हेल्लो फ्रेंड्स, मैं अजय, अपनी अगली चुदाई कहानी लेके आया हूं। मैं 25 साल का लड़का हूं। मेरा लंड 7 इंच लम्बा है, जो किसी भी चूत को पिघला देता है।
मेरे पड़ोस में मेरी कजिन सिस्टर खुशबू रहती है। खुशबू 20 साली जवान बिंदास लड़की है। उसके ऊपर जवानी अच्छी तरह से चढ़ चुकी है। उसके 30″ साइज के बूब्स, 28″ की कमर, 32″ की गांड है। ये मस्त शानदार फिगर किसी को भी लंड मसलने पर मजबूर कर दे।
वैसे तो मेरा लंड मेरी कई पड़ोस भाभियों की चूत खा चुका था। लेकिन मैं जब भी खुश्बू को देखता, तो मेरा लंड हिचकोले खाने लगता। खुशबू की मस्त चढ़ती जवानी अब मेरे लंड मे आग लगाने लगी थी।
अब जब भी मेरी खुशबू से बात होती, तो मैं उसके मस्त फिगर को ताड़ता था। खुशबू मेरे बारे में अच्छे से जानती थी। बातों ही बातों में मैं खुशबू से उसके मस्त फिगर की तारीफ कर देता था। खुशबू सिर्फ मुस्कुरा कर बात को टाल देती थी।
“भैया आप भी क्या यार……..”
खुशबू अच्छी तरह से जानती थी, कि मैं उसकी सील तोड़ने के लिए उतावला हो रहा था। अब एक दिन खुशबू घर पर अकेली थी। तभी मैं उसके घर पर चला गया। खुशबू उस टाइम पढ़ाई कर रही थी। तभी मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ गई। अब मुझसे रहा नहीं गया।
“बहुत मस्त टाइट बूब्स हैं खुशबू तेरे तो।”
तभी खुशबू मुस्कुरा पड़ी और उसने तुरन्त उसके बूब्स के ऊपर दुपट्टा डाल लिया।
“भैया आप टीना और योगिता भाभी के बूब्स चूस रहे हो। उनसे तृप्त नहीं हुए क्या आप, जो मेरे बूब्स पर नज़र डाल रहे हो?”
“यार तेरे बूब्स की बात अलग है। तेरे बूब्स एक-दम फ्रेश बूब्स हैं।”
“अच्छा! और आपकों ये कैसे पता?”
“असली खिलाड़ी देखते ही समझ जाता है कि कोन सा माल फ्रेश हैं या ठंडा हैं।”
“वाह! आप तो बहुत तगड़े खिलाड़ी हो भैया।”
“हां खुशबू, अब तो मैं किसी फ्रेश माल को ही ढूंढ रहा हूं।”
तभी खुशबू मेरा इशारा साफ-साफ समझ गई।
“भैया साफ साफ बोलो ना, कि आपकी नजर मेरे ऊपर ही हैं।”
“अब समझदार को इशारा काफी होता है।”
“वैसे आप बड़े चालाक हो। दोनों भाभियों से आपका मन नहीं भर रहा है?”
“जब चूत लंड मांगती है, तो चूत अपने आप ही बुला लेती है।”
तभी खुशबू चुप हो गई।
“तुम बताओ खुशबू, तुम कब तुड़वाओगी सील?”
