This story is part of the मां की चूदाई का सफर series
मैं यूपी का रहने वाला हूं। ये मेरी इस सीरीज का पार्ट-4 है। इसके बहुत सारे पार्ट आगे आएंगे। अब अपनी कहानी शुरू करते है।
मम्मी: हां तो तूने ऐसे चूत मारी है, कि मेरी चूत फट गई। तूने सही कहा था, कि मुझे चलने लायक नहीं छोड़ेगा।
मैं: तो शर्त के हिसाब से मैं जीता या हारा?
मम्मी: तू पूरे नंबर से पास हो गया है मेरे राजा। अब सो जा, मैं बहुत थक गई हूं। और मेरी चूत में जलन हो रही है, और थोड़ी फट भी गई है।
मैं: अभी तो चूत ही फटी है, अभी गांड बाकी है।
इतना सुनते ही मम्मी डर गई और बोली: एक बार चूत में लिया तो चूत फट गई, और गांड में लूंगी तो क्या होगा?
तभी मुझे याद आया कि मैं दारू लाया था।
तो मैंने कहा: मम्मी दारू लाया हूं उसे पीलो, तो दर्द कम होगा।
फिर मैंने और मम्मी ने नंगे ही बैठ कर दारू के 2 पेग पिए। फिर मम्मी को ना जाने क्या सूझा, वो एक ग्लास में दारू और बर्फ डाल कर नीचे बैठ गई, और मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी और ग्लास में डुबा-डुबा कर मेरे लंड से दारू पीने लगी
तब मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने कहा: रण्डी, अभी पूरे मार्क्स मिले है। अब मैं क्लास टॉप करूंगा तेरी गांड़ फाड़ कर।
लेकिन मेरी मम्मी जानती थी, कि अपनी गांड में मेरा हबशी का लंड लेने का मतलब क्या था।
मेरा लंड लेने की वजह से मेरी मम्मी की गांड हमेशा के लिए पाइप जैसी बन कर रह जाएगी।
मम्मी ने कहा: मैं आपका लंड नहीं ले पाऊंगी बिना किसी लुब्रिकेंट के। अगर तेरे पास लुब्रिकेंट है बेटा, तो तू वह लगा कर मेरी गांड जरूर मार ले।
तो मैंने एक लुब्रिकेंट उठाया और आपने 11 इंच लंबे और 3.5 इंच मोटे लंड पर लगाया। फिर मैंने मम्मी को चारपाई के पास खड़ा कर लिया, और मम्मी को चारपाई पर झुका दिया। इस बार मैंने मम्मी को लंड नहीं चूसने दिया, और अपना लंड उसकी गांड पर सेट कर दिया। मम्मी की सांसे अटक गयी थी। फिर मैंने अपने लंड का सुपारा मम्मी की गांड मे घुसा दिया।
तो मम्मी ने चारपाई की चद्दर को अपनी मुट्ठी में भर लिया। मैंने ताकत लगा कर दो झटकों में पूरा गांड में ठोक दिया। तो मम्मी दर्द से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।
वो जोर से चिल्लाने लगी: बहन के लोड़े, मारेगा क्या? आराम से डाल दे।
मैं: रंडी की गांड फट गयी क्या सच में?
मम्मी की गांड फट गयी थी। इसकी गवाही मेरे 11 इंच लंबे लंड के सुपारे पर लगा खून बता रहा था।
मैंने लंड बाहर निकाल कर मम्मी को दिखा कर कहा: देख रंडी, आज तेरी गांड फटी है।
मम्मी ने कहा: कुत्ते, फट तो कब की गयी, आज थोड़ी गहरी और हो गयी है।
मैं: अब तो तू गधे का लंड भी ले लेगी पूरा।
और एक बार फिरसे मैंने मम्मी की गांड मे लंड ठोक दिया। मम्मी चाह कर भी कुछ नहीं कर पाई। मगर मम्मी की आंखो से निकलते आंसू उनके दर्द को बयां कर रहे थे। उधर अब मैं अपने लंड पर गुरूर करते हुए मम्मी की गांड की ठुकाई करने लगा।
तो मम्मी की दर्द से हालत खराब होने लगी। मगर मेरे लंड की मोटाई कम होने से मम्मी की तकलीफ जल्द ही खत्म हो गयी। और दस मिनट के बाद लंड की जगह बनने के बाद अब मम्मी गांड हिला कर लंड अंदर लेने लगी, तो मुझे पसीने आने लगे।
वो अब मुझको गाली देने लगी: क्या हुआ बहन के लोड़े? चोद ना, इतना ही है तो अब तू घुस जा मेरी गांड में बहन के लोड़े, पेल जोर से, हरामी, कुत्ते कही के।
मैं गाली सुन कर भड़क गया, और गांड पर थप्पड़ मार कर गांड फाडने में लगा। तो मम्मी भी लगातार चूत से रस बहा कर चुदाई का मजा लेती रही। चूत से छूटते काम रस से मम्मी के शरीर में थकान आ रही थी। तो मैं पूरी ताकत से मम्मी को चोद कर मम्मी को अपने लंड से जीतना चाहता था, और दोंनो जने घमासान चुदाई करते रहे।
