नमस्कार दोस्तों, कैसे है आप सब लोग? मैं देसी कहानी का काफी पुराना पाठक हूं। जब नोकिया के कीपैड वाले मोबाइल चला करते थे, उनमें ओपेरा ब्राउजर इस्तेमाल करके मैं देसी कहानी साइट पर चुदाई की कहानियां पढ़ता था। खैर काफी वक्त हो गया हैं उस बात को। अब तो मेरी भी शादी हो गई है। एक खूबसूरत बीवी है मेरी, और काफी मस्त चल रही है हमारी सेक्स लाइफ।
तो ये बात तब की है, जब मेरा रिश्ता हुए 2 साल हो चुके थे, और इन 2 सालों में हम दोनों काफी खुल गए थे। अक्सर हम वीडियो कॉल पर बाते किया करते कभी। हम वीडियो कॉल पर एक-दूसरे के सामने नंगे भी हो जाते, और हस्तमैथुन करके एक-दूसरे को खुश रखते। लेकिन जो संतुष्टि होनी चाहिए वो नहीं मिल रही थी।
फिर कुछ समय बाद मेरा जन्मदिन आने वाला था, तो मेरी होने वाली बीवी ने पूछा कि जन्मदिन पर क्या तोहफा चाहिए।
मैंने बोला: मैं जो बोलूं वो दोगी?
तो उसने हां बोल दिया और कहा: बोलो क्या चाहिए?
तो मैंने कहा: होटल रूम में चलते है।
पहले तो उसने कुछ ना-नुकुर की, लेकिन फिर हां बोल दी। मैं खुश हो गया, और होटल की प्लानिंग बनाने लगा। मैंने अपने दोस्त को बोला-
मैं: तुझे होटल रूम बुक करवाना है। मैं अपनी मंगेतर को लेकर आने वाला हूं।
तो उसने उसकी आईडी से रूम बुक करवा दिया, और बोल दिया कि: रूम बुक है, आ जाना।
अब मैं अपनी मंगेतर से मिलने अपनी कार लेकर निकल गया। 150 किलोमीटर के सफर पर रास्ते से मैंने मैनफोर्स का ऑरेंज फ्लेवर वाला कॉन्डोम का पैकेट ले लिया। फिर तय की गई जगह से अपनी मंगेतर को कार में बिठाया। मेरी मंगेतर लाल सलवार सूट में काफी गजब लग रही थी। फिर हम होटल पहुंच गए, और अपने रूम को चेक इन किया।
रूम में पहुंचने के बाद मेरी मंगेतर कुछ घबरा रही थी। तो मैंने उसको गले लगा कर उसको नॉर्मल किया, और पानी पिलाया। फिर हम बेड पर बैठ गए। हमारी धड़कने काफी बढ़ी हुई थी, क्योंकि इससे पहले हमने ऐसा कभी कुछ किया नहीं था। फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर चूम लिया, और वो शर्माने लगी, और मेरे गले लग गई।
फिर मैंने उसका चेहरा पकड़ कर होंठो पर एक चुम्मी दी, और उसने भी मेरा साथ दिया। फिर मैंने उसका दुपट्टा हटा दिया, और उसको बेड पर लेटा दिया। उसके गोल गोल स्तन में उसके सूट के ऊपर से महसूस कर सकता था, कि क्या सेक्सी लग रहे थे।
फिर मैं उसकी बराबर में लेट के उसको लिप किस करने लगा, और उसके होंठ चूसने लगा। उस वक्त जो स्वाद मुझे मिल रहा था, उस स्वाद का मज़ा दुनिया की कोई चीज नहीं दे सकती।
कुछ देर किस के बाद मैंने उसको कुर्ता उतारने को बोला। वो एक नई दुल्हन के जैसे शर्मा रही थी। लेकिन उसने कुर्ता उतार दिया, और कुर्ता उतारने के बाद उसकी गहरे लाल रंग की ब्रा से जो आधे-आधे और दूध जैसे गोरे स्तन नज़र आ रहे थे, उन्होंने मुझे पागल कर दिया। ये नज़ारा देख कर मैं पागलों के जैसे अपनी मंगेतर से लिपट गया, और उसकी सुराहीदार गर्दन का अपने होंठो से स्वाद लेने लगा।