“भैया मैं अभी नहीं तुड़वाऊंगी सील।”
“अब और कितना टाइम लोगी? 20 साल की तो हो गई तुम।”
“होने दो, अभी तो मैं एग्जाम की तैयारी कर रही हूं। फिर सोचूंगी इस बारे में।”
“जल्दी तुड़वा लो यार। कहीं ऐसा नहीं हो कि मेरे से पहले कोई और तेरी सील तोड़ जाए।”
“आपको बड़ी जल्दी हैं मेरी सील तोड़ने की।”
“हां यार जल्दी तो हैं।”
ऐसे ही टाईम निकलता जा रहा था। लेकिन खुशबू उसकी सील तुड़वाने के लिए तैयार नहीं हो रही थी।
फिर एक दिन मैंने खुशबू से कहा, “यार तू नहीं तो तेरी फ्रेंड निकिता की चूत दिलवा दे। वो भी तेरी तरह ही मस्त माल है।”
“ठीक है भैया मैं उससे बात कर लूंगी।”
अब मैं खुशबू का जवाब का इंतजार करने लगा, लेकिन उसकी फ्रेंड निकिता भी सील तुड़वाने से मना कर चुकी थी। मैं बार-बार खुशबू के पीछे लगा था।
अब एक दिन उसको और उसकी फ्रेंड निकिता को एग्जाम देने कॉलेज जाना था। उस दिन उनके घर पर कोई नहीं था, तो खुशबू मेरे पास आई।
“भैया हमे कॉलेज तक छोड़ आओ ना। आज कोई नहीं घर पर।”
तभी मैंने सोचा यहीं मौका था खुशबू का फायदा उठाने का। तभी मैंने खुशबू से कहा, “ठीक है मैं तुम्हे कॉलेज छोड़ आऊंगा। लेकिन इसके बदले मैं तेरी और तेरी फ्रेंड की सील आज ही तोडूंगा।”
“नहीं भैया, ये तो नहीं चलेगा।”
अब खुशबू मेरे पास से चली गई। फिर थोड़ी देर बाद खुशबू मेरे पास आई।
“यार भैया छोड़ आओ ना। और कोई भी नहीं मिल रहा है।”
“छोड़ने के लिए मैंने मना नहीं किया है। बस मेरी शर्त मान जाओ।”
तभी खुशबू खड़ी-खड़ी सोचने लगी। इधर उसके एग्जाम का टाईम होता जा रहा था। अब खुशबू के पास और कोई चारा नहीं बचा था।
“ठीक है भैया। आपकी शर्त मंजूर है।”
“निकिता से भी बात कर ली तूने?”
“हां भैया उसको भी बोल दिया था मैंने।”
अब मैंने बाइक स्टार्ट की, और दोनों को बैठा लिया। फिर मैंने कॉलेज की ओर बाइक दौड़ा दी। खुशबू मुझसे चिपक कर बैठी थी। उसके बूब्स की घिसावट बार-बार मेरे लंड का करंट बढ़ा रही थी।
“खुशबू तेरे बूब्स मेरे लंड को खड़ा कर रहे हैं।”
“कोई बात नहीं भैया। अभी आप बाइक चलाने पर ध्यान दो।”
“हां खुशबू कोशिश तो यही कर रहा हूं।”
फिर थोड़ी देर बाद मैंने दोनों को कॉलेज छोड़ दिया। अब मैं दोनों के एग्जाम खत्म होने का इंतजार करने लगा। फिर एग्जाम खत्म होने के बाद दोनों बाहर आ गई।
अब मैं बेसब्री से घर पहुंचने का इंतजार कर रहा था। फिर हम थोड़ी देर में गांव में पहुंच गए।
“निकिता तुम घर जाओ। तेरी कल लूंगा।”
अब मैंने बाइक को घर पर खड़ा किया, और तुरंत खुशबू के पास पहुंच गया। खुशबू कपड़े चेंज कर चुकी थी।
“भैया यार थोड़ा आराम से करना।”
“तुम चिंता मत करो। मैं आराम से ही करूंगा।”
अब मैंने खुशबू के गुलाबी होठों पर मेरे होठों को रखा, और उसकी गांड को सहलाते हुए होठों को चूसने लगा। मैंने खुशबू को पलंग पर पटक दिया, और एक बार और उसके होठों को रगड़ दिया। अब उसकी टी-शर्ट जिस्म से अलग हो गई थी। मैं उसके टाइट बूब्स को मुट्ठियों के कस कर भींचने लगा।
