ज़ीशान ने ऑडिशन के बहाने हेतल का फायदा उठाने की कोशिश की पर हेतल को ठीक नहीं लगा। फिर हेतल ने ज़ीशान को ऑडिशन लेने का दुसरा मौका दिया । अब आगे की कहानी ज़ीशान की जुबानी जारी है …
हेतल अपना रॉब उतार कर अंदर पहनी नाईटी में आ गई। हमने पॉजीशन ली और मैने हेतल को बिस्तर पर गिराया और उसकी जांघो पर बैठ गया। हेतल के लेटने से उस डीपकट नाईटी से इसके मम्मे ऊपर की तरफ थोड़ा निकल कर दिखने लगे थे।
हेतल पर झुक कर मैने उसकी नाईटी के नूडल स्ट्रैप को ब्रा के स्ट्रैप सहित कंधो से नीचे खिसका कर कंधे नंगे कर दिए। मैने फिर हेतल के कंधे और गरदन को चुमा। इस वजह से मेरा सीना हेतल के मम्मो से टकरा रहा था।
हेतल इस बीच अपना डायलॉग अच्छे से बोल रही थी। मेरे हिलने से बीच बीच में मेरा लंड कपड़े सहित हेतल की चूत से टकरा रहा था।
अब मै जान बुझकर एसा करने लगा। इच्छा तो थी कि चूत को लंड से अच्छे से रगड़ु दुं पर हेतल से वादा किया था तो मुश्किल से कंट्रोल भी कर रहा था।
मैने फिर हेतल के गालो को चुमना शुरु किया। हेतल ने भी चेहरा घुमा कर अपने होंठ दुर किए। मेरी कोशिश थी कि एक बार तो हेतल के रस भरे होंठो को चुम लु।
हेतल का ध्यान अब अपने होंठो को बचाने पर था तो मैने मौका देखकर अपने लंड से हेतल की चूत थोड़ी रगड़ा। उसने कोई विरोध नहीं किया।
मेरे हौंसले बढ गए और मैने अब धक्के मारते हुए हेतल की चूत को लगातार रगड़ना शुरु किया। तभी हेतल ने मुझे धक्का देकर दुर करने की कोशिश की। मेरी जल्दबाजी के कारण ऐसा हुआ वरना शायद धीरे धीरे मै उसके और मजे ले सकता था।
मै हेतल के ऊपर से हटा और उसने अपने ब्रा और नाईटी के स्ट्रेप फिर कंधे पर चढ़ा लिए।
हेतल: “ये क्या था ज़ीशान?”
ज़ीशान: “सॉरी सॉरी, मै ध्यान रख रहा था पर फिर भी सीन में ज्यादा घुस गया शायद, अच्छे अच्छे कलाकार भी बह जाते है। एक बार फिर से करते है”
हेतल: “अब मुझे नहीं करना, मुझे अच्छा नहीं लग रहा है । मैने सिर्फ तुम्हारी बात रखने के लिए ये सीन किया था।”
ज़ीशान: “अरे गलती से गड़बड़ हो गई थी।”
हेतल: “ये कोई और ही बात है। सच सच बताओ ज़ीशान, जो भी तुम्हारे मन में है। ऐसी वैसी कोई बात होगी तो भी मै बूरा नहीं मानुंगी, पर कुछ भी छुपाओ मत।”
मै अब सोच में पड़ गया, हेतल ने मेरी चोरी पकड़ ली थी।
हेतल: “तपन ने मेरे साथ जो नाटक किया था, कही तुम उसे सच करने की कोशिश तो नही कर रहे! एक दोस्त की तरह जो भी मन में है वो बताओ, मेरा यकिन करो कितना भी बुरा सच हो, मै कुछ नही कहुंगी और तु्महारी मदद करुंगी।”
ज़ीशान: “वो दरअसल तुम्हे उस दिन मेरे घर पर देखा था तब तुम बहुत खुबसूरत लग रही थी और मै थोड़ा बहक गया था और तुम्हारी तरफ आकर्षित हो गया था।”
