हैलो दोस्तो, सभी पाठकों को अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ अर्श का सलाम, अदाब, प्रणाम और नमस्ते। मैं एक बार फिर से अपनी गर्मा-गर्म चुदाई की लंड खडे़ कर देने वाली कहानी लेकर हाजिर हुई हूं। पिछली क्सक्सक्स हिन्दी स्टोरी हिन्दी चुदाई कहानी में मैंने ट्यूशन प्रोफेसर के साथ अपनी पहली चुदाई के बारे में बताया था कि कैसे मेरी पहली चुदाई हुई थी।
उसके बाद मुझे असली लंड से चुदाई का ऐसा चस्का लगा कि अब मुझे हर अच्छे मर्द को देखकर चुदने का दिल करने लगता। अब किसी भी लड़के, अधेड़ उम्र के मर्द या किसी बुढ्ढे को देखती तो मेरा ध्यान सब से पहले उसकी लंड वाली जगह जाता। मैं मन ही मन उसके लंड की कल्पना करने लगती और चुदाई करने को दिल करता।
मेरे दिमाग में हमेशा चुदाई का भूत चढ़ा रहता जो शनिवार रात को कुछ देर केलिए शांत होता। मर्दों को देखकर मेरी चाल अपने-आप सेक्सी हो जाती और मैं चूतड़ मटका मटका कर चलती। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जब मर्द मेरे बदन से छेड़खानी करते तो मुझे बहुत मजा आता और मैं उनके छेड़खानी करने देती। उस टाईम बहुत दिल करता यहीं चुदाई कर लूं लेकिन भीड़भाड़ में ऐसा संभव नहीं था। प्रोफेसर के साथ असली चुदाई के बाद मैंने लाज शर्म उतार कर बहुत दूर फेंक दी थी।
प्रोफेसर के साथ चुदाई से पहले हम पोर्न मूवी जरूर देखते थे। बहुत सी मूवीज में दो या तीन लड़के या कई कई लड़के मिलकर एक लड़की को चोदते। मेरा भी बहुत दिल करता कि ग्रुप में चुदाई करूं। लेकिन जगह न होने की वजह से नहीं कर पा रही थी। अब प्रोफेसर अपने बेटे के पास विदेश चला गया लेकिन मेरे अकाऊंट में इतने पैसे जमा करवा गया कि मुझे नशे के लिए चोरी न करनी पडे़। नशे की लत तो प्रोफेसर के पैसों से पूरी हो जाती लेकिन चुदाई की लत परेशान कर रही थी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मेरी परीक्षा खत्म हो गई थी और मैं अपने मामा के घर मिलने गई। मामा ने नया घर बनाया था एक नई क्लोनी में। मामा के घर मामी ही थे क्योंकि उनकी शादी को अभी दो साल हुए थे। अभी दो साल और बच्चा करने की इच्छा नहीं थी। मामा की आयु 27 साल और मामी की आयु 25 साल थी। अभी उस क्लोनी में सिर्फ मामा मामी की रिहाइश ही थी और काफी घर बन रहे थे। घर के पीछे गली थी जिसमें पीछे के रूम का दरवाजा खुलता था। दूसरी तरफ खाली प्लॉट पडे़ थे और एक प्लॉट में टीन की झोंपड़ी सी थी। मैंने मामा से पूछा ये क्या है तो मामा ने बताया कि चौंकीदार रहा करता था लेकिन अब खाली है। मालूम नहीं क्यों मुझे उसमें गड़बड़ी लग रही थी। उस रात हम खा पीकर सो गए। सुबह मामा मामी से ढेरों बातें की।
रात को मामी मेरे लिए दूध लेकर आई और गिलास मुझे दे दिया। मामी के मोबाईल की रिंग बजी और मामी देखने चली गई। मैंने गिलास ट्रे में रखा और बाथरूम चली गई। मैंने वापिस आकर देखा मामी अभी नहीं आई थी और मैंने एक गिलास उठाकर दूध पी लिया। कुछ देर बाद मामी आई और दूध पीकर अपने रूम में चली गई। मुझे मामी के रूम से मोबाईल की रिंग सुनाई दी और किसी ने उठाया नहीं। एक के बाद एक कई बार कॉल आई लेकिन कोई उठा नहीं रहा था।
