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मॉम और बेटा-1 (Mom Aur Beta-1)

आज मैं आप से मेरी और मेरी मॉम की सेक्स स्टोरी के बारे में बात करने वाला हूं। मैं इसमें आपको बताऊंगा, कि कैसे मेरी मॉम मुझे चुदाई के लिए तड़पाने लगी, और मैंने भी मौके का फायदा उठा कर मॉम की चुदाई करी।

मेरे पापा ऑफिस की वजह से बाहर ही रहते हैं।‌ घर पर ज्यादातर वक्त मैं और मेरी मां अकेले बिताते हैं। यह बात तब की है, जब मैं 19 साल का था। मैंने कम उम्र से ही जिम जाना शुरू कर दिया था, इस वजह से मेरी बॉडी बहुत अच्छी बन चुकी थी, और उस समय मेरे पास खुद का फोन भी नहीं था, तो मैं अपनी सारी चीजें मेरी मॉम के फोन में ही करता था।

मैं जिम जाने के बाद अपनी फोटोस मॉम के फोन में खींचता था। मैं अप्पर बॉडी खोल कर अपने फोटोस खींचता था, और सभी फोटो मॉम के फोन में ही होते थे। फोटोस लेने के बाद मॉम मेरे फोटोस को देखती थी। फोटोस देखने के बाद मॉम बोलती थी-

मॉम: बेटा अब तो तेरी शादी करवानी पड़ेगी।

मुझे लगा कि मॉम मेरे साथ मस्ती करती थी। पर मुझे पता नहीं था कि मॉम मुझसे चुदना चाहती थी। मॉम को मेरी बॉडी के साथ-साथ मेरा लंड भी पसंद आ गया था।

एक बार की बात है। मैं जिम जाकर अपने फोटोस ले रहा था, और तभी मॉम रूम में आई और मुझे देखने लगी।

वो बोली: तेरी बॉडी तो मस्त बन गई है।

मैंने कहा: मॉम वह तो है ही, मैं जो इतनी मेहनत करता हूं।

फिर वो बोली: चल बाहर खाना खाने आजा।

मैंने खाना खाया और मॉम के साथ ही सो गया।

पहला दिन:-

रात को जब मैं गहरी नींद में था, और करीब दो बज रहे होंगे। मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लंड को हिला रहा था, या ऊपर से हाथ लग रहा था। मैंने बंद आंखों में ही महसूस किया। फिर मैंने धीरे से आंख खोल कर देखा, तो मैं हैरान हो गया। मॉम मेरा लंड पजामें के ऊपर से ही हिला रही थी। मैं देख कर हैरान हो गया।

मैं वैसे ही पड़ा रहा, और हिला नहीं। मैं देखना चाहता था कि मॉम क्या कर रही थी। फिर थोड़ी देर बाद मॉम सो गई। मुझे पता नहीं मॉम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही थी, पर उस रात मुझे बहुत ही मजा आया। मुझे लगा मॉम को मेरा लंड पसंद आ गया था, या मॉम मुझसे चुदना चाहती थी।

दूसरा दिन:-

अगली सुबह जब मैं उठा तो मैंने सोचा कि जब मॉम मुझसे चुदना के लिए तैयार थी, तो मैं पीछे क्यों रहूं? वैसे भी मेरे पापा घर पर तो रहते नहीं थे। यह बात किसी को पता चलने वाली तो थी नहीं। मैंने भी सोचा क्यों ना मैं इस बात का फायदा उठाऊं, और मेरी मॉम के साथ मजे करूं।

मैंने देखा तो मॉम किचन में खाना बना रही थी। मेरे पिता जी ऑफिस जा चुके थे। मैं पीछे से गया और मॉम को हग कर लिया।

वो बोली: क्या बात है बेटा? बड़ा प्यार आ रहा है। आज के पहले तो कभी हग नहीं किया अपनी मॉम को ऐसे।

मैं: बस आज मुझे आप पर ज्यादा प्यार आ रहा है‌।

मॉम: क्यों अचानक क्या हो गया?

