नमस्कार दोस्तों, मैं प्रितंका गुप्ता अपनी नई सेक्स कहानी के साथ आप सब के सामने हाजिर हूं। अगर आपने मेरी पहले की सेक्स कहानियां नहीं पढ़ी, तो पहले उनको जरूर पढ़ ले। मैं यकीन दिलाती हूं। आपको बहुत मजा आएगा। इस कहानी में मैं आपको बताऊंगी कैसे मेरी और मेरे भाई की चुदाई हुई।
सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता देती हूं। नाम मैं बता चुकी हूं ऊपर। मेरा फिगर 34-29-36 है, और रंग मेरा गोरा है। मैं पंजाब के लुधियाना से हूं। अब मैं अपनी कहानी की तरफ ले चलती हूं आप सब को।
कुछ दिन पहले की बात है। मेरे मम्मी-पापा को किसी फंक्शन के लिए जाना था। घर से कोई 2 लोग ही जा सकते थे, तो वो दोनों ही जा रहे थे। वो सुबह जा कर रात को वापस आने वाले थे। उनके जाने के बाद मैं और भाई ही घर पर रहने वाले थे। भाई उनके जाने की बात सुन कर बहुत खुश हो रहा था। ये देख कर मैंने भाई से पूछा-
मैं: भाई तू इतना खुश क्यों हो रहा है?
भाई: दीदी बात ही खुशी की है।
मैं: मुझे भी तो बता कि क्या बात है?
भाई: दीदी मम्मी-पापा घर पर नहीं होंगे, तो मैं अपनी गर्लफ्रेंड को घर पर बुला सकता हूं। किसी की कोई टेंशन नहीं।
मैं: और मैं जो हूं घर पर। मेरा तुझे कोई डर नहीं?
भाई: दीदी आपका काहे का डर? आप तो मेरी प्यारी दीदी हो।
और ये बोल कर उसने मुझे गले से लगा लिया। दरअसल मेरी और मेरे भाई की बहुत बनती है। हम दोनों एक-दूसरे से हर तरह की बात कर लेते है, और कुछ नहीं छुपाते। इसीलिए वो जानता था कि वो मुझसे बिना डरे अपनी गर्लफ्रेंड को बुला सकता था।
फिर मम्मी-पापा चले गए, और भाई ने अपनी गर्लफ्रेंड को बुला लिया। कुछ देर में उसकी गर्लफ्रेंड आ गई। उसने जींस और टीशर्ट पहनी हुई थी, और वो दिखने में अच्छी-खासी थी। फिर वो उसको लेके अपने रूम में घुस गया। मैं जानती थी कि आज वो उसके साथ कुछ ना कुछ जरूर करेगा। क्योंकि कोई लड़का ऐसा मौका नहीं छोड़ता।
फिर कुछ देर बाद मुझे उनके रूम से लड़की की आहों की आवाज आने लगी। वैसे तो मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं था उनको देखने में, लेकिन लड़की की आहें सुन कर मेरा मूड बन गया। मैंने सोचा क्यों ना अपने भाई की चुदाई कला को देखा जाए। ये सोच कर मैं उनके रूम के बाहर चली गई, और दरवाजा हल्का सा खोल कर अंदर देखने लगी।
मेरा भाई उस लड़की को ऊपर से नंगा करके उसके बूब्स चूस रहा था। वो काफी अच्छे और वाइल्ड तरीके से उसके बूब्स चूस रहा था। फिर उसने लड़की की जींस और पैंटी निकाल दी, और उसकी चूत को खूब चाटा। उसकी चटाई देख कर मेरी चूत भी गीली होने लगी। फिर जब उसने लंड बाहर निकाला, तो लड़की लंड देख कर डर गई। वो बोली कि वो उसके मोटे बड़े लंड को नहीं ले पाएगी। भाई ने उसको बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं मानी। फिर इस बात पर दोनों का झगड़ा हो गया, और वो लड़की कपड़े पहन कर चली गई।
