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जीजू ने रसोई में खड़े-खड़े मेरी चुदाई की-1 (Jiju ne rasoyi mein khade-khade meri chudai ki-1)

हैलो दोस्तों, मेरा नाम अस्मिना है। मेरी लम्बाई 4′8″ है। मेरा फिगर 34-30-36 है। रंग गोरा है, और मैं दिखने में काफी सुंदर हूं। मेरे काले और घने लंबे बाल है। मेरी लंबी पतली कमर जो चलते वक्त लचक जाती है। मैं 24 साल की जवान चुदने लायक गदराया हुआ माल हूं। मेरा शरीर भी भर गया है।

मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी है, और मेरी गांड लंड ले लेकर चौड़ी हो गई हैं। मेरी चूत बहुत गहरी है। जिसमें बड़े से बड़ा लंड समा जाये। मेरी गांड के उभार बाहर की तरफ आ गये है, तो मेरे दोनों चूतड़ साफ साफ दिखाई देते है। मेरी जांघें भी मोटी हो गई हैं।

मेरी कमर पतली है। मेरा गोरा पेट और मखमली गोरे बदन को अगर कोई एक बार देख ले तो वही मुझे चोदने की सोच ले। मुझे देखते ही लड़को के लंड खड़े हो जाते है, और सब मुझे चोदने के जुगाड़ में रहते है।

मैं ज्यादातर चूड़ीदार सलवार कमीज पहनती हूं, जो मेरे बदन पर बहुत अच्छी लगती हैं। मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी और रसीली है, और गांड एक-दम चौड़ी, फैली हुई है। लड़कों की माने तो में एक-दम गजब की चोदने लायक माल हूं। मेरा बदन गठीला है। मैं अपनी जवानी के चरम पर हूं। मुझे अपनी गांड मटका कर चलने का बहुत शौक है।

चूड़ीदार सलवार कमीज पहनने के बाद मेरी गांड का उभार साफ नजर आता है। जब मैं चूड़ीदार सलवार और टाईट कमीज पहन कर चलती हूं, तो देखने वाला कामुक हो जाता है।

मैं शादीशुदा हूं, तो मुझे रोज लंड मिलता है। मेरे पति रोजाना जम कर मेरी रसीली चूत में लंड डालते है, और मेरी चिकनी रसीली चूत की आग को शांत करते है।

जब तक रात को मेरी ताबड़-तोड़ चुदाई ना हो जाए, मुझे नींद नहीं आती। मेरी गदराई हुई गांड और उभरी हुई छातियां इस बात का सबूत है कि मुझे कोई कस कर चोदने वाला चाहिए, जो मुझे घर में दौड़ा-दौड़ा कर चोदे। मेरी जवानी लंड खाने लायक है।

अब मैं सीधे अपनी सच्ची घटना पर आती हूं, और मैन उम्मीद करती हूं कि आप लोगों का इस कहानी को भी प्यार ज़रूर मिलेगा। मैं वादा करती हूं कि आप सभी इस कहानी के हर भाग में मुठ मारोगे, और चूत वालियां अपनी चूत में उंगलिया करते-करते थक जाएंगी। अब मैं कहानी पर आती हूं।

यह कहानी मेरी और मेरे जीजू की चुदाई की है, कि किस तरह जीजू ने मेरे ही घर पर रसोई में मेरी खड़े-खड़े चुदाई की।

एक दिन मेरी बड़ी दीदी का फ़ोन आया कि कल सुबह मैं और तेरे जीजू तेरे घर आ रहे है, तो तू हमारे लिये भी खाना बना लेना। तो मैं अगले दिन सुबह उठ कर नहाई और कपड़े धो कर सलवार-कमीज पहन कर रसोई में खाना बनाने लग गई। मेरे मकान का मेन दरवाजा खुला हुआ था।

मैंने पीले रंग की सलवार और नीले रंग की कमीज पहनी हुई थी, जिसमें मेरी बड़ी-बड़ी चूचियों के उभार कमीज से साफ दिखाई दे रहे थे, और पेट के नीचे सलवार का नाड़ा बांध रखा था, तो पेट गोल और गांड पीछे की तरफ उभार लिए दिख रही थी। मेरे बाल गीले थे, और पीछे की तरफ लटक रहे थे, जिसके कारण पीछे से मेरी कमीज गीली हो गई थी।

इतने में जीजू रसोई में आये और मुझे पीछे से पकड़ कर दबोच लिया, और और मेरे कान में कहा: साली साहिबा, आपको प्यास नहीं लगती क्या!

जीजू के शब्द सुनते ही में अचम्भा खा गई। मैं कुछ सम्भल पाती इससे पहले जीजू मेरी गर्दन पर किस करने लगे। ‌मैं थोड़ा सहम गयी और बोली-

मैं: जीजू आप यह क्या कर रहे हो? दीदी कहां है? वो आ जाएंगी और देख लेंगी। छोड़ो जीजू।

तो जीजू मेरी गर्दन को जीभ से चाटने लगे। मैं भी मचलने लगी, और ऊउम्म ऊउम्म ऊउम्म उमह ऊउम्म करने लगी। धीरे-धीरे जीजू मेरे कान को चबाने लगे, तो मुझे गुदगुदी होने लगी। जीजू मेरी गर्दन के पास, कान के पीछे अपनी गरम सांसें छोड़ने लगे। ऐसा करने से मैं गरम होने लगी। मुझे अच्छा लग रहा था, मेरी चूचियां कड़क हो गई थी।

फिर मैंने जीजू से पूछा: दीदी को कहां छोड़ आये आप?