मुझे कुछ गड़बड़ी लगी और उठ कर मामी के रूम की तरफ हो गई। तभी मेरी नज़र रसोई की सेल्फ पर पडे़ गोलियों के पत्ते पर गई और मैंने उठाकर देखा। वो नींद की गोलियों का पत्ता था साथ ही एक सेक्स की गोली पडी़ थी। मुझे शक्क होने लगा और मैंने नींद की गोलियों का पत्ता रसोई में ऊपर वाले दराज़ में रख दिया और सेक्स की गोली खा ली। तभी फोन की घंटी फिर बजने लगी और मैंने मामी के रूम में जाकर मोबाईल उठा लिया।
मेरे हैलो कहते ही आवाज़ आई नीलम डार्लिंग हम कब से झोंपड़ी में वेट कर रहे हैं कब आओगी। नीलम मेरी मामी का नाम है। मैंने फोन काट दिया और छत्त पर जाकर झोंपड़ी की ओर देखा। वहां अंधेरा बहुत था और धुंध की वजह से ज्यादा दिखाई नहीं दे रहा था बस तीन लोगों के होने का आभास हो रहा था। मैंने टार्च से देखा तीन लोग ही थे और मुझे हाथ हिला कर इशारा कर रहे थे। मेरे अंदर चुदाई का भूत जाग गया और मैंने आने का इशारा किया।
मैं नीचे आ गई और तीन अनजान मर्दों से चुदाई के बारे सोच कर गर्म हो गई। लेकिन डर भी लगा मालूम नहीं कौन हैं। मैंने मन ही मन कहा जो भी हों मुझे तो लंड चाहिए और उनको लड़की चाहिए चोदने केलिए चाहे मैं या मामी। वैसे मामी के बारे मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था वो सब की नज़र में बहुत शरीफ और सीधी-सादी बन कर रहती थी। अभी मैं सोच ही रही थी फिर मोबाईल बजा और कहा आजा नीलम हम कब से तेरी राह देख रहे हैं अब तो लंड तुझे चोदने केलिए मरे जा रहा है।
मैंने कहा मैं तैयार होकर आती हूं और आगे से आवाज़ आई जींस, शर्ट और हाई हील के सैंडिल पहन कर आना जानेमन, जींस शर्ट में तू बहुत मस्त लगती है। मैंने जल्दी से अपने बैग में छुपा कर रखी शराब की बोतल को सीधा मुंह लगा कर करीब आधी बोतल नीट ही चढ़ा गई। मैंने उस टाईम खुला टॉप और लोअर पहन रखी थी।
मैं धीरे से मामी के रूम में गई और मामी की हरे रंग की शर्ट, कली जींस , ब्रा एवं पैंटीं उठाकर रूम में आ गई। मामी की हाईट करीब मेरे जितनी ही है और फोन पर आवाज़ लड़खडा़ रही थी जिससे साफ पता चल रहा था कॉल करने वाला नशे में टुन्न है। अंधेरा होने की वजह से उनको पहचान में दिक्कत होगी।
मैं मामी की ब्रा एवं पैंटी पहनने लगी लेकिन पैंटीं टाईट थी और ब्रा तो फिट ही नहीं आ रहा था। क्योंकि मामी के बूब्ज़ और गांड मुंझ से छोटे थे। मैंने अपनी ब्रा एवं पैंटी पहन कर मामी की साड़ी लगा ली। मैंने कानों में मामी के बडे़ बडे़ ईयररिंग्स और गले में हार पहन लिया। माथे पर बड़ी सी लाल बिंदिया लगा कर बाहर निकल आई। मैं अंधेरा होने की वजह से धीरे-धीरे झोंपड़ी की ओर बढ़ने लगी। ठंडी हवा चल रही थी और सर्दी होने की वजह से मुझे ठंड लग रही थी।
जैसे ही मैं झोंपड़ी के पास पहुंची तो एक ने मुझे गोद में उठा लिया और झोंपड़ी के अंदर ले गया। अंदर जाकर कुछ गर्माहट महसूस हुई और एक बोला आज बहुत इंतजार करवाया नीलम डार्लिंग क्या उन लोगों ने दूध लेट पिया। मैंने कहा हां, मैं कम से कम बोलना चाहती थी ताकि कोई आवाज़ से पहचान न ले। फिर दूसरे ने पूछा कितनी कितनी गोलियां मिलाईं तो मैंने कहा तीन तीन। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