“आहा बहुत ही टाइट चूचे है तेरे।”
खुशबू दर्द से तड़प रही थी।
“आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आराम से दबाओ भैया। आह आह उन्ह्ह्ह्ह। आईईईई।”
इधर मेरा लंड उसकी चूत की सील तोड़ने के लिए तड़प रहा था। अब मैंने खुशबू के पजामे को हवा में फेंका, और उसकी चूत के गुलाबी होठों पर लंड घिसने लगा। खुशबू पहली बार लंड के नीचे आ रही थी, तो उसे बहुत डर लग रहा था।
अब मैंने जोर से लंड ठोका, और मेरा लंड खुश्बू की चूत की सील तोड़ता हुआ उसकी चूत की जड़ में बैठ गया। तभी भयंकर दर्द के साथ उसकी आंखों में आंसू आ गए। अब मैं उसकी चूत को पेलने लगा।
“आह आहा आईईईई मम्मी मर गई। आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आईईईई। भैया मर गई मैं। धीरे-धीरे चोदो। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आईईईई।”
खुशबू भयंकर दर्द से पलंग पर उछल कर पड़ रही थी। मेरा भारी भरकम लंड उसकी चूत की जड़ें हिला रहा था। इधर उसकी टाइट चूत से मेरा लंड छिल रहा था।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आईईईई।”
तभी मेरा लंड खुश्बू की चूत के पानी में भीग गया। अब मैं उसके बूब्स को चूसने लगा।
“क्या टाइट बूब्स है तेरे, आहा।”
अब पसीने से लथ-पथ होकर खुशबू उसके बूब्स चुसवा रही थी।
“उह्ह्ह्ह भैया,चूसो मेरे बूब्स को। उन्ह्ह्ह्ह। उह्ह्ह्ह भैया मजा आ रहा है, आहा। आह पी लो उनका दूध, आह।”
खुशबू के फ्रेश बूब्स चूसने में अलग ही मजा आ रहा था। तभी मैंने खुशबू के बूब्स को बुरी तरह से चूस डाला। अब मैंने उसकी टाइट चूत में फिर से लंड फंसाया और उसे फिर से चोदने लगा।
“आह आईईईई ओह्ह्ह्ह भैया। आईईईई मम्मी मर गई। आज आईईईई उन्ह्ह्ह आईईईई आह आहा।”
“भैया नहीं, अब सैया बोल तू।”
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आईं ओह मेरे सैया। आह आह आईईईई।”
अब मैं उसको बाहों मे कस लिया, और कस कर उसकी टाइट चूत बजाने लगा।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आहा आहा आईईईई ओह्ह्ह्ह मेरे सैया। आहा मेरी चूत फट जायेगी आज, आहा।”
“फटने दे साली, आहा।”
तभी मेरे लंड की ठुकाई से पस्त होकर उनसे मुझे जोर से कस लिया, और मेरी बेक को रगड़ने लगी।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आईईईई आराम से चोदो आपकी बहिन को उन्ह्ह्ह्ह। आह आहा बहुत दर्द हो रहा है आहा।”
मैं गांड हिला-हिला कर खुश्बू की चूत में लंड पेल रहा था। आज बहुत दिनों की मेरी इच्छा पूरी हो रही थी।
“ओह्ह्ह्ह खुशबू, आहा।”
खुशबू लंड लेने के मामले में एक-दम नई नवेली थी। लेकिन यहां उसका अनुभवी लंड से पाला पड़ रहा था।
“आह आह आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह भैया आह आह आईईईई।”
तभी खुशबू की फ्रेश चूत में पिचकारी छूट गई। अब खुश्बू की टाइट चूत की खुदाई से मेरा लंड घिस गया, और मेरे लंड ने भी फव्वारा छोड़ दिया।
“ओह्ह्ह्ह खुशबू, आह।”
कहानी जारी है………….
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