नंदोई जी ने मेरे घर पर मेरी चुदाई की-6 (Nandoyi ji ne mere ghar par meri chudai ki-6)

पिछला भाग पढ़े:- नंदोई जी ने मेरे घर पर मेरी चुदाई की-5

तो नंदोई जी बोले: मेरी जान, मैं आपकी चूत को चोद रहा हूं, और अब आपकी गांड मारने का मन हो रहा है।

फिर उन्होंने मेरे एक चूतड़ को मसलते हुए कहा: भाभी अब मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है।

मैं बोली: आपका इतना बड़ा लंड जब मेरी गांड में जाएगा, तो मेरा क्या होगा नंदोई जी? मेरी गांड फट जायेगी।

तो उन्होंने मेरे चूतड़ को सहलाते हुए कहा: कुछ नहीं होगा मेरी जान। मैं आपकी गांड का पूरा ख्याल रखूंगा। तुम मुझ पर भरोसा रखो।

और फिर उन्होंने अपना लंबा लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला, और लंड पर बहुत सारा शैम्पू लगा के लंड मेरी गांड के छेद पर लगाया। इससे मेरी गांड एक-दम फिसल-पट्टी जैसी चिकनी हो गई थी। फिर उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे कंधे को पकड़ कर ज़ोर लगाया, जिससे उनका आधा लंड मेरी कसी हुई मखमली गांड के अन्दर चला गया।

मैं दर्द के मारे चीख पड़ी। उन्होंने मुझे कंधों से पकड़ लिया, जिससे मैं हिल नहीं पाई। करीब 10 सेकंड तक उन्होंने लंड ऐसे ही रखा, और फिर एक झटके से पूरा लंड गांड के अन्दर घुसा दिया। अब उनका पूरा लंड मेरी गांड में किसी चाकू की तरह अंदर तक उतर गया। उनका पूरा लंड मेरी गांड में समा चुका था। अब उन्होंने मेरी कमर को अपने हाथों से कस कर पकड़ लिया, और मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे।

मेरी आंखों से आंसू आने चालू हो गए और मैं दर्द के मारे हिल भी नहीं पा रही थी। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाला, और दोबारा से एक जोरदार धक्का दे दिया। मेरे मुंह से आहहहहह आहहहहह आहहहहह की तेज आवाज़ें निकल रही थी। अब वो धीरे-धीरे लंड को मेरी गांड में अन्दर-बाहर करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे मज़ा आने लगा।

अब उनको लगा कि मैं मज़े ले रही थी, तो उन्होंने झटके तेज़ कर दिए, और मेरी मोटी गांड को चोदने लगे। हम दोनों चुदाई में लगे हुए थे। वो मेरी चूचियां मसलते हुए मेरी गांड को जोर-जोर से चोद रहे थे।

मेरे मोटे चूतड़ उसके झटकों से हिल रहे थे। वो मेरी गांड को पीटते हुए चोदने लगे, और मैं मज़े से उनके लंड के झटके खाने लगी। मैं मधमस्त होकर गांड हिला-हिला कर चुदवा रही थी। वो अपने हाथ से मेरी चूत के दाने को सहलाने लगे।

फिर एक उंगली में थूक लिया, और उंगली से मेरी चूत की फांकों को सहलाने लगे। साथ ही मेरी गांड में झटके पर झटके देते जा रहे थे। मुझे अपनी गांड मराने में मज़ा आ रहा था। मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी मैं बोल रही थी-

मैं: डालो अपना लंड मेरी गांड में। फाड़ दो इसे आज‌।

मुझमें लंड को गांड में लेने की भूख बहुत ज्यादा थी। अब मैं खुद ही अपनी गांड को आगे-पीछे करके मधमस्त आवाजें निकालने लगी।

