पापा के दोस्त ने रंडी की तरह मेरी चुदाई की (Papa ke dost ne randi ki tarah meri chudai ki)

यह बात जनवरी की है। मैं घर पर ही थी तो मम्मी ने मुझे बताया, “आज तेरे पापा के दोस्त भी घर आ रहे हैं, 2-3 दिन रहने के लिए”। मुझे बहुत गुस्सा आ गया। मैं बोली, “यहां कयूं आना है? किसी होटल मे रह लेते ( मुझे अब चुदाई के लिए तड़पना पड़ता उनके आने से तो गुस्सा आ गया )”।

मम्मी बोली, “नहा कर रसोई घर मे आजा, उनके लिए खाना बनाना है”। मैं फिर नहाने गई। बाथरूम मे जा कर मैं अपनी हुई चुदाई को याद करते हुए चूत में उंगली करने लगी। फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैं नहा कर रसोई घर मे आकर मम्मी की मदद करने लगी।

शाम को पापा और उनके दोस्त घर आए। मम्मी और मैंने उनको चाय-नाश्ता दिया। कुछ देर के बाद पापा और उनके दोस्त नहा कर तैयार हो गए। मम्मी ने उनके आने से पहले ही टेबल पर गिलास, नमकीन, पानी, और दारु की बोतल रख दी थी। पापा के दोस्त का नाम उमेश है।

फिर पापा और उमेश दोनों बैठ गए, और पैग बना कर पीने लगे। पापा मुझे जब भी किसी काम से अपने पास बुलाते तो उमेश अंकल अपनी नजरों से मेरे पूरे शरीर का नाप ले लेते। दोनों आराम से पीने का मजा ले रहे थे, पर उमेश अंकल की नज़र मुझे ही ढूंढ रही थी।

कुछ देर बाद पापा मुझे आवाज देने लगे। मैं उनके पास गई तो पापा मुझे बोले, “पुजा अपने अंकल को बाहर वाला बाथरूम दिखा दो”। मैंने सर हिला कर हां कर दी‌ और मैंने अंकल को अपने साथ आने को कहा। अंकल मेरे पीछे चलने लगे। अंकल एक सिगरेट निकाल कर पीने लगे। बाथरूम के पास आकर मैं बोली, “अंकल यह बाथरूम है”।

अंकल सिगरेट पीते हुए बोले, “पुजा तू तो बहुत सुन्दर हो गई है। शरीर भी पूरा भर गया है तेरा”। मैं कुछ नहीं बोली, पर मन में सोचने लगी सब चुदाई का कमाल है। तभी अंकल ने मेरा हाथ पकड़ लिया, और मुझे धीरे से बोलने लगे, “पुजा इतना कातिल जिस्म है तेरा, और पेंटी नहीं पहनी हो”।

मैं यह सुन कर जाने लगी, पर अंकल ने पहले से ही मेरा हाथ पकड़ रखा था, तो जा नहीं सकी। अंकल ने फिर धीरे से मेरा एक बूब दूसरे हाथ से दबा दिया। मैंने जान-बूझ कर एक हल्की चीख निकाल दी मुंह से। तो अंकल ने चीख निकलते ही मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। अंकल मेरे होंठों को चूमने लगे।

अंकल ने कब बाथरूम का दरवाजा खोल दिया, मुझे पता भी नहीं लगा। अब हम दोनों बाथरूम के अंदर आ गए। अंकल अब मेरे पूरे चेहरे के साथ मेरे होंठ चूमने लगे। अंकल ने अपने हाथों से मेरे पूरे बदन को नाप लिया। मैं पीछे हट कर अंकल को बोली, “पापा आ जाएंगे, मुझे जाने दो अब”।

अंकल बोले, “रुक पुजा, जाते हुए मेरा समान तो देख कर जा”। और अंकल ने अपनी पेंट की जिप खोल कर अंडरवियर के अंदर से अपना तना हुआ लंड बाहर निकाल दिया। अंकल का लंड लम्बाई में 6″ होगा पर मोटाई मे 3” था। मैं अब बाहर जाने लगी तो अंकल बोले, “अब रात को तुम आओगी मेरे पास या मैं, सोच कर बता देना मुझे”?

मैं बाथरूम से बाहर आ गई और अपने कमरे में चली गई। अब मेरी आंखों के आगे अंकल का लंड ही नजर आ रहा था। मैं सोचने लगी क्या करुं मैं हां करुं या नहीं? यही सोच रही थी मैं तभी मम्मी ने आवाज लगा दी और मैं रसोईघर मे चली गई, और काम करने लगी।

पापा और अंकल पैग लगा रहे थे। मम्मी ने मुझे बोला, “जा अपने पापा से पूछ कर आजा खाना लगा दूं या नहीं”। मैं पापा के पास गई और उनसे खाने को पूछा तो अंकल बोलने लगे, “हां पुजा लगा दो, बहुत भुख लगी है अब (अंकल ने मुझे अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला)”।

मम्मी ने खाना लगा दिया अंकल और पापा दोनों खाना खाने लगे। जब दोनों खा बैठे तब मैंने और मम्मी ने खाना खाया। पापा ने अंकल को उनका बैडरूम दिखा दिया, और खुद अपने बैडरूम में चले गए। अंकल कमरे से बाहर आकर सिगरेट पीने लगे पर उनकी नजर मेरे उपर ही थी।

फिर अंकल फोन पर किसी से बात करने लगे। मैं बर्तन साफ करते हुए अंकल को देख रही थी। फिर मम्मी भी अपने रूम में चली गई। जैसे ही मम्मी ने रूम का दरवाजा बंद किया, अंकल फोन कट करके मेरे पास आ गए। उन्होने अंदर आते ही मुझे कमर से पकड़ लिया, और मेरी पीठ और गर्दन पर किस करने लगे।

