दोस्तो मैं रॉनी एक बार फिर आपके सामने नयी कहानी के साथ आया हूँ। ये बात २ साल पुरानी है, तब मैं २६ साल का था । मैं एक रिस्तेदार के यहाँ शादी में गया था।
शादी वाले दिन जब बहुत भीड़ भाड़ और रौनक भरा माहौल था, तभी मैंने देखा की मेरी चचेरी बहिन एक लड़की के साथ बात कर रही थी जो दिखने में बड़ी माल लग रही थी।
मैंने पास गया उसके और अपनी बहिन को नाम लेके बुलाया, तो उसने अपने साथ वाली लड़की से परिचय कराया – “ये मेरी दोस्त है, बहुत दिनों बाद मिली है, शादी के बहाने मिलना भी हो गया इससे”।
मैं उस लड़की को हेलो बोला और उससे नाम पूछा तो उसने “प्रिया” बताया। फिर हल्का फुल्का बात हुई और वो लोग चले गए।
दोस्तों क्या जबरजस्त माल थी वो क्या बताऊ मैं, वो करीब ५ फुट ४-५ इंच हाइट की गोरी लड़की, फिगर करीब ३४-२४-३५ रहा होगा और नीले रंग के लहंगे में कहर धा रही थी।
अगले दिन सुबह वो फिर मिल गयी और मैंने इधर उधर की ऐसे बात किया जिससे कुछ बात आगे बढ़ सके। मन तो कर रहा था की इससे अभी नंबर मांग लूँ जिससे बातचीत का सिलसिला आगे भी चल सके, पर जल्दबाजी करना ठीक नहीं रहता इसलिए मैं रुक गया।
शाम तक मैं घर वापस आ गए अपने और आते ही अपनी कजिन के फेसबुक अकाउंट में उसको सर्च मारा और फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दिया और मैसेज भी डाल दिया की मैं आपसे शादी में मिला था।
२-३ दिन तो उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया, मुझे लगा की कोई बात नहीं बढ़ेगी पर ४ दिन बाद उसने रिक्वेस्ट अक्सेप्ट कर लिया और मैसेज किया- “आपसे मिलकर अच्छा लगा ” फिर धीरे धीरे हमलोग की फेसबुक पर रोज बात होने लगी और फिर कब फेसबुक से व्हाट्सप्प पर आ गए पता ही नहीं चला।
वो बीएससी कर रही थी उस टाइम और अपने कॉलेज की बाते रोज बताया करती थी मैसेज से। एक बार एक विषय में उसको समझने में कुछ दिक्कत हो रही थी और सौभाग्य से मुझे वो अच्छे से आता था तो मैंने कहा की मुझसे समझ ले आके।
फिर अगले दिन वो पढ़ने के लिए घर आ गयी मेरे तो घर के लोगो ने मिलाने के बाद हम स्टडी रूम में चले गए। वहां मैंने उसको खूब अच्छे से समझाया तो उसे काफी अच्छा लगा।
दोस्तों उसको देख के तो मेरा मन कर रहा था की मैं यही गिरा के चोद दूँ इसे। पर मैं माहौल ख़राब नहीं करना चाहता था और वैसे भी कहा गया की सब्र का फल मीठा होता है। फिर वो अक्सर मेरे पास पढ़ने आने लगी और कभी कभी मैं भी उसके घर चला जाता था।
धीरे धीरे उसको मेरा साथ अच्छा लगने लगा और हमारा मिलना जुलना बढ़ने लगा। कभी कभी बाहर घूमने, रेस्तौरांत इत्यादि भी जाने लगे। एक दिन जब वो पढ़ने आयी तो मैं अकेले था घर में उस दिन। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने उसको बताया की घर के लोग आज बहार गए है और रात तक वापस आएंगे, फिर मैं उसके लिए कॉफ़ी बनाने चला गया। मन ही मन सोच रहा था की आज किसी भी तरह मौके का फ़ायदा उठाना है और इसको बेड पर गिराना है। फिर तरकीब सोचने लगा की क्या किया जाये।
मैं किचन में ही था तो वो पास आ गयी और उसने कहा की आप रूम में चलिए मैं बना के लाती हूँ। मैं भी तरकीब सोच ही रहा था और रूम में जाते ही अपने लैपटॉप में पोर्न साइट लगा दिया आवाज बंद कर के।
जैसे ही वो कमरे में आयी कॉफी लेके तो मैं लैपटॉप को धीरे से किनारे कर दिया और साथ बैठ के कॉफी पीने लगे। मैंने उसकी और कॉफी की बहुत तारीफ किया और वो मुस्कुराने लगी।