मैं: आहहहह आहहह आहहह चोद दो मेरी गांड को अआाहाहह। फाड़ दो इसे आहहहह आहहह आहहह। और अन्दर तक डालो आाआहह। तेज चोदो अआहहह, और तेज-तेज गांड मारो नंदोई जी, फाड़ डालो आज भाभी की गांड आहहह, यस यस डालो अन्दर तक डालो।

उन्होंने मुझे कमर से कस के पकड़ रखा था। अब वो धीरे-धीरे मेरी कसी हुई गांड में अपना मूसल लंड अन्दर-बाहर करने लगे और जम कर मेरी गांड मारने लगे। मैं आह आह उफफ किए जा रही थी। धीरे-धीरे उन्होंने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। मैं घोड़ी बन कर उनके लंड से गांड मरा रही थी।

उन्होंने मेरी गांड पर आठ-दस ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारे, जिससे मेरी गांड लाल हो गई। मैं उनके लंड के मज़े ले रही थी। पूरे बाथरूम में आहहहह आहहहह फच्च्च्च फच्च की आवाज गूंज रही थी। मैं फिर से झड़ चुकी थी।

मैं अपनी मोटी गांड में नंदोई का लंड ले रही थी। और बोल रही थी कि: आह आह और जोर-जोर से चोद दे मेरे नंदोई, मजा आ रहा है। आह चोद जोर से चोद।

उन्होंने मुझे गाली देते हुए कहा: हां ले चुद ले भाभी आह आह चुद लो अपने नंदोई के लंड से आह, ले मेरा लंड। मैं तो कब से तुझे चोदना चाह रहा था। आज जाकर मौका लगा है मेरी जान। आज तुझे मेरे लंड का पूरा मजा दूंगा। तेरा पति तो तुझे ढंग से चोदता नहीं है।

मैं बोली: बड़ा अन्दर तक पेल रहे हो आह। मजा आ रहा है। मैं बहुत दिनों के बाद चुद रही हूं आह।

वो पूरे जोश में कस-कस के धक्के मार रहे थे, जिससे मेरी चीखें निकल रही थी। मुझे सेक्स चढ़ रहा था। मैं मज़ा लेती हुई अपनी कमर हिला-हिला कर नंदोई जी का साथ दे रही थी।

मैं जोर-जोर से सिसकारी भर रही थी। मेरे सिसकारी भरने से वो और जोश में आकर बुरी तरह से मुझे चोद रहे थे। खड़े-खड़े चुदवाते-चुदवाते मैं थक गई। फिर मैं बोली-

मैं: अब अपना लंबा लंड मेरी चूत में डालो।

तो उन्होंने मेरी गांड में से अपना लंड निकाला, और मुझसे बोले कि लेट जाओ। तो मैं सीधी होकर नीचे ही लेट गई। वो मेरे दोनों पैरों के बीच में आये, और फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रख कर जोर से धक्का दिया। तो उनका लंड मेरी चूत में ना‌ जाकर, वहां से फिसल कर पीछे की और सरक गया।

मैं झट से बोल पड़ी: फिर से गांड नहीं मारो यार।

फिर मैंने अपने हाथ से उनके लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया, और बोली: अब धक्का दो।

जैसे ही नंदोई जी ने जोर से एक धक्का दिया, उनका पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में अंदर तक चला गया। तभी उन्होंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। मेरे नंदोई जी मुझे जोर-जोर से चोद रहे थे, और मेरे छोटे-छोटे बूब्स भी दबा रहे थे।

मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं सिसकारियां ले रही थी और बोल रही थी-

मैं: और जोर से चोदो, और जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत आह। मेरी चूत का भोंसड़ा बना दो आज। बहुत मजा आ रहा है। और जोर से चोदो, अन्दर तक डालो आहहह।

वो मेरी चूत में अपना लंड घपा-घप अन्दर-बाहर करते जा रहे थे। थोड़ी देर में हमने चुदाई की पोजीशन बदल ली। अब वो नीचे लेट गए। मैं उनके उपर आकर बैठ गई, और उनके लंड को अपनी चूत की दरार पर रखा। तभी उन्होंने नीचे से एक ज़ोर का झटका मारा, तो उनकी और मेरी झांटे आपस में मिल गई। मेरी चीख निकल गई।

