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मैं चुदी सिनेमा हाल में (Main Chudi Cinema Hall Mein )

दोस्तों मेरी सेक्सी कहानी में आपका स्वागत। मैं ज्यादातर साड़ी और ब्लॉउज ही पहनती हूं। मेरे ब्लॉउज से मेरी चूचियों के उभार और पीछे से मेरी गांड कमाल की लगती हैं। जवान होते ही मेरी चूत में लंड लेने की लत लग गई थी। लेकिन जब से शादी हुई है, तब से मैं हमेशा शरीफ औरत बन कर रहती हूं। अपनी चूत की प्यास बुझाने लिए मैं पोर्न वीडियो का सहारा लेती थी, और अपनी चूत में उंगली डाल कर खुद को शांत करती थी।

फिर एक दिन मुझे सेक्स कहानियों के बारे में पता चला, और उनको पढ़ कर मुझे पॉर्न देखने से ज्यादा मजा आने लगा। कहानियां पढ़-पढ़ कर मेरी बहुत सारी फैंटसीज हो गई, और मैं वहीं सोच-सोच कर अपनी तड़पती चूत को ठंडा करती। लेकिन मैं चाहती थी कि कोई मुझे मसल-मसल कर चोदे, मेरे चूचियों को दबाए, उनको खा जाए, मेरी गांड पर थप्पड़ मारे, मेरे होंठों का रस पिए, मेरी गांड में लंड पेले।

यहीं सोच कर अब मैं जो-जो चाहती हूं कि मेरे साथ हो, वो मैं आपको कहानी लिख कर बताऊंगी। उम्मीद है मेरी इच्छाएं आपको मजा देंगी। तो शुरू करती हूं।

दोस्तों एक दिन रात का वक्त था, और मैंने काले रंग की लेगिंग्स और साथ में लाल टीशर्ट पहनी हुई थी। लेगिंग्स मेरी काफी टाइट थी, जिसमें से मेरी टांगों, जांघों, और गांड की पूरी शेप नज़र आ रही थी। टीशर्ट मेरी थोड़ी ढीली थी, लेकिन इतनी भी नहीं कि मेरे कसे हुए बूब्स की कसावट को छुपा पाए। मैं अपनी सहेली से फोन पर बात कर रही थी, जो एक नंबर की रंडी है।

मैंने उससे कहा: यार तेरे तो मजे है, रोज अपनी चूत मे लंड लेती हो, और मैं यहां प्यास की आग में जल रही हूं।

तो उसने कहा: तो तू क्यूं तरस रही है? तू अकेली रहती है। तुझे तो दिन रात चुदाने का मौका है। और तेरा पति भी किसी को चोदता ही होगा। मेरी मान, और अभी बाहर निकल। चोदने वालों की लाइन लग जाएगी साली।

वो बोली: चल रखती हूं। मेरा कस्टमर आ गया हैं।

ऐसे ही कुछ देर सोचने के बाद मैं सोचने लगी कि वो सही तो कह रही थी। मैं अकेली रहती हूं। फिर मैंने एक काली जालीदार साड़ी और डीप नेक वाली ब्लॉउज पहन ली। उसमें मेरा गोरा बदन चमक रहा था और मैं भी एक रंडी ही लग रही थी। फिर मैंने एक टैक्सी ली, और एक सिनेमा हाल में मूवी देखने चली गई।

तकरीबन रात के 10 बज रहे थे। मूवी में कुछ रोमांटिक सीन चल रहा था, और मैं भी गरम हो रही थी। तभी मुझे महसूस हुआ कोई मेरी जांघ पर सहला रहा था। फिर मैंने देखा वो कोई 50 साल का एक आदमी था।

मैंने सोचा चलो लगता है आज रात मेरी चूत चुद जाएगी। फिर मेरे कुछ ना कहने पर वो धीरे-धीरे मेरी पेट से होते हुए ब्लॉउज के ऊपर से ही मेरी चूचियां दबाने लगा, और मेरे ब्लॉउज का बटन खोलने लगा।

