पिछला भाग पढ़े:- जीजू ने रसोई में खड़े-खड़े मेरी चुदाई की-1
मैं: जीजू, आप दीदी की चूंचियों को भी इसी तरह दबाते हो क्या?
जीजू: मेरी जान कभी अपनी दीदी से पूछना सारी रात वो मेरा मोटा लंड खाती है, और मजे से अपनी चूत, गांड और मुंह को चुदवाती है।
मैं: जीजू, वो आपकी पत्नि है, और मैं आपकी साली हूं। छोड़ो मुझे, मेरे साथ ये सब नहीं करना चाहिए आपको।
जीजू: आप बहुत ही हॉट फिगर वाली खूबसूरत माल हो साली साहिबा। मैं तो कब से तुमको रगड़ कर चोदना चाहता था यार।
मैं: मैं जानती हूं जीजू कि आप मुझे चोदना चाहते हो। पर शायद आपको मौका नहीं मिल पा रहा था। पर अब मुझे समझ आ रहा है कि इस बार मैं आपके लंड से नहीं बच पाऊंगी।
जीजू: मैं तो पूरी तैयारी से आया हूं साली साहिबा इस बार। तुमको रसोई में अकेले देखते ही मेरा लंड और भी कड़क हो गया। अब मैं तुम्हारी रसीली चूत में लंड डाल के चूत और लंड का मिलन करवाऊंगा। आज तुमको खड़े-खड़े चोदूंगा जब तक मेरे लंड से तुम्हारी रसीली चूत की प्यास नहीं बुझ जाती।
मैं: नहीं जीजू, इस समय नहीं। रात को जब दीदी सो जाएगी तो मैं आपके पास आ जाऊंगी। तब चुदाई का कार्यक्रम कर लेंगे। अभी दीदी आने वाली होंगी।
जीजू: रात को तो मैं तुम्हें चोदूंगा ही, पर अभी भी चोदूंगा जान। तुम्हारे जिस्म से अलग ही खुशबू आ रही है, जो तुम्हारी जवानी को और मादक बनी रही है। मुझे तुम्हारे जिस्म की खुशबू पागल कर देती है।
मैं तो चाह रही थी कि जीजू मुझे जल्दी से चोद डाले। पर मैं तो बस ऐसे ही नखरे कर रही थी। इस रगड़ाई-घिसाई में ही मैं झड़ने की हद तक गर्म हो गई थी। फिर जीजू ने एक हाथ से मेरा चेहरा अपनी तरफ घुमाया और मेरे दोनों होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने लगे। मैं इस हसीन लम्हे का भरपूर मज़ा लेने लगी।
जीजू ने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिये। मैं भी जीजू का साथ देने लगी। अब हम दोनों एक-दूसरे की आंखों में आंखें डाल कर जीभ से खेल रहे थे। हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को पीने लगे। जीजू की गर्म सासों की महक मेरे तन-मन में समा गयी।
जीजू मेरे गुलाबी होंठ पीने लगे, तो मैं भी चुदासी हो गयी। मैं भी गर्म हो गयी, और अपना मुंह चलाने लगी और जीजू के होंठ पीने लगी। हम दोनों जीजू-साली एक-दूसरे का गर्मा-गर्म चुम्बन लेने लगे। जिस कारण हम दोनों और गर्म हो गये थे। मैं वासना से जीजू की तरफ देख रही थी।
अब जीजू कपड़ों के उपर से ही अपना लंड मेरी गांड की दरार में दबा कर रगड़ने लगे। तो मैं भी होश खोने लगी, और अपनी गांड हौले-हौले से पीछे की तरफ धकेलने लगी। मतलब अपनी गांड जीजू के लंड पर रगड़ने लगी, और सिसकारियां लेने लगी आआहाहहह अअआहह अआहह।
मैं समझ गई कि जीजू को मेरी चूत चाहिए और मुझे भी जीजू का मोटा लंड। कुछ देर बाद मैं खुद को रोक ना पाई और मेरा हाथ पीछे ले जाकर जीजू की पैंट के उपर से ही जीजू का लंड मसलने लगी। तो जीजू ने अपनी पैंट का बटन खोल कर अंडरवियर घुटनों तक उतार दिया, और लंड को मेरे हाथ में पकड़ा दिया।
जैसे ही जीजू के मोटे मूसल जैसे लंड पर हाथ रखा, तो मैं जीजू के लंड को सहलाने लगी, और अपने कोमल हाथों से रगड़ कर लंड से खेलने लगी। साथ ही हम एक-दूसरे के होंठों का रस पान कर रहे थे।
जीजू मेरी दोनों चूंचियों को अपने हाथो में लेकर सहला कर दबा रहे थे। मैं अब लम्बी-लम्बी सिसकारियां ले रही थी। जीजू जोर-जोर से अपने कठोर हाथों से मेरी कोमल चूचियों को मसलने लगे। हम दोनों ही मस्त हो रहे थे।
