दोस्तों मेरी नई हॉट सेक्स कहानी शुरू कर रही हूं-
मैं एक दिन बाजार में घुम रही थी। तभी मुझे एक अजीब नम्बर से फोन आया। मैंने फोन उठाया और हैलो कहा।
मैं: हैलो कौन?
अनजान: आप पुजा हो ना?
मैं: हां पुजा ही बात कर रही हूं।
अनजान: पुजा जी मुझे पता है आप बहुत अच्छी हो, और एक अच्छे घर से संबंध रखती हो। मैं आपको एक ऑफर दे रहा हूं। अपकी इंकम भी हो जाएगी, और मजा तो आप ले ही लेती हो।
मैं: कुछ समझी नहीं मैं, साफ बोलो आप।
अनजान: पुजा जी मजा भी आपको मिलेगा, और पैसा भी। यदि आप दोनों चाहती हो, तो मुझे फोन करना। सब कुछ गोपनीय रहेगा।
यह बोल कर उसने फोन कट कर दिया। मैं भी अपनी खरीदारी करके घर आ गई। रात को सोते हुए उस अजनबी के बारे में सोचने लगी, कि वो मुझे ऐसा क्यूं बोल रहा था? सोचते-सोचते मुझे नींद आ गई। 2-3 दिन मैं कोलेज में बहुत व्यस्त रही। करीब एक हफ्ते के बाद फिर से मुझे उसका फोन आया और मुझे बोला-
अनजान: पुजा जी, कुछ सोचा आपने?
तो मैंने बोला: नहीं।
फिर उसने फोन कट कर दिया।
फिर वो बोला: क्या आप कल अम्बाला आ सकती हो 11 बजे तक?
मैं बोली: ठीक है आ जाउंगी।
फिर उसने मुझे एक जगह का पता दिया और बोला: जब आ जाओ तब मुझे पहुंच कर फोन कर देना। मैं आपका इंतजार करुंगा कल 11 बजे।
मैं बोली: ठीक है पहुंच जाउंगी।
रात को मैंने मम्मी-पापा को बोल दिया मैं अपनी सहेली के घर जाउंगी, और शाम या अगले दिन आऊंगी। अगले दिन सुबह मैं 6 बजे नहा कर तैयार हो गई। मैंने आज एक लाल रंग का गाउन पहन लिया, और तैयार हो कर घर से अम्बाला के लिए बस से निकल पड़ी। 11 बजे से पहले मैं अम्बाला पहूंच गई, और एक रिक्शा लेकर बताई जगह पर आ गई।
वहां बहुत से होटल थे, एक से बढ़ कर एक। तभी मुझे उसका फोन आया, और मुझे बोला: पहूंच गई हो आप?
मैं: हां पहूंच गई हूं।
तब उसने पूछा: क्या पहना है आपने?
तो मैंने बताया: एक लाल रंग का गाउन पहन रखा है।
तो वो बोला: एक लड़के को भेज रहा हूं आपको लेने। उसके साथ चले आओ।
कुछ देर बाद एक लड़का मेरे पास आया और मुझे बोला: आप पुजा हो?
मैंने हां में सर हिला दिया।
फिर वो बोला: मेरे पीछे आ जाओ।
हम एक गली से होते हुए एक बहुत ही पुराने खंडर-नुमा होटल के अंदर आ गए।
फिर उसने मुझे कहा: आप दूसरी मंजिल में (एक कमरे का नम्बर बताया) चली जाओ।
मैं उसके बताए कमरे की तरफ चली गई। जैसे ही मैंने कमरा खोला, तो देखा अंदर कमरे में एक बैड पर एक काला सा आदमी बैठा हुआ था, और उसका मुंह गुटके से भरा हुआ था।
उसने मुझे बोला: दरवाजा पूरा बन्द करके आजा।
मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। उसने मुझे कुछ बोला, पर उसके मुंह में गुटका होने से मुझे कुछ समझ नहीं आया।
तो वो गुटका वहीं थूक कर मुझे जोर से बोला: साली रांड इतना लेट क्यूं आई तू?
