This story is part of the Yeh Maine Kya Kar Diya series
अब तक आपने पढ़ा कि हितेन अपनी बीवी हेतल और दोस्त तपन के साथ मिलकर खाने के लिए दोस्त ज़ीशान और उसकी बीवी ज़ीनत के घर गए।
एक तरफ हेतल को देख ज़ीशान थोड़ा बहक गया तो दुसरी तरफ तपन ज़ीनत के पीछे पड़ गया कि वो उसकी सहेली तन्नू की दोस्ती तपन से करवा दे।
ज़ीशान और ज़ीनत ने इसके बदले तपन के सामने एक मुश्किल शर्त रख दी कि वो हेतल को पटा कर बताए। अब आगे की कहानी ज़ीशान की जुबानी जारी है …
तपन के जाने के बाद मेरी ज़ीनत से बात हुई।
ज़ीनत: “इसने सच में कर दिखाया तो?”
ज़ीशान: “एक तो इसकी हिम्मत होगी नहीं, और हो भी गई तो हेतल पटेगी नहीं क्युकि वो बहुत घरेलु लगती है।”
ज़ीनत: “हेतल ना भी माने पर अगर उसने हितेन से तपन की शिकायत कर दी तो? दोस्तो में लड़ाई हो जाएगी।”
ज़ीशान: “हमारी पक्की दोस्ती है, मै हितेन को बोल दुंगा कि ये सब मजाक था, वो समझ जाएगा।”
उस रात मुझ पर हेतल का खूमार चढ़ा था, रह रह कर मुझे झुकी हुइ हेतल का मम्मो का उभार और नंगा पेट याद आ रहा था।
ज़ीनत भी मूड में लग रही थी और मैने हेतल को याद करते हुए ज़ीनत को जमकर चोदा और ज़ीनत की चीखें निकाल दी थी।
इसके बाद ना तो मैने शर्त के बारे में तपन को पुछा और ना ही उसने कुछ बताया। पर ठीक एक सप्ताह बाद छुट्टी वाले दिन मै ड्राईंगरुम में ज़ीनत के साथ बैठा था और डोरबेल बजी।
ज़ीनत ने दरवाजा खोला और तपन अंदर आया। दरवाजा बंद करने के बाद तपन ने ज़ीनत को पीछे से दोनो तरफ कमर से पकड़े धकेलता अंदर लाया और वो दो़नो सोफे पर हाथ पकड़े बैठ गए। मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा और मैने मजाक में ही उसको सुना दिया।
ज़ीशान: “क्यु बार बार मेरी बीवी को हाथ लगाता रहता है”
तपन: “ज़ीनत सिर्फ तेरी है क्या! हमारी कुछ नहीं लगती? ज़ीनत को प्रोबलम नहीं तुझे क्या है? मै तो हाथ लगाउंगा”
ये कहकर तपन ने अपने एक हाथ से ज़ीनत को हाथ पकड़े रखा और दुसरा हाथ ज़ीनत के कंधे पर रख दिया। ज़ीनत भी मुस्कुराती रही।
ज़ीनत: “ये ज़ीशान मजाक कर रहा है, ध्यान मत दो। कुछ खास बात बताने आए हो?”
तपन: “मैने अपना काम पूरा कर लिया, अब ज़ीनत तुम अपना वादा निभाओ और तन्नु से बात करो”
मै और ज़ीनत एक दुसरे को अविश्वास से देखने लगे। तपन ने सच में हेतल को पटा लिया था या वो झुठ बोल रहा था।
ज़ीशान: “तू हर कुछ बोलेगा और हम मान लेंगे क्या? हम कैसे यकीन करें!”
तपन: “ज़ीनत तुम मेरी आंखो में देखो, क्या मै झुठ बोल रहा हुं?”
ये कहकर तपन ने ज़ीनत का सर घुमाया और एक दुसरे के चेहरे के सामने आकर एक दुसरे की आंखो में देखने लगे। जब 5 सेकंड तक ये चला तो मै असहज हुआ और उनका ध्यान भंग किया तो वो मेरी तरफ देखने लगे।
जिशान: “सबूत दिखाने को बोला है तपन”
तपन: “मै हेतल को फोन लगाता हुं, तु खुद सून ले।”
तपन ने अपना फोन स्पीकर पर रख हेतल को कॉल किया।
हेतल: “हां जानू”
तपन: “हितेन है क्या वहां?”
