मेरी नई सेक्सी कहानी में आपका स्वागत। मेरी ई-मेल सहेली का नाम सिमरन है। वो भी पंजाब से है। उसकी शादी को 2 साल हो चुके हैं। सिमरन से मेरी बात 3 महीने से हो रही है। सिमरन चाहती थी उसका पति मेरे साथ चुदाई करे, पर मैं ही सिमरन को हर बार मना कर देती थी।
पर एक दिन सिमरन के मुझे 4-5 मेल आए। मैंने जब रिप्लाई किया तो सिमरन ने मुझे बताया उसका पति अब पहले जैसे सेक्स नहीं करता था उसके साथ।
सिमरन बताने लगी: मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं। मैं खुद चाहती हूं कोई और लडकी मेरे पति को खुल कर सेक्स का मजा दे। और मेरे पति का कल बर्थडे है। मुझे पति को सरप्राइज करना है। पुजा आप मेरी बहन बन कर मेरी मदद कर दो।
मैंने बहुत सोचा और सिमरन को हां कर दी। हम दोनों ने अपने फोन नंबर भी आपस में ले लिए। फिर रात को सिमरन का फोन मुझे आया।
सिमरन: पुजा आप सच मे मेरी मदद करोगी ना? कहीं ऐसा तो नहीं है, आपने मेरा दिल रखने को हां की हो?
मैं: सिमरन दीदी आपके लिए हां की है मैंने। वैसे मैं कभी किसी को हां नहीं करती हूं। बस आप बता दो आना कहां है मुझे?
सिमरन: पुजा धन्यवाद आपका। मुझे बता दो आप कहां मिलोगी? मैं खुद आपको लेने आ जाऊंगी।
मैंने सिमरन को जगह बता दी मिलने की। सिमरन ने मुझे शाम 5 बजे मिलने को बोल दिया। फिर फोन कट कर दिया। मैं सुबह उठी, आराम से बाथरूम जा कर अपनी चूत की सफाई की, और नहा कर बाहर आ गई। फिर अपने काम में लग गई। शाम 4 बजे सिमरन का फोन आ गया।
मैंने उसको बोला: थोड़ी देर मे घर से निकल रही हूं। आप 5 बजे मिलो।
मैं घर से निकल कर बताई हुई जगह पर पहुंच गई। तभी सिमरन का फोन आया तो मैंने उसको बोला-
मैं: मैं आ गई हूं।
सिमरन बोली: मैं भी बहीं पर हूं।
तब मैंने सिमरन को बोला: मैं काले रंग का सूट पहन कर खड़ी हुई हूं। एक ऑटो के आगे।
कुछ देर बाद एक लम्बी सी कार मेरे सामने आकर रुकी। उस कार का शीशा खुला, और एक आवाज आई, “पुजा मैं सिमरन”।
मैंने सिमरन को देखा और हाथ हिलाया और कार के पास आ गई। सिमरन ने अंदर से कार का दरवाजा खोल दिया। मैं कार के अंदर बैठ गई। सिमरन मुझे देख बहुत खुश हो रही थी। सिमरन का वजन कुछ ज्यादा ही लग रहा था। वो काफी मोटी थी। तब सिमरन ने खुद ही बोल दिया-
सिमरन: पुजा मेरा पूरा शरीर फूल गया है शादी के बाद से, और अब मेरे पति भी खुश नहीं रहते हैं मेरे से।
मैं समझ गई थी उसके पति का तो बीच में ही फंस जाता होगा, तो बेचारा करेगा भी क्या? सिमरन पहले मुझे एक ब्यूटी पार्लर में ले गई। वहां मेरा बहुत सारा मेकअप करवाया। फिर वहीं पर मुझे एक दुल्हन की तरह तैयार करवाया। हम दोनों को तैयार होने में 8 बज गए। फिर सिमरन मुझे लेकर सीधा घर पहुंच गई। सिमरन मुझे एक कमरे में ले गई। मैं जैसे ही अंदर आई, तो देख कर हैरान रह गई।
कमरा अंदर पूरा फूलों से सजा हुआ था। बहुत ही प्यारी खुशबू आ रही थी। सिमरन ने मुझे बैड के बीच बिठा दिया और बोली-
सिमरन: पुजा मेरा पति आज की रात तेरा पति है। उसको पूरी खुशी देना। मेरी बहन बन कर।
मैं बोली: जो बोलोगे सब करुंगी।
फिर सिमरन मुझे पीने के लिए जूस और खाने को फल दे गई। मैंने भी बैठ कर जूस और फल खाए।
रात को 10 बजे सिमरन अपने पति को लेकर कमरे मे आ गई। जैसे ही उसके पति की नज़र मुझ पर गई, तो वो चिल्ला उठा सिमरन पर, और सिमरन को बहुत कुछ बोलने लगा। मैं भी डर गई। सिमरन ने अपने पति को बहुत देर तक समझाया।
फिर उसका पति माना और सिमरन को बोला: तुझे भी हमारे पास रहना पड़ेगा।
सिमरन उसके लिये मान गई। अब एक नई दुल्हन की तरह सिमरन के पति (हरजीत) ने मेरे एक-एक करके कपड़े उतार दिये। हरजीत मेरे जिस भी कपड़े को उतारता, वहीं पर मुझे चूमता। हरजीत मुझे नंगा करके खुद भी नंगा हो गया। हरजीत का लंड 5.5” लम्बा था। यह देख कर मैं भी खुश थी। सिमरन हम दोनों को देख रही थी, तो मैंने हरजीत को बोला-