फिर बोला अब कोई दिक्कत नहीं दोनों सुबह तक नहीं उठेंगे और हम यहां सर्दी दूर करेंगे। तभी एक और बोला नीलम तुझे अपने पति के साथ क्या मजा आता होगा सिर्फ एक मर्द तेरी प्यास नहीं बुझा सकता। मैंने मामी का राज़ जानने केलिए बोला क्यों। तो वो बोला हम तुझे पिछले कितनों सालों से जानते हैं, शादी से पहले तू कितने ही लड़कों से चुद चुकी है और हमेशा दो या तीन से एक साथ चुदाई करती थी तो अब एक से कैसे प्यास बुझाती है।
तभी दूसरे बोला साले तू भी गांडू ही रहेगा, अगर अपने पति से इसकी प्यास शांत हो जाती तो यहां क्यों मां चुदवाने आती। सब हंसने लगे और मैं भी। एक ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और दूसरे ने मेरे पेट पर होंठ रख दिए और तीसरे ने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए। तभी जो मेरा पेट चूम रहा था वो बोला नीलम जो लड़की तुम्हारे घर आई हुई है साली बहुत सेक्सी है यार उससे चुदाई करवा दे। तीनों ने हां में हां मिलाते हुए कहा हां मार नीलम कोई जुगाड़ लगा हम तेरे साथ मिल कर उसको भी चोंदेगे मजा आ जएगा।
तभी पीछे वाले ने मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे बूब्ज़ पकड़ लिए और बोला तेरे बूब्ज़ आज इतने बडे़ कैसे हो गए, तभी दूसरा बोला तेरी गांड भी बड़ी लग रही है और पेट भी बहुत मुलायम एवं चिकना है, तीसरे ने कहा आज होंठ भी ज्यादा नर्म और रसीले हैं क्या लगा कर आई हो। मैंने कहा सालो मैं नीलम नहीं वही लड़की हूं जिसे चोदने केलिए तुम अभी बोल रहे थे। एक ने मोबाईल की टार्च आन करके मेरा चेहरा देखा और तीनों घबरा गए और एक बोला नीलम कहां है।
मैंने कहा गलती से मेरे वाला दूध पीकर अपने पति के साथ सो रही है। फिर बोला तू यहां कैसे आई तो मैंने कहा लंड की आग क्या सिर्फ मामी को ही लगती है मुझे नहीं। मैं लंड केलिए तड़प रही थी और तीन तीन लंड देख कर कैसे न आती। मैंने आगे कहा मैं तुम से चुदने आई थी लेकिन लगता है तुम सिर्फ मामी को ही चोदोगे, ठीक है कल को चोद लेना मैं चलती हूं। तभी एक बोला नहीं जानेमन जब तेरे जैसी गर्म चुद्दकड़ रंडी सामने हो तो नीलम को कौन चोदेगा।
हमें तो लड़की के छेद चाहिए लंड डालने को और तेरे जैसी गर्म लड़की मिले तो हजारों नीलम कुर्बान। मैंने कहा कुर्बान मत करो मैं कुछ दिन ही यहां हूं फिर मामी के साथ ही चुदाई करनी है। एक बोला चल आजा चुदाई चालू करें जब से तुझे देखा है तब से तुझे चोदने को मरा जा रहा हूं। मैंने उनको कहा यहां क्या मजा आएगा रूम में चलते हैं वहां आराम से एक दूसरे के जिस्मों से खेलेंगे। एक बोला लेकिन मैंने कहा घबराओ मत मामा मामी को कोई होश नहीं है वहां मुझे अपने अपने लंड से चोद कर पीछे के दरवाजे से निकल जाना।
