पिछले भाग: नानी की चूत और मां की गांड़ मारी
हेलो दोस्तो मै प्रकाश मेरी पिछली कहानी नानी की छूट और मां की गांड़ आप ने पढ़ी होंगी कैसे मेरे नानी ने मेरे लंड का उद्घाटन किया। अब मैं आगे की कहानी बताता हु
दोस्तो इस दिन के बाद हमने एक हफ्ते तक चुदाई नही की क्यो की मां को भुकार हो गया और कमर को भी झडका लगा तो वो घर मे ही थी तो हमे मौक़ा ही नही मिल रहा था। और मेरी नानी की चूत को भी जवान लंड का लालच और बड रहा था।
जब भी मौका मिलता वो मेरे पेंट मे हात डालकर लंड पकड़ती और मैं बहोत डर जात कहीं मां को पता ना चले।
मै भी मौके की तलाश में था और दूकान मे बैठ कर सोच ही रहा था की कैसे नानी को चोदूं। तभी नानी दूकान में आई और बोलीं। बेटा तूमे एक बात बतानी है।
मै:- बालो नानी?
नानी:- तेरी मां हमें चुदाई का मौका नहीं देगी क्यूं ना उसे भी हमरे साथ जोड़ लें।
मै सोचने लगा चुदाई के चक्कर मे नानी पागल तो नहीं हुइ.. मां को हमारे बारे मे पता भी चल जाए तो हंगामा हो जायेगा और ये मां को ही चोदने की बात कर रही है..
मै:- नानी ये कैसी होगा। यह मै नही कर सकता
नानी:- देख तू डर मत मै हु तुमारे साथ। वैसे भी सुनंदा भी चुदाई के लिऐ तड़प रही है है। मैने देखा रात को चूत मे उंगली कर रही थी।
तभी मां भी दूकान मे आ रही थी तो हम शांत हो गाए
मां:- बेटा जरा खेत में चक्कर लगा कर आओगे क्या।
मै:- ठिक है मां
नानी:- रुको मैं भी आती हु।
मां:- मां आप क्या करोगे उसके साथ जाकर।
नानी:- ऐसे ही जाऊंगी मैने भी जब से आईं खेत नही देखा।
मां:- अच्छा फिर जल्दी आना मै दूकान चलाती हु।
मै और नानी बाइक से खेत में जाने लगे तभी खेत की तरफ़ जाने वाला कच्छा रास्ता था तो मैंने साईड में गाड़ी खड़ी की और पैदल जाने लगे।
नानी:- बेटा यहां किसी खेत में चलकर एक बार चुदाई कर मेरी फिर खेत मे चलते है।
मै:- नही नानी यहां बहोत लोग आते है। हमारे खेत मे ही चलेंगे कोइ नही रहता वहा।
5 मिनट मे हम खेत मे पोहाच गए।
मै:- नानी मेरे पिछे आओ
फिर मै नानी को खेत के बीच मे ले गया और नीचे बैठ कर दोनो जगा साफ करने लगे।
नानी:- पूरी नंगी हो जाऊ? यहां कोइ आएगा तो नही
मै:- कोइ नही आएगा
नानी ने साड़ी निकाल कर नीचे बिछाई और पेटीकोट ऊपर उठाकर चड्डी निकाल दी और ब्लाउज के बटन खोले.. मैने भी अपना लोअर और चड्डी निकाली। नानी ने मेरा लंड चूसा फिर मैने नानी की चूत चाटी।
नानी ने मेरे बाल पकड़ कर मेरे होठ चूसने लगी। उनके मुंह से पान का टेस्ट आ रहा था। फिर टांगे खोल कर लेट गई और मेरा लंड चूत के छेद पर लगाए और मैने भी धक्के स्टार्ट कीए। नानी अनपी आंखे बंद करके मजा लेने लगी।
मै अब जोड़ से चोदने लगा। तभी मै चूत में झड़ गया। और लंड बाहर निकाला। नानी की ढीली चूत से मेरा विर्य बाहर निकले रहा था। नानी मेरा लंड चूसकर साफ करने लगी।
फिर मैने नानी की चूत को उंगली से सहलाया और बॉब्स चुनने लगा।
नानी:- जोर से उंगली कर आहा आहा आहा
मै जोड़ से उंगली करने लगा तभी नानी पूरी अकड़ गई और उनकी चूत ने पानी छोड़ दीया।
मै:- नानीजी आप के गांड़ मे मुझे कब डालने दोगी
नानी:- गांड़ में नही दर्द होता है।
फिर हमने कपडे पहने और बाहर आकर बैठे।
नानी:- देख मै तेरा मामला सेट कर दूंगी तुझे गांड़ भी मिलेगी पर तू डरना मत जेसे मै बोलूंगी वैसे करना।
मै:- क्या करना है मुझे
नानी:- तेरे मां के कमर को झटका लगा है। मैने आज सुबह उसकी मालिश की कल तुम उसकी मालिश करना।
मै वही रहूंगी जैसे बताऊंगी वैसे करना।
मै:- ठिक है।
फिर हम घर आएं और मैं अगले दिन का इंतजार करने लगा।
अगले दिन शाम हो मां ने नानी को कमर पे तेल मालिश करने को कहा । नानी ने मां को उल्टा लेटाया और कमर पर तिल की मालिश करने लगी। फिर ब्लाउज के बटन खोल दिए..