उसके बाद मेरा भाई वैसे ही बिस्तर पर लेट गया, और अपना लंड मसलने लगा। मैं अभी भी बाहर ही खड़ी थी। मैं करती भी क्या, मेरी चूत गीली थी, और भाई का लंड देख कर मेरे मन को कुछ हो रहा था। मैं ये बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी कि इतने बड़े लंड को चूत नहीं मिली। फिर मैंने सोचा क्यों ना मैं अपने भाई को संतुष्ट कर दूं? ये सोच कर मैं दरवाज़ा खटखटाते हुए अंदर चली गई।
मेरा भाई मुझे देख कर उठ कर बैठ गया, और खुद को ढकने के कोशिश करने लगा। ये देख कर मैंने उसको कहा-
मैं: इसकी कोई जरूरत नहीं है भी। मैं इसी को ठंडा करने आई हूं।
इसके पहले मेरा भाई मेरी बात का कोई मतलब निकालता, मैं बेड पर बैठ गई, और उसके लंड को हाथ में लेके हिलाने लगी। ये देख कर वो हैरान हो गया। फिर मैं उसको बोली-
मैं: भाई चिंता मत करो। कुछ समय के लिए मुझे अपनी गर्लफ्रेंड समझो, और मेरे साथ वहीं करो, जो उसके साथ करने वाले थे। ये सिर्फ आज के लिए ही है। उसके बाद हम फिर से भाई-बहन है। ठीक है?
मेरा भाई मेरी बात को अच्छे से समझ चुका था। वो मेरे करीब आया, और मेरे होंठों से अपने होंठ मिला लिए। अब हम दोनों भाई-बहन अपने रिश्ते की सीमा को लांघ चुके थे। मैंने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनी थी। मेरे होंठों को चूसते हुए भाई मेरी जांघों को सहलाने लगा जो आधी नंगी थी। और मैं तो पहले से उसके लंड को सहलाए जा रही थी।
कुछ देर होंठ चूसने के बाद भाई ने मेरे बालों में हाथ रख कर मेरे मुंह को अपने लंड की तरफ धकेला। मैं उसका इशारा समझ गई, और उसके लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी। इससे उसके मुंह से हल्की आह आह की आवाजें आने लगी। जब मैं लंड चूस रही थी, तो मेरा भाई मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए मेरी गांड पर आ गया, और मेरे चूतड़ दबाने लगा। इससे मैं और उत्तेजित होने लगी।
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया, और मुझे सीधी लिटा दिया। अब वो मेरी टांगों के बीच आ कर में चूत चूसने लगा। मेरी चूत धड़ा-धड़ पानी छोड़ रही थी, और भाई कुत्तों की तरह मेरी चूत चूस रहा था। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ, तो मैंने उसको चुदाई शुरू करने को बोला।
मेरा हुकुम पा कर भाई मेरे ऊपर आया, और मेरी चूत पर लंड रगड़ते हुए धक्का दिया। उसका लंड काफी बड़ा था, तो रगड़ खाता हुआ चूत में गया। मुझे काफी दर्द हुआ, लेकिन मज़ा भी बहुत आया। भाई मेरे बूब्स चूसने लगा, और घपा-घप मेरी चूत में लंड पेलने लगा।
वो कभी मेरे होंठ चूसता और कभी मेरे बूब्स, और उसका लंड नीचे से मेरी चूत को खा रहा था। मैंने अपनी टांगें भाई की कमर पर लपेट ली, और गांड उठा-उठा कर उसका साथ दे रही थी। कुछ देर में वो झड़ने वाला था। मैं अब तक 2 बार झड़ चुकी थी। जब उसने मुझसे पूछा कि माल कहां निकाले, तो मैंने उसको मेरे अंदर ही झड़ने को कहा। उसने फिर मेरी चूत को माल से भर दिया।
उस दिन रात तक भाई ने अलग-अलग पोजीशन में मेरी चुदाई की, और शाम तक मेरी चूत का सारा पानी खाली कर दिया।
कहानी कैसी लगी, [email protected] पर मेल करके बताएं।