हेतल: “हितेन और तपन भी उस दिन ज़ीनत की खुबसूरती की बहुत तारीफ कर रहे थे। ये सब नेचुरल है, पर अपने आप पर काबू रखना चाहिए। तुम जो अभी मेरे साथ करने की कोशिश कर रहे थे वो सरासर गलत है। मै पिछले सीन में ही समझ गई थी पर फिर सोचा शायद तुमसे गलती से हुआ होगा, इसलिए मैने तुम्हे अपनी गलती सुधारने का एक और मौका दिया, मगर तुमने फिर वो ही किया।”
ज़ीशान: “हेतल आई एम सॉरी, बस हो गया”
हेतल: “तुम दिल से अपनी गलती मान रहे हो तो ठीक है। गलती इंसान से ही होती है । अब इतनी गंदी शक्ल मत बनाओ, तुम दिल के इतने बूरे भी नहीं हो। तुम जो चाहते हो वो तो मै तुम्हे नहीं दे सकती मगर मै तुम्हे अच्छी लगती हुं, इसलिए चलो मेरे गले लग जाओ, शायद तुम्हे थोड़ा अच्छा लगे।”
हेतल ने अपनी बाहें फैलाई और इस बार डर के मारे मैने बिना ज्यादा चिपके उसे गले लगाया। हेतल खुश हुई कि मैने इस बार ध्यान रखा।
हेतल: “अब मुझसे इतना डरने की जरुरत भी नहीं है। मै तुम्हे कोई खा नहीं जाऊंगी। चलो एक दोस्त की तरह अच्छे से गले लगो”
मैने हेतल को एक बार फिर गले लगाया पर इस बार कस के गले लगाया। उसने भी मेरी पीठ पर हाथ फैर कर मुझे शांत किया। फिर उसने मुझे बैठा कर बात की।
हेतल: “अब अच्छा लग रहा है और हल्का महसूस कर रहे हो ना? अच्छा ये बताओ मुझमें ऐसा क्या है जो तुम्हे अच्छा लगा?”
हेतल का ये सवाल सुनकर मै चौक गया। उसने अभी भी अपना रॉब नहीं पहना था तो मेरी नजरे उसके क्लीवेज पर पड़ी। हेतल ने मुझे देखते हुए पकड़ लिया।
हेतल: “ज़ीनत के पास भी तो है ये। कुछ साईज अलग हो तो बताओ?”
अब मै बूरी तरह से झेंप गया। मुझे कुछ नहीं सुझा और अगल बगल देखने लगा।
हेतल: “इधर देखो ज़ीशान”
हेतल ने मेरा चेहरा घुमा कर अपनी छाती की तरफ कर दिया।
हेतल: “मै तुम्हारी मदद करने की कोशिश कर रही हुं। ध्यान से देखो यहां, मेरा साइज अलग है क्या?”
मैने अब पहली बार इतने गौर से हेतल के मम्मो और क्लीवेज को करीब से देखा। मै पूरा हिल गया था उसकी खुबसूरती देखकर।
हेतल: “चेक कर लिया अच्छे से! ज़ीनत के मेरे से छोटे है?”
मैने ना में सर हिला दिया।
हेतल: “मतलब मेरे छोटे है?”
ये बोलकर वो खिलखिलाकर हंसने लगी और मेरी भी हंसी छूट गई पर मै फिर सिरीयस हो गया।।
हेतल: “अगर कभी कोई लड़की तुम्हे अच्छी लगे तो ईमानदारी से उसको बता दो कि उसे पसंद करते हो और क्यु करते हो। ठीक है! अब दिल खोलकर बिंदास जो मन में है बोल दो बिना डरे, बिना शर्माएं। मै नाराज नहीं हुं तुमसे। सच बताओ कहीं तुम मुझ पर गंदी नजर तो नहीं रखते?”
ज़ीशान: “ऐसा कुछ नहीं है हेतल। तुम्हे कपड़ो में हमेंशा ढ़के देखा था और उस दिन थोड़ी सी झलक नंगी कमर और …”
हेतल: “और क्या? मैने कहा न कि बिना झिझक तुम खुलकर बोलो। मुझे पता है तुम लड़के लोग कैसी भाषा इस्तेमाल करते है। तुम चूत बोलना चाह रहे थे?”
