सासू मां की चुदाई-8

पिछला भाग पढ़े:- सासू मां की चुदाई-7

सासू मां को भी समझ में आ गया कि आज दामाद गांड मार के ही मानेगा। उन्होंने लाख मिन्नतें की, लेकिन मैं कहा सुनने वाला था। मैंने अपने मुंह से खड़े-खड़े उनकी गांड और मेरे लोड़े के ऊपर थूक दिया, और थोड़ा सा जोर लगा कर उनकी गांड में अपना लोड़ा थोड़ा सा अंदर डाल दिया। मेरी सासू मां चीख रही थी। मुझे गालियां दे रही थी, और आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

जब उन्हें पूरी तरीके से पता चला कि आज उनकी गांड दामाद के लोड़े से फटने वाली थी, तब उन्होंने सरेंडर कर दिया, और कहने लगी-

सासू मां: धीरे-धीरे करना, काफी दर्द हो रहा है। एक काम कीजिए, वहां सरसों का तेल है, उसे अपने लोड़े पर मल दीजिए, और थोड़ा तेल मेरी गांड के अंदर भी लगा दीजिए।

मैंने कहा ठीक है और मैं सरसों का तेल लेने चला गया। लेकिन जब मैंने अपना आधा लौड़ा उनकी गांड से निकाला, तब पक्क करके आवाज आई। यह आवाज सुन कर हम दोनों हैरान हो गए थे। मैं अंदर जाकर सरसों का तेल ले आया, और अपनी सासू मां के हाथ में देकर कहां कि-

मैं: आप ही तेल लगा दीजिए मेरे लोड़े पर।

तब सासू मां ने काफी तेल लिया, और मेरे लोड़े पर लगाने लगी। जब वह तेल लगा रही थी, तब उनके चेहरे पर खुशी की जगह दर्द नजर आ रहा था, और आंखों से आंसू बह रहे थे। वो मुझे देख कर मिन्नतें करने लगी-

सासू मां: दामाद जी आज रहने दीजिए, और किसी दिन और मेरी गांड मार लेना।

लेकिन मैंने उनसे कहा: तेरी गांड तो मैं आज ही मारूंगा, चाहे तू कितनी भी भीख मांग ले। अब मेरे लोड़े को तेरी गांड का चस्का लग गया है।

और यह बोल कर मैंने उनको पलटा दिया। फिर घोड़ी बना कर अपने लोड़े को उनकी गांड के छेद पर सहला रहा था।

मेरी सासू मां: अब जो भी करना है थोड़े आराम से करना। क्योंकि पहली बार कोई मेरी गांड खोल रहा है।

तब मैंने हंसते हुए सरसों का तेल उनकी गांड पर लगा कर, अपने लोड़े का टोपा उनकी गांड के छेद पर रख कर, दोनों हाथों से उनकी कमर को पकड़ कर, थोड़ा सा जोर लगाया। टोपा तो अंदर घुस गया और मुझे मेरी सासू मां के रोने की आवाज दर्द के साथ आने लगी। मैंने इन चीजों को ध्यान ना देते हुए अपना कार्य चालू रखा, और फिर मैंने थोड़ा सा और जोर लगाया। मेरा आधा लौड़ा उनकी गांड में जा चुका था।

मुझे भी हल्का सा दर्द का एहसास हुआ। क्योंकि उनकी गांड काफी टाइट थी, और गांड हमेशा चूत से ज्यादा टाइट होती है। अब मैंने अपनी सासू मां से कहा-

मैं: मैं अपना पूरा लौड़ा आपकी गांड में डालने वाला हूं। तो तैयार हो जाइए।

फिर उन्होंने पास में पड़े अपने पेटिकोट को अपने मुंह में ठूंस लिया, और आंखें बंद करते हुए मुझे चार गालियां तो जरूर दी होंगी। अब मैंने उनकी कमर छोड़ कर उनके कंधों को पकड़ लिया, और अपनी गांड को थोड़ा सा पीछे करके धक्का मार दिया। उसका अंजाम ऐसा हुआ कि मुझे अपना लौड़ा कहीं दिख नहीं रहा था। वह पूरी तरीके से मेरी सासू मां के गांड में समा गया था, और वहां मेरी सासू मां काफी जोर चीखी थी।

