मोहब्बत की यह महफ़िल में चलो कुछ खेल खेलेंगे।
वह गर पेलेंगे उनके लंड की हम मार झेलेंगे।
छिपाएंगे ना चूत अपनी ना चूचियों को छिपाएंगे।
चूसेंगे लंड उनका हम खुले दिल से चुदवायेंगे।
कुछ देर बाद सूरज ने कहा, “रीता, अब हमें निकलना चाहिए क्योंकि अब कुछ ही वक्त में तुम्हारा प्रोग्राम होने वाला है, और तुम्हें मेकअप करके तैयार होना है।“
अपना सर हिलाते हुए रीता खड़ी हो गयी। हम सब वहां से रिसोर्ट वापस जाने के लिए निकल पड़े।
क्लब हाउस से निकलते हुए रीता से मैंने बात करने की कोशिश की, पर रीता मेरे धक्का देकर उसे पूल के पानी में गिराने से मुझसे बहुत ज्यादा नाराज थी। वह मुझ से बात नहीं करना चाहती थी। कार में भी वह सूरज के साथ आगे की सीट पर बैठ गयी, और मुझे और किरण को पीछे की सीट पर बैठने के लिए छोड़ दिया।
रीता के चेहरे से उसकी नाराजगी जाहिर हो रही थी। पूरे रास्ते में वह एक-दम चुप्पी साधे हुए थी। कार में वातावरण काफी गंभीर हो रहा था। किरण के सामने मैंने जब देखा तो किरण ने मेरा हाथ थाम कर अपनी आँखों से मुझे शांत रहने का इशारा किया।
कार जब रिसोर्ट के पास पहुंची, तब हमने पाया कि कार पार्क में काफी गाड़ियां आ जा रही थी। रीता ने इतनी सारी गाड़ियां देख कर कहा, “लगता है आज हमारे रिसोर्ट में कोई रईस घर की फैमिली में शादी का प्रोग्राम है।”
पर हमारी कार जब रिसोर्ट पर पहुंची तो वहां दो बड़े होर्डिंग और कई छोटे-छोटे बोर्ड लगे हुए थे जिसमें रीता के नृत्य करते हुए फोटो थे और उसके नीचे लिखा था कि उस शाम को भारत की एक उभरती नृत्य कलाकारा “रीता सचदेवा” का सार्वजनिक सम्मान समारोह था। उसमें समय इत्यादि कई और चीज़ें भी लिखी थी, जिसे पढ़ कर रीता स्तब्ध रह गयी।
रीता ने आश्चर्य में मेरी ओर देखा और कार से नीचे उतरते हुए ही पूछने लगी, “यह क्या है राज? मुझे तो कहा गया था कि यह हमारे स्कूल का कोई साधारण सा फंक्शन है।” मैंने अपने होंठों पर उंगली रखते हुए चुप्पी का इशारा कर सूरज की ओर इशारा किया और यह जताया कि सब सूरज को मालुम है।
रीता सूरज की और पलटी और पूछने लगी, “क्या बात है सूरज, आप मुझे कुछ बताते क्यों नहीं?”
सूरज ने एक छपा हुआ पर्चा रीता के हाथों में थमा दिया और कहा, “इसे पढ़ लेना। बाकी मैं तुम्हें ग्रीन रूम में मिलूंगा तब सब बताऊंगा।” यह कह कर रीता को उलझन में छोड़ कर किरण का हाथ थामे सूरज अपने कमरे की ओर बढ़ गया।
मैंने मेरी स्तब्ध सी खड़ी पत्नी रीता का हाथ थामा और रीता को अपने कमरे में ले गया। रीता पर्चा जोर से पढ़ने लगी, जिसमें लिखा था कि सूरज किरण इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की ओर से भारत की उभरती हुई महान नृत्य कलाकारा रीता सचदेवा का सार्वजनिक सम्मान होने जा रहा था। जिसमें राज्य के सम्मानित कलाकार, बड़े राजनीतिज्ञ, अफसर और शिक्षक-गण शामिल होंगे।
जिसमें सूरज किरण इवेंट मैनेजमेंट कंपनी मिस रीता को सम्मान करने के उपरांत उनके साथ एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट साइन करना चाहती है, जिसमें मिस रीता आने वाली कुछ चलचित्र मूवीज़ में अपनी नृत्य कला खुद दिखाएंगी, और कई बड़े कलाकारों को नृत्य का प्रशिक्षण भी देंगी।
इसमें कई बड़े गणमान्य व्यक्तियों के नाम भी आमंत्रण देने वालों में दिए गए थे। जिनमें सूरज राजवंशी और किरण राजवंशी दो नाम भी शामिल थे।
रीता के चेहरे पर उड़ती हवाइयां देख कर मुझे अजीब सा लगा। मैंने रीता को अपनी बाहों में लिया और बोला, “बेबी, तुम बिल्कुल चिंता मत करो। मैं सारी बात पहले से ही जानता था पर सूरज ने इसको तुम्हारे जन्म दिवस का एक बड़ा सरप्राइज़ उपहार के रूप में तुमसे छिपा के रखने के लिए बोला था।
