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नंदोई जी ने मेरे घर पर मेरी चुदाई की-1 (Nandoyi ji ne mere ghar par meri chudai ki-)

दोस्तों मेरा नाम जासमिन है। मेरी उम्र 32 साल है। मेरा कद 5′11″ है। मेरी गांड का साइज़ 38″ है, सीना 36″, और मेरी कमर 34″ है। मेरे बाल काले और लम्बे है। मेरी कमर पतली है और मेरी गांड उभरी हुई हैं। मैं दुबली पतली और बिलकुल छमिया टाइप की भरे बदन की जवान भाभी हूं।

मेरी चूत बहुत गहरी है। मेरे जिस्म में सबसे आकर्षक मेरी चूचियां और गांड का उभार है। मतलब मेरी गांड चौड़ी है, जिसमें बड़ा से बड़ा लंड समा जाये। मेरा भरा हुआ जिस्म ऐसा मदमस्त है जिसे कोई भी पहली नज़र में देखे तो उसी वक्त चोदना चाहे।

मैं अक्सर सलवार कमीज ही पहनती हूं, जो मेरे बदन पर बहुत अच्छी लगती हैं। टाईट सलवार-कमीज में मेरे उभार काफी अच्छे लगते है।

मेरे पति प्राईवेट बैंक में काम करते है। उनका बदन सामान्य है। उनकी उम्र 34 साल हैं। मैं अपने पति और बच्चें के साथ मेरे ससुराल से थोड़ा दूर अलग कॉलोनी में रहती हूं।

मैं देखने में बहुत ही सेक्सी हूं। मेरी बड़ी-बड़ी आंखे, लाल-लाल भरे हुए गाल, और मेरे होंठ तो बहुत ही रसीले और काफी पतले है। मै अपनी चूत को हमेशा साफ ही रखती हूं, क्योंकि मेरे पति को झांटे अच्छी नहीं लगती है।

मेरा मानना है कि एक बार जो मुझे ठीक से देख लेता है, वो तो मेरा दीवाना हो जाता है। जब मेरी शादी हुई थी, तब मेरे पति रोज़ मेरी अलग-अलग आसन में चुदाई करते थे, और मेरी चूत को बड़े मजे से चोदते थे। मैं भी उनको हर आसन में खुशी-खुशी चूत और गांड देती थी।

लेकिन जब से मुझे लड़का हुआ है, तब से ना तो ठीक से मेरी चूत को चोदते है, और ना ही ज्यादा मेरी तरफ ध्यान देते है। वो अब मुझे बहुत ही कम चोदते है।

मेरी चूत में हर वक़्त आग लगी रहती है। ये समझ लो कि बस जब मुझे महीना आता है उन दिनों में ही मजबूरी होती है, जब मैं अपनी चूत में कुछ नहीं डालती। वरना मुझे रोज़ अपनी चूत में लंड चाहिए। मेरे तन में कामुकता कूट-कूट कर भरी है, लेकिन मेरे पति महीने में 5-6 बार ही चुदाई कर पाते हैं। वो भी सिर्फ दो-चार मिनट के लिए और झड़ जाते हैं। मैं प्यासी रह जाती हूं।

कभी-कभी तो मैं इतनी जोशीली हो जाती हूं कि मुझे उंगलियो और गाजर, मूली, पेन और पेन्सिल जैसे सामान से अपने आप को शांत करना पड़ता है। अपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिए मैं अपनी चूत में उंगली डाल कर किसी तरह से काम चला लेती हूं।

मैं कई बार तो सोचती हूं कोई दूसरे मर्द को फसा लेती हूं, तांकि वो मेरी चुदाई ठीक से करे। मेरा तो बहुत मन करता है चुदवाने का लेकिन मुझे कोई मिलता ही नहीं है। और वैसे भी आज के समय में किसी पर भरोसा नहीं कर सकते।

मेरी चूत में बहुत दिन से कोई लंड नहीं गया था, तो मैं लंड की तलाश में थी। दोस्तों मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरे सगे जवान ननदोई जी ही मेरी चूत को चोदेंगे और मेरी गांड मारेंगे। और मेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे।

वैसे तो मेने कई बार ननदोई जी के खड़े लंड का उभार पेंट के उपर से देखा था। पर मैंने मन में कभी नहीं सोचा था कि इनका लंड मेरी चूत में जायेगा। यह चुदाई की कहानी तब की है, जब मेरे देवर की शादी की तैयारियां चल रही थी।

मेरे देवर की शादी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मेरी बड़ी ननद और उनके पति भी आ चुके थै। मेरे ननदोई मुझे भाभी कह कर बुलाते है। हम दोनों एक-दूसरे से मस्ती मजाक करते रहते है। मेरी छोटी ननद भी आ गई थी, लेकिन उनके पति अभी नहीं आये थे।

मेरी बड़ी ननद के पति यानी मेरे ननदोई प्राईवेट नौकरी में है। उनकी उम्र लगभग 27 साल है, और वो करीब 6 फीट लंबे है और कसरती शरीर के मालिक है। वे दिखने में काफी ज्यादा स्मार्ट तथा गोरे भूरे है, और एक-दम फिट है।

