पिछला भाग पढ़े:- फेसबुक पे मिला चोदू यार-1
मेरी चुदाई कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैं अपने पति से संतुष्ट नहीं थी, और फेसबुक पर मेरी एक आदमी से दोस्ती हुई। फिर हमने सेक्सी बातें की, और चुदाई करने का फैसला किया। फिर मेरे पति जब दुबई गए, तो मैं अपनी सहेली के घर चली गई। वहां से विक्रम मुझे अपने फॉर्महाउस ले गए, और मेरी तारीफ करने लगे। अब आगे-
उन्होंने साड़ी का पल्लू गिरा दिया, उनके हाथ मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे उभारो पर घूमने लगे। वो हर बात अब खुल कर बोल रहे थे बिना किसी शर्म के। मैं उनके सवाल का बस सर हिला कर ही जवाब दे रही थी। वो मेरे गालों को चूमते हुए बोले, “शिप्रा, सच कहूं तुमसे? आज तक जितनी औरतें मिलीं है तुम सबसे ज्यादा सेक्सी औरत हो।” मैं बोली, “आपने आज तक कितनी औरतों को निपटाया है?”
वो मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले, “शिप्रा तुम 25वी औरत हो। मैं जानता हूं कि तुम्हें क्या चाहिए। तुम अपने पति से खुश नहीं हो।” मैं गरदन झुका कर बोली, “मेरे पति मुझे ज्यादा प्यार नहीं कर पाते।” इतना सुनने के बाद उन्होंने मुझे अपनी ओर खींच लिया, और मैंने भी अपने आपको उनको सौंप दिया। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और मेरे चेहरे को उठाते हुए मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
बहुत प्यार से वो मेरे होंठों को चूस रहे थे। मैं भी उनका साथ देते हुए अपने होंठ चलाने लगी। उन्होंने मेरे मम्मों को दबाना शुरू कर दिया। मैं सिसयाने लगी आहह आऊ धीरे-धीरे आआऊऊईई डालो आआऊऊईई आहहह औहहह आहहह बस रूको आहह आऊ छोड़ दो ना मत परेशान करो। देर तक मम्मों को निचोड़ने के बाद उन्होंने मेरी साड़ी को मेरी जांघों तक उठा लिया, और मेरी गोरी-गोरी जांघों को अपने कड़क हाथों से सहलाने लगे। मैं भी अपने हाथ उनके बालों पर चलाते हुए उनको चूमने लगी।
उनके चूमने की कला देख कर लग रहा था कि उन्होंने करीब 23-24 औरतों को निपटाया होगा। उन्हें औरतों को चूमने का काफी अनुभव था। वो मेरे साथ बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं कर रहे थे। उन्होंने मेरी साड़ी खोलना शुरू ही किया था कि मैंने उनका हाथ रोक दिया। और बोली
मैं: यहां नहीं, अंदर चलते हैं।
हम उठ कर बेडरूम की तरफ चल दिये। उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर पे रख कर मुझे अपनी ओर खींच लिया। मेरी आंखें अपने आप बंद हो गई, और उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठ पे लगा दिए।
इतने में तो मेरी वासना की सीमा पार हो गई, मेरे भी होंठ चलने शुरु हो गए। कुछ ही देर में मेरी साड़ी जमीन में पड़ी थी, और मैं ब्लाउज और पेटीकोट में उनसे लिपटी हुई थी। मेरे गहरे गले के ब्लाउज से मेरे दूध बाहर निकलने को तड़प रहे थे। मेरे गदराये बदन को अपने आगोश में लेकर मुझे चूमे जा रहे थे। मेरी चिकनी पीठ को एक हाथ से सहलाते हुए एक हाथ से पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया तो मेरी पेटीकोट भी मेरे पैरों में जाकर गिर गई। हम दोनों ही एक दूसरे को जबरदस्त आलिंगन और चूमते जा रहे थे।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और अपने बैडरूम की तरफ चल दिए। मुझे बैडरूम में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिए और अपने कपड़े उतार कर मेरे ऊपर आ गए। उन्होंने मेरे बचे हुए सारे कपड़े उतार फेंके और मेरे बदन पर चुम्बन की बारिश होने लगी। मेरे मम्मों को देख तो वो पागल हुए जा रहे थे। जिस तरह मेरे मम्मों बेरहमी से दबा रहे थे, उससे मुझे दर्द भी हो रहा था और काफी मजा भी आ रहा था।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घुटनों पर बैठने के लिए कहा और हम दोनों ही अपने घुटनों के बल पर बैठ गए। अब उन्होंने मुझे अपनी बांहों में ले लिया, और और दोनों हाथों से मेरी पीठ को सहलाते हुए मुझे अपने सीने से लगा लिए। मेरे दोनों दूध उनके सीने से जा कर दब गए। वो मेरे चेहरे पर चूमते जा रहे थे, और हाथों से कभी मेरी पीठ कभी मेरी गांड तो कभी मेरी जांघों को सहला रहे थे।
मेरे एक निप्पल को अपने मुंह में डाल कर किसी बच्चे की तरह चूसते हुए दूसरे निप्पल को अपनी उंगलियों से हल्के-हल्के मसलने लगे। अब मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी, सांसें तेज हो गई और मुंह से अश्लील सिसकारी निकलने लगी-
मैं: ओऊ हह ओऊ ऊऊआआ आआह माआआ ऊऊऊ ऊहह हहहह आऊच ओओह माआआआआआ!
