नमस्कार दोस्तो इस कहानी के दूसरे पार्ट में आपका स्वागत है जैसे आपने पहले पार्ट में पढ़ा कि शादीवाले घर सरपंचजी आये थे और उनकी एंट्री देखकर मम्मी भी हैरान हो गयी थी अब इस पार्ट में देखिये आगे क्या होता है।
थोड़ी देर बाद दूल्हे और दुल्हन को नहलाना था इसलिये मम्मी आगे आ गयी। मम्मी का पल्लू थोड़ा बाजू में हो गया था मम्मी की नाभी और चिकनी कमर अब साफ साफ नजर आ रही थी ऊपर से जब मम्मी हाथ उठाती तो उनके बगल भी दिख रहे थे और जिसका डर था वही हुआ सरपंचजी की नजर मम्मी पर पड़ी।
मम्मी की जवानी देखकर वो एकदम स्तब्ध रह गये और वो बिना पलके झपके मम्मी के कामुक मादक बदन को निहार रहे थे उनके धोती मे तंबू बन रहा था। तभी मम्मी की नजर उनपर पड़ी और मम्मी ने पल्लू ठीक किया सरपंचजीने मम्मी को देखकर अलग ठरकी स्माइल की मम्मी भी थोड़ा शरमायी पर मम्मी ने नजरे दूसरी ओर कर ली।
फिर सरपंचजी ने एक आदमी से पूछा “ये रामू, ये चिकनी चमेली कौन है रे?”
उस आदमी ने कहा “मालिक दूल्हे के साथ आयी है”
फिर सरपंचजी ने दूल्हे के पापाको आवाज लगाकर बुलाया और कहा “ये औरत आज रात मुझे हवेली पर चाहिये”
दुल्हन के पापा ने कहा “पर मालिक मैं कैसे कहु उनको ? वो हमारी मेहमान है।”
फिर सरपंचजी ने कहा “मुझे नही पता जैसे कहना है कह। पर मुझे वो औरत चाहिये आज रात। नही तो कल तेरी बेटी की शादी नही होगी”
ये कहकर सरपंचजी खडे हो गये उनके खड़े होते ही सब गाववाले खड़े हुये और जाते जाते सरपंचजी ने कहा “सुनो रे अभी उसकी तरफ किसी ने आँख उठाकर देखा तो …”
ये सुनकर सब मर्दोने नजर झुकाली और एक एक करके सब चले गये। फिर दुल्हन के पापा ने रोते रोते दुल्हन की मम्मी को सब बता दिया।
दुल्हन की मम्मी ये बात सुनकर रोने लगी तभी मम्मी ने उनसे पूछा कि “क्या बात है? आप रो क्यूँ रही हो? कोई समस्या है क्या?”
तो दुल्हन की मम्मी ने मम्मी को एक कमरे में ले जाकर सब कुछ समझाया पर मम्मी ने कहा “ऐसा कैसे हो सकता है और मेरे मर्जी के बिना मैं क्यों उनके साथ रात गुजारू और मेरे पती को पता चल गया तो वो मुझे छोड देंगे”
मम्मी बहोत संस्कारी औरत होने का नाटक कर रही थी। तभी दुल्हनकी मम्मीके पैर पकड़के गिडगिड़ा रही थी।
मम्मी को और दो तीन औरतो ने बिनती की और कहा कि “ये बात किसीको पता नहीं चलेगी इसकी जिम्मेदारी हम लेते है। इस गाँव के बाहर नही जायेगी ये बात और आप फिर थोड़ी आनेवाली हो इस गाँव में।” और मम्मी मान गयी।
सब रस्म होने के बाद मम्मी ने मुझसे कहा कि “बेटा सरपंचजी ने आज रात उनकी हवेली पर रुकने का मुझे न्योता दिया है।”
मैंने सब जानते हुये भी कहा “पर मम्मी क्यों हम तो ठहरे है ना यहां?”
