मां ने दिया पहली चुदाई का मौका (Maa Ne Diya Pehli Chudai Ka Mauka)

मेरा नाम सुनील है, और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। मैं आप सब को अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूं। तो चलिए कहानी शुरू करता हूं।

मेरी उमर अभी 21 साल की है, और मैं कॉलेज के आखरी साल में हूं। जब ये घटना घटी, तब मैं 19 साल का था, और कॉलेज के पहले साल में था। उस वक्त तक मैंने पॉर्न तो बहुत देखा था, और मुठ भी बहुत मारी थी, लेकिन असल में कभी किसी लड़की को छुआ तक नहीं था। लेकिन एक दिन मेरी मम्मी ने मुझे अपनी चूत दे कर मेरा कुंवारापन भंग किया। आइए सब बताया हूं।

जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं मुठ बहुत मारता था, तो मेरा शरीर कमजोर होने लग गया था। मैं पतला होता जा रहा था। एक दिन पापा ने मुझसे ऐसे ही पूछा-

पापा: बेटा क्या बात है, पतला होता जा रहा है। खाना ठीक से नहीं खा रहा क्या?

उनकी ये बात सुन कर मैं थोड़ा घबरा गया। क्योंकि मैं तो जानता था कि मैं अपनी ताकत कहां निकाल रहा था। लेकिन फिर मैंने जवाब दिया-

मैं: पापा जितनी भूख लगती है, उतना तो खा लेता हूं। आज-कल भूख ही कम लगती है।

मेरी ये बात मम्मी ने सुन ली, और वो बोली: कहीं शरीर में गर्मी तो नहीं हो गई, जो भूख नहीं लगती? कल तुझे डॉक्टर को दिखाती हूं, इससे पहले कि कोई और प्रॉब्लम हो जाएं।

मैं बोला: नहीं मम्मी, डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। ये मौसम ही ऐसा है।

मम्मी बोली: तेरे लिए ही मौसम ऐसा है। हमें तो ठीक भूख लगती है। कल एक बार डॉक्टर के पास जाएंगे, और तसल्ली करके आयेंगे। तू बस तैयार रहना।

अब मेरे पास मम्मी के साथ जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। फिर अगले दिन हम डॉक्टर के पास गए। उसने मेरा अकेले में चेकअप किया। आखिर में उसने पूछा-

डॉक्टर: मुठ कितनी मारते हो?

जब मैंने बताया तो उसने कहा-

डॉक्टर: इतनी मुठ मारोगे तो कमजोरी तो आएगी ही।

मैंने कहा: सर प्लीज़ मम्मी को ये मत बताना। वरना मुझे बहुत डांट पड़ेगी।

डॉक्टर: बताऊंगा, तभी तो उनको कारण पता चलेगा।

ये कह कर डॉक्टर और मैं बाहर आ गए। फिर मैं उनके केबिन से बाहर आ गया, और मम्मी अंदर जाके डॉक्टर से पूछने लगी। केबिन के दरवाजे पर शीशा होने की वजह से वो लोग दिखाई तो दे रहे थे, लेकिन सुनाई कुछ नहीं दे रहा था। मेरा दिल जोर से धड़क रहा था, कि मम्मी को सच पता चलने के बाद मम्मी मेरी गांड फाड़ देगी।

फिर मम्मी कुछ दी में बाहर आई। मेरी धड़कन और तेज़ हो गई।

मम्मी बाहर आके बोली: चल चलते है।

मैं बोला: मम्मी, क्या हुआ?

मम्मी: कुछ नहीं, डॉक्टर ने कहा सब ठीक है, बस खाना सही से खायेगा तो सब ठीक हो जाएगा।

मैं ये सुन कर हैरान हो गया, कि डॉक्टर ने मम्मी को कुछ नहीं कहा। मैं मन ही मन उसको दुआएं देने लगा। फिर हम घर पहुंच गए। सब नॉर्मल चल रहा था। ऐसे ही रात हो गई, और मैं अपने कमरे में जा कर सोने लगा। मैंने सोचा था कि अब मुठ नहीं मारूंगा, क्योंकि डॉक्टर हर बार नहीं बचाएगा। लेकिन जैसे-जैसे रात होती गई, मुझे मुठ मारने की तलब लगने लगी।