उन्होंने झोंपड़ी से अपनी शराब और सिगरेट उठाई तथा रूम की तरफ आने लगे। मैंने उनसे एक सिगरेट ली और रूम तक पहुंचते-पहुंचते खत्म कर दी। हम चारों रूम में आ गए। हमनें दरवाजे की कुंडी लगाकर लाईट जला दी। मैंने अब पहली बार उन तीनों को देखा। तीनों 45 से 50 साल के हट्टे-कट्टे मर्द थे और जिस्म सुडौल थे। तीनों के चेहरे क्लीन शेव और सेक्सी थे। तीनों के बालों में रंग लगा हुआ था और सभी नशे में टुन्न थे। तीनों की हाईट करीब 5 फीट 10 इंच थी और मैं बिल्कुल उनके बराबर थी क्योंकि मैंने तीन इंच की हील पहनी हुई थी। वो तीनों मुझे गौर से देख रहे थे और एक बोला यार ये तो बहुत सेक्सी है नीलम तो इसके मुकाबले कुछ भी नहीं।
दूसरा बोला मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतनी हॉट लड़की कभी चोदने को मिलेगी। तीसरा बोला सच कहा यारो आज तक सिर्फ पोर्न मूवीज में ही इतनी हॉट फिगर वाली लड़कियां देखी हैं असली जिंदगी में पहली बार देख रहा हूं। मैंने कहा अभी जो देखा है भूल जाओगे, चुदाई भी पोर्न मूवीज जैसी ही करूंगी और अलग अलग स्टाईल में लंड लेकर चुदाई करना मुझे अच्छा लगता है। तीनों बहुत खुश हुए और एक बोला आज पैसे वसूल होंगें।
मैंने पूछा क्या मतलब तो बोला हम नीलम को चुदाई केलिए पैसे देते हैं और कई और भी उसके ग्राहक हैं जो उसको पैसे देकर चोदते हैं। साली इतनी कमीनी है बिना पैसे लिए हाथ भी नहीं लगाने देती। मैं सुनकर दंग रह गई कि जिस नीलम मामी को सब इतनी शरीफ समझते हैं वो तो बहुत बड़ी चुद्दकड़ रंडी है। किसी मर्द की तरफ आंख उठाकर न देखने वाली नीलम मामी की असलियत सामने आने लगी कि वो शरीफ जादी न जाने कितने मर्दों के लंड अपनी चूत एवं गांड में ले चुकी है।
मुझे याद आया एक दिन नीलम मामी सब के बीच बैठ कर कह रही थी पैसा तो हाथों की मैल है असली दौलत अपने जीवनसाथी के प्रति वफादारी होती है। मुझे हंसी आ गई कि बडे़ बडे़ प्रवचन करने वाली नीलम मामी पैसे लेकर मर्दों से चुदाई करती है और वफादारी खूब कर रही है। जो मर्द पैसे देता है उसके लंड से चुदाई करके उससे वफादारी निभाती है। तभी एक बोला साली पैसे लेकर लंड तो लेती है लेकिन मजा भी बहुत देती है साली एक नंबर की चुद्दकड़ कुतिया है और हम चोदू कुत्ते जो उसके कामरास को सूंघते हुए रातों को लंड हाथों में लेकर भटकते हैं।
उनके पास शराब की आधी बोतल थी और उसमें ही पानी मिला लिया। सब बारी बोतल को मुंह लगाकर शराब पीने लगे और मैंने भी बोतल पकड़ कर शराब खींच ली। एक ने सिगरेट निकाल ली और मैंने कहा अंदर नहीं गली में जाकर। हम सब बाहर आकर सिगरेट पीने लगे। जब हम अंदर आने लगे तो एक ने मुझे पकड़कर दीवार से लगा लिया और मेरे रसीले होंठ चूमने लगा।
मैंने उसका चेहरा पकड़कर पीछे किया और कहा अंदर चल कर आराम से कर मैं भागे तो नहीं जा रही। हम अंदर आ गए और उन्होंने मुझे बैॅड पर लेटा लिया। एक मेरे सिर के पास बैठ गया, दूसरा पेट के पास और तीसरा टांगों के पास बैठ गया। एक ने मेरे रसीले होंठों पर होंठ रख दिए और चूमने लगा, दूसरे ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्ज़ दबाने लगा और तीसरा जींस के ऊपर से मेरी भरी हुई चिकनी जांघों को सहलाता हुआ मेरा गोरा, नाजुक और मुलायम पेट चूमने लगा।