हेतल: “नहीं है, तुम आ जाओ, मै रेड़ी हुं”
तपन: “नहीं हेतल डार्लिंग, अभी नहीं। बस तुम्हारी सेक्सी आवाज सुननी थी तो कॉल किया बेबी। बाद में मिलते है, बाय”
तपन ने फोन रख दिया और ज़ीनत अविश्वास से सिर हिलाकर मुस्कुरा रही थी और मै सदमे में था।
मुझे पहले पता होता कि हेतल का चरित्र इतना कमजोर है तो मै भी उस दिन किचन में उसका फायदा उठा सकता था। हेतन के ब्लाऊज में फुले मम्मे मुझे अभी भी तरसा रहे थे।
तपन: “हो गया यकीन? ज़ीनत तुम मुझे अब तन्नु से मिलवाओ”
ज़ीनत: “ठीक है बाबा, मै उस से बात करुंगी और तुम्हारी मिटींग अगली छुट्टी पर फिक्स करवाती हुं।”
तपन मेरे घर से चला गया, मै और ज़ीनत इस मुद्दे पर बात करने लगे।
ज़ीनत: “ये तपन तो बड़ा जुगाड़ु निकला, कितना शार्प है! हेतल जैसी घरेलु लड़की को फंसा दिया। मान गई तुम्हारे दोस्त को, और तुम कह रहे थे कि नहीं कर पाएगा।”
ज़ीशान: “मुझे खुद को यकीन नहीं हो पा रहा है कि हेतल ऐसा कर सकती है!”
ज़ीनत: “अब मामला गंभीर है तो तुम चुप ही रहना, हितेन से गलती से भी बोल मत देना।”
मै तो अब हेतल के सपने देखने लगा। मुझे मेरा भी चांस नजर आ रहा था। पुरे हफ्ते ऑफिस में जब जब हितेन का हंसता चेहरा देखता तो वो मुझे बेचारा लगता कि उसकी बीवी कैसी निकली।
अगले हफ्ते ज़ीनत अपने साथ तपन को एक मॉल में ले गई, जहां उसने तन्नु को भी बुलाया था, उन दोनो की दोस्ती करवाने के लिए। उसके अगले दिन तपन खुश दिख रहा था। हितेन भी बाद में आया और मुझे अकेले में मिला।
हितेन ने बताया कि तपन कुछ दिन पहले उसके पास आया था और मैने जो चैलेंज तपन को दिया था उसके बारे में बता दिया था और उसकी हेल्प मांगी थी।
तपन ने उस दिन फोन कर हेतल से जो बात की थी और हमें सुनाई थी, वो सब एक नाटक था ताकि ज़ीनत, तपन की हेल्प के लिए मान जाए।
हितेन उस फोन कॉल के दौरान हेतल के पास ही था। हेतल ने वो डायलोग पढ़ पढ़ कर बोले थे। हितेन मुझ पर हंस रहा था और मै अब तक एक खुशफहमी में जी रहा था कि मै भी हेतल को फंसा सकता हुं।
मैने हितेन से वादा लिया कि उसने मुझे ये राज बताया है, इसके बारे में वो तपन को ना बताएं क्यु कि मै तपन के मजे लेना चाहता हुं। हितेन ने भी मुझसे वादा लिया कि मै यें सच ज़ीनत को ना बताऊं वरना वो तपन को तन्नु से फिर नहीं मिलवाएगी। मैने बाद में अकेले मे तपन को पकड़ा।
ज़ीशान: “ये बता तुने हेतल को कैसे फंसाया, वो इस टाईप की तो लगती नहीं कि फंस जाए।”
तपन: “ये तो एक कला है, जो मै जानता हुं। मै तो किसी को भी फंसा सकता हुं।”
ज़ीशान: “मुझे यकीन नहीं हो रहा है। ये बता क्या क्या किया तुने हेतल के साथ।”
तपन: “हेतल तो सब कुछ करवाने को तैयार थी पर हितेन अपना दोस्त है तो मैने अभी तक कुछ किया नहीं।”
ज़ीशान: “साले झुठे, हितेन ने सब बता दिया है मुझे। मेरे सामने सिर्फ बाते फेंक रहा है। ज़ीनत को बताता हुं कैसा झुठा है तु”
तपन: “माना कि उस फोन कॉल तक सब नाटक था पर बाद में हेतल को थैंक यू बोलने गया तो उसने बोला कि वो सच में मेरे लिए पागल है।”
ज़ीशान: “हठ झुठे। चुतियां समझा है क्या मुझे?”
