सासू मां की चुदाई-6 (Sasu maa ki chudai-6)

पिछला भाग पढ़े:- सासू मां की चुदाई-5

उन्होंने इतना पानी छोड़ा था, कि मेरा लंड एक ही झटके में पूरा का पूरा अंदर चला गया। मैंने आगे पीछे होते हुए उनकी दोनों टांगों को अपने हाथ से पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया।

तब मेरी सासू मां मुझसे बोली: बहुत जलन हो रही है चूत में थोड़ा आराम से ही करना।

और ऐसा कह कर मुझे एक आंख मार दी। उनकी यह हरकत ने मुझे और भड़का दिया। मैंने अपना पूरा लंड बाहर निकाल दिया, और एक ही झटके में पूरी ताकत के साथ मैंने अपना पूरा लंड सासू मां की चूत में दे दिया। उनके मुंह से तो चीख निकल गई, लेकिन मुझे कहां दया आने वाली थी।

मैंने गाली देते हुए उनसे कहा: तेरी मां का भोसड़ा, आंख मारेगी मुझे! मैं तुझे और तेरी बेटी को एक ही बिस्तर पर एक दिन पूरी तरह से नंगी करके चोदूंगा, यह वादा है मेरा। तब मूझसे मत कहना कि ऐसा क्यों किया, एक ही बिस्तर पर एक ही लंड के साथ हम मां बेटी को चोद दिया।

मेरी सासू मां हंसते हुए मुझे यह कहने लगी: बड़ी-बड़ी ख्वाहिश रखता है तू, लेकिन जरूर एक दिन ऐसा आएगा, और मुझे उसे वक्त बहुत शर्म आएगी कि अपनी बेटी के सामने नंगी होकर अपने दामाद का लंड अपनी चूत में ले रही हूंगी।

तब मैंने उनसे कहा: यह तो कुछ भी नहीं है। मैं तो तुम दोनों को 69 पोज में लाकर एक-दूसरे की चूत चटवाऊंगा।

तब मेरी सासू मां ने मुझसे कहा: दामाद जी कब तक अपने घुटनों के बल खड़े होकर मेरी चूत चोदोगे। आ जाओ मेरे ऊपर।

तब मैंने उनसे कहा: पहले अपना पेट भी तो देख लो कितना बाहर आया हुआ है। अगर मैं आप पर सो कर चोदने की कोशिश करूंगा, या तो मेरा मुंह तेरे मुंह में होगा। लेकिन तब मेरा लंड तेरी चूत के बाहर होगा। फिर मैं ना तो तेरे होंठ के मजे ले सकूंगा, ना तेरी चूत के। मैं सिर्फ एक टाइम एक ही चीज का मजा ले सकता हूं।

तब मेरी सासू मां ने मुझे कहा: बेटा तुम्हें मेरी चूत मेरे बॉल और मेरे होठों के एक साथ मजे दिलाऊंगी। बस एक काम करो, वह मोटा वाला तकिया मेरी गांड के नीचे लगा दो, और फिर चढ़ जाओ मुझ पर। आज दामाद जी आपको असली औरत का जलवा दिखाती हूं।

उनके यह कहने के बाद मैंने वह मोटा वाला तकिया उनके गांड के नीचे लगा दिया, और उन्होंने तभी अपनी दोनों टांगें खोल कर अपनी चूत के दरवाजे मेरे लंड के लिए खोल दिए। सच में तकिया वाला आइडिया काम में आ गया। उनका पेट और चूत थोड़े से लेवल में हो गए। मेरी सासू मां ने मेरे लौड़े को पकड़ कर अपनी चूत के दाने पर रगड़ना शुरू किया, और मुझे अपने ऊपर खींच कर कहा-

सासू मां: चोद अपनी सासू मां को।

मैंने उनसे कहा: अभी जो आपने हरकत की है, वो देख कर आप पर जबरदस्ती करने का दिल करता है।

