा गाउन भी
मैंने जब समीर के गाल चूमे तो समीर की शक्ल देखने वाली थी। वह काफी समय तक अजीब ढंग से बिना कुछ बोले वहीं पर बैठा रहा। थोड़ी देर बाद समीर ने कहा, “जब तुम सो रही
मेरे पति की बात सुनकर मेरी आखें नम हो गयीं। भला ऐसा पति किसी को मिलेगा क्या? मैंने कहा, “जानूं, मैं नहीं जानती तुम क्या सोच रहे हो। पर तुम निश्चिन्त रहो..
राज फ़ोन पर थे। वह मेरे स्वास्थ्य के बारे में पूछ रहे थे, पर मुझे बुरी तरह से छींकें आ रही थी। उन्होंने टीवी में मुंबई में भारी वर्षा के बारे में सुना था।
मेर पति ने हाथ का झटका देते हुए कहा, “तुम बकवास कर रही हो। न तो तुमने और न तो समीर ने कुछ भी ऐसा किया की जो पश्चाताप या डाँट के काबिल था। तुमने समीर को ब्लाउज में हाथ..
मैं जानती थी की मेरे लिए वह काम करना नामुमकिन था। एक तो मैं थकी हुई भी थी। मैंने बॉस को समझाने की बड़ी कोशिश की पर उसका कोई असर नहीं पड़ा। बॉस ने कह दिया की..
जब मैं हारी तब मैं बड़े ही असमंजस में पड़ गयी की मुझे क्या सजा मिलेगी। समीर ने मुझे फैशन परेड मैं जैसे लडकियां कैट वाक करती हैं, ऐसे चलने के लिए कहा।
समीर के बारे में मेरे पति राज की बात सुनकर मुझे बड़ा सदमा लगा। राज की बात सौ फीसदी सही थी। मुझे समझ नहीं आ रहाथा की मैं क्या बोलूं। आखिरमें राज जुंझला कर..
कुछ दिनों के बाद समीर सर ने मुझसे आग्रह किया की मैं उन्हें ‘समीर सर’ न कहूँ। मैं उन्हें मात्र समीर ही कहूँ। शुरू में थोड़ा मुश्किल लगा पर धीरे धीरे मैं उनको..
मैं एक करारी 32 साल की शादीशुदा औरत थी। राज एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में व्यवस्थापक के ओहदे पर काम करता था। उसे मुम्बई और पुणे कार्यालय देखने पड़ते थे। एक हफ्ता वह मुम्बई..