मैं कुछ नहीं बोली।
फिर वो बोला: साली रंड मेरे पास आ, और मेरी लात दबा।
मैं उसके पास चली गई। उसने लुंगी पहन रखी थी, और मैं उसकी लुंगी के उपर से उसकी लात दबाने लगी। वो मुझे खा जाने वाली नज़र से देखे जा रहा था। फिर उसने एक-दम से मेरे गाउन के गले में हाथ डाल दिया, और मेरी ब्रा के ऊपर से उसने मेरे एक बूब्स को पकड़ कर जोर से दबा दिया। मेरी चीख निकल गई। वो जोर-शोर से हंसने लगा।
फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया, और अपना मुंह मेरे मुंह से लगा दिया। मुझे उसके मुंह से बहुत गंदी बदबू आ रही थी गुटके की, पर उसकी पकड़ के आगे मैं कमजोर लगने लगी थी। उसने फिर मेरे मुंह में अपनी जुबान डाल दी, और होंठ मुंह को चाटने लगा। मुझे उल्टी आने लग पड़ी थी, पर वो कहां रुक रहा था। उसने धीरे-धीरे करके मेरे गाउन को मेरे जिस्म से अलग कर दिया। मैं उसके सामने ब्रा पेंटी में आ गई।
फिर उसने मुझे खड़ा किया। पहले मेरी ब्रा में कैद दोनों बूब्स पर एक एक 10 रुपए का नोट डाला। फिर मेरी पेंटी में 50 रुपए का नोट डाला। उसने अपनी लुंगी को खोलने को मुझे बोला। मैंने उसकी लुंगी जैसे ही खोली, मेरी आंख फटी की फटी रह गई। उसका लंड एक-दम से काला था करीब 6″ लम्बा और 3.5″ मोटा था।
उसने लंड को हाथ में पकड़ कर मुझे बोला: चल जुबान चला मेरे लंड पर। अच्छे से गिला कर दे अपने मुंह में लेकर।
मैंने फिर उसका लंड अपने हाथ से पकड़ा, और जैसे ही मुंह आगे किया, उसके लंड के पास मुझे उल्टी आने को हो गई। मैं कमरे में बने बाथरूम की तरफ गई वहां गंदगी देख कर मेरी और हालत खराब हो गई।
मैं बाहर आ गई, और उसको बोली: आप अपना लंड पहले धोकर आओ। मुझे उल्टी हो जाएगी।
वो एक-दम गुस्से से लाल होकर उठा, और मेरे मुंह में 2-3 थप्पड़ मार दिए। मैं रोने को हो गई। उसने मुझे वहीं जमीन पर बिठा दिया, और जबरदस्ती लंड मेरे मुंह में भर दिया।
मैं रोते हुए उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। उसका लंड अब पहले से भी मोटा और लम्बा होने लगा। अब लंड मेरे मुंह में भी ठीक से नहीं आ रहा था, पर उसने मेरे सर को पकड़ रखा था, और लंड अंदर-बाहर किये जा रहा था। मुझे बीच-बीच में उल्टी भी आने को हो रही थी, पर उसके मारे हुए थप्पड़ से मैं डर कर अंदर ही रोक ले रही थी। वो अब लंड को मेरे गले तक घुसा दे रहा था। मेरी सांस रुकने सी लगी थी। मेरा मुंह लाल हो गया था, पर वो एक दरिंदे की तरह मेरा मुंह चोदे जा रहा था।
कुछ देर बाद उसके लंड ने ही मेरे मुंह में उल्टी कर दी, यानि अपना पानी छोड़ दिया। ना चाहते हुए भी मुझे उसका पूरा पानी पीना पड़ा। उसने काफी देर तक मेरे मुंह में ही अपना लंड डाल कर रखा। फिर बाहर निकाल लिया। तब मेरी सांस में सांस आई। मैं नीचे ही बैठी रही। उसने मेरी ब्रा को एक झटके में निकाल दिया। मेरे 34″ के बूब्स उसके सामने झूलने लगे। उसने मेरे एक बूब्स को जोर से पकड़ कर दबा दिया। मेरी चीख पूरे कमरे में गूंजने लगी।
