हैलो दोस्तों, मेरा नाम किरन है। मैं आज आपके सामने अपनी हॉट लेस्बियन सेक्स स्टोरी लेके आई हूं। उम्मीद है आपको मेरी कहानी पसंद आएगी। तो चलिए अब बिना कोई समय गवाए, सेक्स की दुनिया में डूब जाते है।
मेरी उमर 23 साल है, और अंतिम वर्ष कॉलेज की छात्रा हूं। मेरा फिगर 34-30-34 है, और रंग मेरा गोरा है। मैं ज्यादातर पजामी-सूट ही पहनती हूं, और कभी-कभी जींस और टॉप भी डाल लेती हूं। लेकिन मेरे पापा को मेरा जींस और टॉप पहना पसंद नहीं है, तो बहुत कम पहनती हूं। मेरे परिवार में मैं, मेरे मम्मी-पापा, और मेरा एक छोटा भाई हैं।
ये कहानी इस साल की होली की है। होली वाले दिन मेरे पसंदीदा हीरो की फिल्म लगी थी। तो मैं पापा से बोलने लगी कि हमें वो फिल्म दिखाने लेके जाए। पापा ने वादा तो कर दिया कि वो हमें फिल्म दिखाने लेके जायेंगे। लेकिन वक्त पर आ कर उनको ऑफिस का कोई काम पड़ गया।
फिर पापा के जाने के बाद मैंने मम्मी को बोला तो उन्होंने कहा कि उनको भी बहुत काम था। मैंने अकेले जाने का पूछा तो भी मम्मी ने मना कर दिया, कि अकेली लड़की को कैसे जाने दे। फिर बहुत मनाने के बाद मम्मी ने हां बोला, लेकिन छोटे भाई को साथ लेके जाने को बोला। मेरा छोटा भाई अभी सिर्फ कक्षा चौथी में है, तो मैंने हां कर दी।
फिर मैं उसको लेके मॉल चली गई। मैंने आज भी पजामी-सूट ही पहना था। प्लान ये था कि पहले हम दोनों कुछ खायेंगे, और फिर थिएटर में जाके फिल्म देखेंगे। वहां जाके हम दोनों ने मैकडोनाल्ड्स के बर्गर ऑर्डर किए, और खाने लगे। होली की वजह से वहां पर काफी अच्छी रौनक थी, और डिस्काउंट भी मिल रहा था।
बर्गर खाते हुए मैं इधर-उधर देख रही थी। तभी मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी। उस लड़की ने काले रंग की स्लीवलेस टॉप, और नीले रंग की जींस पहनी हुई थी। उसका रंग दूध जैसा गोरा था, और बाल हल्के भूरे थे। वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। पता नहीं क्यों मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगी। मैं उसको कुछ मिनट तक घूरती रही।
तभी उसने भी मुझे देखा, और मुस्कुराने लगी। उसकी मुस्कान देख कर मेरे दिल में घंटियां बजने लगी। मुझे मेरी चूत में एक करंट सा महसूस हुआ। तभी मेरे भाई ने मुझे बताया कि फिल्म शुरू होने का टाइम हो गया था। तो हम दोनों वहां से उठे, और थिएटर की तरफ चल पड़े।
फिल्म शुरू हो चुकी थी, और हम दोनों मजे से फिल्म देखने लगे। तकरीबन 10 मिनट बाद मेरे साथ वाली सीट पर कोई आके बैठ गया। मैंने देखा तो ये वहीं लड़की थी, जिसको मैंने बाहर देखा था। उसको देखते ही मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गई। फिर उसने मुझे देखा और बोली-
वो लड़की: हैलो, मेरा नाम रीना है।
मैं: मेरा नाम किरन है।
रीना: तुमसे मिल कर अच्छा लगा किरन।
मैं: मुझे भी अच्छा लगा।