मेरी चड्डी गीली होनी शुरू हो गई। बड़े प्यार से मेरे मुलायम मुलायम दूध को चूमते हुए विक्रम मुझे अपने अनुभव से पूरा मजा दे रहे थे। अपने एक हाथ से मेरी चिकनी कमर को थाम कर दूसरे हाथ से मेरे दूध को हल्के-हल्के मसलने लगे। उनका कठोर हाथ मेरे कोमल दूध को घायल कर रहा था। मैं उनके सर को दोनों हाथों से थाम कर अपने सीने में दबाती जा रही थी। कुछ पलों के लिए ही सही मैं पूरी दुनिया को भूल कर उनके साथ इस समय का पूरा मजा ले रही थी। मैं यह भूल गई थी कि मैं किसी की पत्नी थी, और इस वक्त किसी पराये आदमी के साथ नंगी चिपकी हुई थी।
उस वक्त मुझे जिंदगी का सबसे हसीन सुख प्राप्त हो रहा था। जिसके लिए मेरा जिस्म तड़प रहा था, उससे बढ़ कर मजा मुझे मिल रहा था। काफी देर तक मेरे दूध से खेलने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, और बड़े प्यार से धीरे-धीरे मेरी चड्डी को निकालने लगे। जैसे ही मेरी चूत उनके सामने आई, मैं शर्म के कारण अपने हाथों से उसको ढकने लगी। मेरे दोनों हाथों को किनारे करते हुए उन्होंने मेरी चूत के दर्शन किये और बोले-
वो: अरे वाह शिप्रा, सच में तुम एक खूबसूरत चूत की मालकिन हो। इतनी प्यारी चूत पाने का मुझे गर्व है।
उन्होंने मेरी गोरी-गोरी जांघों को चूमना शुरू कर दिया, और धीरे-धीरे मेरी चूत तक पहुंच गए। मेरी चूत की पंखुड़ियों को फैलाते हुए उन्होंने अपनी जीभ उस पर लगा दी, और प्यार से ऊपर-नीचे करते हुए चाटने लगे। मेरी आंखें वो सुख पा कर अपने आप बंद हो गई और मैं सिसयाने लगी आहह इससस अहहह औहहह। काफी दिनों बाद किसी ने मेरी चूत चाटी थी। वो अपनी जीभ चूत में डाल कर घुमाने लगे मैं मछली समान बिस्तर पर फड़फङाने लगी।
सच में मजा आ रहा था। मैं तो इतने में ही उनकी दीवानी हो गई थी, जबकि अभी तो उन्होंने बस शुरुआत ही की थी। धीरे-धीरे मेरे दोनों पैर अपने आप ही फैल गए जैसे कि उनको अंदर आने का आमंत्रण दे रहे हों। अब उनके लिए पर्याप्त जगह बन गई थी कि वो मेरी चूत का अच्छे से रस-पान कर सकें। उन्होंने अपने मजबूत हाथों से मेरे दोनों पैरों को पकड़ कर हवा में उठा लिया, और अपना सर मेरी चूत में गड़ा लिया।
मेरी सिसकारियां अब इतनी तेज हो गई कि लगता था कि कमरे से बाहर ना निकल जायें। वो बहुत बुरी तरह मेरी चूत को चाट रहे थे। अब मेरा बहुत बुरा हाल हो चुका था। लग रहा था कि मैं अपने आप को सम्हाल नहीं पाऊंगी। और ऐसा ही हुआ। मैं कुछ ही पल में झड़ गई। मेरी चूत के रस का एक-एक कतरा उन्होंने अपनी जीभ से साफ कर दिया। वो चूत पर से उठे और मैं हांफते हुए बोली, “बाप रे, जान निकल गई। बहुत मज़ा आ गया।” वो बोले, “शिप्रा अभी और मज़ा आयेगा।”
