नमस्कार दोस्तों, अपनी अगली हिंदी चुदाई कहानी शुरू करने जा रहा हूं।
मेरे कॉलेज के बाद इंटर्नशिप करने के लिए इंदौर की एक कंपनी में सिलेक्शन हुआ था। मुझे वहां तीन महीने रहना था। मेरी बड़ी बुआ जी इंदौर में ही रहती हैं। जब उन्हें मेरे वहां आने का पता चला, तो उन्होंने मुझे ये तीन महीने वहीं रहने के लिए बोल दिया। मैं भी यही चाहता था। उनकी छोटी बेटी सीमा गजब की मॉल थी। वो कॉलेज में सेकंड ईयर में पढ़ती थी।
मैं सीमा को काफी पसंद करता था। उसकी कद काठी, गोरा रंग, गोल-गोल 30″ साइज के बूब्स और गजब का ड्रेसिंग सेंस मुझे काफी अट्रैक्ट करते थे। अगर वो नाते में मेरी बहन नहीं लगती, तो अभी तक मैं उसे पटा कर चोद चुका होता। उसे भी मेरी पर्सनेलिटी काफी पसंद थी। जब वो हमारे यहां आती थी, तो ज्यादातर समय मेरे साथ ही बिताती थी। लेकिन कभी उसके साथ सेक्स करने का मौका नहीं मिला था, जो शायद वो भी चाहती थी।
मेरे इंदौर आने से वो भी बहुत खुश थी। वो बोली: वाह अरुण, तुम यहां तीन महीने रहोगे। मजा आ जाएगा। हम दोनों खूब मजा करेंगे। मम्मी-पापा के साथ बोर हो गई हूं।
हम दोनों पहले जब मिलते थे, तो काफी खुल कर बात कर लेते थे। यहां तक कि सेक्स के बारे में भी। हम पहले फोन पर भी खूब बाते करते थे। उसने कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन उसके मन में था।
इंदौर पहुंच कर हम दोनों ने रात में बैठ कर खूब बाते करते थे। वो मुझ से काफी खुली हुई थी। मैं उसे अपनी कॉलेज टाइम के कई सेक्स एक्सपीरियंस भी शेयर करता था। वो सब सुन कर उसका मन मचल जाता था।
हम दोनों घर में जो ऊपर दोनों रूम थे, उन्हीं में रहते थे। रात में लगभग वो मेरे रूम में आ जाती थी, और हम बाते करते रहते थे। मैं उसे कई बार किस्स भी कर लेता था। लेकिन आगे कुछ नहीं कर पाता था।
एक दिन बुआ और फूफा जी किसी फंक्शन में दो दिन के लिए ग्वालियर गए हुए थे। तो हम दोनों घर पर अकेले ही थे। अब मुझे लग रहा था कि सीमा को चोदने का मौका मिलने वाला था। उस दिन मैं शाम को घर आते समय एक कंडोम का पैकेट आपने साथ ले आया। शाम को जब मैं घर पहुंचा तो सीमा ने एक ब्ल्यू कलर की, बुआ जी की नाइटी डाल रखी थी।
मैं बोला: क्या बात है, आज तो मैडम कुछ अलग ही मूड में है?
उसने शायद नाइटी के नीचे कुछ नहीं डाला था। उसने डिनर पहले ही ऑर्डर कर रखा था। मैं जब तक चेंज करके आया डिनर आ गया। हमने साथ में डिनर किया। फिर हम दोनों मेरे रूम में चले गए। आज सीमा कुछ अलग ही मूड में थी।
वो बोली: आज मैं तुम्हारे एक्सपीरियंस का मजा लेना चाहती हूं।
मेरी बहुत टाइम की तमन्ना उसे चोदने की, जो आज पूरी होने जा रही थी। हम दोनों बेड पर लेट गए और एक-दूसरे को चूमना शुरू कर दिया। मैंने उसके बूब्स को भी काफी दबाया। वो भी मेरा साथ दे रही थी। उसने ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ कर सहलाया। मैंने भी कॉलेज के बाद कई दिनों से किसी लड़की को नहीं चोदा था, सिर्फ अपने हाथों से ही कम चला रहा था।
हम दोनों ने एक-दूसरे को कड़ा भींच रखा था। मैंने उसकी नाइटी ऊपर करके उसके कूल्हों पर हाथ फेरने लगा। वो एक-दम मस्त हो गई। मैं कूल्हों के साथ-साथ अपने हाथ को उसकी चूत पर भी ले आता था। वो मुझे कड़ा पकड़ कर स्मूच किए जा रही थी।
मैंने अपनी शॉर्ट्स को नीचे कर दिया था, और मेरे लंड को उसके हाथ में दे दिया। वो लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने भी अपनी एक उंगली उसकी चूत मे डाल दी थी। उंगली डालते ही वो तड़प उठी। उसकी चूत एक-दम टाइट थी, क्योंकि वो पहले कभी चुदी नहीं थी।