फिर हार कर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया, और उसको हिलाने लगा। मजे से मेरी आँखें बंद हो गई। कुछ देर बाद मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ। मैंने आँखें खोली, तो मम्मी मेरे लंड पर हाथ रख कर मेरे सामने बैठी थी। उन्होंने नीले रंग की नाइटी पहनी थी, जो वो अक्सर पहनती थी। उनको देख कर मैं डर गया, और खुद को ढकने की कोशिश करने लगा।

तभी मम्मी बोली: घबराओ मत, मैं सब जानती हूं। डॉक्टर ने सब बताया मुझे। अगर तू मुठ नहीं छोड़ेगा तो और कमज़ोर हो जाएगा, और फिर बीमार हो जाएगा। इसलिए मैं तुझे चूत का चस्का लगा दूंगी, जिससे तेरी मुठ छूट जाएगी।

मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि वो क्या बोल रही थी। तभी मम्मी ने अपना मुंह नीचे किया, और मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया। आह क्या जन्नत थी ये? इतनी गर्माहट! मम्मी मेरा लंड चूसने लग गई, और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करता। फिर मैंने सच्चाई को समझते हुए उन पॉर्न वीडियोस को याद किया, और अपना हाथ मम्मी की पीठ पर फेरने लगा।

कुछ देर लंड चूसने के बाद मम्मी सीधी हुई, और अपनी नाइटी खोल दी। ओह भगवान, नीचे मम्मी ने कुछ नहीं पहना था। उनके बड़े-बड़े चूचे ब्राऊन निपल्स वाले लटक रहे थे। नीचे उनकी चूत बालों में घिरी दिख रही थी। उनके चूचे देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मम्मी ने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने एक चूचे पर रखवाया, और दूसरे पर मेरा मुंह लगा दिया। अब मैं एक चूचा चूस रहा था, और दूसरा दबा रहा था। मम्मी मेरा लंड हिला रही थी।

फिर मम्मी खड़ी हुई, और अपनी नाइटी उतार कर साइड में फेंक दी। अब वो पूरी नंगी थी। उन्होंने मेरे भी बाकी कपड़े उतरवा दिए, और मुझे नंगा करके लिटा दिया। फिर मम्मी मेरे ऊपर आई, और लंड पर अपनी चूत रगड़ने लगी। उनके मुंह से आह आह की आवाजें निकल रही थी। उनकी चूत पूरी गीली थी।

फिर मम्मी ने लंड हाथ में लिया, और चूत के मुंह पर लगाया। फिर उन्होंने गांड आगे की तरफ की, और लंड चूत में चला गया। उन्होंने और जोर लगाया, तो पूरा लंड अंदर घुस गया। आह! ऐसी ही आवाज मेरे मुंह से निकली। मम्मी ने भी सिसकी भरी। मैं तो जन्नत में पहुंच चुका था।

मम्मी ने मेरी छाती पर हाथ रखे, और गांड ऊपर-नीचे करके मुझे चूत का मजा देने लगी। ये मजा मुठ से कहीं ज्यादा था। मम्मी के चूचे हवा में उछल रहे थे। फिर मैं भी मम्मी की गांड पकड़ कर उनको हवा में उछालने लगा। मम्मी आह आह आह कर रही थी। कुछ देर ऐसे ही चुदने के बाद मम्मी नीचे लेट गई, और मैं ऊपर आ कर उनको चोदने लगा। मैं तेजी से धक्के मार रहा था, और उनके होंठ और चूचे चूस रहा था। 20 मिनट बाद जब मैं झड़ने वाला हुआ, तो मम्मी मेरा लंड चूसने लगी। फिर मेरा पानी उनके मुंह में निकला, और वो पी गई।

अब मैं शांत हो कर लेट गया। मम्मी ने नाइटी पहनी, और जाते हुए बोली-

मम्मी: 2 दिन मुठ नहीं मारेगा तो फिर से दूंगी।

इस तरह मम्मी हर बार दिन बढ़ाती गई, और मेरी मुठ मारने की आदत छुड़वा दी। थैंक यू मम्मी।

दोस्तों कहानी कैसी लगी [email protected] पर फीडबैक दें।

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