फिर हम थोड़ी देर इधर उधर की बात किये और कॉफी ख़तम होते ही मैं कप उठा के जानबूझकर कर रखने चला गया और उसके बाद वाशरूम गया और करीब १५ मिनट्स बाद आया।
मैं अंदर ही अंदर सोच रहा था की वो लैपटॉप देखे और जैसे ही मैं लौट के आया तो देखा की वो लैपटॉप में पोर्न मूवी बड़े ध्यान से देख रही रही। वो इतना मस्त थी मूवी देखने में की उसे पता भी नहीं चला की मैं आ गया हूँ। मैं भी चुपचाप पीछे खड़ा हो गया जाके और उसे देखता रहा।
जब मुझे लगा की इसका मूड थोड़ा बन गया है तभी मैंने अचानक से बोला – “अरे प्रिया, क्या देख रही हो ?” उसने डर के मारे जल्दी से लैपटॉप का स्क्रीन डाउन कर दिया और कहा कुछ नहीं बस ऐसे ही। मुझे भी सब पता था लेकिन मैंने यही दिखाया की मुझे कुछ नहीं पता।
फिर मैं उसके पास बैठ गया और बोला — “प्रिया, तुम इतनी खूबसूरत हो की जी करता है की तुम्हे ही देखता रहूं “।
वो सुन कर थोड़ा मुस्कुराई तो मैंने उसके कंधे पर हाथ रख के कहा – “मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ, लव यू डिअर “। उसके अंदर भी कामाग्नि का कीड़ा जागा हुआ था और सिर झुका के लव यू टू बोल दिया।
मेरी तो मानो मन मांगी मुराद पूरी हो गयी। मैंने उसको तुरंत बाहों में ले लिया और गले लगा लिया। उसके दिल की धड़कन का अहसास मुझे हो रहा था।
मैंने अपने दोनों हाथो से उसकी पीठ सहलाने लगा और धीरे धीरे उसके गले पर किस करने लगा। पहले तो उसने थोड़ा विरोध दिखाया पर पोर्न मूवी ने उसको इतनी गर्मी तो दे ही दिया था की मेरा काम हो सके।
मैं गर्दन और गले को किस करते हुए जुबान से चाटने लगा और हाथ से पूरी पीठ को सहलाता रहा साथ में। और वो मुझे कसकर चिपक गयी। बीच बीच में मैं कानो के नीचे चूसने लगा और देखा अब वो गरम होने लगी हैं। उसकी सांसे तेज होती जा रही थी।
फिर मैं उसके गालो और माथे पर किस किया और होठो को अच्छे से ३-४ मिनट स्मूच किया – ” मऊआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह माउऊउउउउह्ह्हह्ह”, वो भी भरपूर सहयोग देने लगी।
फिर अचानक मेरा ध्यान गया की दरवाजा खुला है और मैं तुरंत दरवाजा बंद करके आया और प्रिया को फिर से किस करने लगा। किस करते करते मैं बेड पर उसे लेता दिया और उसके बूब्स टी-शर्ट के ऊपर से सहलाने लगा।
अब उसकी विरोध करने की हिम्मत नहीं बची थी इसलिए मैं उसके ऊपर आके कभी होठो को किस करता तो कभी गालो को, कभी गले को और साथ में दोनों हाथो से बूब्स को सहलाने और दबाने लगा।
दोस्तों लड़कियों को बूब्स सहलवाना अच्छा लगता है पर ध्यान रखिये की कसकर मत दबाइये की दर्द होने लगे, जितना प्यार आप देंगे उतने प्यार से लड़की आपको देगी। फिर मैं उसकी टी शर्ट को उतरने लगा, उसने दोनों हाथ ऊपर करके उतारने में मेरी मदद किया।
लेकिन टी शर्ट उतारते ही अंदर का द्रश्य बहुत ही मनमोहक था। उसके गोरे और गोल गोल संतरे जैसे बूब्स जिनके ऊपर लाल रंग की ब्रा, क़यामत लग रही थी बिलकुल।
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और फिर से बूब्स दबाते हुए किस करने लगा, कभी ब्रा के ऊपर से बूब्स को किस करता तो कभी उसकी नाभि पर, कभी पेट पर, कभी पीठ पर।
उसके शरीर पर मैंने किसो की बौछार कर दिया। वो गर्म होने लगी और सिसकारियां मारने लगी। कमरे में मऊआअह्ह्ह्हह, आअह्हह्ह्ह्ह, माऊऊऊह्ह्ह्ह जैसी आवाजे होने लगी और इसी बीच मैं किस करते हुए उसके निचले हिस्सों पर जाने लगा।