अब मैं उनके लंड के ऊपर बैठ कर उपर-नीचे होने लगी। हम पूरे पसीने-पसीने हो गये थे, तो मैंने शावर चालू कर दिया। शावर से हल्के-हल्के पानी की बूंदे मेरी चूंचियों पर पड़ कर, मेरे पेट से रिसती हुई मेरी गहरी नाभी से होकर, मेरी चिकनी चूत से होकर उनके लंड पर पड़ रही थी।

उनका बड़ा और मोटा लंड मेरी चूत में सका-सक फका-फक अन्दर-बाहर हो रहा था। मैं उनके लंड पर उछल-उछल कर चुद रही थी। मेरी चूचियां भी उछल रही थी। फिर उन्होंने मेरी एक चूची को पकड़ा, तो मैं झुक कर उनके मुंह तक ले गई। अब वो मेरी दोनों चूंचियों को बारी-बारी से चूसने लगे। इधर मैं अपनी गांड उठा-उठा कर उनके लंड पर उछल रही थी।

हम दोनों बेकाबू हो रहे थे। हमें बहुत मजा आ रहा था। मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी, और मैं झड़ने वाली थी। वो मुझे चोदे जा रहे थे। फिर मैं बोली मैं झड़ने वाली हूं, और मैं झड़ गई।

कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे बोला: भाभी मेरे लंड का पानी निकलने वाला है। चूत में ही निकाल दूं क्या?

तो मैंने कहा: नही लंड को बाहर निकालो, मैं लेट जाती हूं। मेरे पेट पर आपके लंड का खारा पानी निकालना।

नंदोई जी उठ गये, और मैं जल्दी से वहीं बाथरूम में लेट गई। तो उन्होंने अपने लंड को पकड़ा और अपने हाथ से हिलाते हुए मेरी पर नाभी पर अपने लंड का खारा पानी भर दिया।

फिर हम दोनों साथ में नहाने लगे। मैं अपने हाथ से उनके लंड पर रगड़-रगड़ कर साबुन लगाने लगी, और बड़े प्यार से उनकी पीठ सहला कर साबुन लगाने लगी। फिर उन्होंने मेरी पीठ पर पानी की बूंदे डाली, तो मैं कसमसा गई।

वो साबुन लगाने लगे। मैंने आंखे बंद कर ली, और वो मेरी पीठ सहलाने लगे। वो साबुन लगाते हुए मेरे पेट पर हाथ घुमाने लगे, और मेरी नाभि को सहलाते हुए मेरी चूंचियों की तरफ अपना हाथ ले गये।

फिर बोले: भाभी आप नहाते हुए बहुत सेक्सी लग रही हो।

फिर हम नहा लिये, तो उन्होंने तौलिये से मेरा पूरे भीगे बदन को पौंछा, और मेरी चिकनी छाती, चिकने पेट और बड़ी-बड़ी चूंचियों को देख कर मुस्कुरा कर बोले-

नंदोई: भाभी आज तो मजा आ गया यार। फिर कब दे रही हो मौका?

मैं सेक्सी स्माईल के साथ बोली: अब नहीं।

उसके बाद उन्होंने अपने हाथों से मुझे ब्रा पैन्टी और सलवार कमीज पहनाई, और खुद ने भी कपड़े पहने। फिर हम बाथरूम से निकल कर मेरे कमरे में चले गये।

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं। आप सब के प्रत्युत्तर से ही मैं आगे और कहानी लिखूंगी। कोई भी सुझाव आप मुझे मेरी मेल आई पर दे सकते है। मैं आपके मेल का इंतजार करूंगी। मिलती हूं अगली चुदाई की कहानी के साथ [email protected]

Leave a Comment