दोस्तों में हिंदी सेक्स कहानी में आपका स्वागत है। मैं अजय 26 साल का लौंडा हूं। अभी 1 साल पहले ही मेरी शादी हुई है। मेरा 7 इंच का लोड़ा मेरी बीवी की जम कर ठुकाई करता है।
मैं कुछ काम से भोपाल गया था। मेरा ससुराल भी वहां ही है। लेकिन मैं काम की वजह से लेट हो गया। अब मैंने सोचा आज रात ससुराल में ही रुक जाता हूं। फिर मैं ससुराल आ गया। ससुराल में मेरे सास-ससुर ही रहते है। दोनों साले बाहर जॉब करते है। अब मम्मी जी ने मेरे हाल-चाल पूछे और फिर हम बातें करने लगे।
तभी ससुर जी ने कहा मुझे एक शादी में जाना है। आज आप ध्यान रखना। फिर ससुर जी शादी में निकल गए। अब सासू जी ने खाना बनाया और हमने साथ में खाना खाया।
मेरी सासू जी 48 साल की है। वो एक-दम पकी पकाई, रसमलाई सी है। सासू जी की लंबी हाइट, सेक्सी जिस्म, 36″ के बूब्स, 34″ की कमर, और 36″ की सेक्सी गांड लंड को मजा देने के लिए एक-दम ठीक-ठाक है
खाना खाने के बाद सासू जी ने मेरा अलग कमर में बिस्तर लगा दिया। अब मैं आराम से सो रहा था, लेकिन फिर उसमे लाइट बंद हो गई और मैं गर्मी से परेशान होने लगा। अब मैंने सासू जी को जगाया। उस टाइम सासू जी ने लॉन्ग गाउन पहन रखा था। तभी सासू जी को देख कर मेरा लोड़ा बांस का डंडा बन गया। अब मैंने सासू जी को मेरी परेशानी बताई। सासू जी भी परेशान होने लगी।
“आप मेरे कमरे में सो जाओ। मैं बाहर सो जाती हूं।”
“अरे नहीं मम्मी जी। आप बाहर मत सो। अंदर ही सो।”
“देख लो आपको कोई दिक्कत नहीं है तो।”
“कोई दिक्कत नहीं है मम्मी जी।”
अब मैं और सासू जी उनके बेडरूम में सो गए। हम दोनों एक-दूसरे की तरफ गांड करके सो रहे थे। मेरे दिमाग में सासू जी का सेक्सी जिस्म करंट मारने लगा। अब मैं उलझन में फंसा हुआ था। साला समझ में नहीं आ रहा था कि कुछ करू या नहीं करूं?
थोड़ी देर सासू जी खर्राटे मारने लगी। उनके खर्राटे मेरे लंड को हवा दे रहे थे। तभी मैंने सोचा अजय आज रिस्क ले ही लेते हैं।
तभी मैं सासू जी के पास सरक गया, और उनसे चिपकने की कोशिश करने लगा। सासू जी थोड़ी पीछे सरकी और उनकी गांड से मेरा लंड रगड़ खा गयी। तभी सासू जी के खर्राटे बंद हो गए। इधर डर से मेरी गांड फटने लगी। हम दोनों चुप थे। अब मैं पीछे हटने को तैयार नहीं था। मैंने हिम्मत की और सासू जी से बूब्स को दबा कर उनसे चिपक गया। तभी सासू जी की गांड फट गई।
“अजय जी, ये क्या कर रहे हो आप?”
“वही कर रहा हूं मम्मी जी जो होना चाहिए।”
“नहीं अजय जी ये गलत है। आप मेरा फायदा मत उठाओ।”
“ये मजबूरी नहीं। इस टाइम की जरूरत है मम्मी जी।”
तभी मैं नाइट के ऊपर से ही सासू जी के बूब्स मसलने लगा। अब सासू जी गर्म होने लगी।
“आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स्स आह।”
अब मैंने सासू जी को सीधा किया, और उनके ऊपर चढ़ गया। तभी सासू जी थोड़े-बहुत नखरे दिखाने लगी।
“यार आपके ससुर जी को पता चल जाएगा।”
“कुछ पता नहीं चलेगा उनको।”
अब मैंने सासू जी के नरम होठों पर जोरदार हमला बोला, और उनके होठों को चूसने लगा। नीचे मेरा लंड सासू जी का भोसड़ा खाने को मचल रहा था। तभी मैं सीधा नीचे आया, और मेरा मूसल बाहर निकाल लिया। अब मैंने सासू जी की टांगो को उठाया, और उनकी चड्डी निकाल दी। तभी सासू जी शर्म से पानी-पानी होने लगी।
अब मैंने सासू जी के भोसड़े में लंड लगाया, और जोर से धक्का लगाया। तभी मेरा लोड़ा दौड़ता हुआ सासू जी के भोसड़े में घुस गया।
“आईईईई मर गई। आईईईई ओह्ह्ह्ह अजय जी। आईईईई मम्मी आईईईई।”
अब मैं लंड पेल-पेल कर सासू को चोदने लगा। वो मेरे जवान लंड की ठुकाई से चिला चीख रही थी।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह दामाद जी। आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह धीरे-धीरे आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह।”
“ओह्ह्ह्ह सासू जी।”
आज बीवी की मम्मी को चोदने में बहुत मजा आ रहा था। कच्चे फल से ज्यादा पके हुए फल को खाने में बहुत मजा आ रहा था। तभी सासू जी पानी-पानी हो गई।
“आह आह आईईईई सिस्सस्स्स, आह।”
अब मैंने सासू जी की नाइट खोल उन्हें पूरी नंगी कर दिया। सासू जी शर्म से पानी पानी हो रही थी। अब मैं सासू जी के चूचों पर टूट पड़ा और कसने लगा।
“उन्ह ओह आहाहा मम्मी जी आहाहा। क्या मस्त चूचे है। आह उन्ह्ह्ह।”