आप सभी पाठक, पाठिकाओं से निवेदन है की लड़के अब हाथ में लंड पकड़ ले और लड़किया चूत में ऊगली डालने के लिए तैयार रहे। उसने नीचे जीन्स पहना हुआ था और मैं जीन्स के ऊपर से बुर प्रदेश पर किस करने लगा। वो आँखे बंद करके प्रेम क्रिया का आनंद ले रही थी।
मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला और दोनों हाथो से जीन्स उतार के फेक दिया दूर, उसने भी कमर उठा कर पूरा सहयोग दिया। अब मेरे सामने लाल ब्रा पैंटी लडकी इतना क़यामत लग रही थी की किसी बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाये। मैं उसके ऊपर चड़ कर चुम्मा चाटी करने लगा।
कभी होठो पर मऊआह्ह्हह्ह्ह्ह कभी बूब्स पर मुआअह्हह्ह्ह्ह। उसकी सिसकारियां तेज होती जा रही थी — आअह्ह्ह्हह्हह रॉनी, पागल कर दोगे आअह्ह्ह्हह्हह। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और दोनों कंधे से स्ट्रिप्स हटा के ब्रा दूर फेक दिया।
अब मेरे सामने दो बहुत ही प्यारे, गदराये हुए बूब्स आ गए और जिन्हे मैं जोर जोर से चूमने और चूसने लगा। बाये बूब्स को चूसते हुए दाए को हाथ से सहलाता और फिर दूसरे वाले को भी ऐसे ही करता।
बूब्स चूसते चूसते मैंने एक हाथ पैंटी के अंदर डाल दिया और उसके बुर के होठो और दाने को सहलाने लगा। वो भी मुझे कसकर चूमने लगी। आअह्हह्ह्ह्ह रॉनी, और चूसो तेज तेज आअह्हह्ह्ह्ह, उधर मैं भी बूब्स चूसते हुए उसकी बुर पर उंगलियों का जादू दिखाने लगा।
उसकी बुर पानी छोड़ने लगी जिससे ऊगली सहलाने उसको और मजा आने आने लगी। वो बोली —- “रॉनी, जल्दी करो कुछ, कितना तड़पाओगे “। मैं उसकी इक्षा का सम्मान करते हुए उसकी पैंटी उतार दिया और साथ में अपने भी कपडे उतार दिए।
पर मैं अभी उसको और तड़पाना चाहता था, इसलिए तुरंत उसकी जांघो को सहलाने और किस करने लगा। मुआअह्ह्ह्ह मुआअह्ह्ह्हह मुआअह्ह्ह्हह उसने भी दोनों टाँगे खोल कर मेरा स्वागत किया जिससे उसकी प्यारी बुर के दर्शन हुए।
बुर के दोनों फांको के बीच से उसके अमृत रस धारा निकल रही थी और उसका दाना उभरा हुआ दिख रहा था। ऐसे अमृत को कौन नहीं पीना चाहेगा। मैं भी तुरंत उसको बुर चाटने लगा।
जिन लड़कियों या औरतो ने बुर नहीं चटवाया है वो जरूर करवाए। बहुत ही मजा आती है। मैं इस काम में माहिर हूँ, इसलिए पाठिकाओं की बुरों को प्यारा सा किस मऊआआह्ह्हह्ह्ह्ह। बुर चाटने से वो बहुत मचलने लगी और आअह्हह्ह्ह्ह आअह्हह्ह्ह्ह तेज तेज आआह्ह्ह्हह ऐसे आवाजे निकालने लगी।
मैं जोर जोर से बुर चूसने लगा, मुआअह्ह्ह्हह पच पुच मुआहहह, मैंने दोनों फांको को खोल कर जीब को गोल करके छेद के अंदर डालने की कोशिश करने लगा। वो बहुत जोर से चिल्लाई आअह्ह्ह्हह्हह आअह्हह्ह्ह्ह रॉनी, फ़क मी आअह्हह्ह्ह्ह।
ऐसी मादक इस्थिति में मेरा ६ इंच लंबा और ३ इंच गोलाई का लंड पत्थर की तरह कठोर हो गया। फिर मैं ६९ पोजीशन में आके लंड उसके मुँह में दिया और बुर चूसने लगा। वो कुछ भी मना करने की हालत में नहीं थी और अच्छे से लंड चूसने लगी।
आअह्ह्ह दोस्तों मजा आ गया। लग रहा था लंड फट जायेगा। फिर थोड़ी ही देर में मैं उसके ऊपर आके होठो पर किस करने लगा और बुर को लंड से सहलाने लगा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
वो फिर से चिल्लाई – “रॉनी, फ़क मी, आअह्ह्ह्हह ,आअह्हह्ह्ह्ह ” मैं भी लंड से बुर की दोनों फांको को खोल के तेजी से जल्दी जल्दी बुर को सहलाने लगा और बूब्स चूसने लगा।
और वो आंखे बंद करके चिल्लाये जा रही थी आआह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह आहहहहहहह आआह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह आहहहहहहह। इसी बीच दोनों हाथो से उसकी कमर पकड़ कर जोर का धक्का मारा और पूरा लंड चूत के अंदर ठास दिया।
