पिछला भाग पढ़े:- जीजू ने रसोई में खड़े-खड़े मेरी चुदाई की-4
मैं: अच्छा, आप अपनी साली के साथ और क्या करने वाले हैं?
जीजू: सब कुछ।
मैं: सब कुछ मतलब?
जीजू: मतलब तुम्हें समझ आ जाएगा जान।
जीजू: बताओ ना जीजू, और क्या-क्या करने वाले हो मेरे साथ?
जीजू: बोलो और क्या दोगी तुम मुझे?
मैं: मैं अब कुछ नहीं दूंगी। जो लेना था वो तो ले ही रहे हो आप।
जीजू: मुझे आप अपनी गांड नहीं दोगी क्या जान?
मैं: ना जी ना, गांड तो बिल्कुल नहीं दूंगी मैं।
जीजू: अकेली हो आप, घर में कैसे बचा पाओगी खुद को मुझसे?
मैं: शर्म नहीं आएगी आपको अपनी साली की गांड लेते हुए?
जीजू: नहीं, बिल्कुल नहीं आएगी।
जीजू: जान आप सलवार और कमीज में बहुत हॉट लगती हो। और जब सलवार कमीज खुल जाये, उसके बाद ब्रा और पेन्टी में तो कयामत लगती हो जान। देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
मैं: ऐसे मत बोलो यार जीजू, ऐसा बोलते हो तो अजीब सा लगता है।
जीजू: अभी तो मैं आपका दूध पिऊंगा। अस्मिना, तुम अपने दूध पिलाओगी मुझे?
मैं: अरे जीजू, कुछ भी बोल रहे हो।
जीजू: बोलो ना जान, अच्छे से चूस-चूस कर पिऊंगा आपके बड़े-बड़े गोरे-गोरे बूब्स से दूध को।
मैं: अभी दूध नहीं है इनमें जीजू।
जीजू: क्या सच में नहीं पिलाओगी साली साहिबा, बोलो ना?
मैं: मना कर दूंगी तो मान जाओगे क्या जीजू?
जीजू: तुम्हारे दोनों बूब्स हाथ में लेकर दबा रहा हूं अस्मिना। कैसा लग रहा है तुमको?
जीजू: बार-बार मेरा नाम क्यों लेते हो जीजू? बहुत अजीब सा लगता है।
जीजू मेरी चूंचियों को और जोर से मसलने लगे। मैं आह आह आह की सिसकारियां लेती जा रही थी।
जीजू ने मुझे कमर से कस के पकड़ रखा था, और पूरा लंड मेरी चूत में ठूंस रखा था। वो मेरी चूत में अपने सख्त लंड को अन्दर-बाहर करते हुए जम कर मेरी चूत मार रहे थे। मैं आह आह कर रही थी, और जीजू के लंड के झटके खा रही थी।
फिर जीजू ने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। जीजू बार-बार अपना लंड बाहर खींच कर अंदर की तरफ घुसा रहे थे। वो मेरे बाल पकड़ कर मुझे पीछे से चोद रहे थे। जीजू मेरी कसी हुई चिकनी रसीली चूत में अपना मूसल लंड घपा-घप अन्दर-बाहर कर रहे थे।
अब मैं फिरसे झड़ने वाली थी, तो मेरे मुंह से और जोर से कामुक सिसकारियां निकल रही थी। जीजू अब और तेजी से अपना लंड मेरी चूत में पेलने लगे और मैं भी अपने चरम पर पहुंच गई, और जोर-जोर से आहें भरने लगी। मेरी चूत से फवारा छूट गया। मेरी चूत से पानी बह रहा था।
जीजू के मुंह से आह आह की आवाज आ रही थी। जीजू अपने हाथ से मेरे बाल खींच-खींच कर मुझे चोद रहे थे। मुझे जीजू के लंड से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था। मैं सिसकारियां ले रही थी। पूरी रसोई मैं फच्च फच्चचच फच्च्च फच्च की आवाज गूंज रही थी।
मैं बोल रही थी: और जोर से चोदों आह आह, और जोर से चोदों, फाड़ दो मेरी चूत आह आह जीजू। मेरी चूत का भोसड़ा बना दो आज जीजू। बहुत मजा आ रहा है, और जोर से चोदो अन्दर तक डालो।
यह सब सुन कर जीजू को बहुत जोश आ रहा था। जीजू मेरी चूत में अपना लंड घपा-घप अन्दर-बाहर करते जा रहे थे। मैं बोल रही थी-
मैं: आह आह जीजू, आप बहुत अच्छे से कस-कस कर चूत मारते हो। आह जीजू आह, मैं आपके लंड के लिए बहुत तरसती हूं। जीजू और चोदो आह, मुझे बना लो अपनी पत्नि आह।
जीजू मेरी चूचियां जोर-जोर से मसलते जा रहे थे। मैं आह आह आह करके सिसकार रही थी।
जीजू: जान तुम्हारी चूत बहुत ही अच्छी और कसी हुई है। चूत मारने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है।
मेरे मुलायम और रेशमी बाल जीजू के लंड के धक्कों की वजह से उड़ रहे थे, और मेरी गोरी-गोरी चूंचियां उछल रही थी।
मैं: आहहहह और तेज़ी से करो जीजू आआहहहहह बहुत मजा आ रहा है। जीजू आआअहहह आहहह आहहह।
जीजू: फिर तो आज लेकर ही रहूंगा तुम्हारी गांड मैं।
मैं: बहुत मन है क्या जीजू आपका मेरी गांड लेने का?