मम्मी की चीखों से आस-पड़ोस के लोगों ने अगर सुना होगा, तो उन्हें भी यकीन हो गया होगा कि आज किसी की मां-बहन चुद रही थी। मम्मी मेरे नीचे थी, मगर दोनों को इस बात की कोई परवाह नहीं थी। हम तो एक-दूसरे से बस चुदाई का मजा ले रहे थे भरपूर। करीब एक घंटे तक गांड मरवाने के बाद मम्मी का खड़ा रहना मुश्किल हो चुका था।
मगर मम्मी को पता था, कि मैं जल्दी ही झड़ने वाला था, तो वो हिम्मत करके गांड उठा कर चुदती रही। मैंने मम्मी की चोटी पकड़ कर उनकी गर्दन में भी दर्द कर दिया था। इसी कारण मम्मी भड़क गयी थी, और मुझे लगातार गंदी-गंदी गालीया दे रही थी। मगर मुझे गाली सम्मान लग रहा थी। मम्मी की टांगो में कपकपी छूट गयी थी चुदते-चुदते, और मै़ं ये देख कर हस रहा था।
मगर मम्मी के हौंसले के आगे मैं बैचेन भी था। तभी कुछ देर बाद मेरे लंड ने भी जवाब दे दिया, और मैंने मम्मी की गांड मे अपने लंड का लावा उगल दिया। मम्मी की गांड की अच्छी चुदाई हुई, और मम्मी को भी अब राहत मिली। सारा माल निकलने के बाद मैंने अपना लंड गांड से बाहर निकाला, तो मम्मी घुटने मोड़ कर वही बैठ गयी और इस तरह एक हबशी के साथ मम्मी ने तीन बार चुदाई का चरमसुख प्राप्त किया।
दस मिनट बाद मम्मी खड़ी हुई तो मेरा वीर्य उनकी जाघों पर आ गया और मम्मी चारपाई पर लेट गयी और दस मिनट सुस्ता कर खड़ी होकर बाथरूम गयी। फिर पेशाब करने के बाद मम्मी ने पानी लेकर अपनी चूत ओर गांड को धोकर अच्छे से साफ किया।
फिर मम्मी ने एक पैक पिया, वो भी नीट। और फिर मेरे ऊपर आकर मेरी छाती चूमने लगी।
मैं: क्या हुआ मम्मी?
तो मम्मी बोली: अभी दिल भरा नहीं।
तो मैंने बोला: मम्मी मैंने आपको गाली दी तो आपको बुरा तो नहीं लगा ना?
तो मम्मी ने बोला: नहीं बेटा, मैं बहुत खुश हूं। तुझसे ऐसी गांड़ फाड़ चुदाई करके मजा आ गया। अब से मैं तेरी गुलाम, रण्डी, रखैल, जो तुझे बोलना हो बोलना। तू बोलेगा, तो मैं किसी से भी चुद लूंगी। लेकिन सिर्फ तेरे कहने पर। मैं मेरी कुतिया हूं आज से मेरे मालिक।
एक बार फिर से मेरा लंड अपने पूरे उफान पर आ गया था। और मेरी मम्मी ने उसी कुर्सी पर बैठे-बैठे ही मेरे लंड को अपनी चूत में डाल दिया। मम्मी इस बार भी बहुत ज्यादा चिल्ला रही थी। लेकिन खुद ही मेरे लंड पर अपने आप को उछाल भी रही थी। और करीब 15 मिनट तक मम्मी ने मेरे लंड पर उछल कूद करने के बाद, मेरे लंड का माल अपनी चूत में ही डलवा लिया ।
इतना झड़ने के बाद तो ऐसा लगा मानो मेरे के अंदर शक्ति नहीं बची हो। तब मेरी मम्मी खड़ी हुई। उससे ठीक से खड़ा भी हुआ नहीं जा रहा था, और वह लंगड़ाती हुई अपने कपड़े के पास गई और अपने कपड़ों को पहनने लगी।
मैं: चलो मेरे साथ ऊपर। चलो बाथरूम में, वहां पर एक साथ ही नहाएंगे।
और अब मैं और मम्मी ऊपर की तरफ जाने लगे, और एक बार फिर से ऊपर वाले बाथरूम में चुदाई की। बहुत ज़ोर ज़ोर से आवाज आने लगी, क्योंकि मैंने एक बार फिर से मम्मी की गांड में लंड डाल दिया था, और मेरी मम्मी एक बार फिर से जोर-जोर से चिल्ला कर मेरे लंड को अपनी गांड में ले रही थी। करीब 20 मिनट के बाद मैंने अपना पानी फिरसे मम्मी की गांड में डाल दिया।
थोड़ी देर के बाद दोनों लोग नहा कर नीचे आते हैं, और मेरी मां एक दम गजब की लग रही होती है नहाने के बाद। उसके बाद हम दोनो नंगे ही चिपक कर सो गए।
आगे की कहानी पार्ट-5 में आएगी। मुझसे बात करने के लिए मेरी मेल आईडी पर मेल करे। अगर किसी को मेरे साथ सेक्स करना है, तो मुझे मेल करे। आपकी और मेरी बात गुप्त रहेगी।