लेकिन पेटिकोट की वजह से आवाज़ बाहर नहीं आयी। बस मुझे उनके कराहने की आवाज सुनाई दे रही थी। मैं धीरे-धीरे अपना लौड़ा उनकी गांड में आगे-पीछे कर रहा था। मैं तो सातवें आसमान में आ गया। 2 मिनट के बाद मेरी सासू मां अपना पेटिकोट अपने मुंह से निकाल कर सिसकियां लेते हुए मुझे कहने लगी-

सासू मां: मादरचोद, बहन के लौड़े, तुझे मुझ पर थोड़ा भी रहम नहीं आ रहा? अरे कम से कम मेरी उम्र का तो लिहाज कर लेता।

तब मैंने उनसे कहा: जब चूत मैं लौड़ा ले रही थी, तब तुझे अपनी उम्र का खयाल नहीं आया?

अब मुझे धीरे-धीरे मजा आने लगा, और मेरे दिमाग में खयाल आया।

मैंने उनसे कहा: बहुत कर लिया यहां, अब चलो अलमारी के सामने। वहां शीशे के सामने तेरी गांड मारते हुए एक-दूसरे को देखेंगे।

और यह बोल कर मैं उन्हें अलमारी के आइने के सामने ले आया। उनसे तो चला भी नहीं जा रहा था। लेकिन वह कुछ भी नहीं कर सकती थी। मैं वहां पर पास पड़ी एक कुर्सी को हमारे पास ले आया, और अपनी सासू मां से कहा-

मैं: अपनी एक टांग इस कुर्सी पर रख दो, और थोड़ा सा आगे झुक जाओ।

बेचारी मेरी बाते सुनने के लिए मजबूर थी। उन्होंने वैसा ही किया जैसा मैंने कहा था। अब मैं उनके पीछे आ गया, और अपने लोड़े को उनकी गांड में डालने लगा। गांड और लोड़े पर काफी सारा सरसों का तेल होने से आधा लौड़ा उनकी गांड में घुस गया। मुझे पता था वह चिल्लाएंगी, इसलिए पहले ही मैंने उनके मुंह पर अपना एक हाथ रख लिया था, और दूसरे हाथ से उनका एक तरबूज दबा रहा था।

जब मुझे पता लगा कि अब वह नहीं चिल्लाने वाली थी, तब मैं उनके मुंह से वह हाथ हटा कर उनके दूसरे तरबूज दबाने लगा, और जब मैंने यह चीज आईने में देखी, तब मुझमें और जोश आ गया। मैंने अब अपना पूरा लौड़ा उनकी गांड में डाल दिया। आईने के दोनों और उनके हाथ थे, और झुकी होने के कारण उनके बाल सिर के दोनों और बंट गए थे। मैं उनकी कमर को पकड़ कर उनकी गांड मार रहा था। तब उनके दोनों तरबूज काफी जोर-जोर से आगे-पीछे हिल रहे थे।

तब मैंने अपनी सासू मां से कहा: जरा आईने में भी देखिए।

तब उन्होंने सर उठा कर आईने में देखा और देख कर दर्द होने के बावजूद भी शर्मा कर हस दी, और मुझसे कहने लगी-

सासू मां: तुझे सच में शर्म नहीं आती कि एक बूढी औरत के साथ तू यह सब कर रहा है?

तब मैंने उनसे कहा: मेरी जान तू ही वह औरत है जो मेरे लोड़े को सुकून दिला सकती है।

2 मिनट इसी तरीके से गांड मारने का कार्यक्रम चल रहा था। मैं बड़े आराम से गांड मार रहा था।

तब उन्होंने मुझे कहां: बेटा कमर में बहुत दर्द हो रहा है, बिस्तर पर चले?