वो बहुत जोर चिल्ला उठी – ऊह्ह्हह्ह मर गयी, आहहहहह प्लीज निकाल लो, दर्द हो रहा आह्ह्ह्ह। पर मैंने नहीं निकला और चुप चाप उसके ऊपर चिपक के लेट गया और होठो को चूसने लगा। साथ में हाथो से बूब्स दबाने लगा तेज तेज जिसमे उसका ध्यान बट जाए।
कुछ ही देर में वो नार्मल हो गयी और फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया। उसकी बुर बहुत ही कसी हुई थी, लंड बहुत ही मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था। शायद उसका पहली बार रहा होगा जिस पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
२०-२५ धक्के बाद बुर ने पानी छोड़ दिया जिससे लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा। मैं भी धक्को की स्पीड बड़ा दिया और वो जोर जोर से आअह्ह्ह्हह्हह आअह्ह्ह्हह्हह आअह्हह्ह्ह्ह करने लगी। दोनों लोग को स्वर्गिक आनंद मिल रहा था।
१० मिनट ऐसे करते रहने के बाद मैं उसे अपने ऊपर कर लिया और वो कमर उछाल उछाल कर चुदने लगी। जब उसका मुँह मेरी तरफ था तो मैं उछलते हुए बूब्स देख के मस्त हो रहा था और उसके चुतरो को सहला के उसका मनोबल बढ़ा रहा था। और फिर थोड़ी देर दूसरी तरफ मुँह करा के उसकी चूत का आनंद लिया।
इस पोजीशन में साथ में उसके दाने को तेजी से सहलाने लगा, वो उछलते हुए आअह्ह्ह्हह आअह्ह्ह्ह कर रही थी और उसकी चूत और मेरे तटों के टकराने से चट चट चट चट चट चट चट चट की आवाज आ रही थी। फिर थोड़ी देर में वो झड़ गयी और ढीली पड़ गयी। फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में करके पीछे से लंड बुर में घुसा दिया और सटा सट अंदर बाहर करने लगा।
वो सिसकारियां मारे जा रही थी आअह्ह्ह्ह और तेज आअह्ह्ह्हह्हह रॉनी तेज। पूरा कमरा फच्च फच्च पुच पुच फच्च फच्च पुच पुच फच्च फच्च पुच पुच की आवाजों से भरा हुआ तो, मैं तेजी से धक्के मार रहा था और साथ में थूक लगा के एक ऊगली गांड में घुसा दिया और ऊगली अंदर बाहर करने लगा। उसको बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी।
गांड में ऊगली की जगह अंगूठा डाल दिया तो वो चिहुँक गयी पर, लंड -बुर के आनंदमय मिलन में उसकी बोलने की कुछ हिम्मत नहीं हुई। मैं उसको धका धक् तेजी से चोदने लगा आअह्ह्ह्हह आअह्हह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्हह फच्च फच्च पुच पुच फच्च फच्च पुच पुच फच्च फच्च पुच पुच और उसकी बुर में ही झड़ गया।
कुछ देर ऐसे ही रहा फिर पक्क की आवाज से लंड बाहर निकल आया। उसकी बुर मेरे वीर्य से लबा लब भर गयी और फिर हम दोनों साथ चिपक के लेट गए। लगभग ४५-५० मिनट की मस्त चुदाई से आनंद आ गया और एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहे।
थोड़ी देर बाद उठे मैं उसको i -पिल दिया और फिर कपडे पहनाएँ। पैंटी पहनाने से पहले मैंने उसकी बुर को किस करके धन्यवाद् दिया और उसको गले लगा के प्यार किया। फिर इस तरह वो अक्सर आने लगी और जब घर में कोई नहीं होता था तो हमारी चुदाई क्रिया होती हैं।
आशा करता हूँ आपको कहानी पसंद आयी होगी। आप अपने विचार मुझे मेल करे। लड़कियों, और औरतों से अनुरोध है की आप भी मेल करके अपने विचार दे इस कहानी पर मेरी मेल आई डी है “whynojob@gmail.com”, जिन्हे मुझसे दोस्ती करना हो वो भी संपर्क करे, गोपनीयता का मैं विश्वास दिलाता हूँ आप सभी को, इसलिए सेवा का अवसर प्रदान करके अनुग्रहित करे, धन्यवाद्।