यह सब सूरज और किरण ने किया है। वह तुम्हें बहुत चाहते हैं। सूरज तुम पर पागल है और तुम्हारा गजब का चाहने वाला है। उसने तुम्हारे लिए वह किया है जो मैं तुम्हारा पति तुम्हारे लिए नहीं कर पाता। उसने आज तुम्हारे पति का धर्म निभाया है और तुम्हें वह तोहफा देने वाला है जो तुम्हें जिंदगी से भी ज्यादा प्यारा है। उसने तुम्हारे लिए बहुत कुछ किया है।
तुम उसके लिए जो भी करोगी कम होगा। अब तुम ग्रीन रूम में मेकअप के लिए जाओ, और सूरज से बिना कोई रोक-टोक वह जो चाहे जैसे चाहे करो। मुझे उस पर पूरा भरोसा है और तुम भी उस पर 100 परसेंट भरोसा करो। आज का तुम्हारा प्रोग्राम सफल हो इसके लिए मेरी और से ढेर सारी शुभकामनाएं।”
रीता ने मेरी बात सुन कर गदगद होती हुई आँखों में पानी भरे हुए मेरे पांव छुए। मैंने उसे गले लगा कर होंठों पर एक हलकी सी किस की और फिर उसे एक धक्का मार कर ऑडिटोरियम के ग्रीन रूम की ओर भागने के लिए बाध्य किया। वहां दो मेकअप रूम थे। एक मुख्य मेकअप रूम रीता के लिए रखा गया था, और एक बाकी कलाकारों के लिए। रीता की सारी टीम और स्टूडेंट्स इत्यादि कलाकार वहां दूसरे मेकअप रूम में तैयार हो रहे थे।
रीता जब ग्रीन रूम में मेकअप मैन द्वारा तैयार हो रही थी तब सूरज ने प्रवेश किया। सूरज को देखते ही मेकअप मैन खड़ा हो गया। रीता ने आगे बढ़ कर झुक कर सूरज के पांव छूने चाहे तब सूरज ने रीता को अपने गले लगा लिया। सूरज के इशारे पर मेकअप मैन ग्रीनरूम के बाहर चला गया।
रीता की आँखों में फिर से आंसुओं की धारा बहने लगी। रीता ने सूरज की छाती पर नकली मुठी मारते हुए कहा, “सूरज, आप मुझ से यह सारी बातें क्यों छिपा रहे थे? क्या बात है मुझे साफ़-साफ़ बताइये। मैं आज से आपकी हो चुकी हूं, और आपके लिए सब कुछ करुंगी। आप मुझे जो करना चाहो करना और जो मुझसे करने के लिए कहोगे करुंगी।”
सूरज ने रीता के होंठों को चूमते हुए कहा, “रीता तुम्हें मैं प्यार से पाना चाहता हूं, जबरदस्ती से नहीं। तुम मेरी प्रेरणा हो। मैं उसी कॉलेज में पढ़ा था जिस कॉलेज में तुम पढ़ी थी। मैंने तुम्हारा अरंगेत्रम भी देखा था। उसके लिए मै माँ-बाप से झूठ बोल कर अपने घर से मुंबई गया था।
मैंने तब से तय किया था कि मैं तुम्हें एक ना एक दिन जरूर एक बड़े कलाकार के रूप में दुनिया के सामने लाऊंगा। मैं तुम्हारी सच्ची कला का जबरदस्त प्रशंसक रहा हूं। मैं तुम्हारे कॉलेज के समय से तुम्हारे डांस कला और तुम्हारे रूप के पीछे पागल था। पर जब जब मैं तुम्हारे करीब आना चाहता था, तब-तब तुम मुझसे दूर रहने की कोशिश करती थी।
मैं डील-डॉल से मोटा और निहायत ही अनाड़ी सा लड़का हुआ करता था। मैं तुमसे शादी करना चाहता था। पर तुम मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करती थी और मुझे देखने के लिए भी तैयार नहीं थी।”
यह कहते हुए सूरज की आँखों में पानी भर गया। रीता ने अपनी हथेली से सूरज के आंसू पोंछे, उसे एक ग्लास में पानी दिया और उससे लिपट गयी और अपना सर उठा कर आगे की सूरज की जीवनी सुनने के लिए उत्सुकता से सुरज की ओर देखने लगी।
बड़ी मुश्किल से सूरज अपने आप पर नियंत्रण रखते हुए बोला, ” काफी हिम्मत जुटा कर मैंने एक दिन तुम्हें प्रोपोज़ किया। तब तुम ने मुझे एक ही झटके में रिजेक्ट कर दिया और बुरी तरह से डांट कर अपनी जिंदगी से अलग होने को कह दिया। यह सुन कर मैं अपना आपा खो बैठा। मेरे जीवन का सपना एक पल में ही चकनाचूर हो गया था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूं। मैं ऐसे ही शराब पी कर तो कभी कोठे जा कर अपना समय बिताने लगा।