फिर उसने मुझे वैसे ही उपर उठाया, और बिस्तर पर गिरा दिया, और मेरे दोनों बूब्स को नोचने और दबाने लगा। मेरी हालत बुरी हो रही थी। मैं दर्द से चिला रही थी, पर वो आज मुझे पूरा नोचने में लगा था। उसने मेरी पेंटी भी फाड़ कर निकाल दी। जब उसके सामने मेरी गोरी चूत आई, तो उसने मेरी चूत पर मुंह लगा दिया। मेरी नज़र मेरे बूब्स पर गई, जो कि पूरे लाल हो चुके थे।
उसने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। कभी एक उंगली चूत में डालता, तो कभी दूसरी। उसने चाट-चाट कर मेरी चूत से पानी निकाल दिया। अब वो मेरे उपर आ गया, और लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा। तभी उसने एक ही झटके में लंड मेरी चूत में उतार दिया। मैं दर्द से चिला उठी।
उसका मोटा लंड आधा मेरी चूत में एक ही बार में चला गया। मेरी आंखों से आंसू निकल गए। पर वो दरिंदे की तरह मेरी कोई परवाह किए बिना फिर से एक झटका मार कर मेरी चूत में पुरा लंड घुसा दिया।
मैं दर्द से रोती रही। मुझे लगा मैं बेहोश हो जाऊंगी। पर उसने कोई मुझे पर हमदर्दी नहीं दिखाई, और मेरी चूत को चोदने लगा। उसके दोनों हाथ मेरे बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगे। अब चूत के साथ-साथ बूब्स भी दर्द से तड़प रहे थे मेरे। उसने मुझे करीब 40 मिनट तक लगातार चोदा। फिर अपने लंड का पानी मेरे पेट पर निकाल दिया।
मैं वैसे ही लेटी रही। उसके लंड का पानी मेरे पेट से नीचे बिस्तर पर गिरने लगा। जब मेरी नज़र उसके लंड पर गई, तो देखा उसके लंड पर खून लगा हुआ था। मैं देख कर डर गई, और फिर हिम्मत करके चूत पर हाथ लगाया, तो मेरे हाथ पर भी खून लगा। फिर सोचा शायद लंड मोटा होने के कारण आज फिर से मेरी चूत की झिल्ली और फट गई थी, जिससे मेरी चूत से खून निकल आया था। मेरी उठने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
उसको देखा मैंने उसने फिर से एक गुटका मुंह में डाल लिया, और चबाने लगा, और मुझे देख कर बोला: रांड उठ जा, बहुत सो ली तू। चल मेरे लंड से अपने चूत के खून को साफ कर।
मेरे से उठा नहीं जा रहा था, तो उसको गुस्सा आ गया, और वो खड़ा हुआ। अब वो मुझे बहुत गंदी-गंदी गाली-गलौज करने लगा। फिर वो मुझे बालों से पकड़ कर, बिस्तर से नीचे करके घसीटता हुआ मुझे उस गंदे बाथरूम में ले गया। वहां उसने नलका चला दिया ठंडे पानी का, और मुझे उसके नीचे बिठा दिया।
फिर मुझे बोला: मादरचोद रंडी, जब तक तू मेरे लंड को अच्छे से साफ नहीं करेगी, यहीं बिठा कर रखूंगा तुझे।
मैंने जल्दी से उसके लंड को हाथ में लिया, और पानी से साफ करने लगी। ठंड से मेरी हालत खराब हो रही थी। कुछ ही देर में उसका लंड पूरा साफ हो गया। फिर वो मुझे बाहर ले आया और एक कुर्सी पर बिठा दिया। फिर उसने किसी को फोन करके एक बैड शीट लाने को कहा। कुछ देर बाद एक वेटर आया। उसके हाथ में बैडशीट थी। मुझे नंगी और कांपते हुऐ देख कर वेटर बोला-