मम्मी “हां बेटा पर वो सरपंचजी है।उनका आदेश इस गाँव मे माना जाता है।”
फिर मैंने मम्मी से कहा ” तो मम्मी मैं भी आऊंगा आपके साथ”
तो मम्मी ने कहा “ठीक है मै पूछ लेती हुं गांववालो से”
फिर मम्मी ने दुल्हन के पापा को ये बात बताई और उन्होने कहा कोई दिक्कत नही है सरपंचजी की हवेली बहोत बडी है।
फिर मैं और मम्मी हवेली जाने के लिये हमारा सामान लेकर तैयार हुये। सरपंचजीने मम्मी के लिये एक गाड़ी भेजी थी। हम दोनों और ड्राइवर हवेली की तरफ गाड़ी में निकल गये।
हवेली पर पहुंचते ही मैं और मम्मी एकदूसरे को देख रहे थे क्योंकि सरपंचजी की हवेली एक राजा के महल की तरह थी। बहोत बड़ी और सरपंचजीके रुतबे को बयां कर रही थी।
फिर मम्मी सामान निकालने लगी तो ड्राइवर बोला “मालकिन आप रहने दीजिये मैं उठाता हूं मालिक देखेंगे की आप सामान उठा रही हो तो मेरी जान ले लेंगे”
वो मम्मी को सरपंचजी के बीवी का सममान दे रहा था। इतना सम्मान देखकर मम्मी भी खुश हुयी।हम हवेली के अंदर गये । फिर हवेली के अंदर के एक नौकर हमे सरपंचजी के पास ले गया। अब मैं और मम्मी सरपंचजी के कमरे में पहुंचे।सरपंचजी के बदन पर सिर्फ धोती थी ऊपर उन्होंने कुछ नही पहना था।उनकी काले बालोवाली चौड़ी छाती उसपर लटकता सोने का लॉकेट और मजबूत कंधे सख्त काला-सावला बदन आकर्षक लग रहा था। मैं एक लड़का होकर भी उनकी मजबूत बॉडी को देखते रह गया।तो मम्मी की क्या हालत हुयी होगी आप ही सोचिये।
सरपंच जी उनकी शानदार कुर्सी पर से उठे और बोले “अच्छा हुआ जल्दी आ गयी तुम !! ज्यादा समय मिलेगा तो ज्यादा मजा आयेगा और ये लड़के को क्यों साथ लायी हो ? इसके सामने चु….”
सरपंचजी इसके आगे कुछ कहते कि मम्मी ने उनकी बात काट ली। और बोली “ये मेरा बेटा है मेरे बिना नही रहता कही। आने की जिद कर रहा था तो…”
सरपंच जी ने ठीक है कहकर एक नौकर को बुलाया और मुझे एक कमरा देने को कहा। मैं उस नौकर के साथ एक कमरे में गया।मम्मी अभी भी सरपंचजी के कमरे में थी मुझे जानना था कि मम्मी के साथ सरपंचजी क्या करनेवाले है। इसलिये मैं नौकर के जाते ही सरपंचजी के कमरे के बाहर आ पहुंचा और अंदर झांक कर देखने लगा पर मम्मी वहां नही थी।
सरपंचजी ने झांकते हुये मुझे देख लिया और अंदर बुलाया और मुझसे बोले “क्या है रे लड़के ? क्या चाहिये तुझे ? तुझे भेजा था ना कमरे में फिर क्यों आया यहां”
तो मैं उनकी धाकड़ आवाज सुनकर थोड़ा डर गया और उनसे कहा “वो मैं मम्मी को ढूंढ रहा था”
तो सरपंचजी ने जोरदार आवाज में कहा “क्या मम्मी मम्मी लगा रखा है ? तेरी मम्मी आज मेरे साथ सोनेवाली है। अब तू इतना छोटा भी नही है कि तुझे समझ मे ना आये की तेरी मम्मी यहां क्यों आयी है ! आज रात मम्मी के बिना गुजार चुपचाप समझा अब निकल यहां से”