ज़ीशान: “अरे नहीं … उस दिन थोड़ी सी झलक नंगी कमर और मम्मो की दिखी तो मै उत्तेजित हो गया था। फिर जब तपन ने वो फोटो भेजा तो मैने सोचा कि मै भी एक बार…”
हेतल: “एक बार क्या? सेक्स करना चाहते हो मेरे साथ? सॉरी तुम लोग तो सेक्स की बजाय चोदना शब्द का उपयोग करते होगे। तो तुम मुझे चोदना चाहते थे। चलो मै तुम्हे चोदने भी दु तो क्या होगा? जैसा ज़ीनत का शरीर है वैसा मेरा भी है। तुम मेरे साथ चोद कर के देख लो अगर कोई फर्क महसूस होता है तो मुझे भी बताओ। मुझे भी पता चले कि अलग क्या होता है। बोलो करना है तो मै तैयार हुं, अगर तुम मुझे फर्क समझा दो तो।”
मेरे मुंह में “हां” शब्द अटक गया और बाहर ही नहीं आया, क्युकि शर्मिंदा ज्यादा हो रहा था।
हेतल: “लो मै तुम्हारे सामने बैठी हुं, खोल दो मेरे कपड़े और कर दो मुझे नंगा। फिर जो देखना है, करना है कर लो। मै कुछ नहीं बोलुंगी।”
मेरे तो हाथ पैर ही जम गए थे और कुछ करने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी।
हेतल: “क्या हुआ मुझे नंगा करने में शर्म आ रही है? तुम्हारी मदद के लिए लो मै खुद कर देती हुं”
ये बोलकर हेतल ने एक एक कर अपनी नाईटी और ब्रा के स्ट्रेप अपने कंधे से नीचे कर दिए। और फिर अपनी नाईटी और ब्रा को छाती से पकड़ मम्मो के ऊपर से हटाने लगी और मैने उसकी कलाईं पकड़ कर रोका।
ज़ीशान: “हेतल ऐसा मत करो”
हेतल: “अच्छा, मतलब तुम्हे मुझे नंगा देखने में कोई रुची नहीं हैं, सिर्फ चोदना है तो ठीक है”
ये कहकर हेतल ने अपनी नाईटी नीचे से ऊपर करनी शुरु की और घुटनो तक ऊपर कर ली। मैने हाथ से मार कर नाईटी उसके हाथ से छुड़वाई।
ज़ीशान: “अब मुझे ऐसे जलील मत करो। सॉरी हेतल, मेरी गलती है, मै मानता हुं। आगे से ऐसा नहीं होगा।”
हेतल: “ठीक है, मैने तुमको मौका दिया फिर भी तुमने फायदा नहीं उठाया इसका मतलब तुम्हे अपनी गलती का अहसास हुआ। बस यहीं देखना था।”
हेतल ने फिर अपनी नाईटी और ब्रा के स्ट्रेप अपने कंधे पर चढ़ा लिए।
मुझे फिर ज़ीनत का ख्याल आया कि उस बेचारी का क्या हुआ होगा! हालांकी तपन ने वादा किया था कि वो ज़ीनत को कुछ होने नही देगा पर फिर भी डर था कि तपन और हितेन ने कितने मजे लिए होंगे।
मै अब हेतल से इजाजत ले दरवाजे की तरफ बढ़ा था कि हेतल ने मुझे रोका। वो मेरे पास आयी और अपनी ऊंगलियों से मेरे होंठ पोंछे।
हेतल: “मेरी लिपिस्टीक लगी है, साफ कर देती हुं वरना पकड़े जाओगे। खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना। और ध्यान रखना वो मेरे और तपन के फोटो के बारे में हितेन को मत बताना, बेवजह उसको बुरा लगेगा”
मैने हेतल से इजाजत ली और वहां से निकला। लड़को के रुम का दरवाजा खटखटाया और तपन ने दरवाजा खोला और आंखो से इशारा कर पुछने लगा कि मेरा काम हुआ कि नहीं। मैने निराशा में ना मे गरदन हिलाई। मै अंदर गया तो देखा कि हितेन और ज़ीनत बिस्तर पर बैठे थे। मुझे देखकर ज़ीनत उठ कर मेरे पास आ गई।
ज़ीनत: “तुम बिना बताए इतनी देर कहां चले गए?”
