ये 3 साल पहले की सच्ची सेक्स कहानी है। मैं अब 30 साल की हूं, और उत्तर प्रदेश में रहती हूं। मैं एक हाउस्वाइफ हूं। मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे पति (जो विदेश मे रहते हैं), मेरा बेटा (जो हॉस्टल में रहता हैं) है। मेरी ऊंचाई 5 फुट 6 इंच है, और रंग मेरा गोरा है। फिगर मेरा 34-24-36 है। मोहल्ले के सारे लड़के मुझे घूर-घूर कर देखते है।
दोस्तों अब मैं कहानी पर आती हूं। मैं अपने सहेली जिसका नाम रागिनी है, उससे मिलने उसके घर गई। मेरी सहेली के बारे में बात दूं। उसके पति से उसका तलाक हो गया है। उसका भी एक बेटा है, जो मेरे बेटे के साथ ही हॉस्टल मे रहता है। और वो पैसों के लिए रंडी बन गई है। हम दोनों शुरू से ही बोल्ड थी सेक्स के लेकर। उसे मैंने पिछले चुदाई की सारी बात बताई तो वो बोली-
रागिनी: क्या बात है मेरी जान, आखिर तेरे अंदर की रंडी बाहर आ ही गई।
और उसने मेरी चूचियां दबा दी और बोली: अच्छा बात क्या पिएगी तू, चाय या कॉफी?
मैंने कहा: कॉफी बना ले, फिर बात करते हैं।
फिर वो कॉफी लेकर आई और बोली: चल कमरे में बात करते है।
कमरे मे जाकर कॉफी खत्म करते ही बात करते-करते वो मेरी चूचियां, तो कभी साड़ी के ऊपर से मेरी गांड दबा देती। फिर अचानक से उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और किस्स करने लगी। मैं भी उसका साथ देने लगी। फिर दो मिनट की किस्स के बाद वो बोली-
रागिनी: मेरी जान इतने दिनों बाद मिली है। अपनी चूत और चूचियों का रस तो पिला दे।
मैं बोली: हां क्यों नहीं रंडी, पी ले जितना मन करे।
दोस्तों फिर उसने मेरा ब्लॉउज और ब्रा निकाल दी, और मैंने उसकी। फिर वो मेरी चूचियों के निपल मुंह मे लेकर चूसने लगी। अब मैं गरम होने लगी थी। मैं भी उसकी चूचियां दबाने लगी। इसी तरह ना जाने हम दोनों कब पूरी नंगी हो गई पता ही नहीं चला।
फिर वो मेरी चूत मे उंगली करने लगी। मेरी मुंह से अहह वोहह की आवाज निकल गई। वो मेरे जिस्म से खेल रही थी, और बोल रही थी-
रागिनी: तेरी चूत अब तो पहले से भी मस्त लग रही है। लगता है सिनेमा वाले ने जम के पेल रंडी छिनार को।
मैं: रे कुतिया उसने वो कुटाई की, कि मजा आ गया था।
कुछ देर चूत चटाई के बाद मैं झड़ गई। फिर मैंने भी उसकी चूत मे उंगली डाल कर, और चाट कर उसका पानी निकाल दिया।
वो बोली: और चुदना हैं तुझे, तो आज रात रुक मेरे साथ। आज दोनों मिल कर मजे करेंगे। वैसे भी तू घर जाकर अकेली ही रहेगी। आज रात रंगीन करते है।
मैंनें भी हां कर दी। शाम को उसने अपने फोन से किसी को कॉल किया और बोली: अगर कोई एक साथ दो औरतों को चोदना चाहता है तो भेज, मस्त रंडी मिली है एक, रेट ज्यादा मिलना चाहिए।
थोड़ी देर बाद उसका फोन आया। फोन स्पीकर पर था।
तो सामने से उन्होंने बोला: एक आदमी है, जो 25 हजार देगा। और अगर रंडी पसंद आई तो खुश कर देगा, और पैसे देगा।
कह कर उसने फोन कट कर दिया। मुझे फिर शाम को उसने तैयार किया। रेशमी आसमानी नीली साड़ी, पैंटी और ब्रा पहनाया। एक रंडी की तरह सजा दिया।
रागिनी धीरे से बोली: स्वेता वो एक उम्रदराज आदमी हैं। लेकिन अगर तुम उनको खुश करोगी, तो वो अच्छे पैसे देंगे।
