Site icon Desi Kahani

ऑफिस वाली प्रिया मैडम-1 (Office Wali Priya Madam-1)

दोस्तों, मेरी ऑफिस सेक्स स्टोरी में मैं आपका हार्दिक अभिनंदन करता हूं। शुरू करते है-

बात है इन्हीं दिनों 2018 की है। मौसम में नमी हुई थी, और एक या दो दिन बाद बारिश आ जाती थी। आज भी सुबह से बारिश हो रही थी।

मैं गौतम उम्र 21 साल, रंग सांवला, और शरीर का ठीक-ठाक, लंबाई 5 फुट 7 इंच। यह कहानी बहुत अद्भुत थी। वो सब दृश्य आज मेरे सामने आ रहे हैं, तो चलिए पढ़ते हैं कहानी 2018 में जाकर।

बारिश हो रही थी। लेकिन मैं बस से दफ्तर को निकल गया था। दफ़्तर पहुंचा तो पता चला दफ़्तर अभी बंद था। मैंने चौकीदार से फोन पे चाबी पूछी और दफ़्तर खोल कर, अपने कंप्यूटर पर गाने लगा कर काम में लग गया। बारिश अभी भी आ रही थी। इतने में बाहर से किसी के आने की आहट आई, तो मैंने गाने बंद कर दिये।

{यह बात एक सिरसा शहर, हरियाणे जिले के दफ़्तर की हैं जिसमें मुझे मिला कर चार लोग और नौकरी करते हैं। पहले हैं श्याम सर जो इस कार्यालय के बड़े अफसर है, और दूसरे पर आती है प्रिया मैडम (इनकी और मेरी कहानी) जो क्लर्क हैं, और एक हैं दामिनी, जो दफ्तर में चपड़ासी हैं}

थोड़ी देर में देखा कि प्रिया मैडम (प्रिया मैडम, उम्र 26 साल, रंग गोरा बिल्कुल दूध की तरह, ऊंचाई 5’5″, और शरीर पूरा चुस्त। फिगर 32-26-32, बिल्कुल बॉलीवुड की हीरोइन जाह्नवी कपूर की तरह।) थी, जो पूरी भीगी हुई थी। उन्होंने सफ़ेद रंग की शर्ट और नीले रंग जींस पहनी हुई है।

उनकी सफेद शर्ट से अंदर पहनी काले रंग की ब्रा दिख रही थी, और शर्ट पूरी शरीर से चिपकी होने से गोरा बदन दिख रहा था। इससे मेरे लंड में हलचल होने लगी थी। उनके काले बालों से पानी की बूंदे टपक रही थी।

प्रिया मैडम की मेरी से अच्छी बनती थी, क्योंकि मेरी और उनकी म्यूजिक की पसंद एक जैसी थी। प्रिया मैडम मुझे देख कर-

प्रिया: वाह! गौतम आज तुम आए हो! कमाल है! मुझे था बारिश के मौसम में कौन आता है (उनके हाथ में कुछ बैग थे)।

मैं: जैसे आप आ गए वैसे मैं आ गया। मेरा भी मन नहीं लगता घर पर।

प्रिया: ठीक है चलो मैं बाल सुखा कर आती हूं (अपने मेज की तरफ मुड़ गई, और अपने बैग से तोलिया निकालने लगी)।

मैं: आपको अच्छा लगे तो मैं चाय बना कर लाता हूं गर्म-गर्म‌ (उनके बदन को देख कर मेरा तो खड़ा होने लगा था)।

प्रिया: हां क्यों नहीं यार!

इतना कहते ही मैडम बाल सुखाने चली गई, और मैं रसोई में चाय बनाने चला गया। चाय बनाते-बनाते अपने लंड को मसलने लगा, और मैडम के बदन के बारे में सोचने लगा। काली ब्रा जिनसे उनके चुस्त बूब्स का उभार और उनकी नाभि जो उनकी भागी की शर्ट से दिख रही थी, बार-बार मेरी आंखों के सामने आ रही थी।

चाय लेकर वापस लौटा तो देखा कि मैडम ने अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल रखें थे। उनके उनके बूब्स का उभार अच्छे से दिख रहा था। मैं उनकी टेबल पर कप रखते हुए वहीं पर रुक गया। मैं उनके बूब्स के उभार को देख रहा था, गोरे-गोरे रंग के बूब्स। उन्होंने अचानक से ऊपर देखा, तो उन्होंने मेरी नज़र को पकड़ लिया और फिर भी नीचे देखने लगी। मैं भी डर कर वापस रसोई में पहुंच गया।