फिर मैंने उसके स्तनों का दीदार करने की सोची, और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। ब्रा खुलते ही उसने दोनों हाथों से अपने स्तनों को ढक लिया, और शर्माने लगी। फिर मैंने उसके दोनों हाथ हटाए, तो उसने आंखे बंद कर ली। जब मैंने उसके स्तन देखे, उसके स्तनों को साइज 34D होगा। इतने मांसल स्तन इतने करीब से मैंने पहली बार देखे थे। फिर मैं उन स्तनों को दबाते हुए उनके भूरे निप्पल को अपनी अंगुलियों से सहलाने लगा, और चूसने लगा।
ये सब करते हुए मेरी मंगेतर सिसकारियां लेने लगी। उसको भी एक अजीब सी अनुभूति हो रही थी। उसके स्तन चूसते हुए मैं उसके पेट पर किस करने लगा। उसका पेट एक-दम दूध जैसा गोरा और मुलायम था। और उसकी नाभि मानो एक जन्नत का नजारा करा रही थी। मैं उसकी नाभि को अपनी जीभ से सहलाने लगा, और मेरी मंगेतर मचलने लगी।
अब उसने मुझे अपना शर्ट उतारने को कहा। मैंने फटाफट अपना शर्ट और बनियान उतार दिए, और उसके पास लेट गया। वो अपनी नाजुक अंगुलियां मेरे सीने पर फेरते हुए मुझे किस करने लगी। फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने टाइट हो चुके लंड पर रख दिया, तो उसने हाथ हटा दिया। लेकिन मैंने फिर से वहीं रख दिया।
फिर मैंने उसको बोला: मैं पेंट खोल दू़ं?
तो उसने इशारे में हा कर दी। फिर मैंने अपना बेल्ट खोला, और पेंट भी खोल दी। अब मेरे अंडरवियर से मेरे खड़े लंड का साइज साफ-साफ दिख रहा था। फिर देर ना करते हुए मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया, और ये देख कर उसने आंखे बंद कर ली। फिर मैं उसके पास लेट कर उसको किस करने लगा और उसका हाथ अपने आप ही मेरे 6.5 इंची लंड पर चला गया। मैं उसको सहलाने लगा। वो अहसास इतना बेहतरीन था दोस्तों कि मैं बता नहीं सकता।
फिर मैंने उसको अपना लंड चूसने की बोला। मैंने उसको पहले भी लंड चूसने वाले वीडियो बताए थे, और उसको बोला भी था कि जब होटल रूम में मिलेंगे, तो ये करना है। तो उसको पता था। उसने पहले मेरे लंड पर एक किस की। फिर लंड के टोपे को चूमा, और मेरे लंड को आइसक्रीम के जैसे चूसने लगी। मेरी सांसे तेज-तेज चलने लगी। मुझे लगा जैसे मेरा पानी निकलने वाला था, तो मैंने उसको रोक दिया, और बोला कि मेरा पानी निकल जाएगा।
उसको रोकने के बाद मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और सलवार उतार दी। सलवार उतारने के बाद उसकी मखमली जांघें और वहां पहनी हुई गहरी लाल पैंटी मानो जन्नत की हसीन वादियों का अहसास करवा रहित थी।
फिर मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को किस किया, और उसकी जांघों को चाटने लगा। उसके बाद मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी, और उसने शरमा कर अपनी आँखें बंद कर ली, और अपने हाथों से चूत को छुपाने का नाकाम प्रयास करने लगी। मैंने उसके हाथ हटाए, और अपनी जिंदगी में पहली बार इतनी करीब से किसी चूत को देखा।
उसकी चूत भूरे रंग की थी, जहां हल्के-हल्के बाल शेव होने के बाद आ रखे थे। फिर मैंने उसकी टांगे फैलाई और चूत को चूम कर देखा। वहां जो खुशबू आ रही थी उस खुशबू का मुकाबला दुनिया की कोई खुशबू नहीं कर सकती।