जो आदमी मेरे बूब्ज़ दबा रहा था उसने अपने हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर मेरे ब्रा की हुक खोल दी और मुझे बैठा कर मेरी शर्ट एवं ब्रा निकाल दी। जो टांगों की ओर बैठा था उसने मेरी जींस और पैंटी निकाल कर फिर से सैंडिल पहना दिए। मैं फिर से लेट गई और एक मेरे होंठ चूमने लगा, दूसरा मेरे बूब्ज़ चूमने लगा और तीसरा मेरी नंगी जांघों को सहलाता हुआ पेट चूमने लगा।
मैं एक हाथ ऊपर वाले की गर्दन में डालकर जोर जोर से उसके होंठ चूसने लगी। हम एक दूसरे को होंठों को मुंह में भर कर चूसने लगे। हम एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे और होंठों को दांतों से हल्का हल्का काटने लगे। मैं दूसरे हाथ से दूसरे मर्द का सिर पकड़कर अपने बूब्ज़ पर दबाने लगी और वो जोर जोर से मेरे बूब्ज़ चूसने लगा। वो मेरे बूब्ज़ को अपने मुंह में जोर से भरकर चूसता और छोड़ देता। वो मेरे निप्पलों को जीभ से चाटता और मुंह में लेकर चूसता। बीच-बीच में वो मेरे निप्पलों को काट लेता और मैं मचल जाती।
तीसरा मर्द मेरी टांगें खोल कर बीच में बैठकर मेरा पेट चूमने लगा। मैंने अपनी टांगें उसकी पीठ पर लपेट दीं। वो मेरे पेट को जीभ से चाटने लगा और मेरी नाभि में जीभ डालकर घुमाने लगा। मेरी चूत उसकी सुडौल छाती को टच कर रही थी और मैं गांड उठा उठाकर हिलाते हुए अपनी चूत उसकी छाती पर मसलने लगी। मुझे पहली बार एक साथ तीन तीन मर्दों के चूमने चाटने से अजीब सा नशा हो रहा था। उन्होंने अपनी जगह बदल बदल कर मेरे होंठों, बूब्ज़ और पेट का रसपान किया। मैं चुदाई के नशे में मस्त हुई उनका साथ दे रही थी।
उन्होंने मुझे टेबल पर लेटा लिया और मेरा सिर टेबल से नीचे लटक रहा था। उन्होंने अपने अपने कपडे़ निकाल दिए और हम चारों बिल्कुल नंगे हो गए। मैंने उनके लंड देखे सब के लंड काफी मोटे, लंबे और दमदार थे, मैं मन ही मन बहुत खुश हुई के एकसाथ तीन तीन दमदार लंड मेरी चुदाई करेंगे। मन ही मन नीलम मामी का थैंक्स कर रही थी क्योंकि उसी की वजह से मुझे तीन लंड एक साथ मिल रहे थे। एक मेरे सिर की तरफ खडा़ हो गया और अपने लंड के टोप्पे से चमड़ी पीछे कर के मेरे होंठों पर लगा दिया।
मैंने अपनी जीभ से उसके टोप्पे को चाटते हुए उसका लंड मुंह में ले लिया। दूसरे ने अपने घुटने मोड़कर टेबल पर रखे और अपना लंड मेरे बूब्ज़ के बीच दबाकर हिलाने लगा। तीसरा मेरी टांगें खोलकर नीचे बैठ गया और मेरी जांघों को चूमते हुए मेरी चूत पर होंठ लगा दिए। मैं अपना सिर आगे-पीछे करके लंड चूसने लगी और गांड हिला हिला कर चूत चटवाने लगी। कुछ देर बाद सब वहशी हो गए। पहले वाले ने मुझे गालों से पकडा़ और जोर जोर से अपना लंड मेरे मुंह के अंदर-बाहर करने लगा। जब वो झटका मारता तो लंड मेरे मुंह से होता हुआ मेरे गले की गहराई में उतर जाता और वो फिर बाहर खींच लेता।