मैं: बस मॉम पता नहीं आज अचानक आपको प्यार करने का मन कर रहा है।

मैंने मेरा कड़क लंड मॉम की गांड में लगा दिया था। शायद मॉम को भी महसूस हो गया था कि मैं अपना लंड उनकी गांड में लगा रहा था। मेरी मॉम की गांड बहुत मखमली थी। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड दो तकियों के बीच हो।

मॉम: कोई बात नहीं बेटा, कर ले अपनी मॉम को प्यार। वैसे भी तेरे पिता जी तो मुझे प्यार करते है नहीं।

मैं: मॉम मैं आपको प्यार करूंगा ना। जी भर के मैं आपको प्यार करूंगा।

मॉम: हां बेटा, तेरे जी में आए उतना प्यार कर। मैं तो बहुत प्यार करना चाहती हूं तुझसे।

मैं: मैं भी आपको प्यार करना चाहता हूं, पर आप करने ही नहीं देती।

मॉम: मैंने कब ना बोला बेटा? तेरे मन में आए तब मुझे प्यार कर, तू जितना प्यार देगा, मैं उतना प्यार लूंगी।

मॉम भी धीरे-धीरे नॉटी होती जा रही थी। मॉम को अब बिल्कुल पता लग चुका था, कि मैं मेरा लंड उनकी गांड में लग रहा था।

मैं: मॉम आपको पापा प्यार नहीं करते क्या?

मॉम: नहीं बेटा, अब तेरे पापा इतना प्यार नहीं कर पाते, जितना मैं चाहती हूं।

मैं (थोड़ा स्माइल करते हुए): क्यों, कितना प्यार चाहती हैं आप?

मॉम: मैं तो चाहती हूं कि कोई मुझे दिन रात प्यार करें। पर कोई है ही नहीं ऐसा।

मैं: मैं हूं ना मॉम। मैं दिन-रात प्यार करूंगा आपको। आप जैसे बोलोगे वैसे प्यार करूंगा। आप मौका तो दो।

मॉम: इसमें मौका क्या, जब तेरा मन करे तब प्यार कर दे। मैं तो कब से इंतजार में हूं।

फिर मैंने मॉम को गाल पर एक किस करी, और मैं अलग हो गया। उसके बाद मैं कॉलेज चला गया, और वापस आके खाना खाकर सो गया, और ऐसे दिन खत्म हो गया।

तीसरा दिन:-

इस दिन कॉलेज की छुट्टी थी और मेरे डैड ऑफिस गए हुए थे। मैं 10:00 बजे तक सोया हुआ था। मॉम मुझे मेरे रूम में उठाने आई।

मॉम: उठ जा बेटा, कितनी देर तक सोएगा?

मैं: हां बस मैं उठ ही रहा हूं।

फिर मैं उठ गया।

मॉम ने मुझे हग किया और बोली: गुड मॉर्निंग मेरा बेटा।

मॉम के बूब्स मेरी छाती पर टच हो रहे थे, और मैंने देखा कि मॉम ने अंदर ब्रा नहीं पहन रखी थी। मैं देख कर हैरान हो गया। मॉम ने मुझे गले से लगा रखा था, और मॉम के बड़े-बड़े बूब्स मेरी छाती से टच हो रहे थे, और मेरा लंड खड़ा हो गया था।

मैं: आज आपको बड़ा प्यार आ रहा है, क्या हुआ आपको?

मॉम: क्यों तूने ही तो बोला था कि मॉम आप मौका नहीं देती प्यार करने का। तो मैं मौका दे रही हूं तुझे।

मैं: इतनी जल्दी भी क्या है मॉम? आराम-आराम से करेंगे।

और मेरा खड़ा लंड मॉम को साफ-साफ दिख रहा था।

मॉम: हां बेटा वो तो आराम से करेंगे, पर शुरुआत तो होनी चाहिए ना।

मैं: क्या मतलब, मैं समझा नहीं?

मॉम: कुछ नहीं, मैं तो बस प्यार करने आई थी तुझे।

मैं: तो रुक क्यों गए मॉम, और करो ना प्यार। मुझे अच्छा लग रहा है।

मॉम: फिर मॉम ने गाल पर मुझे एक किस्स कर दी।

मैं: सिर्फ गाल पर ही। बस इतना ही है क्या आपका प्यार?

मॉम: मैं ही करूं क्या सब? तू कुछ नहीं कर सकता क्या?

मैंने एक छोटी सी किस्स मॉम के लिप्स पर कर दी, जिससे मॉम एक-दम हिल गई।

मैं: बस खुश मॉम?