मैं ये सोच कर कि पहली बार रंडी बन कर पैसों की लिए चुदूंगी, मेरी चूत मे खुजली होने लगी। फिर रात को करीब 9 बजे दरवाजे पर किसी के खटखटाने की आवाज आई। तो रागिनी दरवाजा खोली और मैंने देखा– बाप रे, कम से कम 6.5 फिट की हाईट, बहुत मोटा सा आदमी एक-दम काला भुजंग, करीब 55 साल की उम्र का दिखता था। फिर रागिनी ने मेरा नाम उसे बताया, और उसका नाम था उमेश।
वो बोली: यही है रंडी, जो सिर्फ आज रात के लिए ही यहां आई है।
तो वो बोला: कमाल का बदन है इस रंडी का। फिर आज इसकी ऐसी चुदाई करूंगा, कि दोबारा यहीं, आएगी।
फिर देखते ही देखते उमेश रागिनी को किस्स करने लगा, और वो भी पूरे जोर से उसका साथ देने लगी थी। बुरी तरह से किस करने के बाद वो मेरी तरफ देखने लगे और दोनों हंसने लगे। फिर उमेश ने झट से अपनी पैंट खोल दी, और अगले ही पल शर्ट को भी उतार दिया।
फिर वो बोला: आ जाओ, मेरी कुत्तियों।
उमेश बहुत गंदी-गंदी गाली देने लगा था: आजा मादरचोद, बहुत दिन बाद एक साथ दो-दो चूत पेलने का मौका मिला है।
रागिनी ने मुझको भी अपने पास बुलाया, और फिर उमेश ने धीरे से मुझे बांहों में लेकर किस्स करना शुरू किया। उसने मेरा ब्लाउज खोला, और ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मों को दबाने लगा। चूचियों को सहलाने लगा। रागिनी ने अपने कपड़े और मेरी साड़ी निकाल दी। अब मैं और वो सिर्फ़ ब्रा-पेंटी में रह गई थी।
जैसे ही रागिनी ने मेरी ब्रा का हुक खोला, मेरे चूचे एक-दम से बाहर उछल आए। उमेश अपने हाथ से मेरे मम्मों को मसलने लगा। मैंने धीरे से उनके सिर को मेरी एक चूची पे लगा कर एक निप्पल उनके मुंह में डाल दिया। मैं अपने हाथ से अपने चूचे दबा कर उनको चुसवाने लगी। और रागिनी उमेश का लंड चूसने लगी, जो करीब 9.5 इंच लंबा, और मेरी कलाई जितना मोटा था।
मैं (मन में): बाप रे इतना मोटा? मैंने तो लाइफ में पहली बार देखा है। मैं इसे नहीं ले पाऊंगी।
इधर बारी-बारी से वो मेरे दोनों बूब्स चूसते रहे। वे मेरी दोनों चूचियों को बहुत हार्ड सक कर रहा था।
मैंने बोली: आह। धीरे जी। काटना मत प्लीज़।
उमेश: चल मेरी रंडी, तुम भी इसे मुंह में लो।
मैं बैठ गई और उनका सुपारे पर किस करके धीरे-धीरे मुंह में लंड लेना शुरू किया। उस सुपारे से कुछ मस्त कर देने वाली महक आ रही थी। कुछ ही पलों में मुझे लंड चूसना अच्छा लगने लगा। दोनों ने कम से कम 20 मिनट उसका लंड पूरा चूसा।
अब उसका मूसल सा लंड एक-दम हार्ड हो गया था। दोनों की लार से उसका पूरा लंड चिकना गया था। इस समय रागिनी मेरी चूत में उंगली डाल कर सहला रही थी। मेरी चूत भी एक-दम गीली हो गई थी। मैं एक-दम गरम हो गई थी।
फिर उमेश मुझसे बोला: अब लेट जाओ स्वेता रानी, मैं लंड अन्दर डालता हूं।
मैं अपने पैर खोल कर चित हो गई। उसने लंड को अन्दर डालने की जैसे ही कोशिश की, मेरे मुंह से ज़ोर से चीख निकल गई: बाप रे ईई। मर गईईई। कोई बचाओ।
तभी रागिनी ने मेरी मुंह पर अपनी चूत रख दी, जिससे मेरी आवाज दब गई। फिर उसने एक और ज़ोर से झटका मार दिया। मेरी चूत तो जैसे फटी जा रही थी। ऐसा लग रहा था कि आज किसी ने गरम सरिया मेरी चूत में पेल दिया हो।
फिर वो थोड़ी देर रुके, फिर एक ज़ोर से झटका मारा। मैं दर्द भरी आवाज में बोली: अभी कितना गया?