तपन: “सच बोल रहा हुं, अब कैसे यकीन दिलाऊं!”
ज़ीशान: “तुने बोला हेतल तेरे साथ सबकुछ करने को तैयार है, तो एक काम कर, हेतल को चोदते समय एक फोटो ले लेना और मुझे सबूत के तौर पर दिखा दे”
तपन: “पागल है क्या! दोस्त की बीवी नहीं होती तो चोद भी देता, पर वो हितेन की बीवी है। मै अगर ज़ीनत के साथ कुछ करुंगा तो तुझको अच्छा लगेगा?”
ज़ीशान: “बहाने मत मार, फेंकु कहीं का। करना मत, कम से कम हेतल के साथ बिस्तर में नंगा होकर एक फोटो लेकर दिखा दे। इतना तो कर सकता है?”
तपन: “ठीक है, मोका देख कर करुंगा, पर तब तक ज़ीनत को फोन कॉल के नाटक के बारे में मत बताना। वो मुझे फरेबी और झुठा समझेगी और तन्नु को बता देगी तो मेरा मामला बिगड़ जाएगा”
इसके तीन दिन बाद ही तपन ने मुझे अकेले में बुला कर एक सेल्फी फोटो दिखाया जिसमें हेतल अपने मम्मो के ऊपर तक चादर ढ़के बैठी थी और उसके नंगे कंधे दिख रहे थे। उसके पास में तपन टॉपलैस होकर बैठा था।
मै तो जी भरकर हेतल के नंगे कंधे देखने के मजे लेना चाहता था पर तपन ने फोन हटा दिया।
तपन: “अब हुआ यकीन? तेरे सबूत के चक्कर में हितेन को धोखा देना पड़ा साले”
ज़ीशान: “मतलब तुने हेतल के साथ सब कर लिया?”
तपन: “कपड़े खुलने के बाद कोई कंट्रोल रहता है क्या?”
ज़ीशान: “क्या बात कर रहा है भेनचोद, तुने हेतल को चोद दिया? कैसा लगा?”
तपन: “हेतल ने बिना चोदे मुझे जाने ही नहीं दिया, क्या करता ? फिर चोदने में किसको मजा नहीं आता है!”
ज़ीशान: “तुझे तन्नु के साथ टांका भिड़ाने में जितनी मेरी मदद चाहिए मै करुंगा, पर तु एक बार मेरी मदद कर दे, मुझे बस एक बार हेतल को चोदना है यार।”
तपन: “पागल हो गया है क्या साले, मरवाएगा मुझे! हितेन की बीवी है वो।”
ज़ीशान: “तुने तो चोदने के मजे ले लिए, अब मुझे क्यु रोक रहा है?”
तपन: “मैने कोई मजे लेने के लिए नहीं किया हैं, तुने फंसाया इसलिए करना पड़ा”
ज़ीशान: “जो भी हो, अब मुझे भी मजे लेने है। चाहे हेतल को ब्लैकमेल ही क्यु ना करना पड़े।”
तपन: “ब्लैकमेल करेगा और हेतल ने शिकायत कर दी तो जेल जाएगा।”
ज़ीशान: “मेरा लंड कड़क होकर तड़प रहा है, अब तो मेरे लंड को हेतल की चूत में जाकर ही करार आयेगा। मेरे घर पर हेतल को देखा है तब से तड़प रहा हुं, तु कुछ इंतजाम कर भाई। तुने हेल्प नहीं की तो मै तेरा तन्नु के साथ काम बिगाड़ दुंगा।”
तपन: “तेरी ये हालत है! थोड़ा टाईम दे, मै कुछ करता हुं”
तपन ने अगले ही दिन बोला कि ये सब आसान नहीं होगा। अगर मुझे हेतल को पाना है तो मुझे कुछ कुर्बानी देनी होगी।
तपन: “मैने हेतल से तुम्हारा नाम लिए बगैर इशारो में पुछा कि वो किसी और मर्द के साथ करवाएगी तो उसने मना कर दिया। अब एक ही तरीका है कि तुम खुद अकेले में उसको पटाने की कोशिश करो। अगर वो भड़क गई और हितेन से शिकायत कर दी तो समस्या हो जाएगी। तब मुझे मत फंसाना कि मेरे और हेतल के बीच कुछ हुआ है।”
ज़ीशान: “तो कोई अच्छा आईडिया ढ़ुंढता ना! सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे”
अगले एपिसोड मे पढ़िए तपन क्या तरीका सुझाएगा और क्या वो तरीका काम करेगा।