मैं चुपचाप मुंह नीचे करके वहां से निकल गया अब मैं मम्मी को ढूंढने लगा कि मम्मी कहां गयी है कौनसे कमरे में है? उस दो मंजिला हवेली में 20-25 कमरे थे।
फिर मैं दूसरे मंजिल पर जाकर मम्मी को ढूंढने लगा वहां एक कमरे के बाहर मुझे मम्मी की चप्पल नजर आयी।मैं उस कमरे के पास गया और झांककर देखने लगा वहां मम्मी के साथ एक और औरत थी।
मम्मी एक शीशे के सामने बैठी थी मम्मी के बाल भीगे हुये थे और मम्मी के बदन पर लाल कलर का ब्लाउज और लाल पेटीकोट था। मम्मी का गोरा बदन उस लाल कपडो में बहोत मादक लग रहा था। मेरे लंड में भी अब हरकते हो रही थी।
वो औरत मम्मी के बाल पोछ रही थी और मम्मी चुपचाप बैठी थी।फिर मैं वही खड़ा रहा उस औरत ने मम्मी के बाल बनाये मेकअप किया। लाल कलर की सारी भी पहनायी मम्मी बहोत सुंदर लग रही थी।
इतनी सुंदर की नयी दुल्हन भी मम्मी के सामने फीकी पड़ जाये मम्मी के बदन पर लाल बलाउज और लाल वर्कवाली सारी थी। बालो में गजरा था। ना माथे पर बिंदी थी, ना गले मे मंगलसूत्र, ना हाथो में चुडिया, ना पैरो में पायल मम्मी को एक कुंवारी लड़की की तरह तैयार किया गया था।
वो औरत मम्मी को देखकर बोली “बहोत सुंदर दिख रही है आप !! आज मालिक बहोत खुश होंगे और आपको भी खुश करेंगे !! सच कहूं आप जैसी इतनी सुंदर और गोरी औरत आज तक मालिक के साथ सोयी नही है …जितनी भी औरते मालिक के साथ सोयी है सबका श्रृंगार मैं ही करती हूं। ”
मम्मी ने उनसे कहा “अच्छा…कितनी औरतो को चोद चुके है आपके मालिक ?”
मम्मी के मुंह से ऐसी भाषा सुनकर वो औरत समझ गयी कि मम्मी एक मॉडर्न औरत है.
तो वो भी बिना शरमाये बोली “गांव की सभी औरतो को मालिक ने चोदा है और ना जाने उनमे से कितनो की कोख भी मालिक के लंड के पानी से ही भरी है”
मम्मी ये सुनकर चौक गयी क्यूँकी मम्मी को ये बात पता नही थी।
फिर उस औरत ने कहा “जी यही सच है आप जिस घर मे शादी के लिये आयी है उस दुल्हन की बड़ी बहन जिसकी 2 साल पहले शादी हुयी थी। वो भी जब मायके आती है मालिक के साथ सोकर ही ससुराल जाती है । जी हां और एक बात जो भी कोई औरत मालिक को चरम सुख का अनुभव देती है उसे मालिक एक खास तोहफा देते है।”
वो औरत और कुछ बताती की किसी के आने की आहट हुयी तो वो चुप बैठी। मैं भी छुप गया मैंने देखा नही कौन था !! पर आवाज सुनी की ‘जल्दी करो मालिक ने उनको उस रूम में ले जाने को कहा है ‘और वो नौकर वहां से चला गया फिर मम्मी और वो औरत उस कमरे से बाहर निकलकर दूसरी ओर जा रहे थे।
मैं भी उनके पीछे पीछे चुपके चुपके निकल पड़ा। अगले पार्ट में पढिये कैसे सरपंचजी मेरे मम्मी की जवानी का लुफ्त उठाते है और हवेली मे मम्मी को कैसे चोदते है।
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