तो मैंने कहा: ऐसा मत करो, मैं ऐसी औरत नहीं हूं।

वो बोला: साली शरीफ़ बनती हैं। रंडी ना होती तो इतनी सज धज कर अकेली यहां नहीं आती, और हाथ रखते ही मना करती। अब मजा मुझे दे और तू भी ले।

फिर मैंने कुछ नहीं कहा और वो मेरी चूचियों को जोर-जोर से मसलने लगा। मुझ पर अब चुदाई का नशा चढ़ चुका था। रात के अंधेरे में मेरी चूचियां गोरी होने की वजह से साफ दिखाई दे रही थी। अब वो मेरी चूचियां पीने लगा था। मेरे निप्पल बड़े हो गए। मेरी चूत पनिया गई। वो बहुत जोर से मेरे निप्पल चूसने लगा। मुझसे रहा नहीं गया और मेरी मुंह से आह आह की आवाज निकल गई। ये सुन कर वो खुश हो गया।

आदमी बोला: क्यूं जानेमन, मजा आ रहा लगता हैं? बहुत दिनों से नहीं चुदी हो।

मैं कुछ नहीं बोली। फिर उसने मेरी साड़ी ऊपर की, और मेरी चूत पर हाथ लगाया। तो मैं सिहार उठी। मुझे अब कोई परवाह ही नहीं थी कि मैं ऐसे पब्लिक प्लेस पर नंगी अपने जिस्म की नुमाइश कर रही थी। मुझे तो बस लंड चाहिए था। आज एक क्या दो-चार और मिल जाते, तो भी मुझे कोई परवाह नहीं थी।

अब वो आदमी मेरी चूत चाटने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं उसके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी। अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था‌। मैंने उसकी तरफ देखा और बोली-

मैं: प्लीज मुझे अब चोद डालो। अब नहीं सहा जा रहा है। मेरी चूत में अपना लंड पेल दो।

आदमी: ऐसे कैसे रंडी, पहले मेरा लंड मुंह में लेकर चूस, साली।

मैं: ठीक है।

मैं जल्दी से नीचे बैठ गई, और उसकी पैंट का बटन खोल दिया। उसका लंड मेरे पति से भी ज्यादा बड़ा था। करीब 7.5 इंच का। मैंने जल्दी से उसका लंड मुंह में ले लिया, और चूसने लगी। कुछ देर बाद उसका लंड टाईट हो गया।

अब उस आदमी ने मुझे बोल: चल आजा, अब तेरी चूत का भोंसड़ा बनाता हूं।

कह कर उसने मेरी दोनों टांगे उठा कर चेयर के ऊपर रख दी, और मेरी चूत पर लंड सेट करके नीचे बिठा दिया। उसके लंबे और मोटे लंड से मेरी आवाज निकलने को हुई, मगर तभी उस आदमी ने अपनी हथेली मेरी मुंह पर रख कर आवाज बंद कर दी, और पूरे लंड को चूत में पेल दिया।

आदमी ने जरा भी तरस नहीं खाया, और वह मेरी की चूत को भोंसड़ा बनाने में लगा रहा। आदमी के लौड़े पर झूला झूलने में मजा आने लगा, और मैंने खुद से अपनी ब्रा और ब्लॉउज निकाल करके आदमी के मुंह अपनी चूचियां रख दी। कुछ 15 मिनट बाद मैं झड़ गई, मगर उस आदमी के लौड़े की झांट का बाल भी टेढ़ा नहीं हुआ।

मेरी चूत चोदते हुए उसने कहा: अब तक मैंने इससे बढ़िया चूत नहीं चोदी।

फिर उसने मुझे सीधा खड़ा किया, मेरी चूचियां पकड़ी, और फिर मैंने अपना मुंह घुमाया तो वो मुझे किस्स करने लगा। किस्स करने के बाद उसने मुझे वापस झुका दिया, और फिर से मेरी चूत को पीछे से चोदने लगा। उससे अपनी चूत चुदवाते हुए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैं कहने लगी: हां आहहह ऐसे ही ओहह चोदो ज़ोर से चोदो मुझे!