नानी:- ब्लाउज निकाल दे खराब हो जायेगा
मां ने ब्लाउज निकाल तो मां ऊपर से नंगी थी। फिर कंधे से लेकर कमर तक तेल लगाया और मालिश करते वक्त मुझे आवाज दी तो मै बाहर ही था अंदर गया तो नानी बोलीं मैं बाथरुम से आती ही तब तक मां के पीठ पर तेल मल दे।
मां:- मां आप ही मल दो..
नानी:- उसे मलने दो क्या होंगा..?
फिर नानी बाहर गई और मैं मालिश करने लगा। मेरा ध्यान मां के बूब्स पर था जो नीचे दबे हुई थे पर दबाव के वजह से आंधे बाहर आएं थे।
मां के हात ब्लाउज के जगह से अंदर गेहूए रंग के थे और उनके बगल मे बालो का गुच्छा देख मेरा लंड पुरा खडा हो गया था। नानी ने इशरा करले हाथ बूब्स पर ले जाने को बोला। मै भी कोशिश करने लगा पर जब भी हात बढ़ाता मुझे डर लगने लगा।
मां भी शर्म से सर नीचे दबा कर लौटी थी। मै मां की गांड़ पर लंड दबकर पीठ पे वेट डालने लगा और मालिश करने लगा। फिर नानी अंदर आई..
नानी:- अरे तू तो बहोत अच्छे से कर रहा है।
थोड़ा पैर भी दबा देना मां के।
पीठ के मालिश के बाड मै पैर दबाने लगा और दबाते दबाते घुटनों तक गया तभी नानी ने तेल पैरो पर लगाया और साड़ी जांघों तक ऊपर की और बोलीं अब दबाओ..
मै जांघों तक दबाने लगा और मुझे मां की चड्डी दिख रही थी। और मालिश करते हुऐ अब मै अन्दर गांड़ तक हाथ फेरनेकी कोशिश करने लगा।
नानी:- बेटी सीधी लेट जाओ
मां:- इसके सामने कैसे मां?
नानी बेटा ही तो है शर्माना क्या इसमें
मां सीधी हो गाए और मैं जांघों तक दबा रहा था और मेरा ध्यान मां की बूब्स पर था। 7उनके बाड़े बाड़े बूब्स और काले चूचों को देख मेरा लंड पुरा खड़ा हो गया। और मैने नजाने कब अपना हाथ मां के चूत के ऊपर ले गया। और चड्डी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा।
मां:- शरमाते हुऐ बोलीं:- प्रकाश क्या कर रहे हों
मैने अपना हाथ तुरंत पिछे किया
नानी मां के पास गई और बूब्स पे तेल लगाकर दबाने लगी
नानी:- जो कर रहा है करने दो। बेटा कर तू
मां:- मां ये गलत है यह क्या पाप करवा रही हों
नानी:- कोइ पाप नही इसमें।
मां:- बेटा है वो मेरा
नानी:- तेरे कोक से तो नही हुआ है। भूल जा आ की रात
तभी मुजने हिम्मत आईं और मैने मां की चड्डी उतर डी मां ने मुझे रोका नहीं। मैं उनके पैर फैलाकर चूत पर हात मसलने लगा। उनकी काली और झटो से भरी चूत को देख मुझे रहा नहिं गया और अपना मुंह चूत पर राख कर चाटने लगा।
मां अब इसकारिया लेने लगी। नानी मेरे बाल पकड़ कर सर चूत पर दबा रही थी