दूसरा मेरे बूब्ज़ को जोर से दबाए हुए लंड हिलाने लगा और लंड आराम से आगे-पीछे पीछे करने केलिए बार बार मेरे बूब्ज़ के बीचोंबीच थूकता। तीसरा मेरी चूत में जीभ डालकर जोर जोर से चाटने लगा। मैं गांड उठा उठाकर अपनी चूत उसके चेहरे पर रगड़ने लगी। पूरे रूम में फचाक फचाक और सपड़ सपड़ की आवाज़ें गूंजने लगी। सब ने बारी बारी से मेरे मुंह में लंड दिया, बूब्ज़ को चोदा और मेरी चूत को चाटा। मैंने बहुत वहशीपन से उनके लंड चूसे और उनके चेहरे पर चूत मसल मसल कर चूत चटवाई।
उन्होंने मेरी गांड के छेद के ऊपर और अंदर ऊंगली डालकर गांड के अंदर-बाहर अच्छी तरह तेल लगा दिया। एक सोफे पर बैठ गया और मैं अपने घुटने मोड़कर सोफे पर रखकर अपनी गीली चूत उसके लंड पर टिका दी। मैंने उसके कंधों को जोरदार से पकड़कर अपनी गांड तेज़ी से नीचे को धकेल दी। उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को खोलता हुआ अंदर तक बैठ गया और मेरी बच्चेदानी के मुंह से टकरा गया।
जैसे ही उसका लंड मेरी बच्चेदानी से टकराया तो मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकल गई। मैं उसके लंड पर उछलने लगी और मेरे बूब्ज़ ऊपर-नीचे उछलने लगे। तभी दूसरा सोफे के पीछे आ गया और मेरे होंठों को लंड लगा दिया। मैंने मुंह खोलकर लंड मुंह में ले लिया और एक के लंड पर उछलते हुए दूसरे का लंड सिर को आगे-पीछे करके चूसने लगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
तभी तीसरे ने मेरी कमर में हाथ डालकर मेरी गांड ऊपर उठा ली और मेरी गांड के छेद पर लंड रखकर जोरदार शॉट मारा। उसका लंड मेरी गांड को खोलता हुआ जड़ तक अंदर घुस गया। अब मेरे तीनों छेदों में दमदार लंड अंदर-बाहर हो रहे थे और मुझे बहुत ज्यादा मस्ती चढ़ रही थी। सोफे के पीछे वाले ने मुझे सिर पकड़कर मेरे मुंह के चोदना चालू कर दिया और बाकी दो मेरी चूत एवं गांड चोदने लगे।
अचानक जो मेरी गांड चोद रहा था बहुत तेज़ी से मेरी गांड चोदने लगा। वो मेरी गांड की कसावट को ज्यादा देर न झेल सका और ठंडी आंहें भरता हुआ मेरी गांड में झड़ गया। मुझे अपनी गांड में गर्म गर्म वीर्य गिरता महसूस हुआ और उसने लंड बाहर निकाल लिया। इतनी जल्दी झड़ जाने से मुझे गुस्सा आ गया और मैंने कहा साले बहनचोद गांडू पहले तो बडा़ उछल रहा था अब इतनी जल्दी गांड फट गई।
अगर लड़की चोदने की ताकत नहीं तो घर में बैठ कर हाथ से मुट्ठ मार लिया कर। बडा़ आया लड़की चोदने वाला चल भाग किसी से गांड मरवा। वो शर्म का मारा रूम से निकल गया और अब मैदान में चोदने वाले दो खिलाड़ी रह गए। अब जो मेरा मुंह चोद रहा था उसने कपडे़ से मेरी गांड साफ की और मेरी गांड में लंड पेल दिया। एक नीचे से कमर हिला कर मेरी चूत चोदने लगा और दूसरा पीछे से मेरी गांड में लंड अंदर-बाहर करने लगा। उसके बाद उन्होंने जगह बदल अर मेरी चूत एवं गांड चोदी और मैं मस्ती में चीखते हुए उछल उछल कर गांड और चूत में लंड लेने लगी।
हम तीनों खडे़ हो गए और एक मेरी टांग उठाकर सामने आ गया। सामने वाले ने मेरी चूत के छेद पर लंड लगा कर जोर से शॉट मारा और लंड मेरी चूत में समा गया। पीछे से दूसरे ने मेरी चूतडो़ं की फांकों को खोला और मेरी गांड में लंड पेल दिया। आगे वाला मेरे होंठों को चूमते हुए कमर हिला हिला कर मेरी चूत चोदने लगा। पीछे वाला मेरे बूब्ज़ दबाते हुए मेरी गर्दन चूमते हुए गांड चोदने लगा। मैंने सामने वाले को कस कर पकड़ लिया और अपनी टांगें उसकी कमर पर लपेट दीं।