मुझे थोड़ी सी उन पर दया आ गई।

मैंने कहा: चलो, अब बिस्तर पर ही पानी निकालूंगा।

फिर वह लंगड़ाते हुए बिस्तर पर आकर लेट गई,‌ और मुझसे कहा: अब तो बस करो। चाहे तो चूत मार लो।

मैंने उनसे कहा: नहीं, पानी तो तेरी गांड में ही निकलूंगा।

यह कह‌ कर, अपने लोड़े पर सरसों का तेल लगा कर तैयार हो गया। वो चुप-चाप घोड़ी बन गई, लेकिन मैंने उन्हें घोड़ी बनने से मना कर दिया, और उनकी कमर के नीचे मोटा वाला तकिया रख कर उनकी दोनों टांगों को हवा में लहरा दिया। अब उन्हें ऐसा लगा कि शायद मैं उनकी चूत मारूंगा, लेकिन ऐसा ना करते हुए मैंने अपने लोड़े को उनकी गांड से सटा कर धक्का दे दिया।

उनके मुंह से उफ्फ की आवाज निकली। तब उन्होंने अपना दिमाग चला कर सीधा मुझे अपने शरीर पर खींच लिया, और मेरे कान में बोली-

सासू मां: अरे भड़वे, अपनी मां के साथ भी ऐसा करता क्या?

और यह बोल कर मेरे मुंह के अंदर अपना मुंह डाल कर जुबान फेरने लगी। उसकी यह हरकत की वजह से मेरे लोड़े पर काफी तेज करंट दौड़ने लग गया। मुझे पता चल गया कि अगले 5-6 झटकों में मेरा पानी उनकी गांड में निकल जायेगा। मैं भी जोश में आकर जोर-जोर से उनकी गांड मारने लग गया। उनका मुंह मेरे मुंह में होने कारण वह आवाज नहीं कर पा रही थी, और सिर्फ उम उम कर पा रही थी।

उन्होंने अपना मुंह मेरे मुंह से छुड़ाया और अपनी दोनों टांगें पकड़ कर अपने पेट के पास मोड़ दी। इस वजह से मेरा लौड़ा और आसानी से उनकी गांड में आने-जाने लगा। मैं तो पागल हो गया उनकी गांड मारते-मारते।

मैंने कहा: सासू मां मेरा पानी निकलने वाला है। मैं अपना पूरा पानी आपकी गांड में भर दूंगा।‌

तब उन्होंने मुझसे कहां: तो जल्दी निकाल, यह तेरी मां की गांड नहीं है जो तू उसे इतनी मजे से मार रहा है।

यह सुनते ही मेरे लोड़े से फवारा छूट गया, और मुझे स्वर्ग मिल गया। जब मैं उनके ऊपर से उठ गया, तब मैंने देखा उनकी गांड खुल गई थी और उसमें से मेरे लोड़े के पानी के साथ थोड़ा खून भी आ रहा था।

मेरी सासू मां बोली: गांड मरवाने में बहुत तकलीफ होती है। लेकिन बाद में मजा भी आता है। अगली बार जब भी तुम मेरी गांड मारो, तब मेरे इंकार करने के बावजूद भी

मेरी एक भी बात मत सुनना, और मेरी गांड मार‌ के ही छोड़ना। जब इस गांड को तुम्हारे लवड़े की आदत हो जाएगी, तब मैं खुद सामने से अपनी गांड लेकर आऊंगी।

तो दोस्तों आपने जितनी भी मेरी स्टोरी पढ़ी है उसमें चुदाई या गांड मारने का टाइम 20 से 25 मिनट का ही होगा। लेकिन यह कहानी काफी लंबी है। अब यह कोई वीडियो तो नहीं जो आधे घंटे में देख कर खत्म हो जाएगी। उस वक्त क्या हुआ, कैसे हुआ यह सब बताने के चक्कर में कहानी थोड़ी लंबी हो गई। लेकिन मजा भी उतना ही आएगा आपको यह सब पढ़ने में।

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