जीजू: हां आज तो मैं तुम्हारी मखमली गांड में अपना ये बड़ा लंड डाल कर कस के चोदूंगा जान।
मैं: कैसे लेंगे जीजू आप मेरी गांड?
जीजू: तुम्हें पूरी नंगी करके घोड़ी बना कर लूंगा जान।
मैं: शर्म नहीं आएगी आपको जीजू अपनी साली की गांड मारने में?
जीजू: साली की चूत और गांड लेने में कैसी शर्म?
मैं: बहुत हरामी हो जीजू आप। मेरी दीदी आपको सीधा साधा समझती है।
जीजू: आप तैयार हो क्या जान मुझे अपनी मखमली गांड देने के लिए?
मैं: आप तैयार हो क्या जीजू मेरी मखमली गांड लेने के लिए?
जीजू: हां बिल्कुल जान, मैं तुम्हारी मखमली गांड को कस के चोदूंगा, जैसे तुम्हारी चूत मार रहा हूं।
मैं: जीजू मानेंगे नहीं आप बिना लिए।
जीजू: बिल्कुल भी नहीं जान। मैं धीरे-धीरे डालूंगा अपना लंड। तुम्हारी गांड बहुत कसी हुई है जान। मेरा लंड अन्दर जा कर बहुत मजा देगा तुमको। एक बार अन्दर चला जायेगा, तो तुम्हारा रोज लेने का मन करेगा।
मैं: हां जीजू आपका लंड बहुत बड़ा है।
जीजू: तुम्हारी चूत बहुत टाइट है जान।
मैं: आप ढीली कर रहे हो ना जीजू।
जीजू: मैं कस-कस के तुम्हारी चूत में लंड डाल रहा हूं ना जान।
मैं: आह आह आह और तेज-तेज करो ना जीजू। कस के चोदों ना, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
जीजू: और तेज-तेज डालूं क्या जान?
मैं: हां जीजू और कस के आह, और तेज, और तेज आह आह, एक-दम अन्दर तक पूरा अन्दर तक डाल कर चोदो। मेरी चूत को और गहरी कर दो जीजू आह, और तेज, और तेज, और अन्दर तक जीजू।
जीजू: तुमको मज़ा आ रहा है चुदने में जान?
मैं: बहुत मज़ा आ रहा है जीजू आआहहह आहहह आहहह आहहह आहहह। तभी तो मैं पूरी नंगी होकर आपसे चुदवा रही हूं जीजू। बहुत मज़ा आ रहा है चुदने में। मेरी चूत में खूब अन्दर तक लंड डाल कर चोदिए मुझे।
जीजू के झटकों से मेरी चूचियां बहुत उछल रही थी। जीजू मेरी चूत में खूब कस-कस के लंड अन्दर-बाहर करने लगे। जीजू का लंड मेरी चूत में आराम से अन्दर-बाहर हो रहा था। मेरी चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी।
जीजू बोले: तुम्हें चोदने में सच में बहुत मज़ा आ रहा है अस्मिना।
मेरी चूत बहुत गीली हो गई थी, जिस कारण जीजू का लंड घपा-घप अन्दर ले रही थी, और मेरे मुंह से सेक्सी आवाज निकल रही थी आह आह आह।
मेरी मस्त कामुक बातें जीजू को और भी ज्यादा पागल कर रही थी। जीजू मेरी गर्दन पर काटते तो कभी कान के निचले हिस्से को चबाते, और साथ ही मेरी चूंचियों को बुरी तरह से निचोड़ रहे थे। कभी मेरे गीले बालों को हटा कर मेरी पीठ पर किस करने लगते। जैसे ही मेरी नंगी चिकनी पीठ पर किस करते, तो मैं अकड़ जाती, और अपनी गांड उठाने लगती।
मेरी गौरी चिकनी और नंगी पीठ जीजू के सामने थी। जीजू मेरी चिकनी चूत में अपने लंड से तेज झटके मार रहे थे। मेरे मुंह से आवाजें निकल रही थी। जीजू मेरी जोरदार चुदाई कर रहे थे। जीजू ने मुझे चोदते-चोदते मेरी उछलती हुई चूंचियों को दबा-दबा कर मसल कर लाल कर दिया था। हम दोनों पसीने से लथ-पथ हो गये थे।
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