हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम रजत मोहंती है। पेशे से मैं एक डॉक्टर हूं और मैं उड़ीसा का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 40 वर्ष है, मैं 5 फीट लंबा हूं और देखने में काफी आकर्षक हूं। मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है, जो कि किसी भी लड़की की चूत में सनसनी मचाने के लिए काफी है। मैं धनबाद के एक बड़े अस्पताल में जनरल मेडिसन का डॉक्टर हूं।
मैंने कैसे धनबाद के अस्पताल में एक सेक्सी रिसेप्शनिस्ट को चोदा, जिसका नाम रिजवाना खान था, जो कि ओपीडी में बिलिंग का काम देखती थी, इस सेक्सी हॉस्पिटल गर्ल की कहानी में आपको बताने जा रहा हूं।
धनबाद के अस्पताल में मैं और मेरी पत्नी दोनों कार्य करते हैं। मैं जनरल मेडिसन का डॉक्टर हूं, तथा मेरी पत्नी इमरजेंसी की डॉक्टर है। हम लोगों की आपस में बहुत कम बनती है, तथा सेक्स लाइफ भी ठीक से नहीं चल रही थी। इस सेक्सी हॉस्पिटल रिसेप्शनिस्ट गर्ल की चुदाई मैं आपको बताने जा रहा हूं कि कैसे मैंने उसे होटल में ले जाकर उसकी चुदाई की, तथा उसकी गांड मारी।
रिजवाना देखने में बहुत हॉट माल थी, और उसका हुस्न देख कर मुझे उसे चोदने का मन करता था। उसका फिगर 34-32-34 का था, और हाइट 5 फिट की होगी। उसको देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, और चोदने का मन करने लगेगा। उसके लाल रस भरे होंठ और काली आंखें मेरे दिल में घर कर गई थी। साथ ही गांड तक लहराते लंबे बाल देख कर मन करता था, कि उसको वहीं कुतिया बना कर और बाल पकड़ कर चोदना शुरू कर दूं।
यह बात 2 महीने पहले की है, जब मैं अस्पताल में मरीजों की ओपीडी करता था। तब रिजवाना खान की सीट रिसेप्शन में मेरे चैम्बर के ठीक सामने थी। पहले तो रोज बस मैं उसे देखता रहता था, और वो भी मुझे देखती थी। मैं रोज उसे किसी बहाने से बुलाया करता था, तथा उससे बात करता था। धीरे-धीरे बात करते-करते हमारे बीच दोस्ती हो गई।
वैसे तो हमारे बीच साधारण दोस्ती ही थी, पर कब वॉट्सएप पर चैट करते-करते मुझे उससे प्यार हो गया, कुछ पता ही नहीं चला। हाल उसका भी कुछ ऐसा ही था। पर वह भी अपने मन की बात किसी को बता नहीं रही थी। धीरे-धीरे हमारी देर रात तक बात होने लगी, और एक दिन मैंने उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया। पहले तो उसे डर लगा, और उसने मेरे सामने अपने इस डर का इजहार किया।
मैंने उससे कहा: मेरा हाथ तुम्हारे सर पर हमेशा रहेगा, और अस्पताल में तुम्हें कोई कुछ नहीं कहेगा।
ये सब कहने के बाद वह मेरे समझाने पर मान गई। कुछ दिन बाद उसका सीट बदल गया, तथा वो इमरजेंसी में बिलिंग का काम देखने लगी, जहां पर मेरी पत्नी वहां की इंचार्ज थी। रिजवाना ने बहुत चालाकी से मेरी पत्नी से दोस्ती कर ली, ताकि उसे हमारे बारे में कोई शक ना हो। और वह उसके सामने मुझसे चैट में बात करती थी, और मेरी पत्नी को भनक भी नहीं लगने देती।
अब चैट के अलावा हमारी बातें रोज फोन पर भी होने लगी थीं। धीरे-धीरे ये बातें सेक्स की तरफ बढ़ गई। हम दोनों फोन सेक्स और सेक्स चैट करने लगे। वह वीडियो कॉल करती, तथा व्हाट्सप्प पर मुझे अपनी मोटी-मोटी चूचियों की फोटो भेजती। जिसे देख कर मैं अपना लंड हिलाता और रस निकाल लेता।