वेटर: साली बहुत मस्त रांड है। क्या सेक्सी जिस्म है इसका तो।
तो वो वेटर को बोला: 500 दे, और एक बार तू भी मजा लेले।
वेटर मान गया। फिर वेटर ने अपने कपड़े उतार दिये, और मुझे जमीन पर ही घोड़ी बना दिया, और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। वेटर मुझे बालों से पकड़ कर चोदने लगा। मुझे अब वेटर के लंड से कोई दर्द नहीं हो रहा था। वेटर जोर-जोर से मुझे काफी देर तक चोदता रहा। फिर वेटर मेरी चूत में ही झड़ गया, और थक कर कुर्सी पर बैठ गया।
मैं बाथरूम चली गई। वहां पेशाब करके फिर बाहर आ गई। तब तक वेटर बैडशीट डाल कर चला गया था। अब उसने मुझे इशारा करके अपने लंड को चाटने को बोला। मैं उसके लंड को चाटने लगी। काफी देर बाद उसका लंड टाईट हो गया। उसने मेरी गांड पर और अपने लंड पर कोई क्रीम लगाई। मैं उसको गांड में करने से मना करने लगी, पर उसने मेरी एक ना सुनी।
अब फिर से मैं घोड़ी बन गई। उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रगड़ना शुरु कर दिया। फिर एक झटका मारा, और उसका लंड मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर चला गया। मेरी एक चीख निकल गई, पर अब मैं समझ गई थी मेरी चीख सुनने वाला कोई नहीं था। अब वो मेरी गांड को भी बेरहमी से चोदने लगा। कभी मेरी गांड पर थप्पड़ मारता, तो कभी मेरे बूब्स को जोर से दबाता। मेरी गांड की चुदाई की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। मैं अपना मुंह पिलो से बंद किये हुए रही।
काफी देर बाद वो मुझे बोला: रांड तेरी आज तक अच्छे से चुदाई नहीं की किसी ने।
मैं कुछ नहीं बोली। वो मुझे गंदी गालियां देते हुए बोलने लगा: तेरी तो चूत और गांड आज मैंने फाड़ दी है। चूत से ज्यादा तो तेरी गांड से खून निकल रहा है।
मैंने मन में सोचा: बस एक बार तेरा हो जाए, तो मैं यहां से निकल जाऊं।
वो मुझे लगातार चोदता रहा। फिर कुछ समय बाद उसने अपने लंड का पानी मेरी गांड में भर दिया, और अपना लंड निकाल कर मेरे मुंह के आगे कर दिया। आज मुझे अपने खून से सना हुआ लंड मुंह में लेकर चूसना पड़ा। मेरी गांड से उसका पानी निकल कर मेरी टांगो पर गिर रहा था। मैं कुछ देर वैसे ही लेटी रही। फिर बाथरूम जा कर अब खुद ही ठंडे पानी से नहा कर बाहर आ गई। मैं अब अपनी ब्रा पहनने लगी। फिर पेंटी देखी तो वो तो पूरी फट गई थी। तो मैं गाउन पहनने लगी।
मैं बिना पेंटी के गाउन पहन ली। तब उसने मुझे बोला: रांड कल फिर से समय पर आ जाना। मैंने हां में सर हिला दिया।
फिर उसने 500-500 के 2 नोट निकाले, और मेरी ब्रा में रख दिए। मैं उसके कमरे से बाहर आ गई। मुझसे चला नहीं जा रहा था, पर लंगड़ाते हुए वहां से बाहर आ गई। बाहर आकर देखा अंधेरा बहुत हो चुका था, तो मैं अपनी मौसी की बेटी के घर की तरफ एक टैक्सी लेकर चली गई। फिर वहां पहुंच कर अपने बदन को गर्म पानी का सेक देकर सो गई।
कैसी लगी मेरी चुदाई कहानी, मुझे जरूर बताना। आप सब की पुजा [email protected]