उनको देखते ही मेरी चूत में हलचल होने लगा जाती थी। मेरे ननदोई स्वभाव से भी बहुत मजाकिया किस्म के है। मेरा रिश्ता तो उनके साथ हसी-मज़ाक का था, इसलिए वो सब के सामने ही मेरे साथ हसी-मज़ाक और प्यारी छेड़-छाड़ किया करते। लेकिन धीरे-धीरे में यह बात महसूस करने लगी थी, कि मेरे नंदोई जी की नियत मेरे प्रति कुछ ठीक नहीं थी।

कई बार जब में घर पर अकेली होती तो वो कभी मेरी कमर पर चिकोटी काट लेते। उनकी यह ऐसी हरकतें मुझे बहुत अच्छी लगती थी, लेकिन मैं बुरा नहीं मानती। मैं और मेरी दोनों ननद मुझसे खुल कर बातें करती थी।

मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते थे, इसलिए मैं अपने ननदोई को हवस की नज़र से देखने लगी थी। मुझे मेरे ननदोई को देखते ही एक अजीब सी फीलींग आती थी। कभी-कभी ननदोई जी मुझसे बात करते-करते डबल मिनिंग बाते कर देते थे। लेकिन मैं जान-बूझ कर कोई प्रतिक्रिया नहीं करती‌ थी। अब घर में शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी। घर पर हंसी ख़ुशी का माहौल बन गया था।

एक दिन की बात है। मेरी बड़ी ननद और मेरे ननदोई जी मेरे घर पर थे। उस दिन मैंने नीले रंग की कमीज और सफेद रंग की सलवार पहन रखी थी जो बहुत टाईट थी, और अन्दर काले रंग की ब्रा और पैंटी पहनी थी। मेरी कमीज का गला बड़ा होने से मेरी चूंचियों का क्लीवेज साफ दिख रहा था। मेरी बड़ी ननद मुझे छेड़ते हुए बोली, “भाभी आज तो आप बहुत से लड़कों का पानी निकाल दोगी”।

तभी ननदोई जी भी हंस कर बोले, “हां भाभी, आज तो आप हल्दी के प्रोग्राम में बिजली गिरा कर ही रहेंगी। अब भैया का क्या होगा आप ही जानों”। मैं बोली, “भैया का तो कुछ नहीं होगा, लेकिन मैं देखती हूं कि आप पर क्या असर होता है”।

तो मेरी ननद बोली, “इन पर तो बहुत असर होगा भाभी, और बिजली मुझ पर गिरेगी, वो भी रात में। में रात भर परेशान ही होउंगी”।

मैं ननदोई जी से बोली, “मेरी ननद पर ज़्यादा बिजली मत गिराइएगा आप”। और हम तीनों हंसने लगे। लेकिन उसी समय मेरे अन्दर कुछ चींटियां सी रेंगने लगी। कुछ ही देर में मेरे पति भी तैयार होकर आ गए। बहुत देर तक हम लोग इधर-उधर की बातें करते रहे। फिर मेरी ननद बोली कि, “चलो भाभी हम लोग भी शादी वाले घर में चलते है”। तो मैं बोली, “यार अभी तो मुझे नहाना है।‌ आप लोग चलो, आपके भाई और मैं नहा धोकर आते है”।

तो मेरी ननद बोली, “भाई आप चलो, हमें बाजार से सामान भी लाना है। भाभी को मेरे पति ले आयेंगे”। और फिर मेरी ननद और मेरे पति शादी वाले घर चले गए। अब घर पर मैं और मेरे ननदोई रह गये। तो मैं और मेरे ननदोई घरेलू बात-चीत करने लगे। मेरी तो वासना भड़की हुई थी। मेरे ननदोई को इतना पास में पाकर मेरे तो खुजली होने लगी थी। थोड़ी देर बाद हम दोनों में सेक्स पर भी बात-चीत होने लगी।

मेरे ननदोई ने मुझसे पूछा, “भाभी आप दोनों की सेक्स लाइफ कैसी है?” तो मैं बोली कि, “मेरे पति महीने में 5 या 6 बार ही करते हैं, वो भी 2 से 4 मिनट में झड़ जाते हैं”। तो ननदोई जी बोले, “इसलिए ही आपकी चूचियां अभी भी छोटी ही हैं भाभी जी।” तो मैं शरमा गई।

फिर ननदोई जी बोले, “हम तो रात में 2 से 3 बार चुदाई करते हैं। आपकी ननद को तो में पूरी तरह से निचोड़ देता हूं भाभी जी”।

मैं बोली, “इसलिए ही मेरी ननद के आम बड़े-बड़े कर रखे है आपने”। और मैं हसने लगी। इन सब बातों से हम दोनों गर्म होने लगे थे। वो मेरी चूचियों की तरफ इशारा करके बोले, “भाभी अभी भी आपकी चूचियां बड़ी कसी-कसी लग रही हैं। आप साले साहब को दूध नहीं पिलाती क्या? लगता है आप पूरी चुदाई में साले साहब को चुसवाती भी नहीं हो”। इन सब बातों से हम दोनों काफी गरम हो गये थे।

चुदाई की बातों की गर्मी बढ़ी, तो मेरी चूत से पानी निकल गया। मेरे ननदोई जी की नजर मेरे चहरे और मेरी चूची से हट ही नहीं रही थी। मैं समझ गई कि ननदोई जी मेरी चूची को निहारे जा रहे थे।

अगला भाग पढ़े:- नंदोई जी ने मेरे घर पर मेरी चुदाई की-2

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