मॉम: इतने में कहां खुश बेटा। तू तो बड़ी अच्छी किस्स करता है।

मैं: यह तो बस शुरुआत है।

मॉम: हां-हां देखते हैं। अब आजा किचन में, मैं तुझे चाय-दूध दे देती हूं।

मैं उठा, पजामा पहना, और मॉम के पीछे-पीछे किचन में चला गया। मेरा लंड अभी भी खड़ा ही था, क्योंकि मॉम की गांड मुझे साफ-साफ दिख रही थी। मॉम ने आज जो साड़ी पहनी थी, वह सिल्क की थी, जिसमें उनकी गांड का शेप साफ दिख रहा था।

मॉम: बोल क्या पिएगा दूध या चाय?

मैं: आप जो दोगी, वह पी लूंगा मैं।

मॉम: दूध ही पी ले, दूध पिएगा तो ताकत आएगी।

मैं मॉम को पीछे से जाकर हग कर लिया, और मेरा लंड उनकी गांड में रगड़ रहा था।

मैं: दूध पीने की जरूरत नहीं ताकत के लिए। ताकत तो मुझमें पहले से ही है‌।

मॉम: हां बेटा दिख रही है वह तेरी ताकत मुझे।

मैं: आप बोलो तो पूरी ताकत ही दिखा देता हूं आपको।

मॉम: अब तुझे इतनी जल्दी क्यों है? तूने ही बोला था ना धीरे-धीरे सब होता है। तो जल्दी क्या है मेरे बेटा जी?

मैं: आप तो बड़े तेज हो।

मॉम: अब देर मत कर, और दूध पी ले‌।

मैं: आप ही पिला दो मुझे दूध।

मॉम मुझे अपने हाथों से दूध पिला रही थी, और मैं मॉम के बूब्स को देख रहा था। मॉम को भी पता चल गया था कि मैं उनको देख रहा था, और मेरी नज़रें कहां पर थी।

मॉम: और पीना है क्या बेटा दूध?

मैं: नहीं बस।

मॉम: तो फिर ऐसे देख क्यों रहा है मुझे?

फिर हम दोनों हंसने लगे। उसके बाद हमने साथ में बैठ कर खाना खाया, और मॉम ने बड़े प्यार से मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया। मैंने भी मॉम को मेरे हाथों से खाना खिलाया, और बीच-बीच में मैं अपने हाथ मॉम के बूब्स पर अड़ा देता। मॉम को भी कोई दिक्कत नहीं थी। खाना खाते वक्त मेरा हाथ कांच की टेबल पर लग गया, और अंगूठे पर थोड़ा सा खून आने लगा।

मॉम: अरे बेटा यह क्या हो गया? इतना खून आ रहा है। हाथ पैर कैसे लग गई?

मैं: अरे मॉम वह मेरा हाथ कांच की टेबल के कोने पर लग गया।

उसके बाद मॉम ने मेरा अंगूठा मुंह में लेकर चूसना शुरू करा। मॉम मेरा अंगूठा ऐसे चूस रही थी, कि जैसे वह मेरा लंड हो। मैं मॉम को देखता ही रह गया। वह एक रंडी की तरह मेरा अंगूठा चूस रही थी।
फिर मॉम ने मेरा अंगूठा बाहर निकाला, और बोली-

मॉम: अब ठीक है ना बेटा?

मैं: हां मॉम, आपने इतना अच्छे से चूसा है। तो ठीक हो ही जाएगा। वैसे कहां से सीखा आपने इतना अच्छा चूसना?

मॉम: मुझे तो बहुत कुछ चूसना आता है बेटा। पर मौका कहां मिलता है। इसमें सीखना क्या? फोन में देखते-देखते सीख गई चूसना।

इसका मतलब यह बात भी थी कि मॉम पॉर्न वीडियो देखती थी। मॉम की चुदाई में और भी मजा आएगा, क्योंकि मॉम को सभी पोजीशन भी पता थी। मैं तो यह सोच रहा था कि अगर यह अंगूठा ऐसे चूस रही थी, तो मेरा लंड कैसे चूसेंगी? मेरे दिमाग में बस यही बात घूमे जा रही थी, कि मेरी मॉम की चुदाई में बहुत मजा आने वाला था।

मैं: अंदर चलते हैं। अब खाना खाया है, तो नींद आ रही है।

फिर हम दोनों बेडरूम में आ गए।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। सेक्स कहानी की फीडबैक ज़रूर दें।

अगला भाग पढ़े:- मॉम और बेटा-2

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