अचानक एक दिन तुम्हारी शादी की खबर मिली। मुझे बहुत दुःख हुआ जब मैंने यह सुना। मैं दरअसल यह सुन कर पूरी तरह टूट चुका था। मेरी बर्बादी की कब्र में वह आखरी कील ठुक चुकी थी। मैं तुम्हें बड़ी बेसब्री से पाना चाहता था। कभी मैं अपने आप को बर्बाद कर देना चाहता था तो कभी मैं तुम्हें गंभीर नुक्सान पहुंचाना चाहता था।”
सूरज की बात सुन कर रीता कांप उठी। सूरज ने रीता की प्रतिक्रया देख उसकी पीठ सहलाते हुए अपनी दास्तां आगे बढ़ाते हुए कहा, “मेरे माँ बाप मेरे ऐसे रवैये से काफी दुखी थे। उन्होंने पढ़ाई के बहाने मुझे विदेश भेजा। विदेश में भी मेरा पीना, आवारा गर्दी करना वगैरह चालू ही था।
वहां एक क्लब में मुझे किरण मिली। पता नहीं इस पागल लड़की को मुझमें क्या दिखा, कि वह मुझसे वैसे ही प्यार कर बैठी जैसे मैं तुमसे प्यार करता था। वह मेरे साथ रहने के लिए मेरे अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गयी। मैं कोई झंझट नहीं चाहता था। मैंने किरण को भगाने के लिए कई हथकंडे अपनाये, किरण को तड़पाया, उससे बड़ा ही घिनौना व्यवहार किया, किरण से बहुत ज्यादा रफ़ सेक्स किया, कई बार उसे पीटा भी।
कॉलेज की कई लड़कियों को मैंने मेरे अपार्टमेंट में बुला कर किरण के सामने ही उनसे सेक्स किया। पर किरण ने कभी कोई शिकायत नहीं की। बल्कि वह मेरी सहायता करती रहती थी। वह मेरी शराब की, खाने की, कपड़ों की आदि की व्यवस्था करती रहती थी। वह मेरे साथ डटी रही।“
उसी वक्त किरण ने ग्रीन रूम में प्रवेश किया। उसे देखते ही रीता उठ कर किरण के पास गयी और रोती हुई किरण से लिपट गयी और बोली, “किरण मुझे माफ़ करना। मैंने तुम्हें अब तक गलत समझा था। तुमने मेरे सूरज को इतना प्यार दिया और अपना बना लिया। मैं बड़ी दुर्भागी हूं, और तुम बड़ी भाग्यशाली हो।”
किरण ने मेरी पीठ थपथपाते हुए कहा, “नहीं ऐसी कोई बात नहीं। अब तुम भी सूरज की उतनी ही प्राण प्यारी हो जितनी मैं हूं और सूरज भी तुम्हारा उतना ही है जितना मेरा है। बस मैं सूरज की पत्नी हूं और तुम राज की। यही फर्क है। किरण ने दाखिल होते हुए सूरज की कहानी का कुछ अंश सूना था।
वह हमारी कहानी में बाधा नहीं डालना चाहती थी। उसने ग्रीनरूम से बाहर निकलते हुए कहा, “मुझे बहुत काम है। मैं यही कहने आयी थी कि तैयार हो कर रीता को कुछ ही देर में स्टेज पर जाना है। आप लोग अपनी बात-चीत जल्दी ही खत्म कर दो वरना लेट हो जाओगे।”
सूरज ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “किरण मेरा बहुत ध्यान रखती थी। मेरे कारण कॉलेज और समाज में किरण बहुत बदनाम हुई पर किरण ने मुझे नहीं छोड़ा, ना दुत्कारा। वह मुझसे इस तरह बेतहाशा प्यार करती थी कि कई बार मेरा इंतजार करते हुए वह भूखी सो जाती। किरण मुझसे शादी कर मेरा जीवन साथी बन मेरे साथ रहना चाहती थी।
मैंने किरण से शादी के लिए कई मुश्किल शर्तें रखीं। मैंने किरण से कहा कि मैं उससे प्यार नहीं करता। मैं रीता से बेतहाशा प्यार करता था और उसे पाना चाहता था। मैंने उससे यह भी शर्त रखी कि मैं किसी भी लड़की से सेक्स करूंगा तो किरण कोई तरह की आपत्ति नहीं जतायेगी। किरण मेरे अलावा किसी से भी सेक्स नहीं करना चाहती थी।
मैंने उसे मजबूर किया कि वह मेरे अलावा दूसरे गैर मर्दों से भी सेक्स करेगी। किरण ने मेरी सारी शर्तें मान लीं। वह बार-बार पुराने जमाने वह सुरीला गाना गाया करती थी, “अगर मुझसे मोहब्बत है मुझे सब अपने ग़म दे दो, इन आँखों का हर इक आंसू मुझे मेरी कसम दे दो।” किरण ने अपने जीवन में मुझसे ऐसे ही प्यार किया। उसकी सिर्फ एक ही शर्त थी कि मैं उसे अपने जीवन साथी का दर्जा दूं और किसी और औरत से शादी कर के उसे अपने घर में ना बिठाऊं बस।“