इधर से मैं भी अपने लंड की फोटो उसे भेजता, जिसे देख कर वह अपनी चूत में उंगली करती थी। हम दोनों एक-दूसरे को गर्म करते समय बहुत उत्तेजक बातें भी करते थे, और हमारे बीच लंड-चूत-चुदाई जैसी बातें आम हो गई थीं।
ये लगभग हमारा रोज का काम हो गया था। बिना चूत-चूची-लंड की बात किए बगैर हम दोनों को ही नींद नहीं आती थी। फिर एक दिन फोन पर बात करते समय उसे बोले दिया कि-
मैं: मुझे कैसे भी करके तुम्हें चोदना है अब।
तब उसने कहा: हां यार, आग तो मेरे अन्दर भी लगी है। आप कहीं होटल में रूम का जुगाड़ कीजिए। मैं आ जाऊंगी।
मैंने कहा: ये तुम पक्का मान लेना कि तुम्हें मैं होटल ले जाकर जी भर कर चोदूंगा।
वह बोली: हां-हां चोद लेना यार। आप से चुदे बिना मैं भी नहीं रह पा रही हूं।
मैंने कहा: क्या सच में तुम्हारी चूत में इतनी आग लगी है?
वह बोली: अब कैसे बताऊं मेरी जान। बस ये समझो कि चूत में से आवाज निकल पाती, तो वह खुद ही चिल्ला-चिल्ला कर तुम्हारे लौड़े को बुला लेती।
मैंने कहा: तब तो तुमको मेरे लौड़े की सख्त जरूरत है। बस तुम हरी झंडी हिलाओ, और मैं अपना लौड़ा हिलाता हुआ आ जाऊंगा। मेरी पत्नी दो दिन के लिए बैंगलोर जाने वाली है। तभी हमारी चुदाई का प्रोग्राम सेट करता हूं।
रिजवाना बाहर कमरा लेकर रहती थी, तो उसे आने में कोई परेशानी थी नहीं। उसने होटल में आकर चुदवाने के लिए हामी भर दी थी। इसी तरह से हम दोनों के बीच मुहब्बत की बातें होने लगी, और हम दोनों में फोन सेक्स शुरू हो गया। मैंने उस रात चुदाई की खुशी में तीन बार मुठ मारी, तब जाकर सो पाया।
कुछ दिन बाद वह दिन भी आ गया, जिसका मुझे ना जाने कब से इंतजार था। मेरी पत्नी बैंगलोर चली गई थी, और रिजवाना ने भी 2 दिन की छुट्टी अस्पताल से ले ली थी। मैंने हमारी चुदाई के लिए धनबाद के एक अच्छे होटल में एक कमरा बुक कर लिया था।
मैंने कहा: मैं अस्पताल से मरीज देख कर आता हूं, तब तक तुम अपनी झांटों के बाल साफ़ कर लो।
वह बोली: राजा, वह तो पहले से ही एक-दम चिकनी चमेली बनी तुम्हारे मूसल का इंतजार कर रही है।
मैंने कहा: तो बस मेरी जान चूत में चिकनाई लगा कर रखो। मैं बस आ ही रहा हूं।
फिर मैंने अपनी कार उठाई, और 30 मिनट में उसके पास पहुंच गया। होटल जाते समय मैंने कंडोम के पैकेट और कुछ खाने-पीने का सामान ले लिया। जाने से पहले मैंने उसके साइज़ की गुलाबी रंग की ब्रा पेंटी का सेट ले लिया था, जो कि मैंने गिफ्ट में पैक करवा लिया था। जब उसने गेट खोला, मैं तो उसे देखता ही रह गया।
उसने लाल रंग का सेक्सी वन पीस पहना हुआ था। ऊपर से उसके तने हुए चूचे मानो मुझसे बोल रहे थे, कि आओ हम दोनों को चूस लो। मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैं उसे पकड़ कर अन्दर ले गया, और दरवाजा बंद करके वहीं उसे बेड पर पटक दिया।
वह हंस रही थी और कह रही थी: अरे पानी तो पी लो।
मैंने कह दिया: तुम्हारे गर्म होंठों को पी कर पानी पी लूंगा मेरी जान!