तो उन्होंने कहा: जो करना है करो, लेकिन अब रुकना नहीं।

फिर मैंने उनके दोनों हाथों को उनके सिर के पास अपने दोनों हाथों से दबा दिया, और पूरी ताकत के साथ अपने लोड़े को उनकी चूत में धकेल दिया। उनके मुंह से चीख निकल गई। मैं तुरंत अपने होठों को उनके होठों पर रख कर चूमने लगा, और जितना हो सके उतना तेज़ झटके मारने लगा। उनके मुंह से उम उम उम करके आवाज़ें आ रही थी। आंखों से आंसू बहने शुरू हो गये थे।

हम दोनों की जांघों के टकराव से जो थप थप थप की आवाज़ें उठ रही थी, वह मुझमें और जोश भर रही थी। मेरी सासू मां आंखों के इशारे से कहा उनके हाथ छोड़ने के लिए। मैं उनके हाथ छोड़ कर उनके बॉल दबाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उस पोजीशन में वह संभव नहीं था। उसके बॉल मेरे छाती से रगड़ रहे थे। हम एक-दूसरे के मुंह में एक-दूसरे का थूक चाट रहे थे।

पसीना बहाना शुरू हो गया था, और थप थप और उम उम की आवाज़ों ने माहौल को और रंगीन बना दिया। मेरी सासू मां ने अपने होठों को मेरे होठों से अलग करते हुए, अपनी दोनों टांगों को मेरी कमर पे लपेट कर, दोनों हाथों से मुझे अपनी छाती से दबाते हुए, और हांफते हुए बड़े नशीले अंदाज में कहा-

सासू मां: मादरचोद,‌ अपनी सासू मां को चोदते हुए तुझे शर्म नहीं आती? तू जिस तरह से मुझे चोद रहा है, जैसे मैं तेरी गुलाम हूं।

तब मैंने उनसे कहा: तू अपने दामाद के मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए अपनी चूत का पानी पिला रही थी, तब तुझे शर्म नहीं आई?

तब सासू मां ने कहा: जो भी करना है भड़वे जल्दी कर। मेरा पानी निकलने वाला है।

तब मैंने उससे कहा: छिनाल साली अपनी ही बेटी की सौतन बन कर तू जो मजे ले रही है, इस बात की शर्म आना चाहिए। लेकिन जो भी हो, एक ही घर की मां-बेटी की चूत मिल जाए, इससे बड़ा नसीब क्या होगा?

यह सुनते ही मेरी सासू मां नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर मेरे लोड़े पर मार रही थी। इस हरकत की वजह से मेरा लौड़ा अब पानी छोड़ने के लिए उतावला हो गया।

मैंने अपनी सासू मां से कहा: मम्मी मेरा पानी निकलने वाला है, और मैं चाहता हूं कि यह पानी तेरे मुंह पर निकालूं।

सासू मां ने कहा: वह सब अगली बार देखेंगे, इस वक्त मेरा भी पानी आ रहा है, तो अपने लोड़े से जोर-जोर से झटके देकर मेरी चूत में अपना पानी छोड़ दे।

यह कह कर उन्होंने अपनी टांगों से मेरी कमर को जकड़ लिया, और दोनों हाथों से मुझे अपनी तरफ दबा कर जकड़ लिया। मेरा मुंह उनके कान के पास और उनका मेरे कान के पास आ गया। गरम-गरम भाप एक-दूसरे के मुंह से निकल रही थी। वह मेरे कान के पास उम उम करके अपने चूतड़ को मेरे लोड़े के ऊपर दबा रही थी, और मैं भी पागलों की तरह उनको जकड़ते हुए झटके मारते हुए आखरी पल तक पहुंच गया था।