उसने मुझे कहा: आहह,‌पीछे से चूत चोदने में अलग ही मज़ा आता है।

कुर्सी के किनारे मैं झुक कर खड़ी थी, और आदमी पूरे ज़ोर से मेरी चूत चोद रहा था।

मैं सिसकारियां लेते हुए बोली: ओहहह चोदो मुझे, और ज़ोर से आहह, फाड़ दो आज मेरी चूत!

कुछ देर तक ऐसे चोदने के बाद उसने मुझे कुर्सी पर लिटा दिया, और मेरी चूत में लंड डाल दिया। उसने एक हाथ से मेरी एक टांग उठा लिया, जिससे उसका पूरा लंड मेरी चूत में जाने लगा। ऐसे चूत चुदाई करवाते हुए मज़ा भी बहुत आ रहा था।

मैंने तब उसे कहा: ओहह आहह ऐसे ही चोदते रहो। आहहह मुझे आराम के लिए ऐसी ही चुदाई की जरूरत थी।

उसने मेरी एक चूची पकड़ ली और दबाने लगा। नीचे मेरी चूत और उसके लंड के बीच घमासान जारी था।

वो कहने लगा: काश, मैं तुम्हारी कसी हुई चूत को रोज़ चोद पाता!

मैंने कहा: ओह हां, हम मिलते रहा करेंगे। तुम चाहो तो मुझे अपने या मेरे घर भी चोद सकते हो।

उसके बाद करीब 40 मिनट और उसने मेरी चूत चोदी। फिर कहा: ओहह लगता है मैं फिर छूटने वाला हूं।

मैंने फौरन कहा: अपने वीर्य से मुझे भर दो। मेरी चूत की गहराई में पिचकारी मारो।

कुछ ही देर में उसका वीर्य निकलने लगा। उसने लंड पूरा अंदर तक घुसा दिया और पिचकारी मारने लगा। उसके वीर्य को अपनी चूत में लेकर मुझे बहुत राहत मिली, और मेरी कुछ प्यास भी शांत हो गई। फिर उसने मुझे किस्स किया, और हम दोनों अलग हुए। फिर मैंने अपनी ब्रा, पैंटी और ब्लॉउज पहनी, और साड़ी ठीक की।

मैंने कहा: चुदाई तो कर ली पर अब तक आपका नाम नहीं पूछा।

तो उसने कहा उसका नाम मुकेश झा था। मैंने भी अपना नाम बताया। हमने एक-दूसरे को अपने नंबर दिए, और फिर जल्दी मिलने का कह कर विदा लिया। घर पहुंचकर मैंने खुद को नंगी किया, और फिर अपनी चूत देखी जो उस आदमी के रस से अभी भी गीली थी, और अब छेद कुछ बड़ी भी हो चुकी थी। फिर एक शॉवर लिया, और फिर बिकिनी पहन कर ऊपर से गाउन डाल लिया।

अब इसके आगे इस सेक्स कहानी में क्या हुआ, वो मैं आपको अगले पार्ट में बताऊंगी, कि कैसे फिर मैंने एक नौकरानी के साथ और उसके आदमी के साथ चुदाई की। मेरा नाम लेके मुठ जरूर मारियेगा, और हो सके तो अपने लंड की फोटो मुझे ज़रूर भेजिएगा। मैं आप से चैट नहीं कर पाऊंगी, क्योंकि मोबाइल इस्तेमाल करने का टाइम कम होता है, लेकिन वक्त मिलने पर रिप्लाई जरूर करुंगी। मेरी ईमेल है s08381904@gmail.com

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