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दोस्ती के लाभ (Dosti ke laabh)

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम विशाल है। मैं मुंबई का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 22 साल है, और मैं अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा हूं। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, तो मैं आप सभी से आशा करता हूं कि मुझसे कोई ग़लती हो तो मुझे माफ़ करना।

ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की है, जिसका नाम सृष्टि है। उसकी उम्र 21 साल है और ऊंचाई 4 फुट 11 इंच है। उसका रंग थोड़ा गेरुआ है, लेकिन वो दिखने में काफी प्यारी दिखती है। मैं उसके शरीर के बारे में बता दूं। उसका फिगर साइज 32-26-34 है। ये बात इसी साल के जनवरी माह की है, जब मेरा और उसका मिलन पहली बार हुआ था। मतलब हम दोनों के शरीर एक-दूसरे से मिले थे बिस्तर पे।

हुआ यू कि हम दोनों ने एक डेट पे जाने का तय किया था, लेकिन हमने घर आते आते काफी देर हो गई थी, और मुंबई की आखिरी लोकल ट्रेन भी जा चुकी थी। हमने अपने घर पे बता तो दिया था कि हम अगली सुबह आएंगे लेकिन समस्या ये थी कि अब हम रात कहां बिताते? तो इसलिए हमने अपना फोन में देख के अपने पास की लोकेशन पे एक इकोनॉमी होटल रूम बुक किया एक रात के लिए।

फिर हम दोनों ने वहां जाकर चेक इन किया। उसके बाद हम अपने कमरे में आ गए। उस रात सृष्टि ने एक काले रंग का शॉट गाउन पहना था जो स्ट्रैपलेस था।कमरे में आती है ही हमने एसी ऑन किया और दोनों के लिए एक ग्लास रेड वाइन ऑर्डर किया।

वाइन के आते ही हमने रिसीव किया, और एक ही घूंट में पी गए। उसकी वजह से हम दोनों को कब नशा हो गया पता ही नहीं चला। क्योंकि हमने पहले से पी रखी थी।

अब देखते ही देखते मैं सृष्टि की तरफ बढ़ा और उसके गालों को पकड़ के उसके होठों पर किस करने लग गया। उसने मुझे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया और वो भी मेरा साथ देने लगी। कुछ ही मिनट में एक नॉर्मल किस अब स्मूच बन चुका था और हम दोनों एक-दूसरे को बेइंतहा चूम रहे थे। मैं कभी उसकी जीभ को काटता तो कभी उसकी गर्दन को।

इसी बीच सृष्टि ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए थे, और मेरी शर्ट को निकाल कर फेंक दिया था। मैंने भी इस बार सृष्टि को उसके दोनों गांड पर हाथ लगाते हुए उठा के अपने ऊपर ले लिया, और खुद सोफे पर बैठ गया‌। सृष्टि किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मैं अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म करके मजे ले रहा था। ये हम दोनों का पहली बार था।

सृष्टि कभी मेरे निपल्स को काटती है तो कभी मेरे कान को। मैं अपने एक हाथ से उसकी गांड को गाउन के ऊपर से दबा रहा था, और दूसरे हाथ से उसके गले को पकड़े हुए था। अब मैंने सृष्टि के स्ट्रैपलेस गाउन को पीछे लगे हुए चेन से खोल दिया, और निकाल दिया। अब सृष्टि मेरे सामने सिर्फ काले रंग की ब्रा और पेंटी में थी।

अब मैंने सृष्टि को अपनी बाहों में उठा लिया, और उसे ले जाके बिस्तर पे सुला दिया, और खुद किसी भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा। मैं उसे स्मूच करने लगा, और उसकी गर्दन पर काटने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। अब वो खुद अपने पेट की तरफ होके सो गई, जिससे मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए, और उसकी नंगी पीठ पर किस करने और काटने लगा।

इसके बाद दोस्तो मैंने उसे सीधा सुला दिया, और फिर से उसे किस करने लगा। मैं अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत को मसलने लगा पेंटी के ऊपर से। उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। फिर मैंने नीचे जाके उसकी पेंटी को एक ही बार में पैरों से निकाल दिया, और उसकी क्लीन शेव हुई चूत पे किस किया।

अब मैंने अपनी एक उंगली उसकी कुंवारी चूत में डाली, जिससे वो मचल गई, और सिसकियां लेने लगी। इसी बीच मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना चालू कर दिया, जिससे वो और पागल हो गई, और बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी, और आहें भरने लगी।

सृष्टि ने एक बार पानी छोड़ा था। लेकिन मैं फिर भी उसकी चूत को चाट रहा था। वो मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत पर दबा रही थी, और सिसकियां ले रही थी।

सृष्टि: आअहह अह्ह्ह्ह विशाल, और जोर से चाटो। मेरी चूत को खा जाओ। मैं सिर्फ तुम्हारी हूं अह्ह्ह आअह्ह उह्ह।

वो सिसकियां ले रही थी और मैं उसकी चूत को नीचे से खा रहा था। इसी बीच उसने एक बार फिर से पानी छोड़ दिया, जिसे मैंने पूरा पी लिया, जो कि थोड़ी नमकीन या थोड़ा कसेला था स्वाद में।

अब सृष्टि की बारी थी। तो उसने पहले मुझे बिस्तर पर धक्का दिया, और फिर मेरी जींस को खोल के निकाल दिया। अब मैं सिर्फ अपने अंडरवियर में था, जिसमें से मेरा 7 इंच का लंड साफ पता चल रहा था। सृष्टि ने बिना देर किया मेरे अंडरवियर को निकाल दिया, जिससे मेरा 7 इंच का लंड सीधा सृष्टि के नाक पर जा लगा, और वो हंसने लगी।