उमेश बोला: आधा गया है। अब एक ही झटके में पूरा घुस जाएगा स्वेता रंडी।
यह कहते ही उसने एक ज़ोर से झटका दे मारा, मेरी आँखों से आंसू निकल गए। उनका पूरा मूसल लंड मेरी चूत के अन्दर चीरता हुआ चला गया।
फिर धीरे-धीरे उन्होंने मेरी चूत में लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। कुछ देर के दर्द के बाद अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था। हां मेरी चूत के अन्दर बहुत जलन हो रही थी, दर्द भी बहुत ज्यादा था, पर अब खूब मज़ा भी आने लगा था। और मैं रागिनी की चूत चाट रही थी, और वो मेरी चूचियां मसल रही थी। वो मेरे ऊपर ही चढ़े हुए मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था।
वे मुझे पेलते हुए बोले: स्वेता मैं अब तक जितनी भी रंडियां चोदा हू़ं, तुम जैसी इतनी कमाल कोई नहीं देखी। आह। क्या मस्त चूत है। साली लंड को छोड़ती ही नहीं है। एक-दम अन्दर जकड़ के रखा है।
रागिनी बीच-बीच में मेरी चूत से लंड निकाल कर चूस लेती। फिर मेरी चूत में पेल देती। फिर उमेश ने मेरी गांड के नीचे तकिया रख कर मेरी एक टांग उठा ली, और अपना लंड एक ही बार में चूत में घुसा दिया। इस बार साले ने और ताकत के साथ धक्का मारा था तो उसका लंड अन्दर तक चूत को चीरता हुआ चला गया।
मेरी चूत की तो हालत ऐसे हो गई थी मानो फट गई हो। इससे मेरी चीखें निकल रही थीं। लेकिन रागिनी ने मेरी चूत को भोसड़ा बनाने के लिए शायद सब कुछ सोच रखी थी। उसने मुझे कम से कम 45 मिनट तक चोदा।
वो तभी एक-दम तेज होते हुए बोला: अब मेरा निकलेगा। माल कहां छोड़ना है?
मैंने जोश में बोल दिया: अन्दर ही छोड़ो।
उसने स्पीड बढ़ा दी, और तेज धक्कों के साथ मेरी चूत में अपना गाढ़ा चिकना मलाई सा रस डाल दिया। उसका इतना ज्यादा रस निकला था, कि वो मेरी चूत से बाहर बहने लगा था। जिसे रागिनी ने चाट कर साफ किया, और मैंने उमेश का लंड साफ किया।
तभी रागिनी बोली: ओये रांड, अपनी चूत को देख कुतिया। तेरी चूत तो फट गई।
फिर रागिनी उसका लंड चूस कर फिर खड़ा की, और फिर उमेश ने उसकी भी 30 मिनट तक चुदाई की।
फिर वो बोला रागिनी को: तू आराम कर, और दूसरी रंडी स्वेता को आज रात भर चोदूंगा।
उस रात उसने मुझे पूरी रात में 5 बार चोदा। मैं सुबह उठ ही नहीं पा रही थी, इतना दर्द हो रहा था।
इसके बाद उसने मुझे 40 हजार दिए और बोला: फिर कभी चुदना हो तो आ जाना।
और वो पैसे मैंने रागिनी को दिए तो आधे उसने मुझे दे दिए। और इस तरह रागिनी ने ही मेरी आग बुझवाने में मेरी हेल्प की। अगर वो नहीं होती, तो मैं ये सब मजा नहीं ले पाती। फिर मैं सुबह थोड़ा आराम करके घर चली गई।
आपको मेरी कामुक सेक्स स्टोरी पसंद आई होगी, ऐसी मुझे आशा है। फिर और नयी कहानी लेकर आऊंगी, बाय। लड़के अपने लंड की और लड़कियां अपनी चूचियों और चूत और गांड की फोटो मुझे ज़रूर भेजिएगा। मैं वक्त मिलने पर रिप्लाई जरूर करुंगी। मेरी ईमेल है s08381904@gmail.com