Site icon Desi Kahani

पड़ोसियों की बेटी की चुदाई-1 (Padosiyon Ki Beti Ki Chudai-1)

नमस्कार दोस्तों, मैं आपका Thor आप सब के लिए अपनी अगली सेक्स कहानी लेके हाजिर हूं। ये कहानी रीमा नय्यर, और दिशा भाटिया की है। तो चलिए शुरू करते है कहानी को रीमा नय्यर की जुबानी-

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रीमा है। मैं 40 साल की शादी-शुदा महिला हूं। मेरी ऊंचाई 5 फुट 6 इंच है, और फिगर 36-32-38 है। रंग मेरा ज्यादा गोरा नहीं है, पर बॉडी शेप इतनी सेक्सी है, कि हर मर्द मुझे देखते ही पकड़ कर चोदने की सोचता है। वैसे तो मेरे पति मुझे आज भी चोदते है, लेकिन मुझे कभी उनके साथ सेक्स करके इतना मजा नहीं आया।

इसका कारण ये नहीं कि मेरे पति अच्छे से चुदाई नहीं करते, ना ही उनका लंड छोटा है। इसका कारण ये है कि मैं एक लेस्बियन हूं। अपने कॉलेज के दिनों में ही मुझे ये बात पता चल गई थी। लेकिन घर वालों की छोटी सोच की वजह से, और पापा के डर की वजह से मैं ये बात कभी घर पे बता ही नहीं पाई।

फिर ऐसे ही मेरी शादी हो गई, और पति ने चोद कर मुझसे 2 बच्चे ले लिए। मैंने भी एक पत्नी का धर्म पूरा निभाया, और अपने पति को हर खुशी दी, जितनी दे सकती थी। मैंने कभी उनको ये एहसास नहीं होने दिया, कि मैं संतुष्ट नहीं थी उनके साथ सेक्स करके। लेकिन फिर मेरे अंदर की लेस्बियन औरत को मौका मिला संतुष्ट होने का। चलिए बताती हूं सब कैसे हुआ।

हमारे घर के सामने वाले घर में भाटिया परिवार रहता है। गली 12 फुट चौड़ी है, तो शीशे में से आसानी से हम एक-दूसरे के घर में क्या चल रहा है, देख सकते है। उनकी एक बेटी है, जो 20 साल की है, और कॉलेज में पढ़ती है। उसका नाम दिशा है। दिशा एक बहुत ही खूबसूरत लड़की है। उसका रंग दूध जैसा गोरा है। उसकी ऊंचाई 5 फुट 3 इंच है। और उसका फिगर 34-29-36 है। दिशा ज्यादातर टाइट जींस और टीशर्ट पहनती है। इन कपड़ों में से उसका फिगर पूरा दिखाई देता है। मुझे यकीन है उसको देख कर भी बहुत लड़के मुठ मारते होंगे।

दिशा का कमरा पहली मंजिल पर है, और उसमें खिड़की होने की वजह से कई बार मेरी उसके कमरे में नजर चली जाती है। एक बार रात के 9 बज रहे थे। मैं डिनर कर चुकी थी, और मेरे पति किसी काम से घर से बाहर थे। बच्चे सो चुके थे। मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैंने थोड़ी हवा खाने की सोची, और बालकनी में आ गई। बाहर अच्छी हवा चल रही थी, तो मैं आँखें बंद करके हवा का मजा लेने लगी।

फिर जैसे ही मेरी आँखें खुली, मेरी नज़र सीधे दिशा के कमरे की खिड़की पर पड़ी। और जो मैंने वहां देखा, उसको देख कर मैं हैरान हो गई। दिशा अपने बिस्तर पर सीधी नंगी लेती हुई थी। उसका हाथ उसकी चूत पर था, और वो अपनी चूत को सहला रही थी। मैं समझ चुकी थी कि वो चूत में फिंगरिंग कर रही थी। तभी मैंने उसके हाथ में एक मैगज़ीन देखी। उस मैगज़ीन में केवल नंगी लड़कियों की फोटोज होती है। किसी ज़माने में मैं भी उसी मैगज़ीन में लड़कियों को देख कर अपनी चूत सहलाती थी।