फिर नानी उठी और मुझे खडा करके मेरी टीशर्ट उतारी फिर लोअर और चड्डी उतार कर नीचे बैठी और लंड चुसने लगी। मां हमें देख रही थी तभी नानी ने मुझे मां के ऊपर किया और मैने लंड चूत पर राख कर अंदर झटका दीया। एक झटके के साथ मेरा आधा लंड अंदर गया तो मां के मुंह से दर्द भारी सिसकारी निकली।
नानी ने जोर से चोदने को बोला तो मैने एक ही झटके में लंड एंडर उतर दीया तो मां ने मुझे अपने ऊपर दबोचा।
अब मै वैसे ही रूक कर मां के होठ चूमने लगा और गर्दन को चूमते हुऐ डक्के स्टार्ट कीए। करीब 10 मिनुट में मेरा होनी वाला था तो नानी लंड बाहर निकालने को बोला फ़िर नानी चूसने लगी और सारा पनी पी गई।
नानी:- जा अपने मां के बदन को चूम।
फिर मै मां के पास गया और उनके ऊपर उकर उनको किस करने लगा। और चूमते चूमते उनके बालो से भरी बगलो को भी चाटने लगा। और मां की चूत सहलाने लगा। मां अब सिसकरिया ले रही थी।
फिर मां उठी और मेरा लंड चुसने लगी। मां ने पुरा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी साथ ही गोटियों पर जीभ से चाटने लगी। मेरा लंड एक बार झड़ने के कारण लूज हो गया था। मां ने थूक से लंड गीला किया और चुनने लगी।
मां:- बेटा तू नीचे लैट जा।
जैसे ही मैं नीचे लेटा मां ने साड़ी पूरी निकाल कर साईड में रखी। नानी मेरे पास बैठी थी। और मेरी छाती को चाट रही थी। तभी मां मेरे ऊपर आईं और चूत को लंड के ऊपर सेट करके बैठी मेरा लंड पुरा चूत मे चला गया। फिर ऊपर नीचे होकर लंड अंदर बाहर करने लगी।
मैं मां को घूर रहा था। मां ऊपर से तो काली दिखती थी पर इनका बडन अंदर से गेहुआ था और चूत पूरी काली थी। उनके बूब्स भी उछल कर हिल रहे थे।
तभी नानी उठी और मेरे मुंह पर चूत रख कर चाटने को बोलीं। मै भी मज़े से चाटने लगा।
कारिब 10 मिनट बाद मैं ने लंड चूत से निकाला और जोर से चूत सहलाने लगी और मेरे कमर पर बैठ कर पुरा पनी मेरे ऊपर निकाल दीया। मां अब बहोत खुश दिख रही थी।
फिर नानी मेरे लंड पर बैठी और उछलने लगी। पर लंड बार बार बाहर आ रहा था तो नानी ने मुझे ऊपर किया और मैं नानी की चूत चोदने लगा।
कुछ देर बाद नानी भी झड गई। पर मेरा लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। नानी उठी और लंड हिलाते हुऐ मुझे किस्स करने लगी
नानी:- तेरा लंड तो लाल हो गया। पानी ही नही छोड़ रहा।
मैं:- मुझे पिछे से करना है।
नानी:- तेरी मां से पुछ मै तो पिछे से नही करने दूंगी।
मै:- क्यूं नही करने दोगी?
नानी:- मुझे मरना नहीं नही!