मैंने खड़े हो कर उसकी नाइटी उतार दी। जैसे मैंने कहा था, वो नीचे बिल्कुल नंगी थी। अब उसके तने हुए एक-दम मुलायम और टाइट बूब्स मेरे सामने थे। उसकी चूत एक-दम क्लीन शेव थी। शायद उसने आज ही साफ की थी। वो उपर से एक-दम गुलाबी और नीचे से हल्की सी डार्क कलर की थी। मैंने उसे बेड पर लिटा कर जैसे ही उसकी चूत के लिप्स खोले, वो एक-दम गीली और गुलाबी थी।
सीमा शायद एक बार झड़ चुकी थी, जिससे उसकी चूत पूरी तरह से चिकनी हो गई थी। मैंने उसे लंड को चूसने को बोला। लेकिन एक बार अपनी जीभ फेर कर मना दिया। मैंने भी उसे फोर्स नहीं किया।
मैं बोला: चलो आज सीधे चुदाई पर ही आते है।
मुझे पता था वो अभी कुंवारी थी, तो आज उसकी सील भी टूटने वाली थी, तो खून भी निकलेगा। तो मैंने एक टिश्यू का पैकेट भी पास में रख लिया था। मैंने कुछ देर उसकी चूत को अपनी जीभ से चटा। वो चुदने के लिए छटपटा उठी।
वो बोली: अरुण ज्यादा तड़पाओ मत, अब जल्दी से करो।
मैंने भी देर ना करते हुए उसे सीधा लिटाया, और उसकी टांगें चोड़ी कर दी। उसका गुलाबी छेद मेरे सामने था। मैंने लंड को उसके छेद पर सेट कर दिया, और हल्का सा धक्का मारा। लंड का सुपाड़ा ही अंदर गया था, और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर मैंने एक-दम से लंड को बाहर खींच लिया।
मैंने उसे समझाया: देखो थोड़ा दर्द होगा, फिर मजा आएगा।
और मैं साइड में लेट कर उसके बूब्स और चूत को सहलाने लगा।
थोड़ी देर में मैं बोला: अब तैयार हो?
उसने हां में सर हिलाया। मैंने वापस उसकी टांगों को चोड़ा किया, और लंड सेट करके जोर का धक्का मार दिया। चूत टाइट होने की वजह से अभी भी मेरा आधा लंड ही अंदर गया। अबकी बार वो चिल्लाई तो नहीं, लेकिन उसकी आँखों से आंसू आने लगे। मैं पहले धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। एक मिनट ऐसा करने के बाद मैंने एक धक्का और मार दिया। अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत मे चला गया।
वो बोली: नहीं करो अरुण, मुझे बहुत जलन हो रही है।
मैं कुछ देर अंदर डाल कर रुका और फिर उसे चोदने लगा। अब उसका कुछ दर्द कम हुआ और उसे भी मजा आने लगा। वो अपनी चूत को ऊपर उठाने लगी। कुछ देर चोदने के बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया। देखा तो पूरा लंड खून में सना था, और कुछ खून उसकी चूत से बाहर आ रहा था।
मैंने टिश्यू से मेरे लंड को साफ किया, और एक कंडोम लगा लिया। वो ऐसे ही लेटी रही। मैंने फिर से उसकी चूत मे लंड को डाल दिया, और दनादन चुदाई शुरू कर दी। अब उसे भी दर्द नहीं हो रहा था, बल्कि मजा आ रहा था।
करीब पांच मिनट के बाद मेरा वीर्य निकल गया। कंडोम लगा रखा था तो कोई प्रॉब्लम तो नहीं होने वाली थी। वो मुझसे चिपक गई और मुझे जोर-जोर से किस्स करने लगी।
वो बोली: अरुण आज तुमने मेरी तमन्ना पूरी कर दी। मेरी कई सहेलियां इस बारे में बताती थी। लेकिन मेरी इच्छा थी तुमसे ही चुदाने की।
मैंने टिश्यू से उसकी चूत को साफ किया, और एक टिश्यू में कंडोम को लपेट कर डस्टबिन में डाल दिया। हम दोनों नंगे ही चादर ओढ़ कर ऐसे ही लेट गए। हमने सुबह उठ कर एक बार फिर से सेक्स किया। सीमा के लिए पहली बार सेक्स था, तो उसे सुबह उठ कर चलने में तकलीफ हो रही थी। उसने कॉलेज से छुट्टी ले ली। लेकिन मुझे तो ऑफिस जाना था, तो मैं रेडी हो कर चला गया।
अगली रात में हमारी फिर से जोरदार चुदाई का दौर चालू हुआ, जो रात भर चला। मैंने सीमा को कई स्टाइल में चोदा। मैंने उसकी गांड को भी चोद दिया। सुबह हम दोनों एक साथ नहाए। दूसरे दिन बुआ और फूफा जी आ गए थे। लेकिन हम दोनों ऊपर रहते थे तो लगभग डेली सेक्स कर लेते थे।
तो दोस्तों बताना जरूर आपको मेरी ये हिंदी चुदाई कहानी कैसी लगी।