जीजू: रास्ते में आते समय आपकी दीदी को उसकी सहेली रितिका मिल गई थी, तो वो उनको अपने घर पर चाय पीने के लिए साथ ले गई। अब आपकी दीदी उनके घर चाय पी कर आयेगी तो उनको समय लगेगा। और वैसे भी मैंने घर का मेन दरवाजा बंद कर दिया है। जब तुम्हारी दीदी आयेगी, तो दरवाजा खटखटा देगी।

मैं: नहीं जीजू, यह ठीक नहीं है। मैं आपकी साली हूं, इसका मतलब ये नहीं कि आप मेरे साथ कुछ भी करों।

जीजू: मान जाओ साली साहिबा। तुम बहुत खूबसूरत माल हो यार। तुम्हारा जिस्म अब और भरा हुआ हो गया है जान। आज घर पर कोई नहीं है। मैं आज आपको मेरे इस मोटे लंड से चोदूंगा। आज तुम्हारी रसीली चूत को फाड़ दूंगा अस्मिना।

मैं भी अब मस्ती में आने लगी थी। तो मैं भी ऐसे ही नखरे करने लगी।

मैं: नहीं जीजू मेरी चूत छोटी है, फट जाएगी।

दोस्तों मैंने मन में सोचा मेरी चूत तो बहुत बार चुद चुकी थी, मैं तो बस ऐसे ही नखरे कर रही थी।

जीजू: अपने पति को भी तो 2 साल से दे रही हो जान।

जीजू की बातें मुझे चुदाई वाला नशा दे रही थी। मैं समझ गई थी कि जीजू आज मुझे जबर्दस्त तरीके से चोद कर ही रहेंगे। मैं बातों से ही गर्म होने लगी। पर जीजू नहीं माने और मुझे गाल और गर्दन पर पर किस करते रहे, और मेरी गर्दन पर अपनी जुबान घुमाते रहे।

मैं थोड़ा सहम गयी थी, क्योंकि जीजू का लंड मेरी गांड की दरार के बीच में आ गया था। मुझे उनका लंड सलवार के उपर से ही टकराना महसूस हो रहा था। उनका लंड सलवार के ऊपर से ही मेरी गांड की दरार में घुसने की कोशिश कर रहा था।

जीजू अब मुझसे और भी ज्यादा चिपक गये और पीछे से अपना हाथ आगे लाकर मेरी कमीज के अन्दर डाल कर मेरे गोरे चिकने पेट को पकड़ लिया, और नाभि में अपनी ऊंगली घुमाने लगे।

मेरे शरीर में करंट दौड़ गया था। मुझे अब उनका छूना अच्छा लग रहा था। मेरी सांसे तेज हो गयी थी। मेरी गरम-गरम सांसे चलने लगी। मैं पागल होने लगी। मैं भरपूर यौन सुख का मजा लेने के लिए मस्त हो गयी थी।

फिर जीजू ने अपने हाथ से मेरा चिकना पेट कस कर पकड़ लिया। फिर धीरे-धीरे वो अपने हाथ को कपड़ों के उपर से ही मेरी चूंची पर ले गये। मैं कुछ नहीं बोल पाई, क्योंकि मुझे ये सब अच्छा लग रहा था।

जब उन्होने मेरी चूंची को पकड़ा, तो मैं अपने आप को संभाल नहीं पाई, और लम्बी सांसे लेने लगी। मैंने खाना बनाना छोड़ दिया, और उनके हाथ पर अपना हाथ रख कर उनका हाथ मसलने लगी। उस समय उनका हाथ कपड़ों के उपर से ही मेरी चूंची पर था।

अब जीजू एक हाथ से मेरी चूची को कमीज के उपर से ही मसल रहे थे, और दूसरे हाथ से मेरी सलवार के उपर से ही मेरी चूत पर अपनी ऊंगली घिस रहे थे। मेरे बदन में जैसे ऊपर से नीचे तक करंट का झटका लग गया। मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ने लगा।

जीजू जोर-जोर से सलवार के उपर से अपनी ऊंगली से मेरी चूत घिसने लगे। मतलब धीरे-धीरे जीजू मुझे चोदने की तैयारी करने लगे। मेरी धड़कने बढ़ने लगी। मैं चुदाई के लिए बहुत ही ज्यादा उतावली होने लगी थी।

जीजू मेरी चूत को सहला कर मुझे चुदाई के लिए गरम कर रहे थे। मेरी चूची को जीजू बहुत ही बेदर्दी से मसल रहे थे। जिससे मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैं उत्तेजित होती जा रही थी। मेरे मुंह से आआहह आहह आह आहहह आहहहह की आवाज निकलने लगी थी। मैं कसमसा रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था।

मैं बोल रही थी: आआहहहह ह्म्म्म्ममममम उउफ्फ्फ आआआअहह आआहह और ज़ोर से दबाओ जीजू आहह, और दबाओ।

कहते हुए मैं मचलने लगी। मैं भी जीजू का साथ दे रही थी। मेरी पीठ जीजू के सीने से चिपकी हुई थी। जीजू हाथ से मेरी कमीज के उपर से मेरी दोनो चूचियों को बेदर्दी से मसल रहे थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी।

मैन मेरे पीछे गांड की दरार में जीजू का कड़क गर्म लंड सलवार के उपर से महसूस कर रही थी। जीजू का लंड मेरी गांड की दरार में टक्कर मार रहा था।

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं। आप सब के प्रत्युत्तर से ही मैं आगे और कहानी लिखूंगी। कोई भी सुझाव आप मुझे मेरी मेल आई पर दे सकते है। मैं आपके मेल का इंतजार करूंगी। मिलती हूं अगली चुदाई की कहानी के साथ…….. missrehnuma0507@gmail.com

अगला भाग पढ़े:- जीजू ने रसोई में खड़े-खड़े मेरी चुदाई की-2

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