मैं रसोई में बैठा अभी उनके भीगे बदन और बूब्स के उभार के बारे के बारे में सोच रहा था, कि श्याम सर की कार आ गई और वह ऑफिस में आ गए। मैंने चाय खत्म की और श्याम सर को गुड मॉर्निंग बोला। (मैं श्याम सर के पास ट्रेनिंग के लिए था। हम तीनों प्रिया मैडम, श्याम सर, और मैं एक ही कमरे में थे)

मैंने प्रिया मैडम को देखा तो वह थोड़ी सी शर्मिंदा थी, और अपने ऊपर के दो बटन को अब बंद कर लिया था। श्याम सर के आते हम काम में लग गए। करीब 2 घंटे के बाद प्रिया मैडम ने बोला कि, “गौतम तुम खाना खा लो, हमें मेरे कमरे की तरफ जाना हैं मेरा सामान छोड़ने के लिए।”

(प्रिया मैडम यहां से करीब 200 से 300 किलोमीटर दूर रहने वाली थी, उनकी पोस्टिंग यहां हुई थी, और वो यहां पर PG लेकर रहती थी)

मैंने खाना खाया और दफ़्तर के मोटरसाइकिल से हम चल दिए। मैडम दोनों तरफ टांगे करके बैठ गई। रास्ते में बारिश होने की वजह से बाइक को धीरे-धीरे चला रहा था, और ब्रेक भी बहुत लग रहे थे। इससे मैडम के बूब्स बार-बार मेरी पीठ पर टकरा रहे थे और मुझे बहुत सॉफ्ट फील हो रहा था। इतने में हम मैडम के कमरे के पास पहुंच गए।

मैडम अपना सामान ऊपर रखने चली गई, और मैं नीचे इंतजार करने लगा। इतने में बारिश होने लगी और मैडम ने खिड़की से बोला कि गौतम ऊपर आ जाओ। मैं ऊपर उनके कमरे में जाकर सोफे पर बैठ गया। मैडम मेरे सामने खड़ी थी। मैं बार-बार मैडम के बदन को देख रहा था, जो उनकी सफेद शर्ट से दिख रहा था, और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था। मुझे लगता है ये मैडम ने भी नोटिस कर लिया था।

प्रिया मैडम: मैं अपने कपड़े बदल लूं, तुम यहां पर बैठो। जब बारिश रुकेगी तब हम चले जाएंगे।

मैंने हां कहा, और मैडम कपड़े बदलने चली गई। मैडम के बाथरूम के बिल्कुल सामने शीशा लगा हुआ था। जिसमें मैडम जब कपड़े बदल रही थी, तो मैडम की पीठ शीशे की तरफ थी। मुझे उनका अक्स दिख रहा था। मैं ध्यान से देखने लगा कि मैडम ने जब अपनी सफेद शर्ट उतारी तो उनकी नीचे पहनी काली ब्रा पूरी की पूरी दिख रही थी।

मुझे तो मानो जन्नत ही नसीब हो गई हो। मेरा लंड तन गया था। मैं अपने लंड को मसलने लगा। अब मैडम ने अपनी नीली जींस भी उतार दी। उन्होंने नीचे काले रंग की अंडरवियर पहन रखी थी।अब मैडम ने अपना अंडरवियर उतार दिया था। मैडम की नंगी गांड देख कर तो मेरा लंड फुंकारे मारने लगा। मैं अभी से मैडम को अपनी गोदी मैं बिठा कर चोदने को सोचने लगा था। मैडम ने अपकी ब्रा भी उतार दी थी, मगर मुझे उनके गोरे बूब्स नहीं दिख रहे थे।

फिर वह शॉवर से नहाने लगी। उनके बदन पर साबुन तैर रही थी। यह सब देख कर मैंने अपना हाथ पैंट में डाला, और लंड को मसले लगा। मैडम जब पीछे मुड़ कर टॉवल उठाने लगी लगी तो उन्हें देखा कि दरवाजा बंद नहीं था, और सामने शीशे में उनका अक्स दिख रहा था। फिर उनकी शीशे से नज़र मेरे से मिली तो झट से दरवाजा बंद कर दिया।

मैंने झट से अपना हाथ पैंट से निकाला और मैं डर गया। मेरी गांड फट गई थी। मैंने सोचा अब चलना ही बेहतर रहेगा, क्योंकि मैडम ने मुझे देख लिया था।

मैंने फिर हिम्मत करके आवाज लगाई कि मैं जा रहा था। अंदर से आवाज आने में 20 सेकंड लगे-

प्रिया: नहीं, रुको मत जाओ। बाहर बारिश है।

मैं: ठीक है।

करीब 15 मिनट बाद मैडम वॉशरूम से बाहर आई। उसके बाद क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी कैसी लगी Gautamsirsa604@gmail.com पर जरूर बताएं। धन्यवाद।

अगला भाग पढ़े:- ऑफिस वाली प्रिया मैडम-2

Exit mobile version