फिर मैंने चूत के होंठों को फैलाया, और उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ फिराई। तो मेरी मंगेतर चिंहुक उठी। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी बीच वाली उंगली घुसेड़ दी। मेरी मंगेतर दर्द से कराह उठी। उसको अंदाजा नहीं था कि मैं एक दम से ये कर दूंगा, क्योंकि मैं भी अनाड़ी था इन चीजों में। फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। थोड़ा अजीब स्वाद था,लेकिन मजा हम दोनों को आ रहा था।
कुछ देर चूत चाटने के बाद मैंने पास रखी हुई अपनी पेंट से कॉन्डोम का पैकेट निकाला, और अपने लंड पर चढ़ा लिया, क्योंकि मैं ऐसा कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था कि जिससे कोई दिक्कत हो हम दोनों को। कॉन्डोम लगाने के बाद मैंने उसको समझाया कि थोड़ा दर्द होगा सह लेना। फिर मैंने उसकी चूत को थोड़ा सहलाया, और अपनी जीभ से दोबारा चाट कर उसको पूरी तरह से गीली कर दी। हालांकि वो पहले से ही तर हो रखी थी, लेकिन मैंने फिर भी और गीली कर दी।
फिर मैंने उसको टांगों को फैला कर अपना लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा, और ऊपर-ऊपर से ही रगड़ने लगा। उसको भी मजा रहा था। फिर मैंने अपना टोपा थोड़ा सा अंदर घुसाया, तो उसको दर्द होने लगा, और उसने मुझे रोकने की कोशिश की। लेकिन मैं उसको अनसुना करते हुए उसके ऊपर झुक गया, और उसके होंठ अपने होंठों के बीच दबा लिये। मेरे लंड का टोपा अभी भी उसकी चूत के मुहाने पर था। किस्स करते-करते मैंने एक झटके के साथ अपना लंड उसकी कुंवारी चूत में डाल दिया।
मेरी मंगेतर को मैंने कसकर पकड़ लिया था। वो मेरी चंगुल से निकलने की कोशिश करने लगी, और उसकी आंखों आंसू निकलने लगे दर्द के मारे। लेकिन मैं उसको कस कर पकड़े रहा। फिर कुछ देर बाद वो नॉर्मल हुई तो मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया। उसको हल्का-हल्का दर्द अभी भी हो रहा था। लेकिन फिर मैं अपनी रफ्तार हौले-हौले बढ़ाने लगा, और उसको भी मजा आने लगा। अब वो गांड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब में खड़ा हुआ, और उसकी टांगे अपने कंधों पर ले ली, और गचा-गच शॉट मारने लगा। क्या मजा आ रहा था दोस्तों।
5-7 मिनिट्स शॉट लगाने के बाद मेरा पानी निकल गया, और मैं उसके ऊपर निढाल हो कर लेट गया। कुछ देर लेटने के बाद मैं उसके ऊपर से उठा तो देखा उसकी चूत पर खून लगा हुआ था। मैं समझ गया कि ये कौमार्य झिल्ली फटने की वजह से हुआ था। फिर उसने टिश्यू पेपर से अपनी चूत साफ करी और मुझे हैप्पी बर्थडे बोलते हुए नंगी ही मुझसे लिपट गई। लेकिन उसको चलने में दिक्कत हो रही थी।
तो फिर मैंने बाथरूम से गरम पानी की बाल्टी भरी, और उसमें तौलिया भिगो कर उसका सेंक किया। फिर कुछ देर बाद उसका दर्द कम हुआ, तो हमने कपड़े पहने, और फिर होटल के रूफटॉप पर जा कर लज़ीज़ खाने का आनंद लिया। फिर रूम चेकआउट किया, और अपनी मंगेतर को उसकी तय जगह पर छोड़ कर अपने घर वापस आ गया।
तो दोस्तों ये मेरी पहली सच्ची घटना थी। इसमें कोई झूठ नहीं है। लिखने में नया हूं तो मेरी गलतियों को माफ करे, और अगर आपको मेरी ये कहानी पसंद आई तो मुझे जरूर लिखें, ताकि मैं अपनी शादी-शुदा जिंदगी की और भी सेक्सी कहानियां आप लोगों के साथ शेयर कर सकूं। धन्यवाद।
ashleelbalak6162@gmail.com