जीजू मेरी चूचियों को पकड़ कर जोर-जोर से मसलते हुए बोले: और जोर से सहलाइए साली जी, मजा आ रहा है।
मेरे निप्पल को निचोड़ने की वजह से मैं झटपटा रही थी। तो मैं और जोर से जीजू का लंड सहलाने लगी। मेरे मुलायम हाथों की छुअन से जीजू का लंड और भी ज्यादा कड़क हो गया था। दोस्तों मुझसे रहा ना गया, तो मैं नीचे फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी।
जीजू का तना हुआ लंड मेरी आंखों के सामने था। मैंने जीजू के लंड को देखते हुए अपने होंठों को अपने दांतों में दबा लिया। जीजू का लंड तन कर लोहे की तरह टाईट हो गया था।
मैं बोली: अरे वाह, आपका लंड तो बहुत ही सख्त हो रहा है जीजू। लगता है बहुत गरमी है आपके लंड में।
तो जीजू बोले: जान मेरा लंड चूत में जाता है तो पानी निकाल कर ही बाहर आता है। चूत का भोसड़ा बना देता है मेरा लंड।
फिर मैं जीजू के लंड पर अपनी नाजुक उंगलियां फिराने लगी, तो जीजू को बहुत अच्छा लगने लगा। मैं धीरे-धीरे जीजू के लंड को अपने हाथ में लेकर रगड़ने लगी। तभी मुझे महसूस हुआ कि जीजू का लंड और ज्यादा गर्म और टाईट हो रहा था। तो मैंने अपने हाथ की मुट्ठी को बंद करके जीजू का लंड मुट्ठी में भर लिया।
मैं जीजू के गर्म लंड को अपने नाज़ुक हाथों भर कर आगे-पीछे करने लगी। फिर धीरे-धीरे अपना हाथ जीजू की जांघ पर फेरने लगी। मैं उत्तेजित होने लगी थी, और जोर से जीजू के लंड को दबाने लगी।
मैं जीजू के लंड को अपने हाथों से हिला रही थी। हमारी आंखो में चुदाई का नशा साफ झलक रहा था।
जीजू के बड़े गर्म सख्त लंड को देख कर मैं खुद को रोक ना पाई, और जीजू के लंड पर जीभ फेरना शुरू कर दिया। जीजू के लंड के सुपारे को जीभ से तिर-तिर करते हुए लंड के आगे के भाग के छेद पर हल्के-हल्के दांतों से काटने लगी।
जीजू को मजा आ रहा था। मैंने उपर देखा तो जीजू आंखें बंद करके उपर सिर किये हुए थे, और मजे से मुझसे लंड चुसवा रहे थे। ये देख कर मैं और भी ज्यादा गर्म और चुदासी हो गयी, और किसी भूखी शेरनी की तरह जोर-जोर से अपने पूरे मुंह को जीजू के लंड पर आगे-पीछे करने लगी।
जीजू का लंड बहुत मोटा लम्बा था। लंड देख कर मेरी चूत में जबरदस्त खुजली होने लगी थी। मेरी जवानी भी चुदाई के लिए तड़पने लगी थी। मेरी आंखों के सामने जीजू का मोटा लम्बा लंड ही घूम रहा था। मैंने अपनी चूत की प्यास जीजू के लंड से बुझाने की सोच ली थी। मैं जीजू के लंड को अपनी चूत में चखना चाह रही थी। फिर जीजू ने अपना पूरा गर्म लंड मेरे गले तक उतार दिया। जीजू बहुत जोश में आ गए थे।
मैंने लंड को बाहर निकाल कर कहा: जीजू आप आज मेरे मुंह को इस तरह चोदो जैसे आप दीदी के मुंह को चोदते हो।
तो जीजू और मस्त हो गये थे। ओह्ह्हहहह यससस अस्मिना आहहह आहहहहहह अआाहहहहहहह आआअहहह जान।
फिर जीजू ने लंड मेरे मुंह में डाल दिया। मैं जोर-जोर से जीजू का लंड अपने मुंह में अन्दर-बाहर करने लगी। जीजू का लंड मेरी थूक से पूरा गीला हो चुका था। जीजू के मुंह से आआहहह आहाहहह की आवाज आ रही थी। जीजू ने दोनों हाथों से कस कर मेरा सर पकड़ लिया, और लंड को तेजी से मेरे मुंह में अन्दर-बाहर करने लगे।
मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। मैं जीजू का साथ दे रही थी। जीजू का लंड मैं अपने मुंह में पूरा अंदर गहराई तक ले रही थी। मुझे और जीजू को बहुत आनंद मिलने लगा था।
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