मैं: सासू मां,‌ सासू मां, मेरा पानी निकल रहा है मुझे छोड़ना नहीं।

तब सासू मां ने कहा: मेरा भी पानी निकल रहा है, आजा भड़वे साथ में ही निकालते है।

और फिर वह पल आ गया जब मेरे लोड़े ने उसकी चूत में पानी छोड़ा, और उसकी चूत के पानी ने मेरे लोड़े को भी भिगो दिया।‌ फिर जो आखिरी के 10-12 झटके होते हैं ना पानी निकालने के बाद, वह तो मानो ऐसे लग रहे थे जैसे गरम मक्खन पर छुरी चलती है। उन आखिरी झटकों में मेरा लौडा दो बार मेरी सासू मां की चूत से बाहर आ गया था। क्योंकि मेरी सासू मां की चूत में हम दोनों का पानी जमा था।

लेकिन वह आखरी 10-12 झटकों के बीच में जब दो बार मेरा लौड़ा मेरी सासू मां की चूत से बाहर आया, तब उन्होंने ही मेरा लौड़ा पकड़ के दोनों बार अपनी चूत में अपने हाथ से डाल कर मुझे मजा दे रही थी। आखिर में हम दोनों थक कर उसी पोजीशन में लेटे रहे। जब होश आया तब मैंने अपनी सासू मां को देखा। वह पसीने में पूरी तरीके से भीगी हुई थी। बाल बिखरे हुए थे। होठों पर हल्की सी सूजन नज़र आ रही थी।

वह धीरे-धीरे हांफ रही थी, और हांफने की वजह से उसके दोनों तरबूज और बड़ा पेट ऊपर-नीचे हो रहे थे। लेकिन उन्होंने अपनी दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ ऊपर कर रखा था। जब मैंने नीचे देखा तो उनकी झांटो पर जैसे किसी ने पानी का टैंकर छोड़ दिया था, और चूत से होते हुए झांट के सहारे हम दोनों का मिला हुआ पानी टप-टप करके बिस्तर पर गिर रहा था।

उसमें से आने वाली महक बहुत अच्छी लग रही थी। मैंने अपने दो उंगलियों से उनकी चूत को खोल कर देखा। वह ऊपर से काली, लेकिन अंदर से पूरी तरीके से गुलाबी थी, और जस्ट चुदाई होने के कारण थोड़ी सी फैल भी गई थी। तब मेरी सासू मां उठी और मुझे किस किया। फिर मेरा माथा चूमा और मेरी छाती पर अपना सर रख कर मेरे लोड़े को हाथ में लेकर सहलाते हुए मुझे कहा-

सासू मां: कल रात से लेकर अब तक दामाद जी आप मुझे जीते जी स्वर्ग की सैर करा लाए। मैं गुलाम हो गई आपकी। इसके बाद आप जैसा कहोगे वैसा करूंगी‌। आपको मेरी गांड चोदनी है, वह भी चुदवाऊंगी। बस कभी मुझे छोड़ कर मत जाना।

मैंने उनसे कहा: मेरी जान, जितना मजा तेरी बेटी नहीं दे सकती, उससे कहीं ज्यादा मजा तुमने मुझे दिया है।

फिर उसके बाद हम तीन-चार घंटे तक उसी हालत में सोए रहे। दोपहर को उठ कर बिना नहाए बिना धोए हम खाना खाकर एक बार फिर एक-दूसरे की चुदाई में व्यस्त हो गए।

अगली कहानी में मैंने अपनी सास की गांड कैसे मारी, यह विस्तार से बताऊंगा। उसके बाद मैंने अपनी सासू मां के साथ मिल कर मेरी प्यारी भोली-भाली बीवी को मेरी सासू मां के साथ किस तरह बिस्तर पर नंगी कर कर पटक-पटक के चोदा, यह बताऊंगा।

तब तक के लिए गुड बाय। अगर आपको यह स्टोरी पसंद आई है, तो आप मुझे मेल भी कर सकते हैं। मेरी ईमेल आईडी है [email protected]

अगला भाग पढ़े:- सासू मां की चुदाई-7

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