ज़ीशान: “वो मेरा एक कॉल आ गया था तो तुम लोगो का सीन डिस्टर्ब करना ठीक नहीं लगा।”
ज़ीनत फिर सोने के लिए अपने रुम में चली गई। मै इसी चिंता में घुले जा रहा था कि मेरे सामने मेरे दोस्तो ने जिस तरह ज़ीनत के मजे लूटे है तो मेरे जाने के बाद क्या किया होगा।
हेतल ने तो ऐसे सीन करने से मना कर दिया पर ज़ीनत ने तो कोई आनाकानी नहीं की और सब कुछ करवाती रहीं। रात भर नींद नहीं आयी और अगले दिन जब सब बोटींग के लिए गए तो मैने उस धोखेबाज तपन को अपने साथ बाहर ही रोक लिया और अकेले में पकड़ लिया।
ज़ीशान: “साले हरामी, मुझसे झुठ बोला कि तुने हेतल के साथ सब कुछ कर लिया! ऊपर से तुमने मेरी ज़ीनत के इतने मजे मुफ्त में ले लिए। हेतल ने खुद बताया कि उस फोटो में चादर के अंदर उसने कपड़े पहन रखे थे।”
तपन: “क्या बोल रहा है, मैने तो सच ही बोला था। पहले मैने हेतल को चोदा था और फिर वो फोटो ली थी। उसके बाद ही उसने चादर ढका था।”
तपन ने अपने फोन में फिर से वो फोटो ज़ूम करके दिखाया कि चादर के ऊपर से ही हेतल के निप्पल का तीखापन दिख रहा था। ऐसा तभी हो सकता है जब लड़की नंगी हो। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन झुठा है!
तपन: “तुझे एक मौका चाहिए था तो मैने दिलवा दिया। अब तू हेतल के साथ कुछ नहीं कर पाया तो मै क्या करु?”
ज़ीशान: “हेतल ने जो मेरी उतारी है, मुझे अब उसके साथ कुछ नही करना। मैने तो हेतल से वादा कर लिया है कि अब मै उसको बूरी नजर से नहीं देखुंगा। मगर तु ज़ीनत के इतना क्यु चिपक रहा था?”
तपन: “मै तो सिर्फ अपना रोल कर रहा था ताकि हितेन का मूड बने। ज़ीनत को तो हितेन ने रगड़ा है”
ज़ीशान: “देखा था मैने, एक्टींग की आड़ में साले ने मजे ले लिए थे”
तपन: “वो तो कुछ भी नहीं था, तुम्हारे जाने के बाद हितेन ने जो ज़ीनत की हालत की, क्या बताऊं, तू सुन नहीं पाएगा”
ज़ीशान: “क्या किया बता उसने। अगर रोल के बाहर उसने ऐसा वैसा कुछ किया तो मै छोड़ुंगा नहीं।”
तपन: “शांती रख। तू खुद गंदे काम करने हेतल के पास गया था। तुझे अच्छे से पता था कि ज़ीनत के साथ क्या हो सकता है, फिर भी तू उसे छोड़कर हेतल को चोदने चला गया। अगर तुने हेतल को चोद दिया होता तो अभी पुछ भी नहीं रहा होता कि ज़ीनत के साथ क्या हुआ।”
ज़ीशान: “मैने बहुत बड़ी गलती कर दी तपन। तू बता ज़ीनत के साथ हितेन ने क्या किया।”
तपन: “अगर शांती से सुनेगा और फिर इसे एक बूरा सपना समझ कर भूल जाएगा तो ही बताऊंगा।”
ज़ीशान: “ठीक है बता। मै कुछ नहीं करुंगा”
अगले एपिसोड मे पढ़िए ज़ीशान के रुम से जाने के बाद ज़ीनत के साथ हितेन ने क्या किया था।
pratimakavitri@gmail.com