मैं: अब आप अपनी बीवी को भी नंगा करो।
हरजीत का मन नहीं था, पर उसको मेरे कहने पर सिमरन को भी नंगा करना पड़ा। सिमरन ने मुझे आंखों से ही धन्यवाद किया। हरजीत सिमरन को नंगा कर के मेरे पास आ गया, और मुझ पर टूट पड़ा। कभी मेरे बूब्स चूसता, तो कभी मेरी चूत चाटने लगता। तब मैंने सिमरन को इशारा करके बोला कि वो अपने पति का लंड चूसे। तो सिमरन हरजीत का लंड चूसने लगी और हरजीत मेरी चूत और गांड चाटने लगा।
कुछ देर बाद हरजीत ने अपना लंड सिमरन के मुंह से बाहर निकाल लिया, और मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया, और लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा। फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत की गुफा में धकेल दिया। अब हरजीत मेरी चूत चोदने लगा। उसके मुंह मे मैंने अपना एक बूब्स भर दिया। हरजीत से मुझे ज्यादा मजा तो आ नहीं रहा था, पर उसका दिल रखने के लिए मैं ऐसे ही बीच-बीच मे आवाज निकाल रही थी।
हरजीत मुझे लगातार चोदे जा रहा था। हरजीत की एक बात मुझे अच्छी लगी, उसका चुदाई का स्टेमिना देख कर। उसने मुझे एक बार में लगातार 30 मिनट तक चोदा, और अपने लंड का माल मेरे पेट के ऊपर निकाल दिया। अब हरजीत मेरे उपर से हट कर सिमरन की बाहों मे चला गया। मैंने वहीं पड़े हुए अपने ब्लाउज से अपने पेट पर गिरे पानी को साफ किया, और उठ कर बाथरूम चली गई।
जब मैं बाथरूम से बाहर आई तो देखा हरजीत सिमरन की चूत चाट रहा था। सिमरन बहुत खुश लग रही थी। मैं भी एक तरफ लेट गई, और दोनों को देखती रही। काफी देर बाद सिमरन की चूत ने पानी छोड़ा, जो हरजीत चाट कर पी गया। अब हरजीत हम दोनों के बीच में आ गया। पहले हरजीत ने सिमरन के होंठो पर किस किया।
आज मुझे पहली बार गुस्सा आ रहा था, कोई मर्द मेरी जैसी हसीन को किस ना करके, एक मोटी को चूम रहा था। पर मैं यह देख कर भी चुप रही। हरजीत अब मुझे किस करने लगा, तो मैं खुद हरजीत को पागलों की तरह चूमने लगी। कुछ देर बाद हम अलग हुए तो हरजीत मुझे बोला-
हरजीत: आज मुझे पुजा तेरी घुड़सवारी करनी है, सिमरन तो करने नहीं देती है।
मैं एक-दम से उठी और घोड़ी बन गई। हरजीत ने मेरी गांड को पहले अच्छे से चाटा। फिर अपना लंड मेरी गांड मे भर दिया और मेरी घुड़सवारी करने लगा। हरजीत ने मेरे बालों को अपने हाथों से पकड़ लिया और मेरी गांड चोदने लगा। वो बीच-बीच मे मेरी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था। मैं जोश मे आकर और जोर से अपनी गांड आगे-पीछे कर रही थी।
हरजीत ने काफी देर तक मेरी गांड की चुदाई की। फिर उसने अपने लंड के पानी से मेरी गांड को भर दिया। अब मैं वैसे ही लेट गई। उस रात हरजीत ने मेरी 4 बार चुदाई की सिमरन के सो जाने के बाद। सुबह सिमरन उठ गई और जब सिमरन नहाने चली गई तो हरजीत ने मेरी चुदाई शुरु कर दी, जो सिमरन के बाथरूम से बाहर आने तक चलती रही।
सिमरन सब के लिए नाश्ता बनाने चली गई, तो हरजीत मुझे उठा कर बाथरूम में ले गया। वहां पर मैंने नहाते हुए हरजीत का लंड चूसा। फिर नहा कर हम बाहर आ गए। हरजीत ने मेरे से मेरा फोन नंबर ले लिया सिमरन को बिना कुछ पता चले, क्यूंकि सिमरन अमेरिका जा रही थी अपने मोटापे का इलाज करवाने। फिर मुझे सिमरन ने मेरा सूट दिया जिसको पहन कर मैं घर से आई थी।
अब हम सब ने नाश्ता किया। फिर सिमरन मुझे एक मार्केट में ले गई जहां सिमरन ने मेरे लिए बहुत सारी शॉपिंग की, और मेरा धन्यवाद करके मुझे घर छोड़ दिया, और सिमरन चली गई।
कैसी लगी मेरी चुदाई की कहानी मुझे जरुर बताना, आप सब आपकी पुजा शर्मा। [email protected]