फिर हमारी ऐसे ही बातें होने लगी, और हम एक-दूसरे के साथ थोड़े सहज हो गए। थोड़ी देर बातों के बाद हम चुप-चाप फिल्म देखने लगे। कुछ देर बाद फिल्म में एक रोमांटिक सीन आया। उसको देख कर मैं थोड़ा उत्तेजित होने लगी। तभी रीना ने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया। जब मैंने उसकी तरफ देख तो वो फिल्म देख रही थी।
धीरे-धीते रीना का हाथ आगे मेरी चूत की तरफ सरकता जा रहा था। मैं क्यों उसको रोकती, मुझे भी मजा आ रहा था। अब उसका हाथ मेरी चूत पर था। अचानक उसने मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। मैंने अपने भाई की तरफ देखा तो वो से चुका था।
धीरे-धीरे उसने अपनी स्पीड बढ़ाई, और 5 मिनट में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर मैंने जब उसकी तरफ देखा, तो वो भी मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखने लगी। हम दोनों के चेहरे करीब आते गए, और होंठ आपस में जुड़ गए। अब हम दोनों कामुकता से भरी किस्स कर रहे थे। मुझे बड़ा मजा आ रहा था उसके रसीले होंठ चूसने में।
वो किस्स करते हुए मेरे बूब्स दबाने लगी, और मैंने भी उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। हम दोनों आह उम्म कर रहे थे, और वासना में डूब चुके थे। कुछ देर किस्स करने के बाद हम अलग हुए। फिर उसने अपनी टॉप और ब्रा साथ में ऊपर किए, और उसके दो सुंदर बूब्स मेरे सामने आ गए। फिर वो मुझे बोली-
रीना: चूसो इन्हें किरण।
मैंने वैसा ही किया, और उसके बूब्स चूसने लगी। बहुत स्वाद आ रहा था। वो भी आह आह। साथ में वो फिर से मेरी चूत सहला रही थी। कुछ देर में वो उठी, और मेरे सामने घुटनों पर बैठ गई। मैंने अपने भाई की तरफ देखा, को अभी भी सो रहा था। फिर रीना ने मेरी पजामी नीचे खींच दी, और पैंटी भी साथ ही निकाल दी।
उसके बाद उसने मेरी चूत को अपना मुंह लगा लिया, और चूसने लगी। मैं तो जैसे मजे से पागल ही हो गई। मैंने उसका सर अपनी चूत में दबा लिया, और गांड हिला-हिला कर उसके मुंह पर अपनी चूत रगड़ने लगी। फिर उसने अपनी उंगली चूत में डाली, और तेज़ी से अंदर-बाहर करके चूत को चोदने लगी।
मैं हल्की आवाज में सिसकियां ले रही थी। आखिरकार 10 मिनट में मेरी चूत से फिर से लावा फूटा, और मैं ठंडी हो गई। उसने मेरा सारा माल चूत पर मुंह लगा कर पी लिया, और चूत अच्छे से साफ कर दी।
फिर वो अपनी जगह पर वापस बैठ गई। अब मेरी बारी थी उसको शांत करने की। उसने खुद ही अपनी जींस और पैंटी नीचे कर दी। उसकी चूत एक-दम चिकनी थी, और उस पर एक भी बाल नहीं था। फिर मैं घुटनों पर आई, और उसकी चूत चूसने लगी। वो आह आह करने लगी, और मेरे सर को जोर से चूत पर दबा दिया।
उसकी चूत से रिस रहा पानी बहुत स्वादिष्ट था। मैं पागलों की तरह उसकी चूत चूसने लगी, और उसमें उंगली करके चोदने लगी। तकरीबन 15 मिनट की चुसाई के बाद उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकला। मैंने भी एक बूंद भी नहीं वेस्ट की, और सारा पानी पी गई। फिर मैं भी अपनी सीट पर वापस बैठ गई।
हम दोनों हाफ रहे थे। फिर उसने मुझे अपना नंबर दिया, और वहां से उठ कर चली गई। उस दिन के बाद हम अक्सर मिल कर लेस्बियन सेक्स का मजा लेते हैं।
कहानी समाप्त।