जैसे ही उन्होंने चड्डी निकाली उनका फनफनाता हुआ लंड मेरी आंखों के सामने आ गया। सच बताऊं तो मेरे जीवन में अभी तक का वो सबसे बड़ा लंड था। 9-10 इंच लंबा और 6-7 इंच मोटा लंड। मेरी कलाई से ज्यादा मोटा था। लंड को देख कर मुझे डर भी लग रहा था, पर दिल में एक खुशी भी थी। वो बोले, “शिप्रा कभी लंड मुंह में लिया है?।” मैंने मना कर दिया। पर वो लंड मेरे मुंह के सामने लाये और बोले, “शिप्रा एक बार मुंह में ले लो, मज़ा आयेगा।” मैं नहीं-नहीं करने लगी पर उन्होंने मेरे बालों को खींचा, तो मैं कराही आहह आऊ धीरे-धीरे आआऊऊईई और मेरा मुंह खुल गया।
वो इसी का इन्तजार कर रहे थे, और उन्होंने लंड मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने पहली बार किसी लंड को मुंह में लिया था, सो मुझे बड़ा ख़राब लगा। वो धीरे-धीरे लंड मेरे मुंह में रगड़ने लगे मैं औककक आककक आककक औकक करने लगी। थोड़ी देर बाद मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा, और मैंने पूरा लंड ले लिया।
वो बिस्तर पर लेट गये और मै उनके लंड को चाटने लगी और बोली, “मुझे नहीं मालूम था कि लंड चाटने में इतना मज़ा आता है।” मैंने उनके लंड को खूब चूसा और चाटा। उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, और मेरे उपर चढ़ गए। उन्होंने मेरे मुंह में लंड डाल दिया, और रगड़ने लगे। मैं औककक आककक औकक करने लगी करने।
वो तेज़ी से मेरे मुंह में लंड घिसने लगे। मैं मस्त होकर लंड का स्वाद लेने लगी। उन्होंने तो मेरे मुंह को चूत समझ लिया था। मेरा मुंह दुखने लगा, और मैं उन्हें रोकने लगी। पर वो नहीं रूके, बल्कि उनकी स्पीड बढ़ गयी। करीब 15 मिनट बाद उन्होंने अपने वीर्य से मेरा मुंह भर दिया। उनका काफी ज्यादा वीर्य निकला था। काफी वीर्य मैने पी लिया, और काफी वीर्य मुंह से निकल कर मेरे गले से होता हुआ मम्मों तक फैल गया। हमारे नंगे बदन आपस मे उलझ गये।
वो मेरे होठों को चूमते हुए मेरे बदन को सहलाने लगे, और मम्मों को दबाते हुए बोले, “शिप्रा क्या कड़क मम्मे है। मज़ा आ गया।” उनका लंड मेरी चूत से टकराने लगे। वो उठे और लंड के सुपारे को मेरी चूत के ऊपर दबा-दबा कर रगड़ने लगे। इतनी ठंड में उनके गर्म लंड का अहसास ही अलग मजा दे रहा था। मेरी चूत रस से लबालब हो गई थी। वो अब मेरी चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार थे और मैं भी। मैंने अपनी टांगे फैला कर उन्हे आमंत्रण दिया, और उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर लगाया, और मेरे चेहरे के पास आकर मेरी आंखों में देखने लगे।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको मेरी चुदाई कहानी के अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा। यहां तक कि कहानी के बारे में अपने विचार ज़रूर सांझे करें।