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आराम से, आह आहा उन्ह्ह्ह्ह।”
सासू जी उनके ही बेड पर दर्द से तिलमिला रही थीं। अब मैं सासू जी के बड़े-बड़े चूचों पर मर मिटा और उन्हे चूसने लगा।
“ओह्ह्ह्ह अजय जी। उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा उन्ह्ह्ह्ह।”
तभी सासू जी मेरी प्यास को देख कर फॉर्म में आ गई और मेरे बालों को नोचने लगी।
“उन्ह्ह्ह्ह अजय जी। आहा चूसो जम कर। आहा उन्ह्ह्ह। आपके ससुर जी तो चूसते ही नहीं है। आह उन्ह्ह्ह्ह। ओह्ह्ह्ह दामाद जी आहा। आहा पहले मेरी बेटी चूसा करती थी। अब दामाद चूस रहा है। उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
मैं निचोड़-निचोड़ कर सासू जी के बूब्स को चूस रहा था। आज रात मिले मौके का मैं पूरा फायदा उठा रहा था।
“ओह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स्स चूस ऊंह।”
फिर मैंने थोड़ी देर में ही मम्मी जी के चूचों को बुरी तरह से चूस डाला। अब मैं वापस नीचे आया, और सासू जी की टांगे खोल दी। मैंने उनके काले भोसड़े में लंड फंसाया और उन्हे बजाने लगा।
“आईईईई सिस्सस्स आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आईईईई।”
“ओह्ह्ह सासू जी आहा बहुत मजा आ रहा है आहा।”
“आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह खूब चोदो अजय जी आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है आपका लंड लेने में। आहा आईईईई सिस्सस्स ओह्ह्ह्ह मम्मी।”
मैं सासू जी के भोसड़े में जम कर लंड पेल रहा था। सासू जी मेरे लंड की धुआंधार ठुकाई से पस्त होने लगी थी। अब मम्मी जी ने भी मुझे बाहों मे भर लिया, और मेरी पीठ को नाखूनों से खोदने लगी।
“आहह आह्हा। आह्ह ओह सिसस्स। और जोर जोर से चोदो मुझे, ओह्ह दामाद जी, बहुत मस्त तरीके से चोदते हो आप। आह्हा आह्हा।”
“ओह्ह्ह साली। आह्हा बड़ी मुश्किल से आज मम्मी जी का बेडरूम मिला है। आह्हा ओह्ह्ह। आह्हा खूब बजाऊंगा।”
तभी मेरा मूसल सासू जी के पानी में लथ-पथ हो गया। मैं सासू जी को धुआधार तरीके से चोद रहा था। आज तो मम्मी का बेड चुड़-चुड़ करने लगा था।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह।”
“आहा मम्मीजी जी आह।”
अब मैंने मम्मी जी को उल्टा कर दिया। तभी मम्मी जी का गोरा चिकना पिछवाड़ा, सेक्सी चूतड़, गोरी-गोरी कलाइयों को देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। अब मैं झट से मम्मी जी पर चढ़ गया, और उनके सेक्सी पिछवाड़े, कानों, गोरी-गोरी कलाइयों को किस करने लगा।
“आह उन्न्ह्ह्ह सिस्सस्स आह उन्ह्ह्ह्ह।”
अब मैं सासू जी की गांड पर आ सरका और उनके गोल-गोल सेक्सी चूतड़ चाटने लगा। सासू जी के चिकने चूतड़ मुझे बार-बार उकसा रहे थे।
“उन्ह आह्ह ओह साली।”
इधर मेरा लंड सासू जी की गांड में घुसने के लिए तड़पने लगा था। मैं सासू जी की मस्त गांड पर जम कर किस कर रहा था। मेरे किस करने से सासू जी के चूतड़ गीले हो चुके थे।
“ओह्ह्ह दामाद जी आह्हा सिसस आह्हा।”
अब मैंने सासू जी को उठाया, और उन्हें सोफे पर आ पटका। तभी सासू जी सोफे पर अंदर धंस गई। अब मैंने उनकी चिकनी टांगे मेरे कंधो पर रखी और उन्हे चोदने लगा।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आह आईईईई ओह्ह्ह्ह्ह दामाद जी। आह आहा आपके ससुर जी ने मुझे कभी ऐसे नहीं चोदा। आह आई।”
“अब वो पुराने हो गए है सासू जी। आप नया लंड लो।”
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह हां दामाद जी। चोदो आपकी सासू जी को जम कर। आह आहा आईईईई आईईईई।”
“हां मम्मी जी।”
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह क्या बड़ा लंड है आपका। आह आईईईई उह्ह्ह्ह्ह मम्मी। आहा।”
“ससुर जी वहां शादी में एंजॉय कर रहे होंगे। उन्हे थोड़ा सा भी अंदाजा नहीं होगा कि मैं उनकी ही रानी को बजा रहा हूं।”
“हां दामाद जी। आह आईईईई।”
तभी मेरा पानी निकल आया, और मैंने सासू जी के चिकने भोसड़े को भर दिया।
“ओह्ह्ह्ह मम्मी जी।”
मैं सासू जी की टांगे पकड़ कर ऐसे के ऐसे ही खड़ा रहा।
“बेटी के बड़ा आपने तो उसकी मम्मी को भी चोद लिया। क्या रात आई है।”
“जब बेटी से ज्यादा उसकी मम्मी मस्त माल हो तो चोदने में देर नहीं करनी चाहिए।”
“हां अजय जी।”
कहानी जारी है…..
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अगला भाग पढ़े:- सासू जी की चूत का पानी पिया-2