अब सृष्टि अपने दोनों मुलायम हाथों से मेरे मजबूत लंड को पर पकड़ बना के उसके टोपे को ऊपर नीचे करने लगी और मेरे लंड की त्वचा को ऊपर करके उसे चूमा। फिर देखते ही देखते उसने मेरे लंड को चूसना और चाटना चालू कर दिया। वो कभी मेरे लंड को ऊपर से, कभी साइड से, तो कभी उसकी त्वचा हटा के चाट रही थी, जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं ख़ुद को सातवे आसमान पे महसूस कर रहा था।

बीच-बीच में वो मेरे गोटों को भी चाट रही थी, और अपने मुंह में लेके किसी गुलाबजामुन की तरह चूस रही थी। अब मैंने सृष्टि को खुद से अलग किया और बिस्तर के किनारे पे बैठ गया, और सृष्टि को बिस्तर के नीचे घुटनों पे बैठने को कहा। फिर उसके सर को पकड़ के अपने लंड पर दबा दिया और उसके मुंह को चोदने लगा, जिससे वो गुगुगु उम्म्म उम्म्म्म गुगु की आवाज करने लगेगी और मैं उसके मुंह को चोद जा रहा था।

अब मैंने सृष्टि को खड़ा किया और उसे उठा के काउच पे पटक दिया। फिर सृष्टि की लार से सना हुआ अपना लंड मैंने सृष्टि की चूत पर रख दिया और घुमाने लगा।

वो बोलने लगी: विशाल और मत तड़पाओ, जल्दी से डाल दे तेरा लंड मेरी चूत में, और बना ले मुझे अपनी।

मैंने भी बिना टाइम बर्बाद किए एक जोर का धक्का दिया, जिससे मेरा 7 इंच का लंड सृष्टि की कुंवारी चूत में घुस गया। अभी सिर्फ मेरे लंड का टॉप ही गया था कि वो बहुत तेज से चिल्लाने लगी। मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रख के उसकी आवाज़ को खुद में ले लिया, और नीचे से एक और जोर का धक्का दिया। इससे इस बार आधा लंड उसकी चूत में चला गया।

उसने मुझे बहुत कस के पकड़ रखा था, और मेरे कंधे पे अपने दांतों के निशान बना दिए थे। मैंने भी मौका देखा है एक बार फिर से पूरी ताकत के साथ धक्का लगाया और अपना 7 इंच का लंड पूरा उसकी चूत में डाल दिया। उसकी चूत में से काफी खून निकल रहा था।

इसलिए मैंने कुछ समय के लिए कुछ नहीं किया। फिर जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैंने धीरे-धीरे धक्का देना शुरू किया, और देखते ही देखते उसका दर्द उसके लिए मजे में बदल गया‌। अब वो अपनी गांड उठा-उठा के मेरे हर एक झटके का जवाब दे रही थी।

इस बीच उसने पानी छोड़ दिया, लेकिन मेरा अभी हुआ नहीं था, तो मैंने उसे अपनी बाहों में उठा लिया, और बिस्तर पर लाके उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख के अपना लंड उसकी चूत में सेट करके उसकी चूत चोदने लगा।

मुझे सृष्टि की चुदाई करते हुए 20 मिनट हो गए थे, जिसमें सृष्टि 3 बार पानी छोड़ चुकी थी। ऐसे ही कुछ मिनट तक मैंने सृष्टि की चुदाई की और लगभग 40 मिनट की चुदाई के बाद मैंने भी अपना वीर्य सृष्टि की चूत में निकल दिया। इससे उसे और मुझे बहुत राहत मिली।

कुछ समय तक तो हम दोनों बिस्तर पर ही साथ थे सोए रहे। फिर उठ कर बाथरूम गए, और दोनों ने खुद को साफ किया। सृष्टि को चलने में थोड़ी परेशानी हो रही थी, इसलिए मैंने उसकी मदद की, ऐसे ही हमने कुछ समय बिताया। उसके बाद चुदाई का एक और दौर चालू किया, जिसमें मैंने सृष्टि को 45 मिनट तक चोदा।

इस बार मैंने उसे अलग-अलग स्थिति में चोदा, कभी मिशनरी, कभी डॉगी स्टाइल, कभी फॉरवर्ड काउगर्ल, तो कभी बैकवर्ड काउगर्ल,‌ और आखिर में बैकवर्ड प्रोन जिसमें लड़की अपने पेट के साइड सोई होती है, और लड़का अपना लंड उसके ऊपर सो कर उसकी चूत में डाल कर उसकी चुदाई करता है। तो इसी पोजीशन में मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया, और उसे किस करते हुए उसके बालों के साथ खेलने लगा।

इसी बीच कब हमें नींद आ गई और कब हम सो गए, हमें पता ही नहीं चला। जब उठे तो सुबह हो गई थी, तो हम ताजा हुए, नाश्ते का ऑर्डर करके नाश्ता किया, फिर होटल से चेक आउट करके अपने घर की और चल दिए।

तो दोस्तों ये थी मेरी पहली कहानी। मैं आप सब से उम्मीद करता हूं कि आपको पसंद आई होगी और अगर मुझे कोई गलती हुई हो तो प्लीज मुझे माफ करना। साथ ही अगर इस कहानी को आप सब का प्यार मिला तो मैं अपनी और सृष्टि की और भी कहानियां शेयर करूंगा।

धन्यवाद।

कृपया मुझे फीडबैक देना ना भूले मेरी मेल आईडी पे।

patelvishal0210@gmail.com

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