मैंने दोनों को रुकने केलिए कहा औल अपनी गांड आगे-पीछे चलाने लगी। जब गांड को आगे करती तो सामने वाले का लंड मेरी चूत की गहराई में उतर जाता और पीछे वाले का लंड गांड से थोडा़ बाहर हो जाता। जब गांड पीछे करती तो पीछे वाले का लंड मेरी गांड की गहराई में उतर जाता और सामने वाले का लंड चूत से थोडा़ बाहर आ जाता। मैं गांड को बहुत तेज़ी से आगे-पीछे करने लगी। लंड के मेरी चूत एवं गांड के अंदर-बाहर होने से फच्च फच्च की आवाज़ें आने लगीं और मैं बहुत जोर से मस्ती में चिल्लाते हुए एक साथ चूत और गांड चुदाई का आनंद लेने लगी। उन्होंने जगह बदल कर मेरी चूत और गांड चुदाई की।
एक टेबल पर टांगें नीचे करके बैठ गया और मैं अपनी गांड उसके लंड पर टिका कर बैठ गई। उसका लंड मेरी गांड में समा गया और सामने वाले ने मेरी टांगें उठाकर मेरी चूत में लंड पेल दिया। इस अवस्था में चुदाई सही नहीं हो रही थी। उन्होंने मुझे बैॅड के सहारे घोडी़ बना कर खडा़ कर लिया। एक ने मेरी चूत में लंड पेल दिया और दूसरे ने मेरे मुंह में। दोनों जबरदस्त शॉट मार कर मेरा मुंह और चुत चोदने लगे।
मैं अपनी गांड आगे-पीछे कर के मुंह और चूत में लंड लेने का मजा लेने लगी। कुछ देर बाद पीछे वाले ने चूत से लंड निकाल कर मेरी गांड में दे दिया और मैं गांड गोल गोल घुमा कर गांड एवं मुंह चुदाई करवाने लगी। कुछ देर बाद वो जगह बदल कर मुझे चोदने लगे। मैं दो बार झड़ चुकी थी और पीछे वाला तेज़ी से मेरी चूत चोदने लगा और मेरी चूत में झड़ गया।
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जैसे ही उसने लंड निकाला मेरी चूत से वीर्य नीचे टपकने लगा। मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई और उसका लंड जीभ से चाटकर साफ कर दिया। मैंने फिर से पहले वाले का लंड मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी। वो भी तेज़ी से मेरा मुंह चोदने लगा और मेरे मुंह में झड़ गया। मेरा मुंह उसके वीर्य से भर गया और होंठों से नीचे टपकने लगा। मैंने काफी वीर्य पी लिया और बाकी का होंठों से होता हुआ मेरे बूब्ज़ पर टपकने लगा। मैंने कपडे़ से वीर्य को साफ किया और उन्होंने मुझे गर्भ निरोधक गोली खाने को दी। गोली खाकर हम नंगे ही रजाई में घुस गए।
कुछ देर बाद फिर चुदाई का भूत जाग गया और हम चुदाई करने लगे। उस रात उन दोनों ने मुझे तीन बार चोदा और सुबह पांच बजे रूम से निकले। जाने से पहले उन्होंने मुझे 30000 रुपए दिए और कहा नीलम को मत बताना इतने पैसे दिए हैं अगर बात हुई तो 20000 बताना क्योंकि नीलम को हम इतने ही देते हैं। तूने बहुत अच्छी तरह हमारी चुदाई की प्यास बुझाई और इतनी अच्छी चुदाई आज पहली बार की है इस लिए ज्यादा पैसे दिए। मैंने पैसों को पर्स में संभाल दिया और कपडे़ पहन कर सो गई।
अगली चुदाई किस से और कैसे की अगली क्सक्सक्स हिन्दी स्टोरी हिन्दी चुदाई कहानी में तब तक सब को प्यार भरा सलाम।