यह कहते हुए मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और उन्हें चूसने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी, और मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर चूसने-चूमने लगी। जल्द ही हम दोनों ही बहुत ज्यादा गर्म हो गए थे।
अब मेरा एक हाथ उसकी मोटी गांड पर चला गया, और मैं उसको दबाने लगा। मेरे एक हाथ में उसका पूरा एक चूतड़ नहीं आ रहा था। मेरा दूसरा हाथ उसके चूचे पर चला गया। फिर मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया। मैं उसके होंठ चूसने लगा, और कपड़ों के ऊपर से ही उसकी दोनों चूचियां दबाने लगा।
धीरे-धीरे अब मेरे होंठ उसके गले तक आ गए, और मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए। जब मैंने उसकी शर्ट के बटन खोले, तो अन्दर उसने काली रंग की ही ब्रा पहन रखी थी। मैं तो ब्रा के ऊपर से ही कभी एक चूची को चूसता, और दूसरी को दबाता, तो कभी दूसरी को चूसता। वह भी बेताब हो रही थी, और मेरे मुंह में अपनी दोनों चूचियों को बारी-बारी से दे रही थी।
मैं उसके निप्पल को पकड़ कर खींचता और उसकी आंखों से आंखें मिला कर निप्पल को अपने दांतों में दबाए रखता। वह आह आह करती हुई अपने होंठ काटती हुई बड़ी ही कामुक लग रही थी। अब मैंने उसकी जींस भी निकाल दी, तो देखा कि उसने नीचे भी काले रंग की पैंटी पहन रखी थी।
सच में उसके गोरे बदन पर काली ब्रा-पेंटी कयामत ढा रही थी। मैंने उसे ब्रा पेंटी में ही बिस्तर पर लिटाया। दूध जैसे गोरे रंग और काली ब्रा-पेंटी में लड़की अलग ही माल लगती है। मैं उसके ऊपर चढ़ गया और ब्रा से चूची बाहर निकाल कर चूसने लगा। साथ-साथ पीछे हाथ ले जाकर जब मैंने ब्रा खोलनी चाही, तो उसका हुक मुझसे नहीं खुला।
यह देख कर वह हंसने लगी और बोली: रुको जान, तुम तो मेरी ब्रा फाड़ ही दोगे। मैं खुद खोल कर अपनी जान को अपना दूध पिलाती हूं।
जैसे ही उसने अपनी ब्रा खोली, उसके दोनों कबूतर एक-दम पिंजरे से कूद कर बाहर आ गए। अब मैं उसकी दोनों चूचियों को हाथों से मसल रहा था, और दबाते हुए चूस भी रहा था।
वह लेटी हुई बस ‘आह आह आई जान धीरे चूसो’ कह रही थी, और साथ ही मेरे सिर को अपनी चूची पर दबाए जा रही थी। उसने खुद मेरे कपड़े निकाल दिए, और मैं भी उसके सामने अंडरवियर में रह गया। वह मुझे प्यासी नज़रों से देखने लगी। मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला, तो उसकी चूत पूरी गीली थी।
तभी मैंने एक उंगली अन्दर डाल दी। उसकी एक-दम से आह निकल गई। अब मैं एक उंगली अन्दर-बाहर करता रहा, और उसकी चूची के साथ खेलता रहा। वह भी मेरे लंड को सहलाने लगी। इसी बीच हम दोनों ने एक-दूसरे के बचे हुए कपड़े भी निकाल दिए थे। मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थी, जैसी मुझे पसंद थी। मैं उसकी चूत को चाटने लगा। अपनी चूत पर मेरी जीभ का स्पर्श पाते उसकी जोर की आह निकल गई, और वह पागल हो गई।