मां:- मै हु ना बेटा मै लेती हु पिछे से।
नानी:- हम दोनो की चूत खुली हुई है तो इसे मजा नही आता होगा।
मै:- वैसे कुछ नही।
मां तेल की बॉटल लाई
मां:- मां आप तेल लगाकर पहले उंगली से मेरी गांड़ ढीली करो
फिर मां लेट गई और मैं मां के दोनो बड़े कुल्हो को फैलाकर बैठा मां की गांड़ का छेद देख रहा था । मां के बाड़े बड़े कूल्हों के बीच बहोत टाइट छेद था। उनका छेद काला था।
नानी ने छेद पर तेल लगाया और एक उंगली अंदर डाली तभी मां को हल्का सा दर्द हुआ।
धीरे धिरे पूरी उंगली गाड में डाली और अंदर बाहर करने लगी। जैसे ही उंगली बाहर आती नानी की उंगली पर मम्मी की टट्टी दिखती। नानी और तेल डालकर अब जोर से उंगलियां करने लगी। करीब दस मिनट बाद नानी ने एक और उंगली गांड़ मे डाली तो मां तड़प उठी।
नानी:- हिल मत कुछ नही होगा।
मां:- दर्द हो रहा है मां
नानी:- इसका लंड लेना है तो दर्द भी बर्दाश्त कर
थोड़ी देर बाद नानी ने दोनो उंगलियां बाहर निकाली तो उनकी उंगलियों पर बहोत टट्टी लगी थी और खून भी गाड का छेद भी खुल गया था। नानी ने छेद में तेल डाला और जोर से उंगलियां अंदर बाहर करने लगी। मै मां के मुंह के पास गया और लंड चुसवाने लगा।
कुछ देर बाद नानी ने गांड़ मारने को बोला
नानी:- आजा बेता अपने नाग को बिल में डाल दे।
मै उठा तो नानी ने लंड पर तिल लगाया और कुलहो को फैलाकर मैने छेद पर लंड रख कर और एक ही झटके में लंड अंदर डाल दीया। मां एकदम से तिलमिलाने लगी और लंड बाहर निकालने को बोलीं।
नानी:- कुछ नही होंगा चुप रह । बेता तू धिरे धिरे करके अंदर डाल एकदम से धक्का मत मार।
मै वैसे ही रुका रहा और नानी तेल डालने लगी
फिर नानी के कहने पर मैं लंड को अंदर उतारने लगा। पुरा लंड अंदर गया तो मैं मां के ऊपर लेट गया। और नीचे हात डालकर बूब्स दबाने लगा। मां का दर्द कम हुआ तो
मां:- अब धक्के मार, पर धिरे से
मैने धिरे धिरे धक्के स्टार्ट कीए, नानी बैठ कर देख रही थी।
नानी:- बेटी दर्द हो रहा है..
मां:- अब थोड़ा दर्द कम हुआ। जलन हो रहो है थोड़ी
मैने जोश में आकर जोर से लंड पेला
मां:- आआआहा आईं धिरे से करो
मैं फिर धिरे करने लगा
नानी हस्ते हुए बोलीं:- जवान है ना इसलिए इसे काबू नही होता। जब मां बोले तभी जोर से करना। तुम चूत नही गांड़ मार रहे हों।
मै मां की पीठ चाटते हुऐ उन्हे चोद रहा था। अब मां ने स्पीड बड़ने को कहा तो मैं जोर से करने लगा। रूम मे थप थप की आवाज आ रही थी जेसे कोइ ताली बजा रहा हो।
फिर मैने स्पीड और बड़ाई मै झड़ने वाला था मां भी हर धक्के पर जोर से सिसकरिया ले रही थी। तभी मै झड गया और कुछ देर ऐसे ही रुका रहा।
फिर जब लंड बाहर निकले तो मां की गांड़ का छेद 1रूपये की सिक्के जीतना खुला था और खून लगा था। मेरा लंड भी टट्टी से भरा था और थोड़ा खून लगा था।
मैं लैंड धोकर अया। मां वैसे ही लौटी थी। मां के गाड में मेरा पाना था। फिर हम तीनो नंगे ही साथ में सोए।
सुभा जब निंद खुली तो मां दूसरे साईड करवट ली हुइ थी मेरे तरफ़ उनकी गांड़ थी। मेरा लंड भी टाइट था। मैने तेल लगाया और मां के गांड़ मे एक ही झटके में लंड डाला। इस बार लंड जल्दी गया मां भी उठ गई तो…
मै:- मां आप सो जाओ मैं चोद नही रहा बस अंदर डाल कर सोता हु।
मां:- मुझे गांड़ में जलन हो रही है। धक्के मत मारना।
मै:- ठिक है। फिर हम वैसे ही सोए रहे। सुभा के 8 बजे नानी ने दिनों को उठाया।
नानी:- अंदर डाल कर सो रहे थे क्या
मां:- नही मां सुभा डाला इसने। बेता बाहर निकालो अब।
तो मैंने धक्के मारना स्टार्ट किया।
मां:- आईं आ तुमारा मन नही भरा क्या
मै:- बस मां 5 मिनट करने दो।
मै जोर से करने लगा और गंद मे झाड़ गया।
अब हम तीनो रोज चुदाई करते है। जब भी मौका मिले मै मां की गांड़ मारता हु।