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गर्लफ्रेंड की बड़ी बहन चुद गई-1 (Girlfriend Ki Badi Behan Chud Gayi-1)

हेलो दोस्तों, मेरी हिंदी चुदाई कहानी में मैं आपका स्वागत करता हूं। मेरा नाम रोहन है, और मैं झारखंड के गढ़वा जिला का रहने वाला हूं।

मैं अपनी लाइफ की पहली चुदाई कहानी आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। जोकि हमारे साथ घटित हुई थी हमारी योवन अवस्था में।

यह घटना 2015 की है, जब मैं अपने कॉलेज के दिनों में था। मैं अपनी बेहतर पढ़ाई के लिए अपनी बहन के यहां चला गया, और मैं वहां पहली बार गया था। अपनी बहन के यहां कुछ दिन बिताने के बाद वहां एक पड़ोसी से मेरी दोस्ती हुई। उसका नाम अंकित था। अंकित की तीन बहने और एक भाई था। वह घर में सबसे छोटा था।

अंकित के मम्मी पापा उड़ीसा में रहते थे‌। वहां उनका जॉब था। अंकित घर पर अपनी बहनों और भाई के साथ रह कर पढ़ाई करता था। अंकित से मेरी दोस्ती विश्वकर्मा पूजा के दिन हुई। विश्वकर्मा पूजा के शुभ अवसर पर उसने फुटबॉल लिया। वहां फुटबॉल खेलने के लिए उसके पास कोई नहीं था, और मैं भी घर में रह-रह कर और पढ़ाई करते-करते बोरिंग फील कर रहा था। उसी समय मैं फुटबॉल देख करके घर से बाहर निकला तो हम दोनों ने मिल कर फुटबॉल खेलना शुरू किया।

उसी समय से हमारी दोस्ती शुरू हो गई। ऐसे करके मैं और अंकित दोनों प्रतिदिन फुटबॉल खेलने लगे, और उसे देखते-देखते और भी पड़ोस के एक-दो लड़के हम लोग के साथ मिल कर के खेलने लगे। ऐसे खेलते-खेलते अंकित से मेरी काफी दोस्ती अच्छी और गहरी हो गई। मैं धीरे-धीरे करके खेलने के बहाने अंकित के घर भी आने-जाने लगा।

उसके बाद दशहरा और दिवाली बीती, और छठ महापर्व शुरू हुआ। वह छठ महापर्व में हमारे यहां छठ पूजा किसी कारणवश नहीं हो पा रहा था। तो मेरे जीजा जी ने छठ महापर्व का जो प्रसाद होती है, उसे बना कर और ईंख को प्रसाद के रूप में अंकित के घर वालों को दिया। ताकि वह जब छठ पर्व करें तो हमारे घर की तरफ से भी प्रसाद के रूप में उसे छठ माता को चढ़ा दे।

इसी बहाने मैं उनके फैमिली मेंबर्स से भी रूबरू हुआ, और छठ पूजा में साथ मिल कर छठ महापर्व का आनंद लिया। उनके परिवार से अच्छी खासी हमारी दोस्ती हो गई। उनके बड़े भाई, उनकी भाभी, और उनकी तीनों बहनें। हां एक चीज मैं बताना भूल गया। अंकित की जो सबसे बड़ी बहन थी, वो थोड़ा डिप्रेशन में थी, तो उन्हें बड़ी सहजता के साथ घर में रखा जाता था।

उसके बाद उनकी दूसरी बहन जिनका नाम रश्मि था, और छोटी बहन का नाम सुषमा था, और जो डिप्रेशन में थी, उनका नाम शिवानी था। अंकित के बड़े भाई का नाम आकाश था, और उनकी भाभी का नाम रानी था। रश्मि रंग की सांवली थी, पर इतनी कमाल की थी, इतनी कमाल की, कि किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच लेती थी। कोई भी मर्द या लड़का अगर देखे तो देख करके खाली अपने लंड को जरूर सहलाता। हर लड़का एक बार सोचता था कि काश ये मुझे मिल जाती, इतनी आकर्षक इतनी सेक्सी थी, कुछ कहा नहीं जा सकता है।

लड़कों की लाइन लगी रहती थी उसके आगे-पीछे,‌ सांवली होने के बावजूद इतनी सेक्सी थी। उसके बाद उसकी छोटी बहन सुषमा। सुषमा गोरी थी और अच्छी थी लेकिन रश्मि के जैसी नहीं थी। अंकित का बड़ा भाई घर में बड़ा दबाव बना करके रखता था। घर के सारे लोग अंकित के भाई आकाश से डरते थे। कोई भी काम करने से पहले वह लोग उससे पूछ करके किया करते थे।