दिशा को ऐसे करते देख मुझे शक हुआ, कि कहीं वो भी तो लेस्बियन नहीं थी। ये सोचते ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, और मेरी चूत की प्यास जाग उठी। पर कुछ भी करने से पहले मुझे ये पक्का करना था, कि वो सही में लेस्बियन थी, या फिर मुझे गलतफहमी हो गई थी। और इसके लिए मुझे खुद ही कुछ करना पड़ना था।

फिर मैं ये पता करने के लिए कोई तरकीब सोचने लगी। थोड़ी देर सोचने के बाद मेरे दिमाग का बल्ब जला, और मुझे एक बेहतरीन तरकीब सूझ गई। लेकिन वो तरकीब सुबह ही इस्तेमाल हो सकती थी, इसलिए मैं वापस जाके बेड पर लेट गई, और सोने की कोशिश करने लगी। दिशा लेस्बियन थी, ये सोच-सोच कर मैं बहुत एक्साइटेड हो चुकी थी। मुझे नींद नहीं आ रही थी।

फिर मैंने कंट्रोल खो दिया, और अपना पजामा और पैंटी नीचे कर दिए। उसके बाद मैं अपना हाथ चूत पर लेके गई, तो चूत पहले से गीली थी। मैं अब दिशा के बारे में सोच कर अपनी चूत को सहलाने लगी। मुझे मजा आने लगा। मैं चूत को तेज-तेज सहलाने लगी। मुझे और मजा आने लगा। अब मैं फुल स्पीड पर चूत के दाने को रगड़ने लगी, जिससे 5 मिनट में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। बरसों बाद आज मुझे पानी निकलने पर इतना मजा आया था। फिर मुझे नींद आने लगी, और मैं सो गई।

सुबह उठ कर मुझे रात वाली बात याद आई। मैं बहुत खुश हो गई। फिर मैंने अपना प्लान शुरू किया। मैंने जल्दी से बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजा, और अपना काम खत्म करके सामने वाले घर में चली गई। दिशा की मम्मी मेरी काफी अच्छी दोस्त थी। हम दोनों का एक-दूसरे के घर में आना-जाना लगा रहता था। मैं उनके घर गई, और उसकी मम्मी से कहा-

मैं: कैसी हो अनीता (दिशा की मम्मी का नाम अनीता है)?

अनिता: ठीक हूं दीदी, आप बताओ कैसे हो?

मैं: मैं भी बढ़िया।

फिर मैंने उससे पूछा: आज मॉल चले, मुझे कुछ समान खरीदना है?

अनिता: हां चलो चलते है। मुझे भी कुछ सामान चाहिए था। बढ़िया हो गया आपने पूछ लिया। अब साथ हो जाएगा। नहीं तो मुझे अकेले जाना पड़ना था।

तभी दिशा वहां आ गई। उसको देख कर मैं उसी में खो गई। दिशा ने आके मुझे नमस्ते बुलाया। मैंने भी उसकी नमस्ते का जवाब नमस्ते से दिया। फिर मैंने उसको भी जान-बूझ कर पूछा-

मैं: दिशा बेटी तुम मॉल जाना चाहोगी? मैं और तुम्हारी मम्मी जा रहे है।

मॉल का नाम सुनते ही दिशा खुश हो गई, और उसने हां बोल दिया।

तभी अनिता बोली: अरे नहीं, तुम नहीं जाओगी। तुम्हारा एग्जाम है 2 दिन बाद, उसकी तैयारी करो।

दिशा: मम्मी और कितनी तैयारी करूं? मैंने अच्छे से तैयारी कर ली है, तभी तो साथ ले जाने को बोल रही हूं।

अनिता: मैंने कहां ना नहीं!

मैं: अरे अनिता, वो बोल रही है ना कि तैयारी हो चुकी है। तो ले चल ना साथ। इतना पढ़ के भी क्या करना उसने?

अनिता मेरी बात मान गई, और दिशा खुश हो गई।

इससे आगे क्या हुआ, वो आपको इस लेस्बियन सेक्स स्टोरी के अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा। कहानी की फीडबैक gulati.gulati555@gmail.com पर दें।

Exit mobile version