मैं अंकल को मना करने लगी, पर अंकल कहां रूकने वाले थे। अंकल का खड़ा हुआ लंड मुझे गांड में साफ महसूस हो रहा था। अंकल ने मेरा पजामा नीचे कर दिया और मेरी नंगी गांड अब अंकल के सामने थी। अंकल नीचे बैठ गए और मेरी दोनों टांगो को खोल कर अपना मुंह मेरी चूत पर लगा दिया।

अंकल मेरी चूत के साथ-साथ मेरी गांड भी चाटने लगे। मैं डर भी रही थी कि कहीं मम्मी या पापा आ गए तो क्या होगा। काफी देर के बाद अंकल खड़े हो गए और उन्होंने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया। अब मैं ब्रा में रह गई थी। अंकल मेरे बदन पर किस करने लगे।

फिर मुझे बोले: साली तू तो चुदी हुई निकली रंडी।

मैं बोली: अंकल कमरे में चलो कोई आ ना जाए।

तो अंकल बोले: तुझे तो यहीं से चोदते हुए कमरे तक लेकर जाऊंगा रंडी।

यह बोल कर अंकल ने हाथ में थूक निकाल कर अपने लंड पर लगा लिया, और मुझे झुका कर लंड को मेरी गांड में सेट कर दिया, और एक हाथ से मेरा मुंह बन्द कर दिया।

फिर एक झटका मारा, और लंड का सुपाड़ा मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर चला गया। मैं तड़प उठी और छूटने की कोशिश करने लगी। पर अंकल ने फिर से एक ओर जोर का धक्का मारा, और लंड मेरी गांड के अंदर आधे से ज्यादा चला गया। मेरी हालत कभी इतनी खराब नहीं हुई थी, पर आज अंकल के लंड से हो गई।

अंकल ने कुछ ही देर में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। अंकल अब लंड गांड में डाल कर रुक गए, और मेरी ब्रा को भी उतार दिया। वो मेरे दोनों बूबस को हाथ मे लेकर दबाने लगे। अंकल अब धीरे-धीरे लंड को मेरी गांड में अंदर-बाहर करने लगे। वो मेरे बूबस को पूरा निचोड़ने लगे। मेरे बूबस पूरे लाल हो गए थे।

अंकल ने मेरी चुदाई रसोईघर मे ही शुरु कर दी। मैं दर्द से चिला भी नहीं पा रही थी। फिर अंकल ने मुझे चोदते हुए रसोई की लाइट बन्द कर दी, और मुझे चोदते हुए अपने कमरे मे ले आए। अंकल ने कमरे में आने के बाद मुझे दीवार के साथ खड़ा करके ही मेरी चुदाई जारी रखी।

अंकल ने मुझे वैसे ही काफी देर तक चोदा। फिर अंकल के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया मेरी गांड के अंदर ही। कुछ देर वैसे खड़े रहने के बाद अंकल का लंड मेरी गांड से बाहर आ गया। अंकल बैड पर बैठ गए, और मैं अंकल के पास नीचे बैठ गई, और लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी।

अंकल मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोलने लगे: पुजा तेरी मां नहीं तो तू ही मिल गई मुझे।

मैं लंड मुंह से बाहर निकाल कर बोली: अंकल आपका क्या मतलब है?

तो अंकल ने मुझे पकड़ कर बैड पर अपने साथ लिटा लिया और बोले: पुजा मैं तो तेरी मां का आशिक हूं बहुत समय से।

मैं तो यहां तेरी मां की चुदाई करना चाहता था, पर तेरी मां ने कभी हां ही नहीं कही। अब तेरी मां नहीं तो क्या हुआ, तुझे चोदूंगा कुतिया।

मैं अंकल का लंड पकड़ कर हिला रही थी। कुछ ही देर बाद अंकल का लंड फिर से खड़ा हो गया। अब‌ वो मेरे उपर आ गए।

अंकल मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे। मैंने अपना हाथ अपने मुंह पर रख लिया। फिर अंकल ने लंड को एक दम से मेरी चूत में उतार दिया। मैं तड़प उठी। अंकल के अंदर भरी हुई वासना साफ दिखाई दे रही थी। उनको मेरे दर्द का भी कोई असर नहीं था।

अंकल का पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया था। अंकल ने मेरी दोनो टोंगो को अपने कंधे पर रख लिया और मेरी चूत चोदने लग गए। लंड मोटा होने के कारण मेरी चूत को रगड़ रहा था। उससे मुझे बहुत दर्द हो रहा था। अंकल मेरी चूत बहुत जोश से चोदने लगे और चोदते समय मेरी मम्मी का नाम भी मुंह से निकाल रहे थे।

चूत मे ऐसा लग रहा था जैसे कोई लोहे की गर्म रोड अंदर-बाहर कर रहा हो। मेरी चूत पानी छोड़ चुकी थी, पर अंकल तो लगातार मुझे चोदने मे लगे हुए थे। अंकल ने कोई आधे धंटे तक मेरी चूत को चोदा। फिर लंड निकाल कर मेरे मुंह मे भर दिया और सारा पानी मेरे मुंह मे भर दिया।

उस रात अंकल ने मुझे 5 बार चोदा। फिर अंकल मुझे मेरे कमरे में छोड़ आए।

कैसी लगी आपको मेरी कहानी मुझे जरूर बताना। अगली कहानी मे बताऊंगी कैसे मैंने अंकल के सामने अपनी मम्मी के कपड़े पहने और उनसे चुदाई का मजा लिया। [email protected]