कहीं आना-जाना, या किसी के साथ खेलना-कूदना, या खाना बनाना, खाना कुछ भी, बहुत सख्त था बंदा अपनी फैमिली को लेकर के। और मैं एक सीधा-साधा बंदा। मैं अपने बारे में बता दूं‌। मैं भी रंग से काला हूं, और दुबला-पतला हूं। कोई ज्यादा हैंडसम नहीं एक-दम नॉर्मल‌। हालांकि मुझे कोई देख करके कुछ लोग ज्यादा पसंद नहीं करते थे, लेकिन फिर भी भाई इंसान हूं तो प्यार किसे नहीं चाहिए? सेक्स कौन नहीं करना चाहता है?

मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया था। मैं अपनी लाइफ में सेक्स नहीं कर पा रहा था, सिर्फ हस्तमैथुन करके काम चलाता था। किसी तरह मैं भी हस्तमैथुन करते-करते थक चुका था। मुझे बहुत जरूरत थी लड़की की। मैं भी सेक्स करना चाहता था, मजे लेना चाहता था। पर कहीं मिल ही नहीं रहा था। फाइनली मैं जब अंकित की बड़ी बहन को देखा, मेरा भी होश ठिकाने नहीं रहा। मैं भी सोचा यार मैं क्या करूं, पर मैं सोच कर कई बार पीछे मुड़ गया।

मैं अफसोस भी करने लगा कि यार मुझे देख कर कौन लड़की भाव देगी, ऐसा मुझे लगता था। फिर धीरे-धीरे उसकी फैमिली में हमारा आना-जाना बढ़ा। मैं कभी-कभी घर पर कुछ इलेक्ट्रिक काम कर लिया करता था, जैसे घर में लाइट लगाना, पंखा ठीक करना, टीवी ठीक करना, यह सब चीज। कुछ-कुछ अपनी रुचि के हिसाब से मैं अपने काम कर लिया करता था। तो मेरे काम को लेकर के ना मेरे आस पड़ोस के लोग मुझे बुलाया करते थे, कि रोहन मेरे यहां लाइट खराब है थोड़ा लाइट ठीक कर दो।

तो इस सिलसिले में मैं कभी उनके यहां जाया करता था। मैं ज्यादा टाइम अंकित के यहां भी जा-जा कर उनके यहां लाइट का जो प्रॉब्लम होता था उसको सॉल्व किया। इसी तरह करते-करते और नजदीकियां बन गई, और उनकी फैमिली मेंबर में सब के पास मेरा मोबाइल नंबर हो गया, तो सिलसिला यूं शुरू होता है।

धीरे-धीरे उनकी बड़ी बहन हमसे काम करवाने लगी। उनके फैमिली में कोई होता नहीं था। उनकी भाभी मेडिकल में जॉब करती थी, तो उनके भैया हमेशा उन्हें छोड़ने-लेने का काम करते थे। उसी में वह बिजी रहते थे। उनके मम्मी पापा उड़ीसा रहते थे, तो बच गए थे अंकित, अंकित की बड़ी बहन जो डिप्रेशन में थी शिवानी, उसके बाद जो सबसे ज्यादा सेक्सी थी रश्मि, और सबसे छोटी बहन सुषमा।

यह चारों लोग घर में रहते थे, और यह चार लोगों को घर से बाहर-जाना अलाउड नहीं था। उसके बड़े भाई आकाश ने बहुत ही सख्त कानून घर में लगा के रखा था, कि कोई घर से बाहर नहीं जाएगा। हां कुछ जरूरत पड़े तो अंकित जाएगा दुकान से सब्जी, फल, दूध वगैरा जो भी जरूरत का समान है वह ले आएगा।

लेकिन कोई भी उनकी बहन घर से बाहर नहीं निकलती थी ऐसी स्थिति में मेरा या किसी का भी टांका फिक्स होना बड़ा मुश्किल हो गया था। ऐसी मुश्किल परिस्थिति में कभी-कभी अंकित भी अपनी बहनों की बात नहीं मानता था, कोई काम नहीं करता था ठीक से। तो ऐसी स्थिति में उनकी बहनें मुझे कॉल करती थी और बोलती थी, कि भाई मेरा एक काम कर दो, यह कर दो, सामान ला दो, या मोबाइल रिचार्ज कर दो। कई तरह के काम मुझसे उन्होंने करवाने शुरू कर दिए।

इसके आगे हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। फीडबैक के लिए sureshbindnawada@gmail.com पर मेल करे।

अगला भाग पढ़े:- गर्लफ्रेंड की बड़ी बहन चुद गई-2

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