उसने जोर से मेरे बाल पकड़ लिए, और मेरे सर को चूत के अन्दर घुसाने लगी। 10 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद उसका शरीर पूरी तरह से अकड़ गया, तथा एक तेज आह के साथ वह झड़ गई। उसकी चूत का सारा अमृत मेरे मुंह में भर गया। कुछ पल निढाल रहने के बाद वह मेरे लंड को फिर से हिलाने लगी, तथा वह मेरे लौड़े की मुठ मारने लगी।
मेरा लंड पूरा टाइट हो गया। उसने फिर मेरे लंड को मुंह में लिया और चूसने लगी। दोस्तों, जिसने भी लंड चुसवाया है, सिर्फ वहीं उसकी अहसास जान सकता है, कि लंड चुसवाना कैसा होता है, और कितना मजा आता है। इसे सिर्फ अनुभवी मर्द ही बता सकता है और कोई नहीं।
अब मैंने उसकी टांगें खोल कर उसकी चूत पर लंड सैट किया, और धक्का दे मारा। जैसे ही मैंने अपने लंड को धक्का दिया, उसकी जोर की चीख निकल गई। जितनी आसानी से मेरा लंड उसकी चूत में घुसा, मुझे पता चल गया कि ये बहन की लौड़ी पहली बार नहीं चुद रही थी। ये पहले से चुदाई हुई थी। पर मुझे क्या करना था? मुझे तो बस इसे चोदना था, इसलिए मैंने भी कुछ नहीं कहा।
मैं थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा, और चूची चूसता रहा। चूची चूसने से दर्द में बहुत आराम मिलता है। धीरे-धीरे उसका दर्द कम हुआ, और मैंने उसको चोदना शुरू कर दिया।
उसकी सिसकारियां निकलने लगी, और वह बोलती रही: आह यस जान, चोदो मुझे आह और तेज, और तेज यस, बहुत मजा आ रहा है, चोदते रहो।
थोड़ी देर बाद वह मेरे ऊपर आकर बैठ गई, और लंड चूत के अन्दर लंड डाल कर गांड को उछालने लगी। उसकी चूत मेरे लंड पर रगड़ रही थी, और मैं उसकी गांड को सहारा देकर उसको और कुदाता रहा। उसकी चूचियां उसके साथ गजब झूल रही थी। मैं उन दोनों पर थप्पड़ मारता रहा।
जैसे-जैसे वो मेरे लंड में अपनी चूत डाल कर गांड को उछाल रही थी, मुझे लग रहा था कि मैं जन्नत में था। 15 मिनट तक मैं उसकी चूची को किस करता रहा, और उसके बाद मैं उसकी चूत में ही अपना माल गिरा दिया, और वो भी झड़ गई। उसके बाद हम दोनों ही बिस्तर में नंगे पड़े रहे।
आधे घंटे बाद वो फिर से मेरे लौड़े को अपने मुंह में लेकर उसको खड़ा करने लगी। जैसे ही मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ, मैंने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसको चोदना शुरू कर दिया।
वह भी गांड हिला-हिला कर चुद रही थी। मैंने उसके मोटे-मोटे चूतड़ों पर बहुत थप्पड़ मारे, और उनको लाल कर दिया। दोस्तों, लड़कियों को भी अपनी गांड पर चांटे लगवाने में बहुत मजा आता है। हमारी चुदाई दना-दन चल रही थी। अब तक वह दो बार झड़ चुकी थी।
जब मैं झड़ने वाला हुआ, तो मैंने उसके चूतड़ पकड़ कर तेज-तेज चार-पांच शॉट मारे, और लंड चूत से निकाल कर उसके चूतड़ों पर अपना माल निकाल दिया। फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और मैं होटल से अस्पताल आ गया।
उसके बाद मैंने उसकी दो दिन तक होटल में चुदाई की, जिसमें हमने बाथरूम सेक्स भी किया, और अलग-अलग पोज में चुदाई भी की। दो दिन बाद मेरी बीवी वापस आ गई, और उसके बाद भी हमने कई बार चुदाई की है।
यह थी मेरी धनबाद के अस्पताल में सेक्सी रिसेप्शनिस्ट की चुदाई की कहानी। आपको कैसी लगी, मेल करके जरूर बताएं।